अंधे पति से धोखा | Andhe Pati Se Dhokha | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ अंधे पति से धोखा ” यह एक Saas Bahu Story है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
अंधे पति से धोखा | Andhe Pati Se Dhokha | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Andhe Pati Se Dhokha | Saas Bahu| Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

 अंधे पति से धोखा 

बुलंदशहर में दो दोस्त रोहन और अमन रहते थे, जिनकी दोस्ती बहुत गहरी थी। वो दोनों हर छोटी बड़ी बातें एक दूसरे को बताते थे। एक दिन रोहन अमन को गले लगाकर बहुत खुशी से बोलता है।
रोहन,” भाई, आज तेरी भाभी नैना ने मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया। आज तेरा भाई बहुत खुश है। आज तू जो मांगेगा वो मिलेगा तुझे। बता क्या चाहिए ? “
अमन,” पक्का ना साले, जो मांगूगा वहीं देगा। बाद में मना तो नहीं करेगा ? “
रोहन,” अरे ! हाँ… तेरे भाई ने बोला ना, आज तू जो बोलेगा वो मिलेगा। कल फिर नैना के घर जाकर शादी की बात भी तो करनी है इसीलिए जो भी चाहिए, अभी बोल दे। “
अमन,” चल फिर अपने अड्डे पर, तुझे तो पता ही है बिना गला गीला किये हमारी पार्टी कहाँ पूरी होती है ? “
रोहन,” हां, ये तो सही कहा तुने। चल चलते हैं। “
रोहन और रमन एक बार क्लब में जाते हैं। जहाँ वह दोनों बहुत ज्यादा ड्रिंक कर लेते हैं। इतनी ड्रिंक करते हैं कि रोहन से तो चला भी नहीं जाता। 
दोनों अपनी ड्रिंक को खत्म करके घर के लिए निकलते हैं। जैसे ही वो दोनों चलने के लिए उठते हैं, रोहन गिर जाता है। फिर अमन उसे सम्भालता है।
अमन,” भाई, घर ज्यादा देर हो गयी तो आंटी ने घर में घुसने नहीं देना है भाई, बता रहा हूँ। “
रोहन,” चल आज गाडी तेरा भाई चलाएगा। ठीक है ? “
अमन,” साले, तुझसे ठीक से चला नहीं जा रहा है। पहले गाडी तक तो पहुँच जा बे। “
नशे में धुत होकर रोहन किसी तरह टेडी मेडी बाइक चलाकर घर के पास पहुँच जाता है पर तभी वो घर की सीढ़ियों पर ज़ोर से गिर जाता है।
अमन,” भाई, तू ठीक तो है ? लगी तो नहीं तुझे ? “
तभी रोहन की माँ लता वहाँ आती है और बोलती है।
लता,” ये क्या हुआ तुझे..? ऐसे नीचे क्यों पड़ा है ? “
रोहन,” अरे मां ! आज तेरे बेटे ने बाइक को हवा में उड़ाया, हवा में। लु ऊ लु… करके, ऐसे करके उड़ाया। “
लता,” आज फिर पीकर आया है ? अरे नालायक ! जब संभाल नहीं सकता अपने आप को तो क्यों इतनी पीता है ? 
जैसी तेरी हरकतें है, तुझे तो किसी ने अपनी बेटी भी नहीं देनी। “
रोहन,” अरे मां ! समझ दे दी तेरी बहू ने, हाँ कर दी। तभी पार्टी की हम दोनों ने। “
रोहन,” अमन यार, ये आँखें खुल ही नहीं रही हैं। मेरी जितनी तूने पी हुई है, उसके बाद तो तेरी जुबान भी नहीं खुलनी चाहिए थी। “
लता,” अमन बेटा, तू ही लेकर आ जा इस नालायक को अंदर। इसके खुद के बस की बात नहीं है। “
अमन रोहन को अंदर ले जाकर कमरे में सुला देता है और खुद भी उसी के साथ सो जाता है। 
अगले दिन सुबह लता रोहन को आवाज़ मारकर उठाती है तो आंखें खोलकर भी वो नींद में होता है।

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Andhe Pati Se Dhokha | Saas Bahu| Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

रोहन,” माँ, अभी तो अँधेरा हो रहा है, सुबह तो होने दो। “
लता,” नालायक, अभी भी नशे में है ? सूरज सर पर आ गया है, आंखें खोलकर देख और कब होगी तेरी सुबह ?
एक आवाज़ में उठकर नीचे आ जा वरना तेरी टाँगे तोड़ देनी है मैंने आज। “
रोहन,” यार अमन, तू कहाँ है ? ये मेरे कमरे में इतना अंधेरा क्यों रखा है ? लाइट जला ज़रा। “
अमन,” अबे पागल हो गया क्या ? इतनी रौशनी हो रही है। मेरी आँखों में तो चुभ रही है और तुझे अंधेरा लग रहा है। “
रोहन,” क्यों मजाक कर रहा है यार ? सुबह सुबह अंधेरा ही तो है और तू है कहाँ, मुझे दिखाई नहीं दे रहा अंधेरे में ? लाइट जलाना। “
अमन रोहन की बात सुनकर घबरा जाता है। वो उसको खिड़की के पास ले जाकर बोलता है। 
अमन,” अब दिखी साले रौशनी ? “
रोहन,” लाइट जला तभी तो दिखेगी रौशनी। “
ये सब देखकर रमन समझ जाता है कि गिरने की वजह से रोहन की आंखें चली गयी है।
अमन,” भाई, तू अंधा हो गया लग रहा है। सुबह के 10 बज रहे हैं लेकिन तेरी आँखों में रौशनी नहीं जा रही है। “
रोहन,” यार ये क्या हो गया ? ऐसा नहीं हो सकता। अभी तो नैना के घर बात करने जाना था। 
अगर उसको और उसके घरवालों को पता लगा कि मैं अंधा हो गया हूं तो रिश्ता जोड़ने से पहले ही टूट जाएगा। “
दोनों इस बात से बहुत परेशान होते हैं। लता उन दोनों को नीचे से आवाज लगा रही होती है जिसे सुनकर अमन रोहन को संभालकर नीचे लेकर जाता है। 
रोहन, प्यार का मारा अपनी माँ को सच बताने की जगह नैना के बारे में बताता है। जब लता अपने बेटे के प्यार के बारे में सुनती है तो खुशी से बौखला जाती है और बोलती है। 
लता,” सच्ची… तुझे लड़की मिल गयी ? शुक्र है भगवान का, तुझे किसी लड़की ने पसंद किया वरना तेरे लक्षण देखकर तो लगता ही नहीं था कि कोई लड़की तुझसे शादी करेगी। 
अब मेरे घर भी बहू आयेगी। मैं अभी तैयार होकर आती हूँ फिर हम नैना के घर चलेंगें। “
लता तैयार होने चली जाती है और अमन भी रोहन को तैयार कर देता है। तीनों नैना के घर जाते हैं जहाँ पर नैना की माँ, कमला उनका स्वागत करती है और सब को बैठने के लिए बोलती है। 
ना दिखने के कारण रोहन नैना की गोद में जाकर बैठ जाता है। ये देखकर कमला बोलती है। 
कमला,” बेटा, वहां शादी के बाद बैठना, अभी फिलहाल सोफे पर बैठो। “
रोहन,” माफ़ करना आंटी जी। “
दोनों परिवार मिलकर रिश्ते की बात करते हैं। इस बीच नैना रोहन को ही देख रही होती है और रोहन इधर उधर देख रहा होता है। तभी नैना रोहन को कोहनी मारकर बोलती है। 
नैना,” तुम्हारे बगल में बैठी हूँ मैं, इधर उधर क्या देख रहे हो ? “
ये सुनकर रोहन अपने मन में कहता है।
रोहन (मन में),” इधर उधर तो तब देखूंगा ना जब कुछ दिखेगा। हे भगवान ! इतने समय बाद मुझे मेरा प्यार मिला, वो भी पूरी तरह मिलने से पहले ही आपने मुझे अंधा कर दिया। “
नैना,” बोलोगे भी आप कुछ या नहीं ? “
रोहन,” बेबी, पूरी जिंदगी अब तुम्हें ही तो देखना है। “
दोनों के घरवाले एक हफ्ते बाद की शादी की डेट फिक्स कर देते हैं लेकिन रोहन अपने अंधेपन के लिए बहुत परेशान था। 
वो अमन के साथ जाकर अलग अलग डॉक्टरों से बात करता है लेकिन कोई भी उसकी आँखों की रौशनी वापस नहीं ला पाता। 
धीरे धीरे शादी के दिन भी पास आने लगते हैं और शादी की तैयारियों में रोहन कोई मदद नहीं कर पाता क्योंकि वो कुछ देख ही नहीं सकता था। 
वो अकेले कभी कहीं तो कभी कहीं टकराकर गिर जाता था। यह सब देखकर लता रोहन से बोलती है। 
लता,” ये आंखें क्या किराये पर देकर आया है जो इनसे दिख नहीं रहा है तुझे ? “
ऐसा बोलते ही रोहन रोते हुए अपनी माँ को सारा सच बता देता है। 

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लता,” नालायक, तुझे कितनी बार कहा है इतनी मत पिया कर लेकिन नहीं तुझे कहाँ कुछ समझ में आता है ? तुझे तो पीना जरूरी होता है।
देखले अब अपने पीने का नतीजा, जो उस दिन तूने इतनी नहीं पी होती तो आज अंधा नहीं होता। “
रोहन,” माँ अब हो गयी ना गलती, माफ़ कर दो। “
लता,” माफ़ कर दूं ? अरे नालायक ! मेरे से तो झूठ बोला चल जाएगा, कम से कम जिसके साथ जिंदगी बितानी है उसे तो सच बता देता। ऐसे धोखा देने से रिश्ते नहीं जुड़ते। “
अमन,” हाँ भाई, आंटी सही कह रही हैं। नैना को सब कुछ सच सच बता दे। “
लता और अमन की बात मानकर अगले दिन वो उसके घर जाता है। वहाँ सभी मेहंदी की तैयारी में लगे होते हैं। 
दूल्हे को अचानक अपने घर देखकर कमला और नैना उसके पास आकर बोलते हैं।
नैना,” अरे रोहन ! तुम यहाँ… कुछ काम था ? तुम क्या देख रहे हो ? मैं तुमसे बात कर रही हूँ, मेरी तरफ देखकर बात करो। “
रोहन,” मैं जहाँ भी देख रहा हूँ तुम उसी तरफ आ जाओ; क्योंकि मेरी आँखों की रौशनी जा चुकी है। मैं देख नहीं सकता। “
नैना,” क्या… ये क्या मजाक कर रहे हो तुम ? “
अमन सबको सारा सच बताता है जिसके बाद रोहन बोलता है।
रोहन,” मैं अपने रिश्ते की शुरुआत झूठ की बुनियाद पर नहीं करना चाहता था। मानता हूँ तुमसे प्यार करता हूँ, पर शायद ये सच बताने के बाद तुम्हें हमेशा के लिए खो दूंगा लेकिन झूठ बोलकर तुम्हें पा भी लेता तो कभी तुमसे नजरें नहीं मिल पाता। “
तभी अमन रोहन के कान में मजाक में बोलता है। 
अमन,” अबे साले ! नजरें तो तू सच बोलने के बाद भी नहीं मिला पाएगा। “
रोहन,” साले, तू चुप कर। फ्लो मत बिगाड़, चल भाग यहां से। “
रोहन,” अब जो भी तुम्हारा फैसला होगा, मुझे मंजूर है। “
रोहन के इतना बोलने पर अमन और लता वापस जाने के लिए मुड़ते हैं और रोहन वहां खड़ा-खड़ा अमन से बोलता है। 
रोहन,” अबे साले ! अब पकड़कर ले चल। सारे डायलॉग की ऐसी की तैसी कर दी। अबे ! कहां गया ? अकेला तो नहीं चला गया, निकम्मे अमन ? “
रोहन खुद धीरे-धीरे चलने लगता है। तभी किसी चीज से उसका पैर टकरा जाता है और वह गिरने वाला होता है लेकिन नैना उसे संभाल लेती है।
रोहन उसे अमन समझकर बोलता है। 
रोहन,” साले, कहां चला गया था तू, हां ? मुझे छोड़ कर कहां चला गया था ? अभी गिर जाता मैं। “
नैना,” मेरे होते हुए तुम कभी नहीं गिरोगे, रोहन। जिंदगी के इस मोड़ पर मैं तुम्हें अकेला नहीं छोडूंगी। “
रोहन (मन में),” वाह यार ! स्पीच आखिर काम कर ही गई। लव यू भाई अमन, यह तूने ही लिख कर दी थी। “
रोहन,” एक बार फिर सोच लो नैना। क्या तुम्हें अंधा पति जिंदगी भर के लिए स्वीकार होगा ? “
नैना,” हां, मुझे स्वीकार है। आज से मैं तुम्हारी आंखें बनूंगी। “
नैना रोहन को अपना लेती है। दोनों की शादी हो जाती है। शादी के बाद नैना कमरे में रोहन का इंतजार कर रही होती है। वह गिरता पड़ता कमरे में आकर बोलता है। 
रोहन,” काश ! अमन साथ होता लेकिन आज तो सुहागरात है। आज के दिन तो अकेला ही जाना पड़ेगा। “
नैना संभालकर रोहन को बेड के पास लाती है। रोहन नैना की गर्दन दोनों हाथों से पकड़कर बोलता है। 
रोहन,” अरे ! यह तुम्हारी कमर इतनी पतली और ऊपर कैसे हो गई ? “
नैना,” बेबी, वो मेरी गर्दन है। अपना हाथ मेरे हाथ में दो। “
नैना रोहन के हाथों को अपनी कमर पर रखकर बोलती है।
नैना,” अरे मेरे अंधे पति ! यह है मेरी कमर। वैसे मानना पड़ेगा… आंखें नहीं है लेकिन रोमांस कूट-कूट कर भरा है आप में। “
रोहन,” रोमांस के लिए आंखों की क्या जरूरत ? “
नैना,” अच्छा… तो किसकी जरूरत होती है ? “

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रोहन,” रुको, अभी बताता हूं। “
रोहन नैना को गोद में उठाता है और अंदाजे से बेड पर लिटा देता है। उसके बाद वो दोनों अपनी शादी की पहली रात को इंजॉय करते हैं। 
इसी के साथ नैना रोहन को अंधे होने के बाद भी अपने पति के रूप में अपना लेती है और रोहन की आंखें बनकर उसकी जिंदगी में खुशियां भर देती है।
आज की ये ख़ास और मज़ेदार कहानी आपको कैसी लगी ? नीचे Cooment में जरूर बताएं।

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