हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” दोस्त की बीवी से अफेयर ” यह एक Crime Ki Kahani है। अगर आपको भी Crime Stories, New Crime Stories या Best Crime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Dost Ki Biwi Se Affair | Hindi Crime Story | Latest Crime Story | Best Crime Stories in Hindi
दोस्त की बीवी से अफेयर
यामिनी | शिव की मां |
मीरा | जय की पत्नी |
शिव | जय का दोस्त |
शिव जय से मिलने उसके घर आता है। वो दरवाजे की घंटी बजाता है।
मीरा (दरवाजा खोलते हुए),” वेलकम… आओ। तुम बैठो, मैं पानी लेकर आती। हूँ। “
शिव (सोफे पर बैठते हुए),” थैंक यू। जय कहाँ पे है ? “
मीरा,” ऊपर है, रेडी हो रहा है। “
शिव,” क्या…? तुम तैयार हो कर बैठी हो और वो अभी तक तैयार हो रहा है। “
मीरा,” हाँ, वो थोड़ा लेट उठा था इसलिए उसे थोड़ा वक्त लग गया। “
शिव,”हाँ, उससे और उम्मीद भी क्या कर सकते हैं ? थैंक यू। “
मीरा (शिव के पास आते हुए),” अच्छा शुभ एक बात बताओ, जब भी आते हो किसी काम से आते हो। कभी कभार ऐसे ही आ जाया करो। “
शिव,” यार, तुम तो जानती हो टाइम ही नहीं मिलता। “
मीरा,” टाइम नहीं मिलता या गर्लफ्रेंड के साथ बिज़ी रहते हो। “
शिव,” गर्लफ्रेंड, वो भी मेरी ? यार तुम्हे अच्छे से मालूम है मेरी कोई गर्लफ्रेंड वर्लफ्रेंड नहीं है फिर भी तुम ऐसा बोल रही हो। सारा दिन यार काम में निकल जाता है।
वक्त का पता ही नहीं चलता। घर से ऑफिस ऑफिस से घर, यही जिंदगी है मेरी और तुम्हे तो पता ही है यार पापा का क्या हाल है ? उनको भी टाइम देना पड़ता है। “
मीरा (शिव के हाथ पर हाथ रखते हुए),” हाँ, वो तो है। लेकिन हमेशा जैसे मिलने आते हो, कभी कबार मुझसे मिलने आ जाये करो। दिन भर बोरियत हो जाती है। मैं भी तो तुम्हारी फ्रेंड हूँ ना ? “
इतने में जय तैयार होकर नीचे आने लगता है।
जय,” अरे ! शुभ आ गया तू। “
शिव,” अबे, हमें आये तो जमाने हो गए। एक तुम हो कि तैयार होने का नाम नहीं ले रहे हो। “
जय,” बैठ ना… चाय पीके निकलते हैं। “
शिव,” अरे ! नहीं नहीं भाई, माँ इंतज़ार कर रही है। “
इसके बाद शिव दोनों को डिनर के लिए अपने घर लेकर जाता है।
डिनर करते समय…
यामिनी,” कैसा लगा खाना ? “
मीरा,” आंटी, बहुत डिलिशियस है। सच बताऊँ तो आपके हाथ का खाना खाके मम्मी की याद आ गई। “
यामिनी,” अगर ऐसी बात है तो तुम मेरे पास आ जाया करो। तुम्हें माँ की याद भी नहीं आएगी और मेरा भी मन लगा रहेगा। वैसे भी कभी कबार बोरियत होती है। “
मीरा,” पक्का आ जाउंगी आंटी। लेकिन अगर बोरियत की बात है तो आप शिव की शादी क्यों नहीं कर देती ? “
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Dost Ki Biwi Se Affair | Hindi Crime Story | Latest Crime Story | Best Crime Stories in Hindi
यामिनी,” ये अगर मेरी सुने तब ना… तुम ही समझाओ इसे। वैसे अगर तुम्हारी नज़र में कोई लड़की है तो बताओ, कल ही इसकी शादी करवा देती हूँ। “
शिव ,” नो नो नो… नॉट अगेन, मां यार तुम हमेशा मेरी शादी के पीछे पड़ जाती हो। “
शिव,” यार मीरा, तुम्हारे पास और कोई टॉपिक नहीं है क्या ? “
मीरा,” सही तो कह रही हैं आंटी। तुम्हारी उम्र हो गई है शादी की और आंटी इस घर को जरूरत है ना बहु की ? “
मीरा,” और जय, तुम क्यों चुप बैठे हो ? समझाओ अपने दोस्त को। “
जय,” अब मैं क्या बोलू आंटी ? हाँ पर एक बात है शिव, शादी से पहले जितने मज़े करने हैं कर ले।
क्योंकि शादी के बाद तेरी पूरी लाइफ वाइफ की डिमांड पूरी करने में निकल जाएगी। “
सब लोग हंसने लगते हैं। खाना खाने के बाद जय और शिव दोनों छत पर चले जाते हैं।
शिव,” जय, यार एक बात बता… तेरी लाइफ में सब कुछ ठीक चल रहा है ना ? “
जय,” हां यार, ठीक चल रहा है। वो तुझे तो पता है ना… मैं नया बिज़नेस शुरू करने वाला था ? सब प्लैन हो गया बस… बस थोड़े फंड की जरूरत है।
बैंक से बात की है लोन की, पर यार कोई रिस्पॉन्स नहीं दे रहे हैं। समझ नहीं आ रहा क्या करूँ ? “
शिव ,” काश मैं तेरी हेल्प कर सकता जय पर यार तू तो जानता है पापा का इलाज चल रहा और तू मानेगा नहीं कि हर हफ्ते लाखों का बिल आता है यार।
और जब से पापा का एक्सीडेंट हुआ है ना तब से बिज़नेस भी ठप पड़ गया। तुझे सच बताऊँ… कभी कभी ना समझ नहीं आता कि मैं क्या करूँ ? “
जय,” यार इतना टेंशन मत ले। मैं तुझसे पैसे थोड़े ही मांग रहा हूँ, बस बता रहा था तुझे। यार तू मेरी इनस्पिरेशन है।
तेरी प्रॉब्लम के आगे मेरी प्रॉब्लम कुछ भी नहीं। तू बस अपने पापा का ध्यान रख, मैं संभाल लूंगा अपना। “
शिव ,” लव यू ब्रो। सच बताऊँ तुझे एक ? कभी कभी तो मुझे ऐसा लगता है कि पता नहीं पापा ठीक भी हो पाएंगे या नहीं। “
जय,” ऐसा क्यों बोल रहा है ? “
शिव,” नहीं समझ आता मुझे कुछ। बहुत बुरा लगता है। तुझे बता नहीं सकता हूं यार कितनी तकलीफ में हूं ? पर जब भी तुम दोनों के पास आता हूं, दिल को बहुत सुकून मिलता है।
सारी टेंशन पता नहीं कहां चली जाती है ? थैंक्स यार तू नहीं होता ना, पता नहीं मेरा क्या होता ? “
जय,” अब दिल छोटा मत कर। चल इधर आ। “
इसके बाद शिव और जय गले मिलते हैं और एक दूसरे की पीठ थपथपाते हैं।
दूसरी तरफ शिव की मां और मीरा बैठे होते हैं और सामने शिव के पिता लेटे होते हैं।
मीरा,” कैसे हुआ आंटी ये ? “
यामिनी,” बेटा, तुम्हारी शादी से कुछ दिन पहले की बात है। इन्हें किसी अर्जेन्ट काम से नासिक जाना था।
टाइम कम होने की वजह से ये खुद ही गाड़ी लेकर निकल गये और फिर वहीं रस्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया। “
मीरा,” हिम्मत रखिये आंटी, भगवान ने चाहा ना तो अंकल बहुत जल्द ठीक हो जाएंगे। वैसे आप इनके लिए नर्स क्यों नहीं रख लेतीं ? “
यामिनी,” तू कैसी बात कर रही हो बेटा ? मेरे होते हुए इनके लिए नर्स..? नर्स तो सिर्फ देखभाल करती है। वो अपनापन उससे नहीं मिलेगा जिसकी इन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है।
वो तो सिर्फ मैं ही दे सकती हूँ, आफ्टर ऑल में इनकी बीवी हूँ। इनसे ऐसे मुँह नहीं मोड़ सकती। “
जय,” मीरा, चलो देर हो रही है। “
मीरा,” चलिए आंटी, मैं निकलती हूँ। “
अरे, रुको बेटा… 1 मिनट हाँ। “
वो खड़ी होकर अलमारी खोलती हैं और तिजोरी से एक हार निकालती है। वो उस हार को मीरा को देती है।
यामिनी,” ये तुम्हारे लिए। “
मीरा,” आंटी, इसकी क्या जरूरत थी ? “
यामिनी,” तुम पहली बार हमारे घर आयी हो, खाली हाथ थोड़े ही ना जाने दूंगी। “
मीरा,” थैंक यू। “
यामिनी,” वेलकम। “
मीरा ,” चलें ? “
अगले दिन मीरा घर पर अकेली होती है। तभी जय शिव से मिलने उसके घर जाता है।
शिव,” जय…। “
मीरा,” जय तो नहीं है बट वो आते ही होगा। “
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मीरा शिव को अन्दर आने के लिए कहता है। शिव अंदर जा रहा होता है तभी मीरा दरवाजा बंद कर देती है। तभी वह जानबूझकर गिर जाती है और दर्द का बहाना बनाने लगती है।
मीरा,” आउछ, मेरी कमर… मेरी कमर में बहुत ज़ोर से चोट लगी है। “
शिव,” डोंट वरी। “
मीरा,” मुझे प्लीज़ मेरे कमरे में छोड़ दो, प्लीज़। “
शिव मीरा को गोद में उठाकर ले जाता है। मीरा का मूड़ पूरी तरह रोमेंटिक हो चुका था।
शिव (नज़र बचाते हुए),” मैं मैडिसिन ला रहा हूं। “
तभी मीरा पीछे से उसका हाथ पकड़ लेती है।
शिव,” क्या कर रही हो तुम ? “
मीरा उसके होंठों पर उंगली रखते हुए उसे चुप रहने को कहती हैं। तभी शिव का मन भी डोल जाता है और वह भी मीरा का साथ देने लगता है।
दोनों की रासलीला शुरू हो जाती है।
अगले दिन जय के ऑफिस जाने के बाद मीरा शिव को फोन करती है और उसे मिलने के लिए बुलाती है। शिव कार लेकर उसके घर पहुंचता है।
मीरा उसका इंतजार कर रही होती है और तभी शिव कार का दरवाजा खोलते हुए झुकता है। मीरा मुस्कराते हुए अंदर बैठ जाती है।
उसके बाद दोनों बाहर चले जाते हैं। इधर शिव के पिता की तबीयत बिगड़ने लगती है। यामिनी उनकी सेहत को ठीक करने की कोशिश करती है।
वह पूरी तरह घबरा जाती है। शिव को इस बात की भनक तक नहीं होती है। वह तो मीरा के साथ व्यस्त रहता है।
एक शाम…
मीरा अपने बालों को सही कर रही होती है। तभी जय पीछे से उसकी कमर पकड़ता है। मीरा तुरंत पीछे मुड़ती है और अजीब सा बर्ताव करती है। जय को ये सब बहुत अजीब लगता है।
अगले दिन शिव मीरा को सोने की चैन गिफ्ट करता है। मीरा उसे अपने हाथों से पहनाने का इशारा करती है।
इधर शिव के पिता की मौत हो जाती है। शिव इस बात से पूरी तरह अनजान रहता है। उसकी मां अकेली बैठी रो रही होती है।
शिव मीरा को बाय बोलकर अपने घर के लिए निकलता है। जय शिव और मीरा को एक साथ देख लेता है। उसका गुस्सा अब सातवें आसमान पर होता है।
जय (गुस्से में),” मीरू… “
मीरा,” क्या हुआ, बोलो ? “
जय,” शिव यहां आया था क्या ? “
मीरा (झूठ छिपाते हुए),” नहीं तो। “
जय (चिल्लाते हुए),” मुझे नहीं लगा तू इतनी गंदी औरत निकलेगी वरना तुझसे शादी नहीं करता कभी मैं। “
मीरा,” जय, पागल हो गये हो क्या ? होश में तो हो ? “
जय,” नहीं था होश में पर अब होश में आ गया हूं। पिछले 2 दिन से पीछा कर रहा हूं मैं। तुम लोग का सब देखा है मैंने।
कहां मूवी देखने जाते हो ? कहाँ खाना खाने जाते हो ? सब पता है मुझे और ये चैन किसने दी ? “
जय,” शिव ने दी है ना..? मुझे नहीं लगता तू इतनी बड़ी धोखेबाज निकलेगी। “
मीरा,” धोखा तुमने मुझे दिया है जय, मैंने नहीं। तुमने मुझे शादी से पहले क्यों नहीं बताया कि तुम अमीर नहीं हो, एक मामूली सी नौकरी करने वाले आम आदमी हो ?
तुमने मुझे शिव की चीजों का अपनी चीज़ बताकर तुमने एहसास दिलाया कि तुम अमीर हो। तुमने ये मुझे एहसास दिलाया कि तुम मुझे रानी बनाकर रखोगे।
तुमने वादे किए थे कि तुम मेरी हर एक ख्वाहिश पूरी करोगे और बदले में मुझे क्या मिला ? ये गरीबी… मामूली सी जिंदगी।
अगर मुझे पता होता ना कि तुम इतने गरीब हो, मैं तुमसे कभी शादी नहीं करती। “
जय,” अरे ! तो छोड़ देती ना मुझे। नहीं रहती मेरे साथ। ये सब करने की क्या जरूरत थी ? सिर्फ पैसे दिखता है क्या ? मेरे प्यार की कोई वैल्यू नहीं है ? अरे प्यार तो सच्चा है ना मेरा ? “
मीरा,” प्यार मैं भी करती हूँ तुमसे। “
जय,” दूर रहो पहले, दूर रह के बात करो मुझसे। “
मीरा,” जय, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। आज भी करती हूँ और हमेशा करती रहूंगी। प्लीज़ अंडरस्टैंड जय। मैं शिव के साथ सिर्फ और सिर्फ उसके पैसों के लिए हूँ।
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क्योंकि वो मेरी हर एक ख्वाहिश पूरी करता है। तुमने मुझसे कहा था ना ? इधर देखो… तुमने मुझसे क्या कहा था कि जिस दिन तुम्हारा बिज़नेस स्टार्ट हो जायेगा, तुम मेरी हर एक ख्वाहिश पूरी करोगे ?
कहां था ना ? जिस दिन ऐसा होगा ना जय, मैं खुशी खुशी शिव को अपनी ज़िंदगी से पूरी तरीके से निकाल दूंगी। “
जय,” पैसा चाहिए तुम्हें..? ठीक है, अब मैं तुम्हें अमीर बन के दिखाऊंगा। चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े। “
ये क्राइम की कहानी आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताएं ?