हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” बूढ़ा राजमिस्त्री ” यह एक Hindi Moral Story है। अगर आपको Hindi Stories, Bedtime Story या Hindi Kahaniya पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Boodha Rajmistri| Hindi Kahaniya| Moral Stories | Bed Time Story | Hindi Stories | Hindi Fairy Tales
बूढ़ा राजमिस्त्री
शहर के पास बारामती नाम के एक छोटे से गांव में राजू नाम का मिस्त्री अपनी पत्नी के साथ रहता था। वह बहुत मेहनती था।
उसकी पत्नी का नाम कमला था। उसने कई बड़ी बड़ी बिल्डिंग और महलों में काम किया था। वह उस इलाके का सबसे होशियार और मेहनती राजमिस्त्री था।
वह रोज सुबह काम पर जाता और शाम को वापस लौटता और सुखी जीवन जीता। पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
राजू,” कमला, आज बहुत देर हो गई काम पर जाने में। “
कमला,” हां, तेल खत्म हो गया था। दुकान गई थी तेल लेने वहां भी बहुत भीड़ थी इसलिए समय हो गया जी। “
राजू,” चलो कोई बात नहीं, मेरा टिफिन तैयार हो गया या नहीं ? “
कमला,” टिफिन लेकर आती है। “
राजू,” और हां… तुम्हारी तबीयत आजकल ठीक नहीं लग रही। काम से आऊंगा फिर तुम्हें अस्पताल लेकर जाऊंगा। “
राजू और कमला अस्पताल से खुशखबरी सुनकर आते हैं।
राजू,” आज मैं बहुत खुश हूं। “
कमला,” हमें लड़का होगा या लड़की ? “
राजू,” जो भी होगा मैं उसे बहुत पढ़ाऊंगा और एक अच्छा इंसान बनाऊंगा।”
नौ महीने बाद राजू और कमला को लड़का होता है।
राजू (उस लड़के को लेकर),” कमला, देखो हमें लड़का हुआ है। आज मैं बहुत खुश हूं। मैं इसे खूब पढ़ाऊंगा। “
कमला,” हां, हमारा बच्चा हमारा खूब नाम रोशन करेगा। “
राजू,” हां, आज से मैं और ज्यादा मेहनत करूंगा और इसे अच्छी तरह से पढ़ाऊंगा। मेरा बेटा नौकरी करेगा। “
कमला,” हां, हमारा बेटा ऑफिसर बनेगा। “
कमला और राजू अपने बेटे का नाम राहुल रखते हैं। वे दोनों उसे खूब पढ़ाते हैं और फिर बाद की पढ़ाई के लिए उसे बाहर भी भेजते हैं।
कमला,” बहुत दिन हो गए ना राहुल की कोई खबर आई ना उसका फोन। “
राजू,” देखो तो हमारा बेटा कितना मन लगाकर पढ़ाई कर रहा है ? उसे फोन करने के लिए टाइम नहीं है। “
इतने में एक डाकिया उनके घर पर दस्तक देता है।
डाकिया,” देखो तो तुम्हारे लिए एक चिट्ठी आई है। “
राजू,” किसकी है भाई ? अब लाए हो तो पढ़कर भी बता दो ? “
डाकिया,” राहुल की चिट्ठी है। “
कमला,” मेरे बेटे ने चिट्ठी भेजी है। “
राजू,” देखा ना कमला… तुम बेवजह घबराती हो। “
डाकिया,” कहता है… मां बाबा आप कैसे हैं ? मैं यहां ठीक हूं। मेरी चिंता मत करना। मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं और हां मेरी यहां अब नौकरी लगने वाली है।
उसके लिए मुझे एक लाख रुपए की जरूरत है नहीं तो मुझे नौकरी नहीं मिलेगी और मेरी पूरी मेहनत पानी में चली जाएगी। “
कमला,” हाय दैया जालिम जमाना… एक तो पढ़ाई में इतना खर्चा और ऊपर से कमीशन भी मांगते हैं नौकरी के लिए। “
राजू,” चाहे कुछ भी हो जाए मैं अपने राहुल को हारने नहीं दूंगा। “
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कमला,” अरे ! हां मिस्त्री साहब, पर इतना पैसा कहां से लाएंगे ? बैंक लूटेंगे या कुछ और बोलिए जरा..?? “
राजू,” नहीं, मैं धनराज सेठ से बात करूंगा जो ब्याज पर पैसे देता है। “
कमला,” हां, पर वह पैसे के बदले कुछ गिरवी भी तो रखता है। तुम्हारे पास क्या है गिरवी रखने के लिए ? “
राजू,” हमारा यह घर… हम अपने बेटे के लिए इसे भी बेच देंगे चाहे फिर हमें सड़क पर ही क्यों ना रहना पड़े ? “
इस तरह राजू धनराज सेठ से ब्याज पर पैसे लेकर अपने बेटे को भेजता है।
उधर राहुल नौकरी पर लग जाता है। कुछ दिनों बाद उसे वहां एक लड़की पसंद आ जाती है।
वह उससे शादी कर लेता है और अपनी दुनिया में ही खुश रहने लगता है और मां-बाप को भूल जाता है।
कमला,” सुनो जी… इतने साल हो गए अभी तक हमारा बेटा हमसे मिलने नहीं आया। कैसा होगा वो..?? उसका कोई अता-पता नहीं है। “
राजू,” कमला, तुम चिंता मत करो। उसने बोला था कि मैं आऊंगा तो वह जरूर आएगा। “
राजू को बहुत चिंता होती है कि वह कर्ज के पैसे कैसे चुकाएगा ? अब वह सोचता है कि अब वह कहीं काम ढूंढेगा।
राजू,” सुनो कमला, अब मैं काम ढूंढने जा रहा हूं। “
कमला,” इस उम्र में अब आपसे काम नहीं होगा जी। “
राजू,” लेकिन धनराज सेठ का कर्जा तो चुकाना ही पड़ेगा। “
कमला,” लेकिन आपको इस उम्र में काम कौन देगा ? “
राजू,” तजुर्बा है इतने सालों का कमला। कोई ना कोई काम तो दे ही देगा। “
राजू काम ढूंढने के लिए निकल जाता है। जाते जाते एक जगह काम चल रहा होता है।
उस जगह काम पर लाला सेठ ठेकेदार अपने कर्मचारियों पर बहुत चिल्ला रहा होता है।
राजू,” क्या हुआ साहब ? “
लाला सेठ,” अरे ! अब मैं तुम्हें बताकर क्या करूं ? मेरा दिमाग खराब करके रखा है इन्होंने। इन्हें इस बिल्डिंग की दीवार दिल के आकार में बनाने के लिए बोला है घर के मालिक ने।
चार बार दीवार बनाकर गिरा चुके हैं ये कमबख्त कहीं के। अगर ये दिल के आकर का डिजाइन नहीं बना पाए तो बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा। “
राजू,” साहब, मुझे थोड़ा बहुत तजुर्बा है। अगर बुरा ना माने तो मैं कोशिश करूं ? “
लाला सेठ,” अब इस बुढ़ापे में तू क्या सुधरेगा ? चल अब कह ही रहा है तो तू भी कोशिश कर ले। “
राजू (कर्मचारियों से),” पहले इसका बेस मजबूत रखिए। बाद में सलाखें डालकर धीरे-धीरे ईंटें घुमावदार बनाइए जिससे उनका काम सही हो जाता है। “
लाला सेठ,” राजू, तुमने आज मुझे करोड़ों के नुकसान से बचाया है। “
राजू,” शुक्रिया साहब ! “
लाला सेठ,” बोलो तुम्हें क्या तोहफा चाहिए ? “
राजू,” साहब, मुझे कोई तोहफा नहीं चाहिए लेकिन कोई छोटा मोटा काम मिल जाए तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी। “
लाला सेठ,” तुम्हें इस उम्र में क्यों काम करना है ? “
राजू,” साहब, मैंने मेरे बेटे की पढ़ाई के लिए कर्जा लिया था। उसे चुकाने के लिए मुझे काम चाहिए। “
लाला सेठ,” लेकिन इस उम्र में…। “
राजू,” साहब मैं बहुत सालों से मिस्त्री का काम कर रहा हूं। मुझे इस काम का कई सालों से तजुर्बा है। “
लाला सेठ,” अच्छा एक काम है अगर तुमने उसे कर दिया तो मैं मान लूंगा कि तुम्हें अच्छा तजुर्बा है। “
राजू,” हां हां साहब, आप बताइए। मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा। “
लाला सेठ,” और हां अगर यह काम तुमने कर दिया तो मैं तुम्हारा पूरा कर्जा चुका दूंगा। तो तुम कल मेरे घर आ जाओ और मैं तुम्हें वो काम बता दूंगा। “
राजू,” जी साहब, धन्यवाद ! “
कमला,” क्या हुआ ? आप इतना परेशान क्यों हो ? काम नहीं मिला क्या ? चलिए हम कुछ ना कुछ कर ही लेंगे। “
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राजू,” कमला, ऐसा काम मिला है जिससे हमारा पूरा कर्जा चुकता हो जाएगा। “
कमला,” लेकिन फिर भी आप इतना परेशान हैं और फिर आपको काम कैसा मिला है जिससे आपका सारा कर्जा एक बार में चुकता हो जाएगा ? “
राजू,” यही मैं सोच रहा हूं। लेकिन यह तो कल सेठ के घर जाकर ही पता चलेगा। चलो अभी खाना खा लेते हैं। सुबह लाला के घर भी जाना है। “
कमला,” हां, ठीक है। “
दूसरे दिन सुबह राज मिस्त्री लाला सेठ के घर जाता है। रास्ते में उसे एक छोटा बच्चा खेलते हुए दिखाई देता है।
राजमिस्त्री उस बच्चे को देखकर मुस्कुराता है और दरवाजे की ओर आवाज लगाता है।
राजू,” साहब… साहब। “
लाला सेठ,” अरे, अरे ! तुम आ गए ? आओ बैठो। राजू, यह मेरी लड़की है मोनिका। “
राजू,” नमस्ते मालकिन। “
लाला सेठ,” यह बाहर पढ़ाई करती थी। कुछ साल पहले ही इसकी शादी हुई। अभी यहां रहने के लिए आई है।
और वो रहा इसका शरारती बच्चा। इसका एक सपना था कि हमारी खुद की एक जौहरी की दुकान हो। “
इतने में मोनिका बोलती है।
मोनिका,” बात यह है कि तीन साल पहले ही हमने यहां एक बाजू में एक बड़ी दुकान बनाई लेकिन 4 या 5 महीने के बाद हमारी तिजोरी में से पैसे गायब होने लगे।
अभी पिछले महीने में भी चोरी हुई। अगर तुम्हारे पास इसका कोई इलाज है तो बताओ। “
राजू,” पहले जरा मुझे दिखाओ। मैं वहीं पर कुछ ना कुछ दिमाग लगाकर इसका इंतजाम कर दूंगा। “
लाला सेठ,” लेकिन बड़े-बड़े इंजीनियर भी इस समस्या का हल नहीं निकाल पाए। “
राजू,” साहब, मैं पढ़ा लिखा तो नहीं हूं लेकिन कई सालों का तजुर्बा है मेरे अंदर। साहब, क्या आप अपनी दुकान मुझे दिखा सकते हैं ? “
लाला सेठ,” हां, बिल्कुल। “
राजमिस्त्री पूरी दुकान देखने लगता है।
मोनिका,” देखिए यहां हमने पक्के से पक्का लॉकर बनाया लेकिन फिर भी चोरी हो ही जाती है।
इसका कोई उपाय है आपके पास या हमें कोई नया घर बनाना पड़ेगा पैसा रखने के लिए ? ”
राजू थोड़ी देर सोचता है।
राजू,” कोई बात नहीं, ये तो बहुत आसान है। मैं अभी 5 मिनट में इस चोरी की समस्या को दूर कर देता हूं। “
लाला सेठ,” तुम तो ऐसे बता रहे हो जैसे बीरबल का दिमाग है तुम्हारे पास। “
राजू,” मेरे पास बीरबल का तो दिमाग नहीं है लेकिन मैं आपको एक तर्क की बात बताता हूं। “
मोनिका,” तो जल्दी बताओ। “
राजू,” साहब, आपने अपनी दुकान की तिजोरी कोने में रखी है। अगर आप इस तिजोरी को बीचो-बीच रखोगे तो इस पर सबकी नजर रहेगी।
एक बार इसे इसकी जगह से हटाइए और बीच में लाकर देखिए और उसे इस तरीके से बनाइए कि किसी को नजर ना आए कि यह एक तिजोरी है। जैसे; उसके ऊपर बैठने का टेबल बना दीजिए। “
मोनिका,” विचार तो अच्छा लगा। लेकिन आप ही इसे टेबल का आकार दे दीजिएगा। “
लाला सेठ,” अच्छा ठीक है। अगर मेरी दुकान से 6 महीनों के अंदर चोरी नहीं हुई तो मैं तुम्हारा पूरा कर्जा चुका दूंगा। “
राजू,” ठीक है साहब। “
वह सब मिलकर तिजोरी का काम 5 दिन में मिलकर खत्म कर देते हैं। राजमिस्त्री काम खत्म होने के बाद घर में ही रहता है और सोचता है कि अब क्या करें ?
कमला,” क्या सोच रहे हो ? “
राजू,” सोच रहा हूं कि लाला के यहां जो काम हुआ है वो बराबर है या नहीं। अगर वहां चोरी हुई तो पैसे नहीं मिलेंगे। फिर हम क्या करेंगे ? “
कमला,” परेशान मत हो। जो भी होगा अच्छे के लिए होगा। “
लाला सेठ के काम को आठ नौ महीने हो जाते हैं।
मोनिका (फोन पर पति से),” मैं आपको इतने सालों से बोल रही हूं कि मुझे अपने ससुराल जाना है लेकिन आपने अभी तक ना तो अपने गांव का नाम बताया ना ही कभी लेकर गए।
तुम्हारे लड़के से तो तुम केवल 6 महीने दूर रहे हो और इतना तड़प रहे हो। तो कभी सोचा है तुम्हारे मां बाप पर क्या बीत रही होगी ?
अब परसो तुम्हारा बर्थडे है। तो मैं चाहती हूं कि हम यहां मनाएं नहीं तो मैं कभी वापस नहीं आऊंगी। “
मोनिका का पति राहुल ही रहता है जो राजमिस्त्री का लड़का था। अपनी पत्नी की ऐसी बातें सुनकर राहुल को बहुत पछतावा होता है।
राहुल,” मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई जो मैं अपने मां बाबा से मिलने नहीं गया और ना ही तुमसे मिला। मुझे माफ कर दो। “
मोनिका,” अब कोई बात नहीं जाने दो। लेकिन यहां से जब हम वापस जाएंगे तो सबसे पहले आप मुझे मेरे ससुराल लेकर जाओगे। तभी तुम्हारी गलती माफ होगी।
राहुल,” हां, ठीक है। पर मैं अपने बर्थडे पर तुम्हें एक सरप्राइज देना चाहूंगा। ”
मोनिका,” नहीं, पहले मैं सरप्राइस दूंगी फिर आप। “
राहुल,” ठीक है। “
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फोन रखकर राहुल अपनी गलती पर बहुत रोता है और दूसरे दिन अपने मां और बाबा से मिलने के लिए जाता है।
लाला सेठ का आदमी राज मिस्त्री का घर ढूंढते ढूंढते उसके घर पहुंचता है। लाला सेठ का आदमी राजमिस्त्री और कमला के पास जाकर कहता है।
आदमी,” क्या आपका नाम राजू है और आपका नाम कमला ? “
कमला,” हां। ”
आदमी,” आपका राहुल नाम का कोई बेटा था। “
यह सुनकर दोनों की आंख में आंसू आ जाते हैं और दोनों गर्दन हिलाकर ‘हां’ का जवाब देते हैं।
राजू,” साहब आपको यह सब कैसे पता ? “
आदमी,” वक्त आने पर लाला सेठ आपको बहुत बड़ी खुशखबरी देने वाले हैं। अभी आप यह कुछ सामान रखिए। इसमें मिठाई और कुछ कपड़े हैं। यह सेठ जी की तरफ से एक भेंट समझिए। “
राजमिस्त्री कमला की ओर अचंबे की नजरों से देखता है।
कमला,” शायद तुम्हारे बनाए हुए लॉकर या फिर तुम्हारे काम से सेठ बहुत खुश हैं। इसलिए उन्होंने हमें यह भेंट दी है। “
राजू,” परंतु मुझे तो कुछ और ही लगता है। “
कमला,” जाने दो; जो भी हो अब हम धनराज सेठ का कर्जा जरूर चुका देंगे। “
लाला सेठ के आदमी के कुछ देर जाने के बाद एक जवान लड़का सूट वूट और टाई पहने और बड़ा सा बैग हाथ में लिए दरवाजे से अंदर आता है।
राजू,” जी आप… हमारे घर में क्यों घुसे आ रहे हैं ? आप कौन हैं ? “
कमला अपने लड़के की शक्ल पहचान जाती है और रोने लगती है।
कमला” एक बार तो मिलने आ जाता बेटा। ऐसा एक पल भी नहीं गया जिसमें हमने तुम्हें याद ना किया हो। “
राहुल,” मां – बाबा मुझे माफ कर दो। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। “
कमला,” चल बेटा, मैं तुझे अपने हाथों से खाना खिलाती हूं। “
कमला बहुत सारा भोजन बनाकर उसे खिलाती है।
राजू,” अरे ! आहिस्ता से… धीरे-धीरे खा। तुझे कहीं जाना थोड़े ही ना है… आराम से खा। “
राहुल,” नहीं बाबा, मुझे अभी कहीं जाना है। लेकिन मैं पक्का कल आप दोनों को यहां से ले जाऊंगा। “
कमला,” नहीं बेटा, अब हम तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं जी सकते। अब तू यहीं रह… हमारे पास। “
राहुल,” बस एक दिन की ही तो बात है मां फिर मैं हमेशा के लिए आपके पास रहूंगा। और हां… मैं आपको जल्द ही एक खुशखबरी देने वाला हूं। “
कमला और राजमिस्त्री दोनों एक दूसरे की तरफ देखते हैं।
राजू,” ठीक है बेटा, जल्दी आना। हम इंतजार करेंगे। “
राहुल वहां से निकलता है।
कमला,” जरूर कोई ना कोई बात है। सेठ जी भी यही बात कह रहे थे और राहुल भी। “
इतने में लाला सेठ का एक आदमी राजमिस्त्री के घर आता है।
आदमी,” राजमिस्त्री, तुम दोनों को जो है लाला सेठ ने अपने यहां बुलाया है। ”
राजू,” हां हां, हम आ जाएंगे परंतु बात क्या है बताओ ? “
दूसरे दिन राजमिस्त्री और कमला दोनों लाला सेठ के यहां जाते हैं।
लाला सेठ,” आओ राजू। तुमने जो काम हमारी दुकान के लिए किया, उससे अभी तक हमारी दुकान में चोरी नहीं हुई। यह तुम्हारा कर्ज का पैसा और यह रहा तुम्हारा इनाम। “
ऐसा बोलकर लाला सेठ उसे और पैसे देता है। उतने में अंदर से राहुल और मोनिका आते हैं।
मोनिका,” तुम बोल रहे थे ना कि अब तो दुकान में चोरी बंद हो गई। यह इतना अच्छा काम किसने किया ? यह है वो जिन्होंने यह काम किया। “
राहुल,” तुम बोल रही थी कि मैं तुम्हें कभी तुम्हारे ससुराल नहीं लेकर गया। इनसे मिलो… यही मेरे मां और बाबा हैं। “
राहुल,” मां – बाबा, यह मेरी पत्नी है मोनिका और मेरा बेटा बंटी। “
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मोनिका उनके पैर पड़ती है। वह दोनों आशीर्वाद देते हैं और बंटी को गले लगाते हैं।
लाला सेठ,” अरे ! मुझे पता था, मेरी बेटी किसी हीरे को ही चुनेगी। तुम तो खास हो ही परंतु तुम्हारे पिताजी और उनका तजुर्बा उससे भी ज्यादा खास है। “
राजू,” मालिक, ऐसा ना कहो। यह हमारे लिए बहुत बड़ी गर्व की बात है कि हमारा बेटा आपकी बेटी से शादी किया है। “
लाला सेठ,” अरे मालिक किसको बोल रहे हो भाई..?? आओ गले मिलो। “
लाला सेठ,” अब तुम हमारे समधी हो गए हो। और हां… याद रखना शायद मेरे पास पैसे ज्यादा होंगे लेकिन तुम्हारे पास तजुर्बा ज्यादा है। इसलिए कोई छोटा या बड़ा नहीं। “
इसके बाद सभी लोग एक साथ एक ही परिवार में हंसी खुशी रहने लगते हैं और प्यार भरा जीवन जीते हैं।
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