शातिर पडोसन | Shatir Padosan | Hindi Kahani | Moral Stories | Pati Patni Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ शातिर पडोसन ” यह एक Patni Ki Kahaniyan है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
शातिर पडोसन | Shatir Padosan | Hindi Kahani | Moral Stories | Pati Patni Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Shatir Padosan | Hindi Kahani | Moral Stories | Pati Patni Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories


शातिर पडोसन

कामिनी बहुत ही खूबसूरत औरत थी। उसे अपनी खूबसूरती पर बहुत घमंड था लेकिन उसकी शादी बहुत ही साधारण दिखने वाले आलोकनाथ से हो गई थी, जिसे वो बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी। 
आलोकनाथ दफ्तर के मार्केटिंग विभाग में क्लर्क का काम करता था। महीने के 15 दिन वो टूर पर ही रहता। तनख्वाह भी ठीक ही थी। 
लेकिन कामिनी की हर दिन नई नई फरमाइशों को पूरा करने के चक्कर में महीने के पहले हफ्ते ही उसकी सारी तनख्वाह खत्म हो जाती थी। 
एक दिन की बात है। सुबह का समय था। कामिनी बिस्तर पर लेटी हुई थी। तभी आलोकनाथ ने उसे जगाते हुए कहा। 
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आलोकनाथ,” क्या बात है कमीनी, आज बहुत देर तक सोई हुई हो ? “
कामिनी,” अरे ! जिसकी किस्मत ही सो गई हो, वो जागकर क्या करे ? “
आलोकनाथ,” क्या बात है… आज सुबह सुबह ही ताने ? “
कामिनी,” तो क्या चाहते हैं आप, सुबह सुबह आपकी आरती उतारना शुरू कर दूं या पैर दबाऊं ? “
आलोकनाथ समझ गया कि कामिनी को कोई चीज़ चाहिए। क्योंकि जब भी उसे कोई चीज़ चाहिए होती थी, वो इसी तरह का नाटक करने लगती थी। 
आलोकनाथ,” अरे ! क्या चाहिए तुम्हें, बोलो ना ? “
कामिनी,” हाँ हाँ, बोल तो ऐसे रहे हो जैसे चाँद तारे लेकर आ जाओगे मेरे लिए। कितने दिनों से आपको सोने की रिंग के लिए बोल रही हूं। लेकिन तुम तो एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हो। “
आलोकनाथ,”अब जितनी हैसियत है मेरी उतना ही तो कर पाऊंगा मैं। और अभी मेरा हाथ तंग है। दो तीन महीने रुक जाओ ना, फिर दिला दूंगा मैं। “
कामिनी,” तो फिर मुझसे पूछते क्यों हो कि क्या चाहिए ? जाइए, अपना काम करिए। मेरे सिर में बहुत दर्द है। “
आलोकनाथ क्या करता..? किसी तरह कर्ज लेकर कामिनी के लिए रिंग ले आया। लेकिन कामिनी बहुत ही लालची औरत थी। 
उसे हमेशा कुछ नया चाहिए होता था। इस बीच कामिनी के पड़ोस में एक नया शादीशुदा जोड़ा अमन और सुप्रिया रहने के लिए आए। 
जब अपनी बड़ी सी कार में से अमन और सुप्रिया उतरे तो कामिनी अपनी बालकनी से उन्हें घूरते हुए सोचने लगी।
कामिनी (मन में),” वाह ! कितना हैंडसम लड़का है। क्या मस्त कपल हैं दोनों ? काफी अमीर भी लग रहे हैं दोनों। 
कितनी महंगी कार है इनकी ? और एक मेरे पति हैं… न शक्ल अच्छी है और न ही कमाई। “
कामिनी को जब पता लगा कि ये जोड़ा बिल्कुल उनके बगल में रहने के लिए आया है तो वो उनसे दोस्ती करने के लिए मचल उठी। खास तौर पर अमन से उसकी दोस्ती करने की बहुत इच्छा थी। 
एक दिन वो उनके घर गई। उसने दरवाजा खटखटाया।दरवाजा अमन ने ही खोला। सामने से अमन को देखकर वो उस पर और भी लट्टू हो गयी। 
कामिनी,” जी वो… मैं आपके पड़ोस में रहती हूँ। थोड़ी चीनी चाहिए थी मुझे। “
अमन,” जी, अभी देता हूँ। “
अमन,” सुप्रिया… सुप्रिया, ज़रा कटोरी में चीनी तो ले आना। “

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सुप्रिया चीनी लेकर आ गई। अमन ने उसे कामिनी को देने को कहा। इस बीच कामिनी की नजर अमन के घर पर थी। काफी महंगी और ऐन्टी चीजों से सजा हुआ था उनका घर। 
जब सुप्रिया ने कामिनी को चीनी की कटोरी दी तो उसकी नजर सुप्रिया के गले में पहने नेकलेस पर गई। उसने अंदाजा लगाया कि ये डाइमंड का ही होगा। 
सुप्रिया और अमन दोनों ने कामिनी को घर के अंदर आने को कहा तो उसने कहा की फिर किसी दिन। 
कामिनी जब चीनी की कटोरी लेकर अपने घर गई तो आलोकनाथ की नजर उस पर गयी। 
आलोकनाथ,” अरे ! घर में तो इतनी सारी चीनी पड़ी है, फिर तुम पड़ोस से मांगकर क्यों ले आयी ? “
कामिनी,” ये बात आपकी समझ में आ जाती तो आप अपने ऑफिस में क्लर्क नहीं होते। “
धीरे धीरे कामिनी अमन और सुप्रिया से दोस्ती बढ़ाने लगी। जल्द ही वो उनका विश्वास जीतने में कामयाब हो गई। 
कभी कभी सुप्रिया किसी काम से बाहर गई होती तो वो सुप्रिया की गैरहाजिरी में भी अमन के पास चली जाती और उससे घंटों बातें करती। 
अमन (हंसते हुए),” अरे ! बस करिए भाभी, आप तो हंसा हंसाकर जान ही ले लेंगी। “
कामिनी,” अरे ! ऐसा मत कहिए अमन। आपकी जान हमारे लिए बहुत कीमती है। हम तो आपके लिए अपनी जान भी दे सकते हैं। एक बार बोलिए तो। “
अमन,” ये आप क्या कह रही है ? “
कामिनी,” अरे ! आप तो सीरियस ही हो गए। अब आपकी भाभी को आपसे मजाक करने का भी अधिकार नहीं है क्या ? “
इनडाइरेक्टली वो अमन को कई तरह के इशारे भी करती और उसे अपने झूठे प्रेम जाल में फंसाने की कोशिश भी करती। क्योंकि उसे पता था कि अमन बहुत ही अमीर है और वो उसकी सारी ख्वाहिशों को पूरा कर सकता है। 
लेकिन अमन अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था इसीलिए वो कामिनी की इन हरकतों का कोई जवाब नहीं देता था। 
एक दिन की बात है… कामिनी अमन और सुप्रिया से मिलने उनके घर आयी। 
सुप्रिया,” अरे ! आइए आइए भाभी, हम आपकी ही बातें कर रहे थे। “
कामिनी,” मेरी बात…। “
सुप्रिया,” अरे ! ये अमन तो हमेशा आपकी बात करते रहते हैं। “
कामिनी,” अच्छा क्या कहते हैं अमन ? “
सुप्रिया,” यही कि आप बहुत अच्छी है। कितनी मजेदार बातें करती है ? आपके जैसी पड़ोसी मिलना तो आज कल के समय में बहुत ही मुश्किल है। “
सुप्रिया के से मुँह से अपने लिए अच्छी अच्छी बातें सुनकर कामिनी मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और उसे लग रहा था कि एक ना एक दिन तीर निशाने पर लग ही जाएगा। 
स बीच सुप्रिया के भाई की शादी तय हो गयी। उसके मायके वाले उसे बार बार बुला रहे थे। इसलिए सुप्रिया को शादी के 20 दिन पहले ही जाना पड़ा। 

अमन को इतनी लंबी छुट्टी नहीं मिलती इसलिए उसने शादी के कुछ ही दिन पहले जाने का तय किया था। इधर कामिनी को जब पता लगा कि सुप्रिया 20 दिनों के लिए अपने मायके जा रही है तो उसने मन ही मन एक प्लैन बनाया। 
कामिनी (मन में),” यही सही मौका है अमन को फंसाने का। आलोक भी बाहर है और सुप्रिया भी अपने मायके गई हुई है। “
सुप्रिया को मायके गए हुए अभी दो ही दिन हुए थे। रात को 9 बजे कामिनी ने अमन के घर का दरवाजा खटखटाया। अमन ने ज़रा देर से दरवाजा खोला।
कामिनी,” क्या बात है अमन, बहुत देर कर दी दरवाजा खोलने में ? “
अमन,” अरे भाभी ! वो किचन में रोटियां बना रहा था। आपको तो पता है ना मुझे बाहर का खाना बिल्कुल पसंद नहीं है ? “
कामिनी,” अरे ! तो मुझे कह दिया होता, मैं बना देती। लगता है आप मुझे पराया समझते हैं ? “
अमन ,” अरे ! नहीं नहीं भाभी, ऐसी बात नहीं है। मुझे खाना बनाना अच्छा लगता है। “
कामिनी,” लेकिन मुझे ये अच्छा नहीं लगता कि मेरे रहते हुए आप किचन में खाना बनाएं। “
कामिनी भले ही अपने घर में कम ही खाना बनाती थी लेकिन यहाँ तो उसका मकसद कुछ और था। वो किचन में गई और उसके लिए फटाफट खाना बनाने लगी। 
उसने ना सिर्फ खाना बनाया बल्कि अमन को खिलाया भी। अब तो कामिनी सुबह शाम उसके घर आती और उसका खाना बनाती। अमन को कामिनी का ये स्वभाव बहुत अच्छा लगा। 
एक दिन…
अमन,” कामिनी भाभी, मैं आपको क्या कहूं ? सच में आप मेरी बहुत मदद कर रही हैं, नहीं तो खाना बनाना और ऑफिस भी संभालना सच में बहुत मुश्किल काम है। “

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एक दिन की बात है… कामिनी सुबह सुबह अमन के घर आयी। अमन को लगा कि हर दिन की तरह वो खाना बनाने आई होगी। लेकिन हर दिन वो 8 बजे के बाद आती थी। लेकिन आज तो 7 ही बज रहे थे। 
कामिनी,” अरे अमन ! वो क्या है ना कि आज मेरा शॉवर खराब हो गया है। बुरा ना मानो तो मैं आज तुम्हारे बाथरूम में नहा लूं ? “
अमन ने हांमी भर दी। इधर कामिनी तो किसी और फिराक में थी। उसने अमन के बाथरूम में कैमरा छुपाया और उसमें ऑटोमैटिक क्लिक बटन ऑन कर दिया। 
थोड़ी देर बाद वह ज़ोर से चिल्लाई। अमन डर गया कि आखिर क्या हो गया ? वो भागा भागा बाथरूम के पास गया। उसे देखकर कामिनी अचानक से उससे लिपट गयी और उसे ज़ोर से पकड़ लिया। 
अमन को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है ? इधर कैमरा अपना काम कर रहा था। 
कामिनी बहुत देर तक जब उससे लिपटी रही तो अमन को भी अब अच्छा लगने लगा था। लेकिन अचानक अमन को लगा कि उससे गलती हो रही है। इसलिए उसने उसे झटके से हटाया। 
कामिनी,” ओह ! सॉरी अमन। वो क्या है ना कि नहाते नहाते अचानक से पता नहीं कहाँ से दो दो छिपकली बाथरूम में निकल आयी ? उसे देखकर ही मैं डर गई और ज़ोर से चिल्ला पड़ी। “
अमन अब भी कामिनी से अपनी नजरें नहीं मिला पा रहा था। इधर कामिनी अपने प्लैन में कामयाब हो गई थी। 
अमन के साथ उसकी सारी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई थी, जिसमें उन दोनों ने एक दूसरे को गले से लगा रखा था। 
अगले दिन वो सारी तस्वीरें अमन को लिफाफे में अपने घर के बाहर पड़ी मिली। उन तस्वीरों को देखकर उसका दिमाग झन्ना गया। तभी कामिनी वहाँ गयी। उसके हाथ में भी एक लिफाफा था। 
कामिनी,” अमन, ये देखो। किसी ने कल हमारी तस्वीरें खींच ली है। वो मुझे ब्लैकमेल कर रहा है और कह रहा है कि अगर मैं‌ 1 लाख रुपए उसे नहीं दूंगी तो वह यह तस्वीरें मेरे पति को दिखा देगा। 
अमन देखो, मैं एक सीधी शादी भारतीय नारी हूँ। मुझे नहीं पता कल किसने ये हरकत की है ? “
अमन को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने 1 लाख रुपए कामिनी को दे दिए। हालांकि उसे कामिनी पर रत्ती भर भी शक नहीं था। 
लेकिन कामिनी ने एक बार फिर से उससे 5 लाख रुपए मांगे तो उसका दिमाग ठनका। फिर भी उसे ज्यादा शक नहीं हुआ। 
उसने 5 लाख रुपए भी उसे दे दिए। लेकिन जब अमन सुप्रिया के पास जाने की तैयारी कर रहा था तो कामिनी ने फिर से उसे 2 लाख रुपए मांगे। इस बार अमन को लगा कि दाल में जरूर कुछ काला है। 
हालांकि गलती उससे भी तो हुई थी। अमन ने बहुत सोचा और उसने सुप्रिया से माफी मांगते हुए उसे सारी बातें बता दीं।
सुप्रिया उसी समय अपने मायके से अमन के पास लौट आई। उस दिन कामिनी जब शाम को 2 लाख रुपए लेने आई तो उसने सुप्रिया को देखा। सुप्रिया को देखकर उसका चेहरा उतर गया। 
कामिनी,” अरे ! तुम तुम कब आई सुप्रिया ? “
सुप्रिया ,” जी, अभी आई हूँ भाभी। “
उसके बाद सुप्रिया ने अमन और कामिनी की सारी तस्वीरें उसे दिखाई और कहा। 
सुप्रिया,” भाभी, आपने मुझे बताया क्यों नहीं कि कोई आपको इन तस्वीरों के लिए ब्लैकमेल कर रहा है ? मैं अभी इन तस्वीरों को लेकर पुलिस स्टेशन जा रही हूँ। “
पुलिस का नाम सुनते ही कामिनी के होश उड़ गए। उसे अपनी पोल खुलने का डर सताने लगा। उसने पुलिस स्टेशन ना जाने की बात उनसे कही लेकिन सुप्रिया अड़ी रही। 
आखिरकार कामिनी टूट गई और रोते रोते उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। 
सुप्रिया,” मुझे शर्म आती है आप जैसी औरतों पर, जो अपने मतलब के लिए दूसरे मर्दों को फंसाती हैं। अरे ! आलोक भैया मैं क्या कमी है ? 

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वो बेचारे तो आपको हर खुशी देने की कोशिश करते हैं। लेकिन पता नहीं आपको ऐसा क्या चाहिए जो आपका लालच खत्म ही नहीं होता ? “
कामिनी को अपनी गलती का अहसास हो गया था। उसने उन दोनों से माफी मांग ली। 
लेकिन अमन और सुप्रिया ने कुछ दिनों बाद अपना फ्लैट खाली कर दिया और वो कहीं और रहने चले गए।

आज की ये ख़ास और मज़ेदार कहानी आपको कैसी लगी ? नीचे Coment में जरूर बताएं।

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