हेलो दोस्तों ! कहानी की इस नई Series में हम लेकर आए हैं आपके लिए एक और नई कहानी। आज की कहानी का नाम है – ” कितनी मोहब्बत है “। यह इस कहानी का (भाग -1) है। यह एक True Love Story है। अगर आप भी Love Story, Romantic Story या Hindi Love Story पढ़ना पसंद करते हैं तो कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Kitni Mohabbat Hai | Love Story | Pyar Ki Kahani | Real Love Story | Heart Touching Love Story
भोपाल के मालवीय नगर में घर के बाहर भीड़ लगी हुई थी। सावित्री देवी का आज सुबह सुबह ही निधन हो चुका था।
परिवार के नाम पर उनकी एक मात्र बेटी, मीरा राजपूत थी। सावित्री पिछले कई सालों से गंभीर बिमारी से जूझ रही थी और आज उन्होंने अपनी आखिरी सांसें लेते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया।
मीरा की उम्र 21 वर्ष थी। वो कॉलेज के अंतिम वर्ष में थी। सावित्री का निर्जीव शरीर उसकी आँखों के सामने सफेद चादर से ढका हुआ पड़ा था।
मीरा की आँखों से आंसू बहते जा रहे थे। पास बैठी औरतें उसे सांत्वना दे रही थी।
लेकिन माँ को खो देने का दुख सिर्फ मीरा ही जान सकती थी। अपना कहने के लिए एक वही तो थी।
इस दुनिया में सावित्री ने मीरा को उसकी पढ़ाई के लिए इंदौर भेज दिया था, जिसकी खास वजह सिर्फ सावित्री ही जानती थी।
इंदौर में मीरा नेशनल कॉलेज में पढ़ती थी और उसी कॉलेज के एक हॉस्टल में रहती थी।
मीरा बहुत ही कम बोलने वाली लड़की है। वो अपना अधिकतर समय किताबों में ही बिताया करती थी। कॉलेज में उसकी एक मात्र दोस्त थी निधि व्यास, जोकि इंदौर में रहती थी अपने परिवार के साथ।
निधि और मीरा दोनों बहुत अच्छी दोस्त थीं। कॉलेज के 2 साल दोनों ने साथ साथ ही पूरे किए थे। लेकिन निधि मीरा को बहुत कम जान पाई थी।
वजह थी मीरा का अंत मुर्गी होना या शायद हालातों ने उसे उम्र से पहले ही परिपक्व बना दिया। मीरा इस बार बिना निधि को बताए भोपाल आ गई थी।
सावित्री के अंतिम संस्कार की तैयारी हो चुकी थी। जब उनके पार्थिव शरीर को ले जाया जाने लगा तो मीरा ज़ोर ज़ोर से रो पड़ी।
औरतों ने उसे संभाला, लेकिन कोई उसे रोक नहीं पाया। वो दौड़कर बाहर आई और कहने लगी।
मीरा,” हम भी साथ जाएंगे। “
औरत,” बिटिया, औरत श्मशान में नहीं जाती हैं। “
मीरा,” हमें कुछ नहीं सुनना, हम भी साथ जाएंगे। “
विश्वनाथ,” चलने दीजिए काका, अग्नि के लिए किसी अपने का होना भी जरूरी है और आजकल क्या लड़का, क्या लड़की..? चलने दीजिए। “
सभी वहाँ से सावित्री का पार्थिव शरीर लेकर निकले। आँखों में आंसू भरे, हाथ में अग्नि का पात्र पकड़े मीरा चले जा रही थी।
उसके बेजान पैरों में जैसे हिम्मत ही नहीं थी। माँ के साथ उसने बहुत कम वक्त गुज़ारा था।
ना जाने वो कौन सी वजह थी जिससे माँ ने उसे हमेशा खुद से दूर रखा ? सोचते हुए और बीती बातों को याद करते हुए शमशान आ चुका था।
सावित्री का अंतिम संस्कार किया गया। इकलौती वारिस होने के कारण उसी ने मुखाग्नि भी दी।
उन पलों में मीरा को संभालना बहुत मुश्किल हो रहा था। वहाँ मौजूद सभी की पलकें नम हो गईं। एक महीने बाद मीरा इंदौर आई।
उसने कपड़े बदले, अपनी बुक्स उठायीं और कॉलेज आ गई। कॉलेज आकर उसने प्रिंसिपल से बात की और उन्हें अपनी माँ के देहांत के बारे में बताया।
चूंकि मीरा कॉलेज में सबसे होनहार स्टूडेंट थी, इसीलिए प्रिंसिपल ने उसकी एक महीने की लीव को मान लिया। मीरा प्रिन्सिपल का शुक्रिया अदा करके बाहर आ गई।
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क्लास शुरू होने में अभी वक्त था इसीलिए वो आकर बेंच पर बैठ गई और उदास आँखों से जमीन को निहारने लगी। तभी जानी पहचानी आवाज उसके कानो में पड़ी।
निधि,” ओह मैडम जी ! कहां थी इतने दिन ? ना फ़ोन, ना मैसेज आखिर चल क्या रहा है तुम्हारे दिमाग में ? “
मीरा आवाज की दिशा में पलटी तो सामने निधि खड़ी थी। मीरा ने कोई जवाब नहीं दिया तो निधि उसके पास बैठ गई और प्यार से कहा।
निधि ,” क्या हुआ मीरा, सब ठीक तो है ना ? “
निधि की बात सुनकर मीरा की आँखें दबदबा गई। उसने नीचे जमीन की ओर देखा और कहा।
मीरा,” माँ नहीं रही। “
निधि,” क्या..? ये कब हुआ और तुमने मुझे बताया क्यों नहीं ? “
मीरा,” क्या बताती निधि, मैं खुद भी नहीं जानती थी कि माँ किस दर्द से गुजर रही है। मैं कुछ जान ना पाऊं इसीलिए उन्होंने हमेशा मुझे खुद से दूर रखा और देखो वो हमेशा हमेशा के लिए मुझसे दूर चली गईं। “
कहते कहते मीरा की आँखों में आंसू भर आए। निधि ने मीरा का हाथ अपने हाथ में लिया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा।
निधि ,” तुम अकेली नहीं हो मीरा, मैं हूँ ना तुम्हारे साथ। दोबारा ऐसी बात मत कहना। “
मीरा ने निधि को गले लगा लिया। निधि उसे हिम्मत बंधाती रही। क्लास का वक्त हुआ तो दोनों उठ कर क्लास की ओर चली गईं।
मीरा को अपना ख्याल रखने का बोलकर निधि घर चली गई, लेकिन आज उसका मन बहुत उदास था।
वो बस मीरा के बारे में ही सोचती रही। अगली सुबह हॉस्टल वालों ने मीरा से कमरा खाली करने को कहा।
पिछले एक महीने से उसके कमरे का किराया नहीं आया था। मीरा ने कुछ दिन की परमिशन मांगी, लेकिन वार्डन ने साफ शब्दों में उसे कमरा खाली करने को कह दिया।
किसी ने उसकी मदद नहीं की। मीरा ने अपना सामान समेटा और बैग में जमाने लगी।
उसके पास जो पैसे थे वो तो माँ के अंतिम संस्कार और उसके बाद के कामो में खर्च हो गए थे। अंजान शहर में आखिर मदद भी ले तो किसकी ?
मीरा बहुत ही स्वाभिमानी लड़की थी और इसीलिए उसने अपनी ये परेशानी निधि को नहीं बताई। भोपाल वापस जाने के अलावा मीरा के पास अब और कोई रास्ता नहीं था।
अपना बैग लेकर वो हॉस्टल से निकल गई। निधि जब कॉलेज आई तो क्लास में मीरा को ना देखकर उसने अपने साथ बैठी रागिनी से पूछा, जोकि उसी हॉस्टल में रहती है।
निधि,” मीरा कहा है ? वो कॉलेज क्यों नहीं आई ? “
रागिनी,” अरे ! तुझे नहीं पता क्या, आज बार्डन मैडम ने उसे हॉस्टल से निकाल दिया ? “
निधि,” व्हाट..? पर क्यों ? “
रागिनी,” क्योंकि उसने हॉस्टल के रूम का किराया नहीं दिया था। अब मुझे डिस्टर्ब मत करो, पढ़ने दो। “
रागिनी ने कहा और बुक्स में नजरें गढ़ा लीं।
निधि,” इतना सब हो गया और मीरा ने मुझे बताया तक नहीं। ये लड़की भी ना… इसे समझना सच में बहुत मुश्किल है। पता नहीं इस वक्त वो कहां होगी ? मुझे जाना होगा। “
निधि ने अपना बैग और बुक्स उठाए और क्लास के बाहर निकल गई। कॉलेज से सीधा वो हॉस्टल आई और मीरा की रूममेट से पूछा।
रूममेट ने बताया कि मीरा वापस अपने घर जाने की बात कर रही थी। निधि वहाँ से निकली और तुरंत रेलवे स्टेशन आई। ट्रेन जा चुकी थी।
निधि हताश हो गई। उसने उदास नजरों से ट्रैन को जाते हुए देखा और जैसे ही वापस जाने को मुड़ी, उसकी नजर बेंच पर बैठी मीरा पर गई।
निधि खुशी से दौड़कर उसके पास आई। लेकिन अगले ही पल उसकी खुशी गुस्से में बदल गई और उसने कहा।
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निधि,” समझती क्या हो अपने आप को ? और ये इस तरह मुँह छुपाकर कहां जा रही हो ? “
मीरा ,” मुँह छुपा कर नहीं जा रहे, बता कर आए थे रागिनी को। “
निधि,” और तुम्हें लगता है मैं तुम्हें ऐसे जाने दूंगी ? “
मीरा,” पर अब यहाँ करेंगे भी क्या ? वार्डन ने भी हमें हॉस्टल से निकाल दिया है। “
निधि,” वार्डन की तो मैं… तुम ये बताओ, तुमने मुझे क्यों नहीं बताया ? “
निधि के इस सवाल पर मीरा खामोश हो गई। निधि उसके बगल में बैठी और कहने लगी।
निधि,” मीरा तुम सिर्फ कहने के लिए मेरी दोस्त नहीं हो। कॉलेज में बहुत सी लड़कियां हैं लेकिन मैंने तुम्हें अपना दोस्त चुना, जानती हो क्यों ?
क्योंकि तुम बहुत अच्छी हो और समझदार भी हो। तुम बहुत स्ट्रांग लड़की हो मीरा, फिर ऐसे कैसे जा सकती हो ?
आंटी का सपना कैसे भूल सकती हो ? पढ़ना है, एक बड़ी अधिकारी बनना है। ये कैसे भूल गई तुम ? “
मीरा,” निधि, हम कुछ नहीं भूले हैं। सब याद है हमें। पर इस शहर से हमने एक बात सीखी है कि अगर जीना है तो पैसे जरूरी हैं और वो हमारे पास नहीं है। घर जाएंगे तो वहाँ रहने के लिए कम से कम अपना घर तो है। “
निधि ,” हो गईं तुम्हारी आदर्श वाली बातें तो चलें ? निधि ने उठते हुए कहा।
मीरा,” कहां ? “
निधि,” कोई सवाल नहीं, उठो और चलो। “
कहकर निधि ने एक बैग खुद उठाया और दूसरा मीरा को थमा दिया। दोनों बाहर आईं। निधि ने पार्किंग से अपनी स्कूटी निकाली और मीरा को साथ लेकर चल पड़ी।
निधि के पीछे बैठी मीरा के मन में सैकड़ों सवाल उथल पुथल मचाए हुए थे। मीरा जब भी इस शहर से जाने के बारे में सोचती, ये शहर उसे वापस अपनी ओर खींच लाता।
सवाल बहुत थे लेकिन जवाब नहीं। निधि उसे कहाँ लेकर जा रही है, इस बात का भी उसे अंदाजा नहीं था।
स्कूटी सड़क पर दौड़ाते हुए निधि ने अचानक से ब्रेक लगाए और गाड़ी को यूटर्न घुमाया।
मीरा,” क्या हुआ… इधर कहां जा रही हो ? “
निधि,” हॉस्टल। “
मीरा,” लेकिन क्यों ? “
निधि,” तू चल तो… बताती हूँ। “
कह कर निधि ने स्पीड बढ़ाई और कुछ वक्त बाद दोनों हॉस्टल के सामने थे। निधि ने स्कूटी साइड में लगाई।
उसने मीरा का हाथ पकड़ा और उसे लेकर अन्दर चली आई। वार्डन सामने ही खड़ी मिल गई।
निधि उसके सामने आई। उसने अपने जेब से कुछ रुपए निकाले और वार्डन के हाथ में थमाते हुए कहा।
निधि ,” ये रखो अपने पैसे और आज के बाद किसी लड़की को इस तरह से हॉस्टल से मत निकालना। “
वार्डन,” वक्त पर किराया देंगे तो कोई क्यों निकालेगा ? पर ये लड़कियां घर वालों के पैसे तो ऐश में उड़ा देती है और फिर किराये के नाम पर रोने बैठ जाती है। “
निधि,” चुड़ैल… तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी दोस्त के लिए ऐसा बोलने की ? मैं तेरा मुँह नोच लूंगी। “
निधि वार्डन से झगड़ना ही वाली थी लेकिन मीरा ने उसे रोक लिया और कहा।
मीरा,” निधि, ये क्या कर रही हो ? छोड़ो उन्हें। “
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निधि,” मैं मुँह तोड़ दूंगी इसका। इस हॉस्टल की लड़कियां चाहे जो करती हों, तुम ऐसी नहीं हो। “
निधि ने गुस्से से मीरा से कहा।
निधि,” तुम प्लीज़ यहाँ से चलो, प्लीज़। “
इस मुसीबत और अकेलेपन भरे समय में निधि ने कैसे मीरा का साथ दिया, यह सब जानने के लिए कहानी का अगला भाग जरूर पढें। साथ ही इस कहानी का सबसे अच्छा मूमेंट Comment में बताएं।