चतुर दूधवाला | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Stories

व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

टेलीग्राम ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” चतुर दूधवाला ” यह एक Gaon Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahaniya, Moral Story in Hindi या Best Stories in Hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
चतुर दूधवाला | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Stories

Chatur Doodhwala | Hindi Kahaniya| Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Stories

 चतुर दूधवाला 

बांकीपुर नाम के गांव में रघुराम नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह गांव में दूध बेचा करता था। उसी गांव में रघुराम का भाई ललित भी रहता था। ललित भी गांव में दूध बेचने का ही काम करता था। 
ललित स्वभाव से कॉफी हंसमुख और ईमानदार था। वह हमेशा अपने काम में मस्त रहता था और अपने परिवार के साथ खुशी से रहता था।
यह देखकर रघुराम जलता था और हमेशा उसे पीछे खींचने की कोशिश करता रहता था। रघुराम कहता है,” आखिर पिताजी ने ललित को गाय क्यों दी ? 
अगर ललित के पास गाय नहीं होती तो गांव में केवल मैं ही दूध बेचने वाला होता और काफी मुनाफा कमा पाता। लेकिन इस ललित की वजह से तो सब चौपट हो गया। “
हर रोज ललित गांव में दूध बेचकर अपने घर वापस हंसते हुए जाता और अपने बच्चे और पत्नी के साथ खुशी-खुशी समय व्यतीत करता। हर रोज का यह काम रघुराम को तंग कर रहा था।
एक दिन रघुराम दूध बेचकर अपने घर वापस लौटा तो उसकी पत्नी ने उससे कहा,” सुनो जी ! मुझे आपसे कुछ कहना है। “
रघुराम,” हां ! बोलो, अब तुम्हें क्या कहना है ? “
पत्नी,” सुनो… तुम इस तरह अकड़कर मुझसे बात मत किया करो। मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता। “
रघुराम,” अच्छा… तो अब मेरी बातें तुम्हें उल्टा लगती है। “
पत्नी,” चलो छोड़ो, मैं सीधा मुद्दे पर आती हूं। हमारे बच्चे अब बड़े हो रहे हैं और दिन-ब-दिन हमारे खर्चे भी बढ़ रहे हैं। लेकिन दूध बेचकर आने वाली आमदनी में बिल्कुल भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमें आने वाले दिनों में अपनी आमदनी से कुछ भी हासिल नहीं हो पाएगा। “
रघुराम,” अब तुम कहना क्या चाहती हो ? “
पत्नी,” मैं यह कह रही थी कि इस दूध बेचने के साथ-साथ क्यों ना खेती-बाड़ी भी कर लिया करो। कम से कम आमदनी बढ़ेगी तो आने वाले खर्चों से भी हम निपट पाएंगे। “
रघुराम,” नहीं-नहीं… इतनी कड़ी धूप में मुझसे खेती-बाड़ी नहीं हो पाएगी। “
पत्नी,” अरे ! क्यों नहीं हो पाएगी ? ललित भैया को देखो कितनी मेहनत करते हैं और अपने परिवार की हर जरूरत को पूरा करते हैं। “
रघुराम,” अच्छा बस यही सुनना बाकी रह गया था। अब तुम भी ललित के गुणगान किया करो। अगर ललित इतना ही अच्छा है तो तुम भी उसी के पास चली जाओ। “
पत्नी,” अरे ! नहीं नहीं… मेरा कहने का वो  मतलब नहीं था। रुको, मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूं। “
यह कहकर रघुराम की पत्नी अंदर चली जाती है। रघुराम कहता है,” आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही होगा। लेकिन खेती तो मैं नहीं कर सकता। मुझे इसके अलावा कुछ और करना होगा जिससे मैं ज्यादा पैसे कमा सकूं। “
वह कुछ समय ऐसे ही सोच विचार करता रहा। कुछ समय बाद उसने कहा,” क्यों ना मैं घर-घर दूध देते जाते हुए हैं उनके घर से कुछ न कुछ सामान चुरा लूं ? इससे थोड़े बहुत पैसे आते रहेंग और आमदनी भी बढ़ जाएगी। “

ये भी पढ़ें :-

Chatur Doodhwala | Hindi Kahaniya| Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Stories

अगले दिन से रघुराम जब भी किसी के घर दूध देने जाता तो उनके घर से कभी बर्तन, कभी खिलौने और घर की छोटी-छोटी चीजें चुरा लेता और उन्हें बाजार जा कर बेच आता था।
1 दिन रघुराम घर पर अकेला बैठा हुआ था। उसने कहा,” इन छोटी-छोटी चीजों से भी मेरा गुजारा नहीं हो पा रहा है। इन चीजों से तो मात्र 100 – 200 ही मिल पाते हैं। मुझे कुछ बड़ा सोचना होगा। “
अगले दिन वह ललित का पीछा करता है। ललित एक घर पर दूध देने के लिए जा रहा था। ललित उस घर के मालिक को दूध देता है। मालिक दूध लेकर कहता है,” देखो भैया… जाने कब से हम आपसे दूध ले रहे हैं ? 
कभी भी आपके दूध से कोई शिकायत नहीं मिली। यहां तक कि बच्चे भी आपके दूध को काफी पसंद करते हैं। एक काम करना कल के लिए 2 किलो दूध हमारे लिए बचा कर रख लेना। “
ललित कहता है,” जी साहब ! हमारी दूध में कभी भी कोई मिलावट जैसी कोई शिकायत नहीं आएगी। आप निश्चिंत रहिए। “
यह कहकर ललित अपनी साइकिल उठाकर घर की ओर जाने लगता है। तभी रास्ते में रघुराम खड़ा हुआ मिलता है।
ललित रघुराम से कहता है,” क्यों भाई ? तुम भी दूध देकर ही आ रहे हो क्या ? “
रघुराम,” हां। “
ललित,” अच्छा है। चलो तो फिर साथ-साथ में घर चलते हैं। “
वह दोनों पूरे रास्ते में बातचीत करते हुए अपने अपने घर चले जाते हैं।
अब घर पर जाकर रघुराम सोचता है कि अगर ललित का दूध बेचना बंद कर दिया जाए तो ललित के सभी ग्राहक मुझ पर आ जाएंगे और इससे मेरा दूध बेचने का काम तो गुना हो जाएगा और मैं दोगुना पैसे कमा पाऊंगा।
अगली सुबह रघुराम जल्दी उठता है। गाय का दूध दोहता है और दूध की बाल्टी लेकर ललित के घर पर जाकर छिप जाता है। जैसे ही ललित अपनी गाय दोह कर दूध की बाल्टी को घर में ले जाता है, पीछे-पीछे रघुराम भी घर में घुस जाता है। 
और ललित की दूध की बाल्टी को अपनी बाल्टी में पलट लेता है। वह आधे दूध को ही अपनी बाल्टी में पलट लेता है और बाकी बचे हुए दूध में पानी मिलाकर पहले मौजूद दूध के बराबर कर देता है।
और दबे पांव अपने घर लौट आता है। उस दिन फिर दोनों अपने अपने काम पर निकल जाते हैं और शाम को रघुराम ललित को दूध देते हुए देखता है। रघुराम सोचता है कि आज ग्राहक ललित को खूब उल्टा सीधा कहेंगे और उससे दूध लेना बंद कर देंगे। 
लेकिन इसका उल्टा होता है, सालों अच्छा दूध देने के भरोसे के कारण कोई भी ग्राहक उससे दूध के बारे में शिकायत नहीं करता है। यह देखकर रघुराम हैरान रह जाता है और अपने शैतान दिमाग से अगली तरकीब सोचने लगता है।
अगली सुबह फिर रघुराम जल्दी उठता और ललित के घर पहुंच जाता है। इस बार वह ललित के दूध में जहर मिला देता है और वहां से भाग जाता है।

Chatur Doodhwala | Hindi Kahaniya| Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Stories

आज जब ललित अपने ग्राहकों को दूध देकर लौटता है तो दूध पीने वाले सभी लोग मर जाते हैं और कुछ लोग अस्पताल में बेहोशी की हालत में पड़े होते हैं।
गांव के लोग बहुत गुस्से में होते हैं और वह सीधा ललित के घर आकर पत्थरों की बारिश करने लगते हैं। ऐसा होते देख ललित घर से बाहर आता है तो दो-चार पत्थर उसके सर पर भी लग जाते हैं। 
उनमें से एक व्यक्ति ललित को कहता है,” क्यों ललित… वर्षों से हमने तुझ पर भरोसा किया और आज तेरे दिए हुए दूध से हमारी बच्चे और परिवार वाले मौत की नींद सो गए हैं। हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। “
ललित को यह सब क्या हो रहा है, कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी वहां पुलिस आती है और ललित को गिरफ्तार करके जाने लगती है। 
उसी वक्त ललित की पत्नी आती है और सिपाहियों से विनती करते हुए कहती है,” इन्हें छोड़ दीजिए। इनका कोई कसूर नहीं है। जरूर आपको गलतफहमी हुई होगी। “
लेकिन पुलिस उनकी बात को नहीं सुनती। पुलिस ललित को ले जाकर जेल में डाल देती  है।
ललित की पत्नी जब रोते हुए अपने आसपास नजर फैलाती है तो उसकी नजर रघुराम पर पड़ती है। वह देखती है कि रघुराम मुस्कुरा रहा है। वह सोचती है कि इनका भाई तो जेल मैं है और यह इस तरह मुस्कुरा रहे हैं। जरूर कोई बात है। मुझे पता लगाना ही होगा।
अगले दिन रघुराम हंस रहा है, सभी से अच्छी तरह बात कर रहा; क्योंकि आज गांव में केवल वही अकेला है जो सभी लोगों को दूध बेचता है। उसका दूध बेचने का काम भी बढ़ गया है और आमदनी भी। 
आज जब वह घर लौटता है तो वह अपनी पत्नी से कहता है,” भाग्यवान ! देखा मेरा कमाल। अब मैं खूब पैसे कमाने लगा हूं। “
यह सुनकर उसकी पत्नी कहती है,” हां जी ! अब तो आपकी आमदनी काफी बढ़ गई है। “
पत्नी,” क्यों ना… इस खुशी के मौके पर मैं मायके हुआ हूं ? “
रघुराम आज बहुत खुश था इसलिए उसने कहा,” हां – हां जहां चाहो वहां घूम आओ। और यह लो कुछ पैसे, कुछ भी पसंद आए तो खरीद लेना। “
रघुराम की पत्नी खुश होते हुए अपने मायके जाने की तैयारी करती है। लेकिन उससे पहले रघुराम की पत्नी ललित की पत्नी के पास जाती है और कहती है,” दीदी ! आज मैं अपने मायके जा रही हूं। 
क्या तुम रात का खाना मेरे पति के लिए भिजवा दोगी ? सुबह का खाना पड़ोस वाली दीदी दे दिया करेंगी। ललित की पत्नी ‘हां’ में जवाब दे देती है।
अगली रात ललित की पत्नी रघुराम के लिए खाना लेकर जाती है। लेकिन रघुराम उस समय शराब पी रहा होता है। उसने काफी शराब पी ली थी जिसकी वजह से वह नशे की हालत में था। 
ललित की पत्नी को देखते ही रघुराम कहता है,” भाभी जी ! आप..? “
ललित की पत्नी,” हां… वो दीदी ने कहा था कि रात का भोजन आपके लिए भिजवा दिया करूं, तो खाना लेकर आई हूं। “
ललित की पत्नी खाना रखकर जाने लगती है लेकिन तभी रघुराम हंसते हुए कहता है,” भाभी जी ! आप काफी उदास लग रही हैं। आपको पता है मैंने ही आपके पति को जेल भिजवाया है ? “
ललित की पत्नी,” आपने… लेकिन क्यों और कैसे ? “
रघुराम,” अरे ! जिस दूध को पीकर गांव के कई लोग मर गए और कुछ लोग तो हॉस्पिटल में भी बेहोश थे, उस दूध में मैंने ही तो जहर मिलाया था। “
लेकिन कुछ भी हो भाभी जी… ललित जब भी घर लौटकर आए तो उससे एक बात जरुर कहना कि उसकी गैर मौजूदगी में मैंने उसे बहुत याद किया था। यह कहकर रघुराम हंसने लगता है।
ऐसी बातें सुनकर ललित की पत्नी काफी गुस्सा होती है और वह अपने घर आने लगती है। लेकिन तभी वह रघुराम के घर के कोने में एक जहर की सीसी डली हुई देखती है। 
वह समझ जाती है कि यह वही सीसी है जिससे इन्होंने दूध में जहर मिलाया था। फिर वह उसी दुकान पर जाती है जहां जहर बेचा जाता था। वहां जाकर ललित की पत्नी पूछती है कि कल किस-किस ने जहर खरीदा था। 

Chatur Doodhwala | Hindi Kahaniya| Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Stories

दुकानदार सभी लोगों का नाम और पता अपने रजिस्टर में दिखाता है। यह देखकर ललित की पत्नी हैरान रह जाती है; क्योंकि रजिस्टर में रघुराम का भी नाम था।
इसके बाद ललित की पत्नी सीधा गांव के सरपंच के पास जाती है और उसे यह सारी घटना बताती है। वह कहती है,” सरपंच जी ! मेरे पति बेकसूर हैं। उन्हें फसाया गया है। “
सरपंच कहते हैं,” फंसाया गया है… लेकिन किसने ? “
इस पर ललित की पत्नी कहती है,” वह सब तो मैं बाद में बताऊंगी। पहले गांव के लोगों को इकट्ठा करो।
कुछ ही देर में गांव के सभी लोग सरपंच के पास इकट्ठा हो जाते हैं। तभी ललित की पत्नी कहती है,” मेरे पति को किसी और ने नहीं बल्कि उनके अपने भाई, रघुराम जी ने फंसाया है। ” 
यह सुनकर सभी लोग हैरान रह जाते हैं और कहते हैं,” यह तुम क्या बोल रही हो ?
ललित की पत्नी अपने बात को और मजबूत करते हुए कहती है,” अगर आपको यकीन नहीं होता तो आप इन भाई साहब से पूछ पूछ लीजिए। “
तभी वह दुकानदार सामने आता है जिससे रघुराम ने जहर खरीदा था। वह दुकानदार से कहता है,” हां भाई साहब ! कल रघुराम जी ने मुझसे जहर लिया था। “
अब रघुराम के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। वह अपने बचने का उपाय खोजने लगता है। लेकिन उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है।
अब वह अपने ही जाल में फंस चुका था। सरपंच रघुराम को सजा देते हैं और गांव से बाहर कर देते हैं। उसके बाद ललित की पत्नी सरपंच जी के साथ पुलिस स्टेशन जाकर ललित को छुड़वा लेती है और उसके बाद ललित अपने परिवार के साथ खुशी खुशी जीवन जीता है।
इस कहानी से आपने क्या सीखा ? नीचे Comment में हमें जरूर बताएं।

Leave a Comment