डरावनी वेबसीरीज : (भाग -4) – Horror Story in Hindi | Best Horror Story in Hindi

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है ” डरावनी वेबसीरीज “। यह एक Horror Story है। कहानी को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं….

डरावनी वेबसीरीज : (भाग -4) - Horror Story in Hindi | Best Horror Story in Hindi

Horror Story in Hindi | Daravani Kahaniyan | Best Horror Story

 डरावनी वेबसीरीज : (भाग -4) 


एक बोना भूत गांव के पास जंगल में रहता था। वह बच्चों को कुछ नहीं करता क्योंकि बच्चों को वह अपनी तरह बौना समझता। लेकिन कोई पुरुष या महिला उसके चंगुल में आ जाए तो उन्हें जिंदा नहीं छोड़ता। 
1 दिन गांव का मोहन (किसान) शहर किसी काम से गया। लौटते वक्त रात हो गई। वह घबरा गया था कि इतनी देर हो गई अब रास्ते में भूत का ठिकाना है। उस रास्ते नहीं गया तो घर भी पहुंचना मुश्किल होगा। 
फिर मजबूरी में चल ही दिया, घर की तरफ। वह आधे रास्ते ही पहुंच पाया होगा कि सामने बरगद के पेड़ पर उल्टा लटका हुआ बौना भूत नजर आया।
ए मोहन ! इतनी रात तू मेरे रास्ते में कहां से आ रहा है। मोहन ने डरते हुए उसे देर होने का कारण बताया। बौना भूत बोला – ठीक है। अब मरने को तैयार होजा। इसी पेड़ पर उल्टा लटका दूंगा, तेरी लाश को। 
नहीं भूत भैया मुझसे गलती हुई, अब दोबारा कभी ऐसा नहीं करूंगा। मेरे बाबा बीमार हैं। उनकी दवा लाने के लिए पैसों का इंतजाम करने गया था। इसलिए आने में देर हो गई। 
बौना भूत बोला – ठीक है। मैं एक शर्त पर तुझे छोड़ देता हूं। तुझे कल यहां मेरे पास मुखिया के बेटे को को लाना होगा… बस। 

Horror Story in Hindi | Daravani Kahaniyan | Bhoot Ki Kahani

लेकिन क्यों..?? भूत जी क्या मैं जान सकता हूं ? खामोश… जितना कहा उतना कर। मैकू को लेकर कल दोपहर 12:00 बजे। अब भाग जा… लेकिन कल अगर नहीं आया तो तू जहां भी होगा वहीं आकर तुझे मार डालूंगा। 
नहीं ! नहीं ! मैं पक्का आ जाऊंगा – कहते हुए मोहन अपने गांव चला गया। दूसरे दिन वादे के मुताबिक ठीक 12:00 बजे किसान मैकू को किसी बहाने से उसके पास ले आया। 
मोहन… अब तू निकल यहां से। मोहन सर पर पैर रखकर वहां से भागा और मैकू डर से कांपने लगा, भूत… भूत बचाओ। कौन हो तुम ? क्यों मुझे मारना चाहते हो..?? छोड़ दो मेहरबानी करो। 
चुप… जरा भी आवाज़ की तो एक लात तबीयत से देंगे, यहीं मर जाओगे… समझे! जरा दिमाग पर जोर डाल, मैं हूं। मैं वही बौना हूं जो तेरे पड़ोस में सविता काकी के तीन नंबर का बेटा था। 
तेरी वजह से मेरा यह हाल हुआ। मैकू – पर मैंने कुछ नहीं किया। तुम तो खुद ही जंगल में पेड़ से फांसी लगाकर मर गए थे। अच्छा… मुझे क्या पागल कुत्ता काटा था जो अच्छा भला रहते हुए मरता। 
अरे जालिम इंसान ! तू और मैं स्कूल जाते थे और मैं पड़ोस में रहते थे और तू हमेशा मेरे बोनेपन का मजाक उड़ाता रहा। 

Horror Story in Hindi | Daravani Kahaniyan | Bhoot Ki Kahani

तेरी वजह से गांव भर के लोग मेरा मजाक बनाते थे। घर से निकलना मुश्किल कर रखा था, मेरा। अरे और तो और तूने तो सर्कस वालों को भी मेरे पीछे लगा रखा था। 
यह कहकर कि मैं सर्कस में बौना बनकर सब को हंसाना चाहता हूं। तेरी वजह से घर, बाहर, स्कूल हर जगह मेरा मजाक बन गया था। तूने मेरी जिंदगी, मेरे सपने, मेरी ख्वाहिशें… सब को फांसी दे दी, मैकू। 
इसलिए 1 दिन इसी पेड़ पर मैंने फांसी लगा ली थी। आज तक मेरी तड़पती आत्मा यहां भूत बन कर लटक रही है। जब तक तेरी मौत नहीं होगी, मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी और ना ही मेरी मुक्ति हो पाएगी। 
यह कहते हुए भूत ने मैकू को पेड़ पर उल्टा खींच लिया और पेड़ की लताओं से उसका गला बंद कर उसी पेड़ पर मैकू को फांसी दे दी जिस पर 7 साल पहले दामू बौने ने खुदकुशी की थी। 
मैकू के मरते ही बोने की आत्मा मुक्त हो गई। उसका बरसों पुराना बदला पूरा हो गया। अब गांव में उस बोने का भूत किसी को नहीं सताता। सच है… बुराई का अंजाम बुरा ही होता है।

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