तीन जादुई दोस्त | Hindi Kahaniya | Moral Stories | Bed Time Story | Jadui Kahaniya | Hindi Stories

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” तीन जादुई दोस्त ” यह एक Hindi Story है। अगर आपको Hindi Kahaniya, Moral Story in Hindi या Achhi Achhi Kahaniya पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
तीन जादुई दोस्त | Hindi Kahaniya | Moral Stories | Bed Time Story | Jadui Kahaniya | Hindi Stories

Teen Jadui Dost | Hindi Kahaniya| Moral Stories | Bed Time Story | Jadui Kahaniya | Hindi Stories 

 तीन जादुई दोस्त 

अमरपुर गांव में आरती और सत्येंद्र नाम का एक पति पत्नी का प्यारा जोड़ा रहता था। शादी के 10 साल के बाद उनके घर में एक पुत्र जन्मा था जिसका नाम उन्होंने चंदन रखा था। 
चंदन अब 5 साल का हो चुका था। चंदन के अंदर एक अद्भुत शक्ति थी जिसका पता चंदन और उसके माता-पिता को बिल्कुल भी नहीं था।
फिर एक दिन…
सत्येंद्र,” बेटा, हम कुछ काम से बाहर जा रहे हैं तब तक तुम घर पर ही रुकना। हम जल्द ही वापस आ जाएंगे। “
आरती,” हां बेटा, ध्यान रखना कोई शैतानी नहीं करना, हम जल्द वापस आ जाएंगे। “
चंदन,” नहीं पिताजी, आप दोनों कहीं नहीं जाइए। मुझे पता है अगर आप दोनों जाएंगे तो वापस नहीं आएंगे। “
सत्येंद्र,” बेटा… ये तुम कैसी पागलों जैसी बातें कर रहे हो ? हम बोल रहे हैं ना हम बहुत जल्द वापस आएंगे। वहां हम तुम्हें नहीं ले जा सकते; क्योंकि वहां पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है। तुम परेशान हो जाओगे। “
चंदन,” नहीं पिताजी, आप दोनों कहीं नहीं जाइए। “
चंदन को छोड़कर वे दोनों काम पर निकल जाते हैं। रास्ते में उनका एक कार एक्सीडेंट हो जाता है और उनकी मृत्यु हो जाती है।
फिर गांव वाले उनकी लाश को घर वापस ले आते हैं और उनका अंतिम संस्कार करते हैं।
इस घटना के बाद गांव के सभी लोग चंदन को अभागा कहने लगते हैं।
गांव की औरत,” यह तो अभागा है। अपने मां-बाप को बचपन में ही खा गया। “
कुछ सालों बाद…
चंदन अब शहर जाकर मजदूरी करके अपना पेट पालने लगा।
फिर एक दिन एक राशन की दुकान पर रोहित नाम का लड़का आता है जो बहुत भूखा था। वह वहां से एक बिस्किट का पैकेट चुरा लेता है और उसे यह सब करते दुकान का मालिक देख लेता है।
दुकानदार,” अरे लड़के ! तूने यहां से क्या चुराया है ? दिखा अपना हाथ, दिखा दिखा। यहां चोरी करने आया है… जल्दी दिखा। “
रोहित,” नहीं साहब, मैंने कुछ नहीं चुराया है। “
दुकानदार,” मैंने खुद अपनी आंखों से तुझे चोरी करते हुए देखा है। अब झूठ बोलता है। “
वहीं खड़ा चंदन यह सब देख रहा था और उसे पहले से पता था कि क्या होने वाला है ? क्योंकि आगे होने वाली घटना उसे पहले से ही पता चल जाती थी।
इधर रोहित ने जो बिस्किट का पैकेट चुराया था, वह गायब कर दिया था इसलिए दुकानदार उसे पकड़ नहीं पाता है।
रोहित,” हो गई ना आपको तसल्ली। मैंने कहा था ना, मैंने कुछ नहीं चुराया है। “
दुकानदार,” लेकिन मैंने अपनी आंखों से देखा था, तूने कुछ चुराया था। जादूगर तो नहीं है तू ? “
रोहित,” क्या साहब ? कल रात की चढ़ाई हुई दारू अभी तक उतरी नहीं है ? “

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दुकानदार,” दारू ? अ ब ब… कल रात को तो मैंने दारु चढ़ाई ही नहीं। “
और फिर वह लड़का वहां से चला जाता है। चंदन भी उस लड़के का पीछा करता है और उससे जाकर बात करता है।
चंदन,” सुनो भाई, तुम भी मेरी तरह ही लग रहे हो। तुम उस दुकान से बिस्कुट चोरी करोगे, यह मुझे पहले से ही पता था पर मैंने कुछ कहा नहीं। “
रोहित,” अरे भाई तुम में भी कुछ अलग है क्या ? मुझे तो मेरे मां बाप ने घर से निकाल दिया इसलिए मैं भटक रहा हूं। लेकिन तुम क्यों भटक रहे हो ? “
चंदन,” चलो रास्ते में बताता हूं। लेकिन तुम्हें तुम्हारे मां बाप ने घर से क्यों निकाल दिया ? तुम में तो विचित्र गुण है। “
रोहित,” भाई, मेरे मां-बाप या फिर गांव वाले जो चीज मुझे नहीं देते थे,मैं उस चीज को गायब कर देता था। इन सब से तंग आकर उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया। “
ऐसे ही बातें करते करते वे दोनों आगे चले जा रहे थे। तभी उन्हें सामने झगड़ा होता हुआ दिखा। वह लोग झगड़ ही रहे थे तभी वहां एक आशीष नाम का लड़का आया।
आशीष,” भाई लोग क्यों झगड़े रही हो ? “
पहला व्यक्ति,” अरे ! तुम बीच में मत बोलो ठीक है ना। “
आशीष वहीं खड़ा रहा और वो लोग झगड़ा करते रहे।
झगड़ा बढ़ते-बढ़ते मारकाट पर आ गया। वह लोग झगड़ा कर ही रहे थे तभी आशीष ने दोनों का हाथ पकड़ा और उन्हें सब कुछ भुला दिया। अब उन्हें यह भी याद नहीं था कि वह लोग क्यों झगड़ रहे थे ? 
पहला व्यक्ति,” अरे भाई हम यहां क्यों खड़े हुए हैं ? यहां भीड़ क्यों लगी है ? “
दूसरा व्यक्ति,” अरे यार ! मुझे तो ऑफिस जाने के लिए लेट हो रहा है। अब मैं यहां खड़े-खड़े बातें करूं। यह क्या हो रहा है ? “
सभी लोग फिर अपने अपने काम पर लौट जाते हैं। लेकिन रोहित और चंदन अब समझ जाते हैं कि आखिर आशीष में भी कुछ अलग ही गुण है। फिर वे दोनों उससे बात करने लगते हैं।
चंदन,” भाई तुम में यह गुण तो बड़ा ही लाजवाब है। वैसे तुम करते क्या हो ? “
आशीष,” मैं मंदिर में पुजारी हूं। मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है। मुझे कोई मंदिर में छोड़ गया था तभी से मैं मंदिर में रहता हूं। “
चंदन,” वाह ! भाई… यह तो बड़े ही उत्साह की बात है जो हम तीनों अलग-अलग गुण वाले एक साथ मिल गए। यह बड़ा ही फायदेमंद होगा। “
रोहित,” यह फायदेमंद कैसे होगा ? “
चंदन,” चलो मैं बताता हूं। “
तीनों आपस में बातें करते करते शहर के मुख्य बाजार में बैंक के पास पहुंचते हैं। चंदन को वहां पर कुछ आभास होने लगता है और वह कहता है,” भाई, बैंक के अंदर चलो। मुझे कुछ बताना है बैंक वालों को। “
आशीष,” यह तुम क्या कह रहे हो ? बैंक के अंदर जाकर तुम क्या करोगे ? चलो हम कहीं और चलते हैं। “
रोहित,” हां भाई… क्या तुम्हें पैसे निकालने हैं जो तुम बैंक में जा रहे हो ? “

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चंदन,” अरे ! चलो तो एक बार अंदर फिर मैं बताता हू। “
तीनों एक साथ अंदर जाते हैं और चंदन बैंक के मैनेजर के पास जाकर बोलता है,” मैनेजर साहब, आज रात इस बैंक में डाका पड़ेगा। तो आप लोग पहले से ही सावधान हो जाइए। “
मैनेजर,” क्या पागलों जैसी बातें कर रहे हो ? तुमने मुझे पागल समझ रखा है क्या कि तुम कुछ भी कहोगे और मैं मान जाऊंगा ? मुझे तो तुम ही लोग चोर लग रहे हो। चलो निकलो यहां से। “
चंदन,” साहब मैं सब कुछ सही सही कह रहा हूं। मेरी बात मानो वरना आपको बहुत नुकसान सहना पड़ेगा।”
चंदन के इतना कहने पर भी मैनेजर उनकी एक भी बात नहीं मानता और उन तीनों को बैंक से बाहर निकाल देता है।
आशीष,” भाई मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था – यह लोग हमारी बात पर यकीन नहीं करेंगे। तुमने खाम खा अपना समय बर्बाद किया। “
रोहित,” हां, सही कहा भाई। “
चंदन,” यह लोग हमारी बातों को मानेंगे तो… लेकिन अभी नहीं डाका पड़ जाने के बाद। पर हम ऐसा नहीं होने दे सकते। हमें अपने देश को घाटा होने से बचाना होगा; क्योंकि ऐसे ही बैंकों में कई मध्यमवर्गीय परिवारों की पूंजी जमा रहती है। “
आशीष,” ठीक है भाई। “
रात के 12 बज जाते हैं। सभी दुकानें, बैंक और बाजार बंद हो जाते हैं और रास्ते सुनसान हो जाते हैं। 
तभी एक गाड़ी में डकैत आते हैं। वे बैंक के सिक्योरिटी गार्ड को मारपीट कर बंदूक ले लेते हैं और दरवाजा तोड़कर अंदर घुस जाते हैं। 
उनके अंदर जाने के बाद सिक्योरिटी गार्ड पुलिस को फोन करता है और पुलिस वहां आ जाती है। लेकिन पुलिस डकैतों का कुछ नहीं कर पाती। 
यह खबर बैंक के अधिकारियों तक पहुंच जाती है तो वह भी वहां इकट्ठा हो जाते हैं और तभी यह तीनों भी वहां पहुंचते हैं। 
चंदन,” देखा मैनेजर साहब… मैंने तो आपसे पहले ही कहा था। “
मैनेजर,” अरे भाई ! मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई जो मैंने आपकी बात का यकीन नहीं किया। कृपया करके इस बैंक को बचा लो। “
चंदन,” हां सर, हम तो इसीलिए यहां रुके हुए थे। हम अपने कर्तव्य के लिए कुछ भी कर सकते हैं। “
चंदन के इशारा करते ही तीनो दोस्त बैंक के अंदर जाने लगते हैं। जैसे ही तीनों बैंक के अंदर जाते हैं तो डकैत उन तीनों को गन पॉइंट पर रख लेते हैं। 
यह देखकर बाहर खड़े सभी लोग डर जाते हैं कि अब क्या होगा ? कैसे बैंक बचाया जाएगा ?
रोहित,” अरे भाई ! हम तो बैंक को बचाने के लिए आए थे, हम तो खुद ही यहां फंस गए। बचाओ, बजाओ, बजाओ… कोई तो बचाओ। “
बाहर खड़े सभी लोग रोहित की बातों को सुनकर हंसने लगते हैं लेकिन मैंनेजर सोच में पड़ जाता है।
पुलिसकर्मी,” क्या मैनेजर साहब ? आप तो कह रहे थे यह तीनों बैंक को बचा लेंगे लेकिन इन्हें तो खुद मदद की जरूरत आ पड़ी है। “
मैनेजर,” अरे साहब ! क्या बताऊं ? यह तो खुद ही कह रहे थे कि यह जनता की बैंक को लूटने नहीं देंगे। “
बाहर सभी पुलिसकर्मियों को हंसता हुआ देख,

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रोहित,” अरे आशीष ! तू अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर नहीं तो हम बच नहीं पाएंगे। “
आशीष,” नहीं रोहित, तुम ही अपना जादू दिखाओ। “
आशीष के कहने पर रोहित जैसे ही अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करता है तो सामने गन पॉइंट पर खड़ा चंदन और आशीष गायब हो जाते हैं। यह देखकर डकैत डर जाते हैं।
डकैत,” ये दोनों कहां गायब हो गए ? अरे ! यहां क्या जादू – जादू खेल रहे हो ? क्या कमाल के जादूगर हो। हमारे ग्रुप में आ जाओ, खूब नाम कमाओगे, बहुत आगे जाओगे तुम। “
रोहित,” अरे ! नहीं नहीं भाई, मुझे अपने साथ मत लेकर जाओ। “
यह सारा दृश्य देखकर पुलिसकर्मी हंसते रहते हैं और सोचते हैं कि अब क्या होगा ? 
तभी अदृश्य हुए चंदन और आशीष बोलते हैं।
आशीष,” अरे भाई ! यह क्या कर दिया ? हमें ही गायब कर दिया। हमें फिर से सही करो। “
जैसे ही डकैत बैंक लूट कर सारा पैसा ले जाने लगते हैं और साथ में रोहित को भी, तभी अदृश्य आशीष उनके पास जाकर उन्हें भुला देता है कि वह लोग यहां क्यों आए थे ? और फिर वो सब सोच में पड़ जाते हैं।
डकैत,” अरे चंदू ! हम लोग यहां क्या कर रहे हैं और इस लड़के को क्यों पकड़ा हुआ है ? “
दूसरा डकैत,” अरे सरदार ! पता नहीं मेरा तो सर भारी भारी लग रहा है जैसे मैंने कल रात बहुत ज्यादा चढ़ा रखी हो। अरे ! पुलिस वाले भी है यहां तो… अपने ग्रुप में पुलिस वाले भी भर्ती कर रखे हैं क्या सरदार ? वाह सरदार वाह..। “
यह देखकर सभी हैरान हो जाते हैं। तभी रोहित अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके चंदन और आशीष को वापस लाता है और फिर चंदन सबकी बंदूकों को गायब कर देता है। फिर सभी पुलिसकर्मी डकैतों को पकड़ लेते हैं।
डकैत,” अरे साहब ! हमने क्या किया है ? हमें क्यों पकड़ रहे हो और हम लोग यहां क्यों आए थे ? “
पुलिसकर्मी,” चलो चलो थाने, वहां बहुत समय रहेगा आराम से सब कुछ बताऊंगा। चल भाई चल। “
पुलिसकर्मी,” आप तीनों का बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने इस बैंक को लूटने से बचा लिया। आप लोगों को वीरता अवार्ड जरुर दिलाएंगे और सरकारी नौकरी भी। “

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इंस्पेक्टर ऐसा कहकर वहां से चला जाता है और सरकार से सिफारिश करके उन तीनों को वीरता अवार्ड दिलाता है 
और फिर वह तीनों ऐसे ही सरकार और देश की सेवा करने लगते हैं और खुशी-खुशी रहने लगते हैं।
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