नई बहू को लगा जोर से दस्त | Nayi Bahu Ko Laga Jor Se Dast | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now
हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ नई बहू को लगा जोर से दस्त ” यह एक Saas Bahu Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
नई बहू को लगा जोर से दस्त | Nayi Bahu Ko Laga Jor Se Dast | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Nayi Bahu Ko Laga Jor Se Dast | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

अंजली,” रमेश, मुझे बहुत ज़ोर से आई है। “
रमेश,” हाँ,् तो बाथरूम में चली जाओ ना। “
अंजली और रमेश की नई नई शादी हुई है। रमेश बहुत ही छोटी एक गांव की लड़की है। 
उस गांव में किसी के घर में बाथरूम नहीं था इसलिए अंजली को बाहर खेत में शौच करने जाना पड़ता था और वही अंजली की आदत में बन गई। अंजली जवान हो गई और उसकी शादी रमेश से तय हो गई। 
रमेश अच्छे घर का लड़का है। उसके पास जमीन, जायदाद, अच्छा घर सब कुछ है और आज शादी के बाद अंजली पहली बार रमेश के घर आई है और उसे बहुत ज़ोर से पॉटी आ गई है। 
रमेश,” अरे अंजलि ! खड़ी खड़ी क्या सोच रही हो ? जाओ ना बाथरूम में। “
अंजली बाथरूम में चली गई और कमोड देखकर उसके होश उड़ गए। 
अंजली,” अरे ! ये कम्बखत कुर्सी जैसी चीज़ है क्या ? “
अंजली ने पहले कभी कमोड नहीं देखा था इसीलिए वो हैरान रह गई। थोड़ी देर देखने के बाद वो कमोड पर बैठ गई। 
अंजली,” अरे ! कम्बख्त इस पर बैठकर कैसे करूँ ? ये तो बिल्कुल कुर्सी जैसा लग रहा है। भला कुर्सी में बैठ के कौन हगता है ? “
अंजली का ठीक से पेट साफ नहीं हुआ। वो बाथरूम से बाहर चली आई। उसकी सास विमला ने कहा।
विमला,” क्यों नई बहू, ठीक से पेट साफ हुआ ना ? अंजली ने मुस्कुराकर कहा।
अंजली,” हाँ माँ जी, ठीक से ही हुआ है। “
लेकिन अंजली का पेट अभी भी दुख रहा था। वो रात होने का इंतजार कर रही थी। रात को सभी खा पीकर सो गए। रमेश भी थका हुआ था इसीलिए वो भी सो गया। 
तभी अंजली चुपके से उठ गयी और एक लोटा लेकर बाहर चली गई। अंजली खेत में चली गई और वहाँ बैठकर शौच करने लगी। 
अंजली,” अब आ रहा है मज़ा। खेत में शौच करने का मज़ा ही कुछ और है। खुले में हवा का मज़ा उठाते हुए पेट ठीक से साफ होता है। “
पेट साफ करने के बाद अंजली घर लौट गई। 
अंजली,” अब से यही करूँगी, हर रात को पेट साफ करने के लिए खेत में चली आऊंगी। “
अगले दिन भी अंजली रात को खेत में चली गई। ऐसे कुछ दिन बीत गये। उसी गांव में एक ठरकी बुड्ढा रहता था। गर्मी का मौसम था इसीलिए वो बुड्ढा रात को टहलने निकला था।
बुड्ढा,” कितनी हवा है यहां ? घर में तो गर्मी ही गर्मी है। एक काम करता हूँ… आज रात खेत में ही सो जाता हूँ। ठंडी ठंडी हवा में मस्त नींद आ जाएगी। “
खेत में कटा हुआ पेड़ था। वो बुड्ढा उसी के पास में सो गया। उसे नींद भी आ गयी। देर रात को अंजली लोटा लेकर खेत में हाजिर हो गयी। 
अंजली,” आज कहा करूँ शौच ? हाँ… उस कटे हुए पेड़ के ऊपर बैठकर कर देती हूँ। “
अंजली उस कटे हुए पेड़ के ऊपर चढ़कर बैठी और पूरे आनंद से शौच करने लगी और वो सब कुछ उस बूढ़े के मुँह पर आकर गिरा। 
बुड्ढा,” अरे ! ये पानी पानी सा कहाँ से गिर रहा है ? जो भी है, बड़ा मज़ा आ रहा है। “
उस बुड्डे के मुँह पर फिर से शौच गिरा। अब उसकी नींद टूटी और उसने आंखें खोलीं। 
बुड्ढा,” अरे ये क्या है ? “
अंजली बिल्कुल उस बुड्ढे के मुँह के ऊपर बैठी हुई थी। इसीलिए बुड्ढे ने आंखें खोलकर जो देखा उससे बुड्ढे के होश उड़ गए। वो खुश हो गया।
बुड्ढा,” अरे ! ये क्या देख रहा हूँ मैं..? इतना अच्छा नजारा… रात को मुझ जैसे अकेले इंसान को और क्या चाहिए ? “
वो बुड्ढा देखता रहा और अंजलि उसके मुँह पर शौच करती गई। कुछ देर बाद बुड्ढे को एहसास हुआ कि असल में उसके ऊपर क्या गिर रहा है। वो तुरंत वहाँ से उठ गया और दूर भाग गया। 
बुड्ढा,” छि छि… इस उम्र में मुझे क्या क्या सहना पड़ रहा है ? जो भी है… इस नजारे के लिए तो मुझे हर रोज़ यहाँ आना पड़ेगा। “
यहाँ ये सब हो रहा था और उधर रमेश की नींद टूट गई। रमेश ने देखा कि अंजली कमरे में नहीं है। 
रमेश,” अरे ! इतनी रात को अंजलि कहाँ चली गयी ? “
रमेश घर से बाहर चला गया और देखा कि अंजली खेत में बैठकर शौच कर रही है। 
रमेश,” अरे ! ये क्या कर रही है ? ये खेत में क्यों बैठी हुई है ? ठीक है, कल इससे पूछुंगा। “

ये भी पढ़ें :-

Nayi Bahu Ko Laga Jor Se Dast | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

रमेश घर चला आया और सो गया। कुछ देर बाद अंजली भी वापस चली आयी। सुबह सुबह विमला के सामने ही रमेश ने पूछा। 
रमेश,” अंजली, तुम रात को खेत में शौच करने जाती हो ? “
अंजली,” अरे ! आपको पता चल गया‌ ? “
विमला,” लेकिन क्यों बहु..? घर में शौचालय तो है फिर भी खेत में क्यों जाती हो ? “
अंजली,” वो… असल में मुझे बचपन से ही खुले में शौच करने की आदत है। “
रमेश,” तो फिर आदत बदल लो। खुले में शौच करना अच्छी बात नहीं है। बहुत बीमारियां फैलती हैं और सांपों का भी तो डर रहता है। “
अंजली,” अरे ! मुझे कुछ नहीं होगा जी। मैं तो बचपन से करती आ रही हूँ। “
अंजली ने किसी की बात नहीं सुनी। वो फिर से रात को लोटा लेकर निकल गई और उसी जगह जाकर बैठ गई। उधर वो बुड्ढा भी पहले से हाजिर था। 
बुड्ढा,” आज फिर से वो नजारा देखने को मिलेगा। “
लेकिन अंजली शौच करने जा ही रही थी कि तभी एक सांप ने अंजली को काट लिया। 
अंजली,” सांप… सांप… आह ! “
बुड्ढा भी सांप देखकर भाग गया। 
बुड्ढा,” अरे बाप रे ! भागो… जान बची तो लाखों पाये। “
अंजली दौड़ कर गई और रमेश को बुलाने लगी। रमेश नींद से उठा। सब कुछ सुनकर उसने तुरंत अंजली को अस्पताल में भर्ती करवा दिया। डॉक्टर ने अंजली की जान बचा ली। अंजलि ने रोते हुए कहा। 
अंजली,” आप सही कह रहे थे जी, मैं अब से खुले में शौच नहीं करूँगी। “
रमेश,” मेरी अच्छी बीवी… खुले में शौच ना करने से जान और सम्मान दोनों बचते हैं। चलो घर चलें। “
अंजली घर चली आयी। कुछ दिन शौचालय में शौच करने से ही अंजली की आदत बदल गई। 
असल में इंसान अगर चाहे तो कुछ भी कर सकता है। इसके बाद अंजली कभी खुले में शौच करने नहीं गई और वह खुशी खुशी जीने लगी। 
आज की ये ख़ास और मज़ेदार कहानी आपको कैसी लगी ? नीचे Cooment में जरूर बताएं।

Leave a Comment