हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ पति पत्नी और प्रेमी ” यह एक Pati Patni Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Husband Wife Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Pati Patni Aur Premi | Husband Wife Story | Moral Stories | Pati Patni Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories
पति पत्नी और प्रेमी
रात अति जवां थी। अपने बिस्तर पर लेटी निशा फ़ोन पर समीर से प्यार भरी बातें कर रही थी।
लेकिन समीर ने जैसे ही निशा से अगले दिन होटल में मिलने की बात कही तो उसके दिल की धड़कनें तेज हो गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो उसकी बात का हां में जवाब दे या ना में।
समीर की बातों को सुनकर निशा ने अपने कांपते होठों से कहा।
निशा,” होटेल… कौन सा होटेल ? “
समीर,” होटेल ब्लू डायमन्ड। “
निशा,” कुछ गडबड तो नहीं हो जाएगी समीर ? “
समीर,” कैसी गड़़बड़ ? “
निशा,” आई मीन… किसी को पता तो नहीं लग जायेगा हमारे रिश्तों के बारे में। “
समीर,” डर लग रहा है निशा बहुत तो मिलना कैंसिल कर दें ? “
निशा थोड़ी देर खामोश रही। उसने अपने बिस्तर के सामने रखे अपने पति पंकज की तस्वीर की ओर देखा। फिर कुछ सोचा और समीर से कहा।
निशा,” समीर, जब प्यार किया तो डरना क्या ? मैं आ रही हूँ तुमसे मिलने। “
अगले दिन निशा समीर से मिलने होटल ब्लू डायमंड पहुँच गई। उसने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी।
होठों पर उसी रंग की मैचिंग लिपस्टिक, कानों में बड़े बड़े टॉक्स और खुले बालों में वो किसी अप्सरा के जैसी लग रही थी। उसने होटल के रिसेप्शन पर जाकर कहा।
निशा,” रूम नंबर 311 “
होटेल के रिसेप्शन पर खड़ी रिसेप्शनिस्ट ने उसकी ओर मुस्कुराकर देखा और कहा।
रिसेप्शनिस्ट,” थर्ड फ्लोर… साइड से चौथा कमरा। “
निशा,” मेरी बुकिंग है आज की। “
रिसेप्शनिस्ट,” जी मैम। ये रही आपके कमरे की चाबी। ” ऊंचे सैंडल पहने खटखट करती हुई निशा रूम नंबर 311 में पहुंची।
दरवाजा खोला और कमरे में प्रवेश कर गयी। अभी उसे कमरे में आए 5 मिनट भी नहीं हुए थे कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई।
दस्तक की आवाज से निशा के दिल की धड़कन फिर से बढ़ गयी। उसने अंदर से ही पूछा।
निशा,” कौन… कौन है ? “
दूसरी तरफ से आवाज आयी… रूम सर्विस।
निशा ने जैसे ही दरवाजा खोला, उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई।
निशा,” समीर तुम…। “
समीर,” नों नो निशा मैम, मैं तो रूम सर्विस वाला हूं। “
ये कहते हुए वो कमरे के अंदर आ गए और निशा के पास घुटनों के बल पर बैठ गया और एक गुलाब का फूल उसे देते हुए कहा।
समीर,” मैम, बताइए ये बंदा आपकी क्या किदमत कर सकता है ? “
निशा ने उसके हाथों से गुलाब लिया और कहा।
निशा,” बस ये बंदा मुझे ढेर सारा प्यार करे ढेर सारा। “
ये कहकर वो समीर के गले लग गई। कुछ देर बाद वह सुधबुध भुलाकर एक दूसरे में खो गए।
निशा शादीशुदा थी। पंकज से 3 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। लेकिन पंकज कारोबार में इतना उलझा रहता है कि उसे निशा की कोई फिक्र नहीं होती।
11 जनवरी को दोनों की शादी हुई थी। निशा बहुत अरमानों के साथ नए घर में आयी थी।
वहाँ पर उसके लिए सब कुछ था… लंबी गाड़ी, बड़ा घर, नौकर चाकर। लेकिन सिर्फ पंकज का प्यार नहीं था।
पंकज,” अरे निशा ! मैंने कहा ना… अभी बहुत काम है यार। माल की सप्लाई बाकी है। कुछ नए ऑर्डर भी मिले हैं।
उनके लिए रॉ मटीरीअल का अरेन्जमेंट भी करना है। सुनो ना… दो महीने रुक जाओ ना फिर हम चलेंगे हनीमून पर। “
निशा,” कोई नहीं… वो आपने ही कहा था इसलिए मैंने याद दिलाया। वैसे भी काम तो काम है। वो तो करना ही है। “
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लेकिन शादी के 3 साल हो गए। पंकज के वो दो महीने आए ही नहीं जब उसने वादा किया था कि वो हनीमून पर जाएंगे।
निशा ने भी उससे कहना छोड़ दिया। उसे समझ आ गया था कि पंकज सिर्फ अपने कारोबार से प्यार करता है। रात के 12:30 बज गए।
निशा,” हर दिन यह इतनी देर से आते हैं। अरे ! काम कौन नहीं करता ?
लेकिन काम के चक्कर में अपने घर को, अपनी बीवी को भूल जाना सही तो नहीं है। मुझे तो लगता है ये घर सिर्फ सोने के लिए आते हैं। इनका वश चले तो ये ऑफिस में ही सो जाएं। “
पिछले दो सालों से पंकज शादी की सालगिरह पर निशा को बाहर ले जाने की बात कह रहा था। लेकिन वो भी उसे याद नहीं रहता। शादी की तीसरी सालगिरह की बात है।
पंकज,” अरे निशा ! मैं प्रॉमिस कर रहा हूँ। आज मैं बिल्कुल भी नहीं भूलूंगा। आज हम दोनों न सिर्फ बाहर खायेंगे बल्कि लॉन्ग ड्राइव पर भी चलेंगें।
और अगर मैं भूल भी गया तो मुझे शाम को 7 बजे कॉल करके याद दिला देना। ठीक है, चलो अब मुझे जाने दो। ऐंड हैप्पी एनिवर्सरी…। “
ये कहकर पंकज फैक्टरी के लिए निकल गया। रात के 8 बज गए, पंकज घर नहीं आया। निशा ने उसे कॉल किया।
निशा,” क्या हुआ पंकज ? आप अभी तक निकले नहीं है ? 8 बज गए हैं। “
पंकज,” निशा, माइ डिअर वाइफ, मैं भूला नहीं हूँ। थोड़ी देर और यार… मैं निकलता हूँ।
एक काम करो, तुम ड्राइवर को बोलो तुम्हे होटेल सनसाइन में छोड़ दें। मैं तुम्हें वही मिलता हूँ। “
निशा होटेल सनशाइन में पहुँच गई। वहाँ पहुँचकर उसे 10 बज गए, लेकिन पंकज नहीं आया।
उसने दो बार उसे कॉल भी किया। लेकिन उसने उसका कॉल कट कर दिया।
निशा,” गलती मेरी ही है। मैं ही उनसे कुछ ज्यादा एक्स्पेक्टेशन लगा लेती हूँ। उनकी पहली प्रायोरिटी उनका काम ही है। “
निशा ने घड़ी की ओर देखा। 10:30 बजने वाले थे। उसने एक बार और कॉल किया। इस बार पंकज ने कॉल पिक कर लिया।
पंकज,” क्या तुम बिल्कुल स्टुपिड हो क्या..? अरे मैं यहाँ काम में बिज़ी हूँ और तुम कॉल पर कॉल किये जा रही हो। “
निशा,” लेकिन आपने तो मुझे यहाँ होटेल सनशाइन में वेट करने के लिए कहा था। “
पंकज ,” हाँ हाँ कहा था। लेकिन काम भी तो है, उसे छोड़कर आ जाऊं ? सुनो एक काम करो, तुम डिन्नर कर लो। मेरा आना थोड़ा मुश्किल है। “
निशा,” आज हमारी एनिवर्सरी है पंकज। “
पंकज,” हाँ तो क्या हुआ..? तुम अकेले एन्जॉय कर लो ना स्वीटहार्ट। चलो अब मैं फ़ोन रखता हूँ, मुझे बहुत काम है। “
पंकज की बातें निशा के कानों में गूंजने लगी। अकेले एन्जॉय कर लो ना… उसकी आँखों में आंसू आ गए। वो अपने टेबल से गुस्से में उठी और होटेल से घर वापस जाने के लिए निकलने ही वाली थी कि एक बहुत ही हैंडसम लड़का उसके पास आया और बोला।
लड़का,” एक्स्क्यूस मी मैम, माइ नेम इज समीर। आप किसी का वेट कर रही हैं क्या ? “
निशा,” आपको उससे क्या मतलब ? “
समीर,” देखिये, मुझे गलत मत समझिये। मैं बहुत देर से आपको देख रहा हूँ कि आप परेशान हैं।
किसी को बार बार कॉल भी कर रही है। कोई आने वाला है क्या ? “
समीर की बातों को सुनकर निशा फूट पड़ी। उसकी आँखों से आंसू सारे बांध तोड़कर बहने लगे।
समीर,” क्या हुआ मैम ? आप रोने क्यों लगी ? कोई प्रॉब्लम है तो आप मुझे बताइए ना ? “
पता नहीं उस घड़ी ऐसा क्या हुआ ? निशा का अकेलेपन का दुख उससे संभाला नहीं गया। उसने सारी बातें समीर से कह दीं।
समीर,” जानती हैं…किसी भी रिलेशनशिप को बांधकर जो रखता है वो है…प्यार। इंसान कितना भी परेशान हो, अगर प्यार से कोई गले लगा लेता है ना तो बड़ी से बड़ी परेशानी भी बर्फ़ की तरह पिघल जाती है।
अफसोस… कि आपके पास सब कुछ रहते हुए भी प्यार से गले लगाने वाला वो शख्स नहीं है जिसके गले लगकर आप सब कुछ भूल जायें। “
समीर की ये पहली मुलाकात थी। उस पहली मुलाकात में समीर का जादू निशा पर चढ़ गया था। समीर एक सिंगर था।
उसकी एक एक बात निशा को बहुत पसंद आती थी। वो जिस तरह निशा का ध्यान रखता, उसकी केर करता, ये बात निशा को बहुत अच्छी लगती।
समीर को भी निशा बहुत पसंद थी। हालांकि दोनों ने कभी एक दूसरे को खुलकर नहीं कहा।
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लेकिन आखिर कब तक वो इससे दूर रहते ? एक दिन समीर ने ही निशा को प्रोपोज़ कर दिया।
निशा,” समीर, तुम जानते हो ना मैं शादीशुदा हूँ फिर भी मुझे प्रोपोज़ कर रहे हो ? “
समीर,” क्या मैं एक शादीशुदा से प्यार नहीं कर सकता ? क्या ये किसी किताब में लिखा है ? “
निशा,” किताब में तो नहीं लिखा, लेकिन समाज में से गलत समझा जाता है। “
समीर,” किस समाज की आप बात कर रही हैं निशा ? प्यार करने से कोई समाज किसी को नहीं रोक सकता।
अरे ! प्यार ही तो वो शक्ति है जिससे आपका समाज चलता है। अगर उसे ही निकाल देंगे तो फिर क्या बचेगा ? “
समीर की बातें निशा को समझ तो नहीं आई लेकिन समीर के बिना वो नहीं रह सकती थी। दोनों छिप छिपकर मिलने लगे।
उन्होंने सारी सीमाएं भी कई बार लांघ दीं। उसे नहीं पता था कि समीर उसका यूज़ कर रहा है।
उसने निशा से लाखों रुपये ऐंठ लिए थे और वो उससे अय्याशी करता था।
समीर,” सोने के अंडे देने वाली मुर्गी हाथ लगी है मेरे। अपनी लाइफ तो बिल्कुल सेट है। “
हालांकि कभी कभी निशा को भी लगता था कि समीर उससे बार बार पैसे क्यों मांगता है ? उसे ये भी लगता था कि वो अपने पति को धोखा दे रही है।
लेकिन उस रिश्ते में उसे अब घुटन सी होने लगी थी। इसलिए समीर का साथ उसे अच्छा लगता है।
लेकिन आखिर समीर और निशा का रिश्ता कब तक छिपता ? आखिरकार पंकज को अपने लोगों द्वारा समीर के बारे में पता लग गया।
उसे ये भी पता लगा कि समीर बहुत ही बदमाश किस्म का लड़का है। उसने शहर की और भी कुछ औरतों से ऐसे नाजायज संबंध बना रखे हैं।
वो उनका पहले तो फायदा उठाता है और बाद में उन्हें ब्लैकमेल करता है। पंकज समीर की असलियत निशा को बताने वाला था।
तभी एक दिन समीर ने ₹10 लाख निशा से मांगे।
निशा,” 10 लाख… मेरे पास इतने रुपए नहीं है समीर और मैं अपने पति से इतने पैसे मांगे तो उन्हें शक हो जाएगा। “
समीर,” वो सब मैं नहीं जानता। नहीं, मुझे पैसे चाहिए। अगर तुम ने मुझे पैसे नहीं दिए तो मैं तुम्हारे पति से पैसे मांग लूँगा। “
निशा,” ये तुम क्या कह रहे हो ? तुम तो मुझसे प्यार करते हो ? “
समीर ,” मैं प्यार सिर्फ पैसों से करता हूँ निशा… पैसों से। पैसे दो नहीं तो तुम्हारी इज्जत नीलाम कर दूंगा। “
निशा,” नहीं समीर, तुम कुछ ऐसा मत करना। “
पंकज ने निशा और समीर की सारी बातें सुन ली। उसने उससे कहा।
पंकज,” वो बहुत बदमाश लड़का है निशा… बहुत बदमाश। “
निशा ,” कौन ? किसकी… किसकी बातें कर रहे हैं आप ? “
पंकज,” वही जो तुम्हें फ़ोन पर ब्लैकमेल कर रहा है। “
उसके बाद पंकज ने समीर की सारी असलियत निशा को बताई और उससे कहा।
पंकज,” निशा, क्या कमी रखी मैंने तुम्हारे पास। महंगी से महंगी गाड़ी है, बड़ा बंगला है, नौकर चाकर की लाइन लगी रहती है तुम्हारे आगे पीछे। बोलो, इससे ज्यादा और क्या मैं दे सकता हूँ ? “
निशा,” प्यार… प्यार ही नहीं दिया आपने मुझे कभी। 3 साल से अधिक हो गए हमारी शादी को, लेकिन आपके घर में मैं सिर्फ एक सामान की तरह हूँ।
जो रहे या चाहे ना रहे, आपको कोई फर्क नहीं पड़ता। कभी आपने 2 मिनट बैठकर मुझसे कुछ पूछा ?
कभी प्यार से मुझे गले लगाया ? कभी प्रेम से मेरी तरफ देखा नहीं। कभी नहीं… काम, काम, काम आपके लिए काम ही सब कुछ है। मैं जानती हूँ कि मैंने गलती की है। लेकिन कुसूरवार आप भी है। “
पहली बार पंकज को लगा कि उससे सही में बहुत बड़ी गलती हो गयी। वो अपनी फैक्टरी, अपने क्लाइंट्स और अपने काम में ही बीज़ी रह गया।
उसे 2 मिनट की फुर्सत उस शख्स के लिए नहीं थी जिसे वो अग्नि के आगे सात फेरे लगाकर लाया था। उसे तो लगता था कि पैसा ही सबकुछ है।
वो सारी चीजें निशा को दे तो रहा था, लेकिन प्यार और अपना समय वो उसे दे ही नहीं पाया जिसकी जरूरत उसे सबसे ज्यादा थी।
पंकज,” निशा, मैंने बहुत बड़ी गलती की है। लेकिन मैं इस गलती को सुधारना चाहता हूँ। प्लीज़… मुझसे दूर मत हो।
मुझे माफ़ कर दो। मैं वादा करता हूँ कि मैं बिल्कुल बदल जाऊंगा। “
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निशा ,” आप भी मुझे माफ़ कर दीजिए। मुझे नहीं पता था कि वो बदमाश मेरी घरेलू परेशानी की आड़ में मेरा फायदा उठा रहा है। आप इसी समय पुलिस को फ़ोन करिये। मुझे उस बदमाश को सबक सिखाना है। “
निशा ने पंकज को माफ़ कर दिया। गलती दोनों तरफ से हुई थी।
उन दोनों को अहसास था। उसके बाद पंकज बिल्कुल बदल गया। उसे प्यार और पत्नी दोनों की अहमियत समझ आ गई।
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