पीरियड्स वाली बहू | Periods Wali Bahu | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ पीरियड्स वाली बहू ” यह एक Saas Bahu Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
पीरियड्स वाली बहू | Periods Wali Bahu | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Periods Wali Bahu | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

 पीरियड्स वाली बहू 

मधु की आदत थी कि वो हर सुबह जल्दी नहा धोकर पूजा पाठ करके पेड़ पौधों को पानी दे दिया करती थी। 
पर जब भी यह नियम महीने में किसी दिन नहीं हो पाता था तो मधु की सास सुलेखा अपनी बातों का पिटारा खोलकर बैठ जाती थी। 
सुलेखा,” क्या बात है मधु, आज उठने में बड़ी देर कर दी ? सब ठीक तो है ना ? “
मधु,” माँ जी, वो आज मेरी तबियत ठीक नहीं है। “
सुलेखा,” बस बस… ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं है। महीने से हुई हो, साफ साफ बोलो ना और हाँ कान खोलकर सुन लो, तुम हमेशा ये गलती दोहराती हो। 
पीरियड्स के दौरान किचिन में नहीं जानाऔर ना ही खाने की किसी भी चीज़ को हाथ लगाना। मंदिर में नहीं जाना और ना ही पूजा करना। 
तुलसी माता को भी हाथ नहीं लगाना। पीरियड्स के चौथे दिन ही बाल धोना और उसके बाद ही किचन में जाना। 
तीन दिन अलग कमरे में सोना और पीरियड खत्म होने के बाद ही बिस्तर की चादर को धोना। 
अचार को भी हाथ न लगाना; क्योंकि इससे अचार सड़ जाता है। “
मधु,” पर माँ जी, आप अकेले रसोई कैसे संभालोगी ? शीला भी गांव गयी हुई है। घर की साफ सफाई, बर्तन, कपड़े, रसोई का खाना – पीना कैसे बनाओगी ? “
सुलेखा,” मैं कर लूँगी पर तुम घर के सब कामों से दूर रहना। “
सुलेखा का स्वभाव ऐसा ही था। वो अभी भी पुराने विचारों में जीने वाली महिला थी। इसलिए वो पीरियड्स को घिनौने नज़रिए से देखते थे। 
तीन दिन मधु हद से ज्यादा परेशान हो जाती है। कभी कभी तो इन दिनों में उसका खान पान इतना खराब हो जाता था कि वो बहुत कमजोरी महसूस करने लगती थी। 
इसका सबसे बड़ा कारण था उसकी सास का पीरियड्स को लेकर अंधविश्वास। 
मधु,” क्या करूं, आज तो मेरी हालत बहुत खराब हो रही है ? बार बार बाथरूम जाकर में तंग आ गई हूं। 
बहुत कमजोरी महसूस हो रही है। मन कर रहा है कि एक कप गर्म गर्म चाय मिल जाए तो पेट की सिकाई हो जाएगी। 
पर माँ जी तो मंदिर गयी है। दर्द सहन नहीं हो रहा है, मुझे मजबूरी में चाय बनानी होगी। “
मधु की तबियत बहुत खराब हो रही थी इसलिए वो मजबूरीवश अपने लिए रसोई में थोड़ी सी चाय बनाने के लिए जाती है। 

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तभी सुलेखा आ जाती है। वो इतनी तेज़ गुस्से में चिल्लाती है कि भरी हुई चाय की प्याली मधु के हाथ से छूट जाती हैं। 
सुलेखा,” हे भगवान ! मेरी रसोई अपवित्र कर दी। मैंने कहा था ना… महीने से हो रही हो, रसोई के भीतर नहीं जाना ? “
मधु,” मां जी, वो मेरे पेट पे बहुत दर्द हो रहा था। आज दूसरा दिन है तो तबियत ज्यादा खराब है। सोचा चाय से थोड़ी राहत मिले गी। आप थी नहीं तो…। “
मधु अपने पेट को पकड़े खड़ी थी। घबराहट में उसकी तबियत बिगड़ गई और वह दौड़ती हुई कमरे में गई। 
सुलेखा,” अरे ! कहां जा रही है ? अब सारी रसोई को गंगा जल से धोना पड़ेगा। 
पता नहीं ये आजकल की बहुएं भी ना… अपने समय में महीने से होते थे हमें, तो हमारी सास तीन दिन कमरे में बंद रखती थी। सब कुछ जो खाना पीना होता है, वो दरवाजे से ही सरका देती थी। “
तभी मधु का पति राजेश आ जाता है। वो कमरे में देखता है कि मधु बेहोश पड़ी हुई हैं।
राजेश,” मधु, आँखें खोलो… मधु। “
सुलेखा,” क्या हो गया ? इतना चिल्ला क्यों रहा है ? अरे ! मधु को क्या हुआ, अभी तो भारी चंगी थी ? “
राजेश,” पता नहीं, मैं कमरे में आया तो मधु बेहोशी की हालत में दिखी। मैंने लेडी डॉक्टर को फ़ोन कर दिया है, वो आती होंगी। “
तभी लेडी डॉक्टर आ जाती है। वो मधु का चेकअप करती है और एक इन्जेक्शन देती है जिससे मधु थोड़ी देर बाद होश में आ जाती है। 
डॉक्टर,” घबराइए नहीं, डरने की कोई बात नहीं है। कमजोरी और थकान के कारण मधु बेहोश हो गई थी। “
मधु,” डॉक्टर, वो मेरा आज सेकंड है। तो…”
डॉक्टर,” ओके मधु, तुमने सुबह से क्या खाया है ? “
मधु,” डॉक्टर, मैंने तो सब कुछ खाया था। अभी थोड़ी देर पहले ही मां जी ने मुझे दूध और फल दिए थे। “
डॉक्टर,” ओके, गुड… जब इतनी अच्छी सासु माँ है फिर तो तुम बहुत किस्मतवाली हो वरना मैंने तो बहुत घरों में देखा है कि आज भी पुरानी रीती रिवाज निभाए जाते है। 
बहुत सी पुरानी औरतें अपनी बहू को इन दिनों में रसोई में जाने ही नहीं देती। “
लेडी डॉक्टर जो बातें कह रही थी, उसे सुनकर सुलेखा अपने आप पर बहुत शर्मिंदा थी।
मधु ने उसके बारे में झूठ क्यों बोला था जबकि मधु ने कोई दूध फल नहीं लिए थे ? 
डॉक्टर,” राजेश जी, एक बार मधु जब ठीक हो जाये तो क्लिनिक ले आइएगा। मैं मधु का हीमोग्लोबिन टेस्ट कर लूँगी। 
बाकी मधु… तुम अपनी डाइट का ख्याल रखा करो। हरी सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, फ्रूट्स और बाकी सब तुम्हें खाना है। तुम्हारी सास भी बहुत अच्छी है। “
सुलेखा,” आप चिंता मत कीजिए डॉक्टर साहिबा, मैं अपनी बहू का पूरा ख्याल रखूंगी। “
डॉक्टर के जाने के बाद सुलेखा मधु के साथ बहुत प्यार से बर्ताव करती है। रात तक मधु की तबियत में सुधार आ जाता है। 
सुलेखा,” मधु बहू, ये टिंडे का मसाला जैसा तुम बनाती हो, वैसा मुझे बनाना नहीं आता। ज़रा रसोई में तो आना। “
मधु,” पर मां जी, मैं..? “
सुलेखा,” हाँ बेटा, देखो… मैंने प्याज भूनने रख दी है। बाकी टिंडों में मसाला तुम अपने हिसाब से भर दो। “
मधु झट से सुलेखा के गले लग जाती है और रो पड़ती है।
मधु,” आइ लव यू माँ जी। “
सुलेखा,” आई लव यू टू, मेरी प्यारी बहू रानी। “
दोनों सास बहू का प्यार देख राजेश को भी तसल्ली हो जाती है। उस दिन के बाद सुलेखा ने कभी भी पीरियड्स के दिनों में अपनी बहू मधु से छुआ छूत नहीं मानी। 
सुलेखा जानती थी उसकी छुआ छूत के कारण आज उसकी बहु मधु की जान को खतरा हो सकता था। 

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सुलेखा को अपनी भूल का अहसास हो चुका था। मधु भी अपनी सास की बदलती सोच देखकर बहुत खुश थी। 
आज की ये ख़ास और मज़ेदार कहानी आपको कैसी लगी ? नीचे Cooment में जरूर बताएं।

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