हेलो दोस्तो कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – बारिश की रात। यह एक Horror Story है। तो अगर आपको भी Daravani Kahaniya, Sachhi Kahani या Horror Stories in Hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Baarish Ki Raat | Rainy Night | Horror Story | Sachhi Kahani | Horror Stories in Hindi
बारिश की रात
आज रोहित की सालगिराह है। उसकी पत्नी घर पर उसका इंतजार कर रही होती है। लेकिन आज रोहित को ऑफिस से लौटते वक्त काफी देर हो जाती है। वह अपनी बाइक स्टार्ट करता है लेकिन काफी देर तक प्रयास करने के बाद भी बाइक स्टार्ट नहीं होती है।
वह बाइक को वहीं छोड़ देता है और बस का इंतजार करने लगता है; क्योंकि कुछ ही समय में बस के आने का टाइम होने लगता है। वह चलते-चलते बस स्टैंड तक पहुंच जाता है। लेकिन तभी बारिश होना शुरू हो जाती है।
रोहित बारिश में भीगने लगता है। बारिश से बचने के लिए वह अपने सूटकेस को अपने सिर पर रख लेता है। बस स्टैंड पर और भी कई लोग बस का इंतजार कर रहे होते हैं। यह सभी लोग देखने में बडे ही अजीब लग रहे थे।
तभी रोहित महसूस करता है कि बारिश की बूंदे उसके ऊपर गिरना बंद हो गई है। जब उसने देखा तो बगल में एक व्यक्ति अपनी छतरी के आधे हिस्से को रोहित के ऊपर किए हुए था। यह देखकर रोहित हल्का सा मुस्कुराया।
उस व्यक्ति की लंबाई रोहित के बराबर थी। हाथ में बहुत सारी अंगूठी और चेहरे पर चश्मा लगाए हुए था जिससे रोहित उसका चेहरा ठीक से नहीं देख पा रहा था।
उस आदमी ने कहा – यह बारिश का मौसम भी बड़ा ही अजीब है, कहीं तो बहुत ज्यादा बारिश हो जाती है और कहीं सूखा। कहीं लोगों को जीवन देती है तो कहीं मौत।
उस आदमी की इस बात का रोहित के पास कोई जवाब नहीं था। वह उस आदमी को देखकर हल्का सा मुस्कुराया और अपना सिर हिलाया।
कुछ देर बाद रोहित का फोन बजता है। वह जेब से फोन निकालता है तभी फोन हाथ से छूट कर जमीन पर गिर जाता है। रोहित तुरंत फोन उठाने के लिए झुकता है तो उसे कुछ ऐसा दिखाई देता है जिससे वह पूरी तरह डर जाता है।
वह देखता है कि छतरी वाले आदमी के पैर नहीं है। वह जूतों पर बिना पैरों के खड़ा है। वह हिम्मत बांधकर खड़ा होता है और अनजान बनने का दिखावा करने लगता है। तभी वह देखता है कि बस स्टैंड पर बाकी के लोग नहीं है। वह और ज्यादा डर जाता है।
वह तुरंत अपनी पत्नी शालिनी को अपने साथ हो रही घटना को मैसेज के जरिए बता देता है और जल्दी से जल्दी अपनी लोकेशन पर आने के लिए कहता है। लेकिन तभी छतरी वाला आदमी कहता है – शालिनी को यहां बुलाना अच्छा नहीं है।
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यह सुनकर रोहित बहुत ज्यादा घबरा जाता है और वहां से भागने लगता है। वह तब तक भागता रहता है जब तक कि उसे छतरी वाला आदमी दिखाई नहीं देता। काफी दूर तक भागने के बाद रोहित हांफने लगता है।
सांस भरने के लिए वह एक टेबल पर बैठ जाता है और अपनी तेज सांसों को शांत करने लगता है। लेकिन तभी वह महसूस करता है कि बारिश की बूंदे फिर से उसके ऊपर गिरना बंद हो गई है। वह अपनी नजर पीछे घूमाता है तो वही छतरी वाला आदमी उसके पास खड़ा हुआ होता है।
यह देखकर रोहित फिर से वहां से भागना शुरू कर देता है और भागते भागते काफी दूर निकल आता है। बिजली की तेज गड़गड़ाहट में वह देखता है कि सड़क के बीचो-बीच वही आदमी खड़ा हुआ है जो ठीक रोहित के सामने है।
इस बार उसका आधा शरीर गायब हो चुका है। यह सब देख रोहित की चीख निकल जाती है। इसी बीच रोहित को पीछे से बस के हॉर्न की आवाज सुनाई देती है। वह तेजी से पीछे मुड़ता है तो उसे बस आती हुई दिखाई देती है।
तभी कुछ लोगों का झुंड बस की तरफ आते हुए दिखाई देता है। बस रूकती है और वह लोग एक दूसरे को धक्का देना शुरू कर देते हैं। इस धक्के में रोहित नीचे गिर जाता है और वह लोग रोहित के ऊपर चढ़ने लगते हैं।
बस का कंडक्टर इस भीड़ से बचने के लिए बस को थोड़ा आगे बढ़ाता है। लेकिन इस भीड़ में रोहित बस के नीचे आ जाता है और उसका आधा शरीर खून से लथपथ हो जाता है।
तभी उसकी पत्नी शालिनी बस स्टैंड वाली लोकेशन पर पहुंचती है। जैसे ही वह रोहित को ढूंढते हुए इधर-उधर देखती है तो उसे रोहित सड़क के बीचो बीच दर्द के मारे कराहता हुआ दिखाई देता है। उसका आधा शरीर बस के नीचे कुचल चुका था और मदद के लिए कोई भी इधर उधर दिखाई नहीं दे रहा था।
किसी तरह से शालिनी उसे हॉस्पिटल ले जाती है। हॉस्पिटल पहुंचकर उसका इलाज किया जाता है। उसकी जान तो बच जाती है लेकिन उस एक्सीडेंट की वजह से उसके पैर खराब हो जाते हैं। अब वह कभी भी अपने पैरों पर चल नहीं सकता है।
उस हादसे के बाद रोहित अगर किसी को भी उसके बारे में बताता तो कोई भी उसकी बातों का यकीन नहीं करता। लेकिन शालिनी ने उसके बारे में एक आर्टिकल में पड़ा था, जिसमें बताया गया था कि हर साल कोई ना कोई व्यक्ति इसी घटना का शिकार होता है।
हर एक को वही छतरी वाला आदमी काला चश्मा पहने दिखाई देता है और बाद में वह आदमी उनकी जान ले लेता है।
कुछ दिनों बाद डिप्रेशन के कारण रोहित की मौत हो जाती है। रोहित की पत्नी शालिनी मानसून के दिनों में हर रोज उसी बस स्टैंड पर जाती और उस छतरी वाले आदमी का इंतजार करती।
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उसे लगता है कि शायद छतरी वाले आदमी की भी इसी तरह किसी बस के नीचे कुचल जाने से मौत हुई होगी और अब वह अपनी मौत का बदला ले रहा है।
शालिनी ने काफी कोशिश की लेकिन उसे कभी भी वह आदमी नहीं मिला। अब हर सालगिराह पर शालिनी बहुत ही बुरी तरह रोती और रोहित को याद करती; क्योंकि उसे जान से ज्यादा चाहने वाला उसका पति, रोहित अब इस दुनिया में नहीं रहा। केवल यादों के सहारे ही वह उसे महसूस कर पाती थी।
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