हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – श्रापित शीशा। यह एक Horror Kahani है। तो अगर आपको भी Daravani Kahaniya, Bhutiya Kahani या Horror Stories in Hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Shrapit Sheesha | Horror Story | Bhutiya Kahani | Chudail Ki Kahani | Horror Stories in Hindi
श्रापित शीशा
विशाल ,” अंदर लाओ, थोड़ा सा और अंदर… हाँ हाँ बस बस हो गया। अब खोलो इसे, सारा सामान निकालना भी तो है। “
सरदार जी (ट्रक का मालिक),” ओ ! तेनु कलेक्टर नाल फ़ोन करवावा ? जल्दी सामान नू अनलोड कर, पुत्ते दे पुत्तर। “
उसका नौकर ट्रक से सामान उतारकर विशाल के नए घर में शिफ्ट करने लगता है।
विशाल,” अरे ! अब तो खुश होना ? कैसा लगा नया घर ? ये सब ऐन्टीक सामान है। खुश तो हो ना तुम ? “
रिया,” बहुत हो गयी तुम्हारी बदमाशी, अब बाहर जाओ और खाने का सामान लेकर आओ वरना तुम्हारे प्रोफेसर को भूखा ही वापस जाना पड़ेगा। “
विशाल,” अरे ! मैं तो भूल ही गया, आज प्रोफेसर आने वाले है। मैं अभी मार्केट से सारा सामान लेकर आता। हूँ। “
विशाल के जाने के बाद रिया भी सीधे नहाने के लिए चली गई। रिया जब नहाकर वापस आई तो श्रृंगार करने के लिए उसने अपने शीशे से कपड़ा हटा दिया और उसके सामने बैठकर बड़े ही प्यार से संवरने लगी।
रिया अभी श्रृंगार कर ही रही थी कि अचानक उसने देखा कि उसका प्रतिबिंब शीशे के अंदर से हाथ में खाना उसे ही देने आ रहा है।
हाथ में खाना देख रिया ने सबसे पहले अपने आसपास देखा लेकिन आसपास कोई नहीं था।
फिर जब वो शीशे के पास गई तो शीशे में से दो हाथ बाहर निकले और रिया को खाना देने लगे। इतने में विशाल आ जाता है।
विशाल,” कब से बैल बजा रहा हूँ ? देखो ना… मेरे साथ कौन आया है ? मेरे प्रोफेसर… मिस्टर अतुल। “
रिया,” आ जाइए। मैं वापस आ गई हूँ।
रिया की बात विशाल को समझ नहीं आ रही थी लेकिन जब वो प्रोफेसर के साथ घर के अंदर आया तो उसे यकीन ही नहीं हुआ कि ये घर उसी का है।
प्रोफेसर,” अरे वाह विशाल ! तुमने तो अपने घर को महल ही बना दिया। “
अतुल घर के सामान को देख ही रहा था कि उसकी नज़र शीशे पर पड़ी जिसे देखकर उसके पसीने छूटने लगे।
प्रोफेसर,” ये… ये श्रापित शीशा यहाँ पर कैसे आया ? तोड़ दो इसे वरना विशाल यह तुम्हारे पूरे घर को खा जायेगा। “
अतुल शीशे को देख बगल से फूलदान उठाता है और गुस्से में शीशे की तरफ जैसे ही फेक देता है, अतुल का यह वार खाली चला जाता है।
उसने जैसे ही फूलदान शीशे की तरफ फेंका, उसके अंदर से एक और रिया बाहर निकल आई और उसने वो फूलदान पकड़कर दोबारा अतुल की तरफ फेंक दिया जिसके लगते की अतुल बेहोश हो गया।
विशाल,” रिया, तुम ये क्या कर रही हो ? तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ? “
रिया,” तुम्हारे सामने वो तुम्हारी पत्नी को मार रहा है तुम हो कि खड़े खड़े बस तमाशा देख रहे हो। कैसे पति हो तुम ? “
अगली सुबह जब विशाल की आँखें खुली तो उसने खुद को अस्पताल में पाया। उसने बस होश सम्भाला ही था कि उसे पिछली रात को घटी वो वारदात याद आ गयी जिसके याद करते ही वह सहम सा गया और प्रोफेसर को ढूंढने लगा।
विशाल,” प्रोफेसर… प्रोफेसर, प्रोफेसर अतुल।
नर्स,” तुम क्यों बवाल करता है ? तुम जिसको ढूंढ रहा है वो तो दूसरे आईसीयू वार्ड में है। जाओ जाकर मिल लो। “
विशाल,” प्रोफेसर, मेरी पत्नी रिको क्या हो गया है ? अब वो इस तरह से क्यों बर्ताव कर रही है ?
और मेरे जाने से पहले घर में इतना सामान तो नहीं था फिर अचानक से वो झूमर, मूर्तियां… ये सब कहाँ से आ गये ? “
प्रोफेसर,” क्योंकि विशाल जो तुम्हारे घर में वो शीशा है वो श्रापित है। मिस्र की रानी का काला जादू शीशे में कैद है जिस किसी शख्स की परछाई उस शीशे पर पड़ती है, उसकी परछाई उस शीशे में हमेशा के लिए कैद हो जाती है और वो मिस्र की रानी उसकी परछाई से कुछ भी करवा सकती है। “
विशाल,” तो क्या मेरी पत्नी की परछाई उस मिस्र की रानी ने शीशों में कैद कर ली है ? “
प्रोफेसर,” मगर जिस किताब में मैंने इसे पढ़ा था। उसमें इसका तोड़ भी लिखा था। विशाल, अगर तुम अपनी पत्नी की परछाई को श्राप से मुक्त करना चाहते हो तो तुम्हे उस को तोड़ना ही होगा, वो भी जल्द से जल्द क्योंकि बिना परछाई के तुम्हारी पत्नी ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह सकती। “
विशाल,” मगर कोशिश तो आपने भी करी थी और इसीलिए तो आप यहाँ पर इस आईसीयू में पड़े है। “
विशाल घर आया तो उसने देखा कि रिया आराम से बिस्तर पर सो रही है। उसका फायदा उठाते हुए विशाल ने श्रापित शीशे को पहले बड़े कपड़े से ढका फिर उस श्रापित शीशे को एक बड़े शीशे के सामने खड़ा कर दिया।
विशाल,” शैतान, तुमने मेरी पत्नी की परछाई को कैद किया है। मैं कहता हूँ मेरी पत्नी की परछाई को आजाद कर वरना मैं ये शीशा तोड़कर तुझे और तेरी ताकत को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दूंगा। समझे..? “
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शीशा,” डरता क्यों है ? अरे हिम्मत है तो सामने आकर बात कर। कसम से… मैं तेरी पत्नी की परछाई को तुरंत आजाद कर दूंगी। “
विशाल,” बड़ा शौक है ना तुझे दूसरों की परछाई चुराने का ? ले अब अपनी परछाई चुराकर दिखा। “
शीशा,” हटाओ इस शीशे को मेरे सामने से, मैं कहती हूँ हटाओ से। मुझे दर्द हो रहा है। मैं कभी बहुत खूबसूरत हुआ करती थी लेकिन श्राप के कारण आज मुझसे मेरा ही चेहरा देखा नहीं जा रहा। विशाल, मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ। इस शीशे को मेरे सामने से हटा दो। “
विशाल,” मैं ये शीशा सिर्फ तभी हताऊंगा जब तुम मेरी पत्नी रिया की परछाई को उसे वापस करेगी। “
सीसा,” विशाल, मैं तुम्हारी बात मानने के लिए तैयार हूँ। लो… लो मैंने तुम्हारी पत्नी की परछाई वापस कर दी। अब जल्दी हटाओ। “
विशाल,” तूने लोगों को बहुत परेशान किया है ना ? उन्हें बहुत तकलीफ दी है। अब उन सब का हिसाब चुकाने का वक्त आ गया है। “
शीशा,” विशाल, जल्दी से शीशे को मेरे सामने से हटाओ। “
विशाल उस शीशे को नॉर्मल शीशे पर धक्के से फेंक देता है जिससे दोनों शीशे एक दूसरे से टकराकर टूट जाते हैं और जमीन पर गिरे सभी टुकड़ों से काली रौशनी निकलने लगती है।
जिसमें से अलग अलग लोगों की काली परछाई चीखते हुए बाहर आकर पूरे कमरे में उड़ने लगते हैं। विशाल ये सब देखकर पूरी तरह डर जाता है।
शीशे से निकली परछाई इतनी ज्यादा शक्तिशाली थी कि उसने विशाल को भी हवा में उड़ा दिया था और ना चाहते हुए भी विशाल उस काली शक्तियां की वजह से श्रापित शीशे से निकली काली रोशन में समाने जा ही रहा था कि तभी रिया ने विशाल का हाथ पकड़ लिया और वापस उसे खींच कर अपने गले लगाते हुए कहा।
दोनों के गले लगते ही सारी काली शक्तियां गायब हो जाती हैं।
रिया,” विशाल, मेरे होते हुए तुम्हें कुछ नहीं हो सकता। हमारा प्यार ही हमारी ताकत है। आई लव यू। “
विशाल ,” आई लव यू टू, रीया। “
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