हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ बदमाश डांस टीचर ” यह एक Moral Story है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
नंदिनी को जैसे ही डांस टीचर विक्की ने पहली बार देखा, तो वो उसे देखता ही रह गया। आखिर ये होता भी क्यों ना..?
क्योंकि नंदिनी दिखने में किसी हीरोइन से कम नहीं थी। गोरा रंग, लंबा कद, फूलों की पंखुड़ी की तरह गुलाबी होंठ, और होंठों के नीचे काला तिल।
लाल रंग की सलवार सूट पहने नंदिनी जब विक्की की ओर बढ़ रही थी, तो विक्की के दिमाग में एक ही चीज़ चल रही थी…
विक्की, “ओह माय गॉड! ऐसा लग रहा है कि आसमान से डायरेक्ट अप्सरा उतरकर मेरे पास आ रही है।”
नंदिनी ने जब पहली बार उसके पास आकर पूछा, “एक्स्क्यूज़ मी, ये डांस टीचर विक्की कहाँ मिलेंगे?”
विक्की, “जी इस नाचीज़ को ही विक्की कहते हैं। कहिए, क्या काम है?”
नंदिनी, ” ओह! आप हैं विक्की सर?”
विक्की, “अब सर बोलिए या पैर, विक्की मैं ही हूँ।”
नंदिनी, “काफी मज़ाकिया हैं आप।”
विक्की, “उसका तो पता नहीं, लेकिन आशिक मिजाज़ तो हूँ।”
नंदिनी ने जब उसे घूरकर देखा तो विक्की ने कहा।
विक्की, “अरे! आशिक मिजाज़ मतलब डांस से आशिकी। आई लव डांस। मेरे लहू में समाया हुआ है।
जैसे मछली पानी के बिना नहीं रह सकती, वैसे मैं डांसिंग के बिना नहीं रह सकता।”
नंदिनी, “सर, मुझे आपसे डांस सीखना है। मैं कब से डांस सीखने आ सकती हूँ?”
विक्की, “काल करे सो आज कर, आज करै सो अब… पल में परलय होएगी तो डांस सीखेगा कब?”
डांस टीचर विक्की की इस बात को सुनकर नंदिनी मुस्कुरा दी। विक्की ने उसी दिन से नंदिनी को डांस सिखाना शुरू कर दिया।
विक्की, “12345678… अरे नंदिनी जी! सैवन में ये राइट वाला पैर आगे होगा और लेफ्ट वाला पीछे और बॉडी का ये वाला भाग थोड़ा झुका रहेगा। थोड़ा सा, ज्यादा नहीं.. ऐसे।”
नंदिनी, “सर, वही तो मैं कर रही हूँ।”
विक्की, “नहीं, आप वैसा नहीं कर रही हैं। ये देखिए आपका कौनसा पैर आ गया?”
नंदिनी, “सॉरी सर।”
विक्की, “डांस को पूरा कॉन्सन्ट्रेशन के साथ करिए और दिल से करिए तो बहुत मज़ा आएगा।”
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नंदिनी, “ओके सर।”
उस एक घंटे की क्लास में विक्की ने स्टेप सिखाने के बहाने नंदिनी को सौ बार गलत तरीके से छुआ, लेकिन नंदिनी को इसका ज़रा भी आभास नहीं हुआ।
क्योंकि उसे लग रहा था कि ये डांस का ही पार्ट है। जब उसकी क्लास खत्म हुई तो वो मास्टर जी को बाय करके क्लास से निकल गई। उसके जाने के बाद विक्की आहें भरता हुआ बोला।
विक्की, “आज से ज्यादा मज़ा तो मुझे डांस सिखाने में कभी नहीं आया था। कितनी पतली कमर थी उसकी, और क्या मूव्स थे उसके।
मज़ा ही आ गया, यार। लोग फालतू में डॉक्टर बनते हैं, इंजीनियर बनते हैं या साइंटिस्ट बनते हैं।
अरे जो मज़ा डांस टीचर बनने में है, वो मज़ा भला कोई और प्रोफेशनल कैसे दे सकता है?
हे ऊपर वाले! तूने मेरी किस्मत इतनी शानदार बनाई है कि इसके लिए तेरा 1 लाख बार भी शुक्रिया अदा करूँ तो वह कम पड़ेगा।”
उधर नंदिनी लगातार विक्की डांस टीचर की क्लास में आने लगी। लेकिन धीरे-धीरे उसे यह अहसास होने लगा कि विक्की डांस टीचर हमेशा कोई ना कोई ऐसे मौके की तलाश में रहता जब वो उसे टच कर सके।
विक्की, “डांस टीचर कौन हैं, मैं या आप?”
नंदिनी, “सर, वो तो आप हैं। लेकिन मैंने तो सही स्टेप्स किए हैं।”
विक्की, “अरे नंदिनी जी! आपने सही किए हैं तो क्या मेरी आँखें खराब हैं, जो मुझे गलत दिख रही हैं?”
नंदिनी, “नहीं सर, ऐसा नहीं है।”
विक्की, “मुझे तो लगता है कि ऐसा ही है, तभी तो आप मुझे ही सिखा रही हैं। देखिए नंदिनी जी, गलत स्टेप करिएगा तो मुझे करेक्ट तो करना ही होगा ना? अगर करेक्ट नहीं किया तो कल को आप मुझे ही दोष देंगी।”
नंदिनी के पति देवेश का ट्रांसफर हो गया था, इसलिए कुछ दिन पहले ही वो इस मोहल्ले में रहने आई थी।
देवेश बैंक में मैनेजर था। वो हर दिन 9:30 बजे बैंक के लिए निकल जाता। उसके जाने के बाद पूरा दिन नंदिनी घर में अकेली बोर होती।
डांस करने का उसे बहुत शौक था, इसलिए एक दिन उसने देवेश से कहा।
नंदिनी, “आप तो जानते ही हैं ना, कॉलेज के समय से ही मुझे डांस सीखने का बहुत शौक रहा है। शादी के बाद मेरा वो शौक कहीं किसी बक्से में बंद हो गया।
देखिए, आप तो पूरा दिन ऑफिस में रहते हैं, लेकिन मैं घर में बोर हो जाती हूँ। अगर मैं डांस फिर से सीखने लगूंगी तो मेरी बोरियत कम हो जाएगी और मेरा पुराना शौक भी पूरा हो जाएगा।”
देवेश, “अरे बाबा! तो मैंने कहां तुम्हें रोका है अपने शौक पूरे करने से? जाओ और सीखो।
वैसे भी शादी के बाद तुम्हारी उँगलियों के इशारे पर मुझे डांस करना तो आ ही गया है।”
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अगले दिन…
नंदिनी, “यह क्या कर रहे हैं सर आप?”
विक्की, “क्या कर रहा हूँ मतलब? डांस की क्लास है, डांस सिखा रहा हूँ।”
नंदिनी, “सर, या तो आप बहुत स्मार्ट हैं या मुझे बेवकूफ समझ रहे हैं।”
विक्की, “क्या मतलब है आपका?”
नंदिनी, “मतलब ये है कि पिछले 10 दिनों से मैं आपको नोटिस कर रही हूँ कि आप डांस सिखाते कम हैं और इधर-उधर टच ज्यादा करते हैं। बहुत ही बेशर्म किस्म के इंसान हैं।”
नंदिनी की बातों को सुनकर विक्की आग बबूला हो गया। उसने नंदिनी पर लगभग चिल्लाते हुए कहा।
विक्की, “आपका दिमाग तो ठीक है? क्या कह रही हैं आप? सालों से मैं यहाँ डांस क्लास चला रहा हूँ।
कला की साधना कर रहा हूँ और आप मुझ पर ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। देखिए, आपको डांस सीखना है तो सीखिए, नहीं तो कहीं और चले जाइए।
लेकिन इस तरह मेरी कला को, मेरी साधना को नीचा मत दिखाइए।”
विक्की चिल्ला-चिल्लाकर ये बातें कर रहा था और उसकी बातों को पूरी क्लास सुन रही थी। तभी उसी क्लास में डांस सीखने वाली एक लेडी (रानी) विक्की के पास आई और उसके मुँह पर एक जोरदार तमाचा मार दिया।
रानी, “कला की साधना? आप कला की साधना कर रहे हैं?
अरे सर! शर्म करिए। आप कला की साधना नहीं कर रहे हैं बल्कि उसकी आड़ में अपनी गन्दी इच्छा पूरी कर रहे हैं।”
विक्की, “अरे! आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे थप्पड़ मारने की? कौन हैं आप?”
रानी, “मैं रानी हूँ, इंस्पेक्टर रानी। पिछले कई दिनों से मुझे तुम्हारी बेशर्मी की शिकायत मिल रही थी। लेकिन ठोस सबूतों के अभाव में मैं कुछ कर नहीं पा रही थी।”
रानी, “इस बदमाश आदमी की बुरी नीयत का शिकार मेरी बेटी भी हुई है। एक सप्ताह पहले की बात है, मेरी बेटी ने कहा था।
लड़की, ‘मम्मी, डांस टीचर अच्छे नहीं हैं। वो डांस कम सिखाते हैं और इधर-उधर टच ज्यादा करते हैं। जब मैं उन्हें कुछ बोलती हूँ तो वो ये बोलते हैं कि ये तो डांस का पार्ट है।
गलती करोगी तो सही करना ही होगा।”
रानी, “बेटी, तू चिंता मत कर। तुम्हारे उस डांस टीचर की सारी पोल मैं सबके सामने खोलूँगी और वो भी सबूत के साथ।”
इंस्पेक्टर रानी ने भी विक्की की क्लास में एडमिशन ले लिया और उसकी हर हरकत को अपने छिपे कैमरे में कैद करने लगी।
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इंस्पेक्टर रानी विक्की को गिरफ्तार करके थाने ले गई। थाने में उसकी अच्छे से मरम्मत की गई और फिर उसे जेल भेज दिया गया। उसे 6 साल की सजा हुई।
दोस्तो ये Moral Story आपको कैसी लगी, Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!