समुद्री राक्षस | Samundri Rakshas | Hindi Kahaniya| Bhutiya Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories | Horror Story

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” समुद्री राक्षस ” यह एक Bhutiya Kahani है। अगर आपको Hindi Scary Stories, Horror Story या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
समुद्री राक्षस | Samundri Rakshas | Hindi Kahaniya| Bhutiya Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories | Horror Story

Samundri Rakshas | Hindi Kahaniya| Bhutiya Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories | Horror Story

 समुद्री राक्षस 

आज मत्स्यलोक की रानी ने राजकुमारी को जन्म दिया था। पूरे मत्स्यलोक में खुशियां मनाई जा रही थी। महारानी ने जादूगरनी सुमी को बुलाया। 
महारानी,” सुमी, मेरी बेटी वो है जिसे इस ब्रह्मांड ने अपने आखरी वंशज के रूप में चुना है, जिसकी मृत्यु के पश्चात उसका रक्त नीलमणि में बदल जाएगा। 
मेरी बेटी को अपनी ये नीलमणि उसके राज्य अभिषेक होते ही प्राप्त हो जाएगी। उसे हमारे देवताओं ने हम सब की भलाई के लिए चुना है। 
उस नीलमणी में इतनी शक्ति होगी कि पूरे ब्रह्मांड को अपने अंदर समाहित कर सकती है। इसे धारण करने वाला यथाशक्ति का मालिक होगा। 
लेकिन अगर ये नीलमणी किसी गलत हाथों में पड़ गयी तो तुम कल्पना भी नहीं कर सकती कि इसका परिणाम क्या होगा ? “
सुमी,” ऐसा क्यों महारानी ? “
महारानी,” राजकुमारी के 18 वर्ष के होते ही इसका राज्य अभिषेक किया जायेगा। लेकिन उससे पूर्व इसकी जान को खतरा है। “
सुमी,” खतरा… कैसा खतरा महारानी ? “
महारानी,” 18 वर्ष की होने पर इसके अंदर सभी शक्तियां जागृत हो जाएंगी। लेकिन उस समय इसका विवाहित होना भी जरूरी है। 
किन्तु उससे पहले अगर इसके रक्त से बनी नीलमणि को जादूगर कपाली ने अपनी जादुई छड़ी में लगा लिया तो फिर ये राज्य समाप्त हो जायेगा और वो दुष्ट सबको गुलाम बना लेगा। “
अभी वे बात कर ही रहे थे कि एक दासी दौड़ती हुई आई। 
दासी,” महारानी, जादूगर कपाली ने महल पर हमला कर दिया। है। “
महारानी,” सुमी, तुम कपाली की सगी बहन हो पर मुझे तुम पर अपनी दोस्ती पर भरोसा है। अपनी जादुई विद्या से तुम्हें मत्स्यलोक की रक्षा कर सकती हो। “
सुमी,” मैं अपनी जादुई शक्तियों से मत्स्यलोक को पानी के जादुई शीशे से पूरी तरह से बंद कर दूंगी जिससे ये हमेशा सुरक्षित रहेगा। “
महारानी,” सुमी, ये नीलमणि मेरी निशानी है। तुम इसे राजकुमारी के गले में डाल दो। अब सब तुम्हारे हवाले है। “
ऐसा कहते ही महारानी ने अपने प्राण त्याग दिए। महारानी के मरते ही सारे लोक में दुःख का माहौल छा गया। 
सागर में तूफान उठने लगा। सारा पानी मैला होने लगा। इतने तूफान में कपाली को कुछ हासिल ना हुआ और वो कुछ पता ना लगा पाया। 
सुमी,” राजकुमारी की रक्षा के लिए उसे यहाँ से पृथ्वीलोक छोड़ना होगा। वरना जादूगर कपाली उसका पता लगा लेगा। “
सुमी जादूगरनी राजकुमारी को एक छोटी सी बच्ची के रूप में बदल देती है और सागर में खड़ी एक नाव में रख देती है। 
अगली सुबह…
भीमा (मछुआरा),” आज मैं अपनी नाव को समुद्र के बीच में ले जाऊंगा। आसमान साफ है, आज काफी मछलियां पकड़ में आ जाएँगी, हाँ। “
अचानक भीमा को नाव में से किसी बच्ची की रोने की आवाज आती है। 
भीमा,” हे भगवान ! मेरी नाव में ये छोटी सी बच्ची किसकी है ? देखने में तो किसी राज़घराने की लगती है। इसे घर ले चलता हूँ। “
घर पहुंचकर…
भीमा,” अरे भाग्यवान ! कहां हो ? इधर आओ जल्दी। “
रमा,” क्या हुआ जी, क्यों चिल्ला रहे हो ? अरे ! ये किसकी बच्ची उठा लाये आप ? “
भीमा,” अरे ! उठा के नहीं लाया हूँ। आज जब मैं मछली पकड़ने गया था तो मैंने देखा कि ये रो रही थी। 
वहाँ दूर तक कोई नहीं था। लगता है पैदा करके छोड़ दिया है इसे। शायद पालने की हिम्मत नहीं थी। “
रमा,” जाने दीजिये, कौन जाने किसके घर की परिस्थितियां कैसी थीं ? लगता है इसका हमारे भाग्य में आना तय था, तभी तो इतने सारे मछुआरों के होते हुए ये सिर्फ हमारे घर आई। “
रमा,” आपका बहुत बहुत धन्यवाद प्रभु ! आपने मेरी सूनी गोद भर दी। “

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धीरे धीरे 14 साल बीत गए। राजकुमारी रिमझिम को भीमा और रमा लाड प्यार से पालने लगे। रिमझिम बचपन से ही बड़ी दयालु थी। 
वह सबकी सहायता करती थी। एक बार वह अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी कि अचानक उसकी सहेली पेड़ से नीचे गिरने लगी। 
सहेली,” बचाओ…बचाओ मुझे। बचाओ रिमझि मुझे, बचाओ। “
रिमझिम ने अचानक अपना हाथ पेड़ की तरफ किया और उसकी सहेली धीरे से पेड़ से नीचे आ गई। सभी हैरान रह गए। 
सहेली,” ये तुने कैसे किया रिमझिम ? तूने मुझे बचा लिया। “
रिमझिम,” मैंने..? मैंने तो कुछ नहीं किया। ये तो खुद ही हो गया। “
ऐसे ही अब अक्सर जब भी कोई मुसीबत में होता और रिमझिम को पुकारता तो तुरंत उसकी मदद कर देती क्योंकि उम्र के साथ ही उसकी शक्तियां भी बढ़ रही थी। “
एक दिन…
रिमझिम,” नहीं बाबा, आज मत जाओ। आज सागर में भयानक तूफान आने वाला है। “
भीमा,” अरे पगली ! आसमान तो पूरा साफ है। कुछ भी कहती रहती है। “
भीमा ,” चलो भाइयो, चलो। “
रिमझिम ,” ठीक है बाबा, अगर मेरी बात नहीं मानते तो वादा करो… तूफान आने पर मुझे जरूर पुकारोगे। “
भीमा,” ये बात ठीक है मेरी प्यारी बिटिया रानी, मैं तुझे जरूर पुकारूंगा। “
बाकी मछुआरों के साथ भीमा कुछ ही दूर गया होता है कि अचानक सागर में बड़ी बड़ी लहरें उठने लगती हैं और उनकी नाव तूफान में गिर जाती है। 
भीमा,” रिमझिम ने कहा था की तूफान आने वाला है, हमने उसकी बात नहीं मानी। ये तूफान तो बहुत तेज है, इससे बचना मुश्किल है। आखरी बार रिमझिम को पुकार लूं… रिमझिम। “
रिमझिम अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी। तभी उसके कानों में भीमा की आवाज पहुँच जाती है, जो किसी और को सुनाई ही नहीं देती। “
रिमझिम,” मुझे बाबा ने बुलाया है। मुझे बाबा को बचाना है। “
वह दौड़ती हुई सागर के किनारे जाती है और अपने दोनों हाथों में सागर के पानी को भर लेती है। उसके ऐसा करते ही तूफान शांत हो जाता है और भीमा अपने मछुआरे दोस्तों के साथ सही सलामत वापस आ जाता है। 
कपाली,” आज 17 वर्ष हो गए। लेकिन अपनी जादुई शक्तियां के होते हुए भी मैं राजकुमारी का पता नहीं लगा पाया। अब मेरे पास ज्यादा समय नहीं है। 
मेरी सभी जादुई शक्तियां स्वर्गलोक, पाताल लोक, पृथ्वीलोक हर जगह जाकर राजकुमारी का पता लगाओ। मुझे उसके 18 वर्ष के होने से पहले उसके रक्त का नीलमणि चाहिए। “
जादूगर की छड़ी में से तीन रौशनी निकलने लगती है और एक बड़ी चील का रूप लेकर धरती की तरफ उड़ जाती है, एक उल्लू का रूप लेकर स्वर्गलोक की तरफ जाती है और एक नाग का रूप लेकर पाताल लोक की तरफ। 
सुमी,” 17 वर्ष बीत गए। मैंने राजकुमारी को पृथ्वी लोक में भेज दिया लेकिन मैं स्वयं नहीं जानती राजकुमारी कैसी है और किस हाल में है ? 
समय कम है। कपाली ने अपने सेवकों को राजकुमारी का पता लगाने भेज दिया होगा। 
कपाली के राजकुमारी तक पहुंचने से पहले ही हमें राजकुमारी का राज्य अभिषेक करना होगा वरना कपाली पूरी पृथ्वी को गुलाम बना लेगा। “
सुमी रूप बदलकर पृथ्वी लोक पर राजकुमारी को ढूंढने निकल पड़ती है। राजकुमारी एक बड़ी तितली को जमीन पर गिरा हुआ देखती है।
रिमझिम ,” कितनी सुंदर तितली है ? इतनी बड़ी तितली ? “
तितली,” कौन हो और मुझे क्यों मारना चाहती हो ? “
रिमझिम,” मैं रिमझिम हूँ। नहीं नहीं, मैं तुम्हें मारना नहीं चाहती। “
राजकुमार (भेष बदलकर),” मैं तो एक जादूगर राजकुमार हूँ जिसे सजा देने के लिए मेरे पिता जादूगर ने तितली बना दिया, लेकिन तुमने मुझसे बात करके मुझे वापस राजकुमार बना दिया। 
अपनी शक्ति से अब मैं तुम्हें तितली बनाकर अपने देश ले चलता हूँ, वहाँ मैं तुम्हें अपनी दुनिया दिखाऊंगा। “
रिमझिम तितली के रूप में जादूगर राजकुमार के साथ उसके देश चली जाती है। 
महाराज,” अरे राजकुमार ! तुम अपने साथ किसे लेकर आए हो ? मुझे तुम्हारे साथ किसी मत्स्य कन्या की खुशबू आ रही है। “
राजकुमार,” महाराज, आपका जादू गलत सूचना दे रहा है। मैं तो अपने साथ पृथ्वी लोक की एक लड़की को तितली बनाकर लाया हूँ। “
राजकुमार जैसे ही तितली को बाहर निकालता है जादूगर अपने जादू से पहचान लेता है कि वह मत्स्य राज्य की राजकुमारी है। 

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महाराज,” अरे ! ये तो वही राजकुमारी है जिसे बड़े भैया पिछले 18 सालों से ढूंढ रहे हैं। उन्हें तुरंत सूचना देनी होगी। “
राजकुमार,” आप ऐसा नहीं कर सकते। “
महाराज,” मेरा भाई जादूगर कपाली बहुत बड़ा जादूगर है। अगर उसे मैंने सूचना नहीं दी तब भी उससे पता चल जाएगा। मैं नहीं चाहता कि हम दोनों मारे जाएं। “
सुमी,” भैया, ये जानते हुए भी कि मैं जादूगर कपाली की सगी बहन हूँ, महारानी ने राजकुमारी की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुझे दी है। 
मेरे होते हुए इसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। मैं राजकुमारी को लेकर जा रही हूँ। “
सुमी अपने जादू से राजकुमारी की चारों तरफ सुरक्षा कवच बना देती है और उसे लेकर गायब हो जाती है। 
कपाली,” जिसे नाज़ों से पाला वही मेरी हार देखना चाहती है। आज राजकुमारी के साथ सुमी का भी अंत होगा। 
मैं ब्रह्मांड का सबसे ताकतवर जादूगर बनूँगा। तुम सब मेरे गुलाम बनोगे। “
महाराज,” नहीं भैया, जब तक मेरे प्राण हैं, मैं सुमी का बाल भी पांका नहीं होने दूंगा। “
कपाली,” तो ठीक है। “
इतना कहकर कपाली एक त्रिशूल महाराज की ओर मारता है जो उनके सीने में धंस जाता है और उनकी वहीं पर मौत हो जाती है।
राजकुमार,” पिताजी जब तक आपकी मौत का बदला नहीं ले लेता तब तक मैं चैन की सांस नहीं लूँगा। मुझे आपकी सौगंध है। “
सुमी,” भीमा, रिमझिम मत्स्यलोक की राजकुमारी है। इसके जीवन की रक्षा के लिए हमें आज ही इसका राज्याभिषेक करना होगा। यहीं पर तैयारी करो। “
तभी राजकुमार भी अपनी सेना के साथ वहाँ पहुँच जाता है और सुमी से कहता है। 
राजकुमार,” बुआ जी, जादूगर कपाली ने पिताजी का वध कर दिया है। मुझे आपका साथ चाहिए। मैं उन्हें छोडूंगा नहीं। “
सभी लोग जल्दी जल्दी राज्य अभिषेक की तैयारी करने लगते है और जैसे ही राज्य अभिषेक का समय आता है, अचानक चारों तरफ अंधेरा छा जाता है। 
कपाली,” मैं भी देखता हूँ, मुझे सर्वशक्तिशाली बनने से कैसे रोकोगे। “
सुमी,” राजकुमार, राजकुमारी के सर पर मुकुट रख दो। “
कपाली,” तुम भूल गई सुमी, केवल मुकुट रखने से कुछ नहीं होगा। राजकुमारी के अंदर सभी शक्तियां को जागृत करने के लिए उसका विवाहित होना भी जरूरी है। “
सुमी,” तुम्हारा काला जादू तुम्हें बर्बाद कर देगा भैया। तुम जानते हो, गुरूजी ने हम तीनो भाई बहनों को जादू के गुण सिखाए थे और हमसे वादा लिया था कि हम इसका प्रयोग केवल सबकी भलाई के लिए करेंगे। “
कपाली,” भलाई भलाई के लिए ही तो कर रहा हूँ… अपनी भलाई के लिए। अपने जादू से मैं एक असुर सेना की रचना करूँगा और सारे ब्रह्मांड का राजा बनूँगा। आज मुझे अपनी माया का प्रयोग करना होगा। “
सुमी,” राजकुमार, क्या तुम राजकुमारी से विवाह करोगे ? लगता है विधाता ने तुम्हें ही राजकुमारी के लिए चुना है ? “
सुमी,” भीमा, तुमने इसका पालन किया है, तुम्हें तो इस रिश्ते से कोई ऐतराज़ तो नहीं ? “
राजकुमार,” मुझे राजकुमारी पसंद है। मैं राजकुमारी से विवाह करने के लिए तैयार हूँ। “
भीमा,” नहीं, मुझे कोई एतराज नहीं। आप बस मेरी बेटी के प्राणों की रक्षा कीजिए। “
सुमी,” मैं यहाँ पर माया से नकली रिमझिम का निर्माण कर रही हूँ, जिसका विवाह किसी मछुआरे से होगा और कपाली जब तक उसे मारने की कोशिश करेगा तब तक तुम मंदिर में रिमझिम को मुकुट पहनाकर राजकुमार से उसका विवाह करवा दो। “
राजकुमार रिमझिम के सर पर जादुई मुकुट रखकर उसका राज़ अभिषेक कर देता है और राजकुमार उसकी माँग में सिंदूर भर देता है। ऐसा करने के साथ ही रिमझिम की सारी शक्तियां जागृत हो जाती है। 
कपाली,” सुमी, तुने झूठे माया जाल में फंसाकर राजकुमारी का राज्य अभिषेक कर दिया, अब तू नहीं बचेगी। देखता हूँ उस मायावी कन्या से विवाह कौन करता है ? “
रिमझिम,” रुक जाओ जादूगर, बहुत हो चुका। तुम मेरे रक्त से नीलमणि को प्राप्त करना चाहते थे ना..?
मैं तुम्हारी सारी शक्तियां जादूगरनी सुमी को देती हूँ। तुम्हारी सारी शक्तियां जादूगरनी सुमी के अंदर आ जाएंगी। 
आज से तुम जादूगरनी सुमी के गुलाम बनके रहोगे। तुम्हे भी तो पता चले, कैसा लगता है किसी का गुलाम बनना ? “
कपाली,” नहीं नहीं, ऐसा मत करना। मुझे माफ़ कर दो, मुझसे गलती हो गई। मेरी शक्तियां मुझसे मत छीनो। “
रिमझिम,” सुमी, मत्स्यलोक की अमानत को बचाने के लिए ये आपका उपहार है। इसकी सभी शक्तियां आपकी हुईं। “
भीमा,” प्यारी रिमझिम, तुझसे विदाई का समय आ गया है। माता पिता के रूप में हमने तेरा विवाह अपने हाथों से कर दिया। जा बेटी जा, अब तू अपने कर्तव्य निभा। “
रिमझिम,” माँ पिताजी, मैं जिंदगी में आपको कभी भूल नहीं सकती। जब मैं थक जाउंगी और मुझे माँ की गोद की याद आएगी तो मैं आपके पास आ जाउंगी। “

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रमा,” ये तेरा घर है बेटी, इसके दरवाजे हमेशा तेरे लिए खुले हैं। “
रिमझिम मछुआरों की बस्ती से विदा होकर मत्स्यलोक चली जाती है और सब लोग खुशी खुशी रहने लगते हैं।
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