हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ एक पति की दो पत्नियां ” यह एक Saas Bahu Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Ek Pati Ki Do Patniyan | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories
प्रियंका रात के अंधेरे में हाथ में लोटा लेकर खेत में जा रही है।
प्रियंका,” अरे बाप रे ! कितना अंधेरा है ? ये मैं कहाँ गयी ? कितनी बदबू आ रही है चारों तरफ से ? “
तभी उसकी सौतन सावित्री ने उससे कहा।
सावित्री,” शहर की हो ना इसीलिए इतने नखरे हैं तुम्हारे। मुझे तो कब से ये सब कहना पड़ रहा है ? “
प्रियंका चुप हो गई। अंधेरे में वो और उसकी सौतन शौच करने के लिए बैठ गए। तभी उनके ऊपर टॉर्च की रौशनी आकर गिरी। सावित्री और प्रियंका चौंक गईं।
प्रियंका,” कौन है ? कौन है वहाँ ? “
प्रियंका डर गई। किसी ने उसको इस हालत में देख तो नहीं लिया, उसे बहुत शर्म आई। बचपन से वो शहर में पली बड़ी है।
उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी गाव में होगी। लेकिन बेचारी को क्या पता था कि कॉलेज में उसे एक गांव के लड़के से प्यार हो जाएगा ?
वो पहले दिन कॉलेज गई और उसी कॉलेज में राजीव का भी ऐडमिशन हुआ था।
राजीव भी कॉलेज गया। राजीव को देखते ही प्रियंका के दिल में घंटी बजने लगी।
प्रियंका (मन में),” अरे यार ! वो लड़का तो बहुत ही हैंडसम है। पहली नजर में मुझे उससे प्यार हो गया है। “
राजीव भी प्रियंका को देखकर हंसने लगा।
राजीव (मन में),” लड़की कितनी खूबसूरत है ? काश ! इस लड़की से मैं शादी कर सकता।
लेकिन वहां गांव में मेरी शादी हो चुकी है। नहीं नहीं, इस लड़की को ये नहीं बता सकता। “
राजीव की शादी बचपन में ही हो गयी थी। सावित्री भी तब बहुत छोटी थी। राजीव के गांव में ऐसा ही होता था।
लड़के के साथ लड़की की बचपन में शादी करवाई जाती थी ताकि बड़े होकर उसका मन बाहर न लगे। लेकिन यहाँ तो राजीव का मन लग गया था।
कुछ ही दिनों में राजीव के साथ प्रियंका की अच्छी दोस्ती हो गई और प्रियंका ने राजीव से कहा।
प्रियंका,” राजीव, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। मैं तुम्हारी धर्म पत्नी बनना चाहती हूँ। “
राजीव,” मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ प्रियंका। लेकिन…। “
प्रियंका,” लेकिन क्या..? “
राजीव,” कुछ नहीं, कॉलेज खत्म होते ही हम शादी कर लेंगे। “
गांव में सावित्री राजीव की माँ जानकी को खुश करने में लगी हुई थी। उसे राजीव से खास प्यार नहीं था।
राजीव को भी सावित्री से कुछ लगाव नहीं था। काम करते करते सावित्री की हालत खराब हो जाती थी।
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सावित्री,” पता नहीं बचपन में इसी घर में मेरी शादी क्यों हुई ? ये सास नहीं चुड़ैल है चुड़ैल। कितना काम करवाती है ? “
जानकी जो बोलती थी, सबको वही सुनना पड़ता था। जानकी का पति बहुत पहले मर गया था और तब से जानकी ही घर चलाती आई है।
उसके पास बहुत सारी जमीन जायदाद भी है इसीलिए सिर्फ घर में ही नहीं पूरे गांव में उसका दबदबा है।
राजीव को शहर में पढ़ने जाने के लिए अपनी माँ को बहुत मनाना पड़ा और शहर जाते ही वो प्रियंका के प्यार में डूबने लगा।
ऐसे ही 3 साल बीत गए और राजीव ने प्रियंका से शादी कर ली।
प्रियंका,” राजीव, अब मुझे तुम्हारे घर ले चलो ना। मुझे गांव बहुत पसंद है। “
प्रियंका बहुत खुश थी लेकिन राजीव के मन में चिंता के काले बादल छा गए थे।
राजीव,” अरे यार ! अब क्या करूँ ? दूसरी शादी कर ली है मैंने। अब क्या ही कर सकते हैं ? ले चलता हूँ इसे गांव। “
राजीव प्रियंका को लेकर गांव चला गया। जाते जाते शाम हो गई। राजीव ने अपनी माँ को बुलाया।
राजीव,” माँ, दरवाजा खोलिए माँ। “
जानकी ने दरवाजा खोला। सावित्री भी आयी और प्रियंका को देखकर दोनों चौक गए।
जानकी,” ये क्या है बेटा..? ये लड़की कौन है और इसके गले में मंगलसूत्र क्यों है ? “
राजीव,” वो असल में…। “
राजीव ने सब कुछ बताया। जानकी और सावित्री दोनों गुस्सा हो गयीं। राजीव शादीशुदा था। ये जानकर प्रियंका भी बहुत गुस्सा हो गयी।
प्रियंका,” तुमने मुझे धोखा दिया है राजीव। तुमने मुझसे झूठ बोला है। “
राजीव,” नहीं प्रियंका, मेरी बात तो सुनो। “
राजीव ने प्रियंका को समझाया है कि वो सावित्री से प्यार नहीं करता और सावित्री के साथ उसकी शादी बचपन में ही हो गयी थी।
तब जाकर प्रियंका ने रोना बंद किया। जानकी ने प्रियंका को स्वीकार कर लिया लेकिन तभी प्रियंका का पेट दर्द करने लगा।
प्रियंका,” राजीव तुम्हारा बाथरूम किस तरफ है ? “
राजीव,” बाथरूम तो नहीं है। “
प्रियंका,” नहीं हैमतलब..? मुझे शौच करने जाना है। तुम लोग शौच कहा करते हो ? “
सावित्री,” खेत में चलो, मैं तुम्हें ले चलती हूँ। “
ये सुनकर प्रियंका को जैसे हार्ट अटैक आ गया।
प्रियंका,” खेत में..? मतलब मुझे भी खेत में जाना होगा। “
सावित्री,” हाँ, अब गांव की बहू बनकर आई हो तो इतना तो करना ही होगा। ये तो तुमको पहले ही सोचना चाहिए था। “
जानकी,” बड़ी बहू, ले जाओ इसे खेत में। “
सावित्री प्रियंका को खेत में ले गई। चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था। प्रियंका को बहुत डर लग रहा था।
प्रियंका,” मुझे बहुत डर लग रहा है दीदी। “
सावित्री,” पहली बार है ना इसीलिए, धीरे धीरे आदत पड़ जाएगी। अब कपड़े उठाकर बैठ जाओ। शौच खत्म होने के बाद इस लोटे के पानी से धो लेना। “
प्रियंका ने जैसे तैसे करके शौच कर लिया लेकिन उसे बहुत ही गंदा लगा। वो दोनों लौट आए। रात को प्रियंका ने राजीव से कहा।
प्रियंका,” सुनो… क्या घर में एक शौचालय नहीं बना सकते ? “
राजीव,” अरे ! नहीं नहीं, ये गलती से भी माँ के सामने मत कहना, वो बहुत गुस्सा हो जाएंगी। “
प्रियंका,” लेकिन क्यों ? इसमें गुस्सा होने वाली क्या बात है ? “
राजीव,” वो सब गंदे काम घर में क्यों करना ? घर अपवित्र हो जायेगा। उससे अच्छा बहार से करके आओ। “
ये सुनकर प्रियंका को बहुत बुरा लगा। तभी सावित्री वहाँ आई और बोली।
सावित्री,” अरे मेरी सौतन ! कितनी मासूम है तू ? इस गांव में ऐसा ही होता है। “
प्रियंका,” दीदी, क्या आपको इससे तकलीफ नहीं होती ? “
सावित्री,” तकलीफ तो होती है लेकिन क्या करू ? छोड़ ये सब। सुन… मैं सुबह 4 बजे सूरज उठने से पहले तुझे बुलाने आउंगी और फिर दोनों मिलकर शौच करने चलेंगे। “
प्रियंका सो गई। उसे पूरी रात नींद नहीं आयी। 4 बजे सावित्री ने प्रियंका को बुलाया और दोनों शौच करने चले गए। उसी वक्त गांव के बुड्ढे रामलाल को भी प्रेशर आ गया।
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ओहो ! ये भी ना… कभी भी प्रेशर आ जाता है। अब चलो खेत में। “
रामलाल खेत में गया। प्रियंका और सावित्री अभी अभी शौच करने बैठी थीं। प्रियंका को देखकर बुड्ढे की आंखें चमकने लगीं।
रामलाल,” ये लड़की नई आयी है, लगता है ? देख के तो लग रहा है कि ये शहर की है।
वाह वाह ! शहर की लड़की को इस हालत में देखकर तो मुझे मज़ा ही आ जा रहा है। “
बुड्ढा रामलाल आँखें फाड़ फाड़कर देखने लगा।
रामलाल,” अंधेरे में ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है। “
रामलाल ने टॉर्च जलाया। प्रियंका के ऊपर टॉर्च की रौशनी आकर गिरी। वो डर गयी।
प्रियंका,” कौन है… कौन है वहाँ ? “
तभी रामलाल डर के मारे भाग गया। प्रियंका बहुत डर गई थी। उसने घर लौटकर अपनी सास से कहा।
प्रियंका,” मां जी, लगता है आज किसी ने मुझे शौच करते हुए देख लिया ? “
सावित्री,” हाँ, हमारे ऊपर किसी ने टोर्च मारा। “
जानकी,” कोई आ गया होगा, कोई बात नहीं। “
प्रियंका,” कोई बात नहीं का क्या मतलब है ? माँ जी, मेरा कोई मान सम्मान नहीं है क्या ?
घर में शौचालय होता तो मुझे आज कोई इस हालत में नहीं देखता। “
सावित्री,” हाँ माँ जी, दुनिया आगे बढ़ गई है। घर में शौचालय का होना बहुत ज़रूरी है। “
ये सुनकर जानकी गुस्सा हो गई।
जानकी,” तुम दोनों की हिम्मत कैसे हुई ये बोलने की ? घर में शौचालय नहीं बन सकता। अब मुझसे इस बारे में कोई बहस नहीं करेगा। जाओ यहाँ से। “
प्रियंका को बहुत बुरा लगा। अगले दिन 4 बजे प्रियंका और सावित्री फिर से शौच करने गए थे। फिर से रामलाल वहाँ गया।
रामलाल,” ओहो ! क्या नजारा है ? ऐसा नजारा अब से हर रोज़ देखने को मिलेगा। “
उसके बाद से हर रोज़ रामलाल चोरी छुपे हुए देखने लगा। उसकी नियत खराब थी। ऐसे ही दिन बीतने लगे। प्रियंका जब जब शौचालय के बारे में कहती तब तब घर में झगड़ा होने लगता।
राजीव,” प्रियंका, मैंने कितनी बार कहा है कि मां से शौचालय के बारे में कोई बात नहीं करना ?
मुझे भी पता है कि घर में शौचालय का होना बहुत जरूरी है लेकिन ये घर मां का है। वो जो बोलेंगी वही तो होगा ना ? “
प्रियंका छुप छुपकर रोने लगी। सावित्री ने उससे कहा।
सावित्री,” बहन, मुझे पता है कि ये तेरे लिए बहुत मुश्किल है। लेकिन क्या करें ? हम औरतों को ये सब झेलना पड़ता है। चुपचाप सबकुछ मान लेने में ही हमारी भलाई है। “
प्रियंका,” नहीं, मैं ऐसे नहीं रह सकती। मैं मायके जा रही हूँ। “
ये बोलकर प्रियंका घर छोड़कर चली गई।
जानकी,” जा रही हो ना ? बस अब कभी लौट मत आना यहाँ। “
प्रियंका मायके चली गई। उसी दिन रामलाल ने एक फ़ोन खरीदा।
रामलाल,” कल सुबह मैं उस लड़की की तस्वीर खींच लूँगा इस फ़ोन में और जब चाहे देखूंगा। “
लेकिन प्रियंका जा चुकी थी। सुबह के 4 बजे जानकी को प्रेशर आ गया। जानकी शौच करने खेत में चली गई। तभी रामलाल वहाँ फ़ोन से तस्वीरें खींचने लगा।
रामलाल,” ये तो जानकी है। वो लड़की कहाँ गयी ? “
रामलाल तस्वीरें डिलीट करने लगा लेकिन उसे फ़ोन यूज़ करना तो आता ही नहीं था। डिलीट ना करके उसने गलती से वो तस्वीरें गांव के सभी लोगों के फ़ोन में भेज दी।
आदमी,” अरे ! ये तो जानकी की तस्वीर है वो भी शौच करते हुए। हा हा हा…। “
सुबह हो गयी जानकी जब घर से बाहर निकली तो देखा आस पास के सारे लोग उसे देखकर हंस रहे हैं।
जानकी,” अरे ! ये लोग मुझे देखकर हंस क्यूँ रहे हैं ? अजीब है…। “
तभी राजीव दौड़ते हुए आया और अपने फ़ोन में से वो तस्वीर जानकी को दिखाईं ।
राजीव,” मां, किसी ने आपकी तस्वीर खींचकर वायरल कर दिया है।
जानकी,” हाय हाय ! ये क्या हुआ ? मेरी तो इज्जत ही लुट गयी। “
सावित्री,” माँ जी, प्रियंका बहन की बात मान लेती तो आज ये दिन ना देखना पड़ता। “
जानकी,” हाँ बड़ी बहू, तुमने सही कहा। घर में शौचालय का होना बहुत ज़रूरी है। मैं आज ही इंतजाम करती हूँ।
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जानकी,” राजीव, तू शहर जा और छोटी बहू को ले आ। “
राजीव शहर गया और प्रियंका को ले आया। जानकी ने घर के अंदर शौचालय बनवाया। जानकी ने प्रियंका से माफी मांगी।
प्रियंका भी शौचालय देखकर बहुत खुश हुई। उसके बाद सभी खुशी खुशी रहने लगे।
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