मंजुलिका | Manjulika | Horror Story | Bhutiya Kahani | Chudail Ki Kahani | Horror Stories in Hindi

व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

टेलीग्राम ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – मंजुलिका। यह एक Chudail Ki Kahani है। तो अगर आपको भी Daravani Kahaniya, Bhutiya Kahani या Horror Stories in Hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
मंजुलिका | Manjulika | Horror Story | Bhutiya Kahani | Chudail Ki Kahani | Horror Stories in Hindi

Manjulika | Horror Story | Bhutiya Kahani | Chudail Ki Kahani | Horror Stories in Hindi

 मंजुलिका 

रिया और विहान फोटोग्राफर है और फोटोग्राफी के लिए वह एक राजा के पुराने महल में आए हुए हैं।
रिया,” यहाँ खड़े दरवाजे को क्यों घूर रहे हो ? “
विहान,” रिया, पता नहीं क्यों… पर दरवाजे के पीछे से किसी लड़की की दर्द में गाने की आवाज आ रही है ? “
रिया ,” विहान, ये तुम्हारा वहम है और कुछ नहीं। महल में और भी पेंटिंग बची हुई है। 
उनको स्कैन करते हैं। क्यों तुम इस दरवाजे के पीछे अपना वक्त जाया कर रहे हो ? “
पर विहान ने रिया की एक नहीं सुनी और दरवाजे पर से सारे ताबीज़, नींबू और मिर्च खोल दिए और एक धक्के से दरवाजा खोल कर रिया के साथ कमरे में चला गया। 
रिया भी उस कमरे को देखकर चौंक गई। जब उसने कमरे को ध्यान से देख तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। 
कमरे की दीवारों पर बड़ी बड़ी पेंटिग्स और आलीशान मूर्तियां रखी थीं। तभी अचानक रिया को एक दीवार के कोने में किसी आदमी का कटा हुआ सर दिखाई दिया। 
रिया,” विहान, इस सर की मूर्ति को देखो। देखने में कितनी असली लगती है ना ? “
विहान,” ये तो उसी राजा के सर की मूर्ति है जिसकी पेंटिंग दीवारों पर लगी है। पर ये देखने में मूर्ति नहीं हूबहू राजा का कटा हुआ सर लगता है। “
कुछ समय पहले…
सेनापति,” कहाँ मर गए सबके सब ? राजा साहब महल में पधार चुके हैं और यहाँ पर अभी तक तैयारियां भी शुरू नहीं हुई। 
कहां है वो नई नृत्यकी मंजुलिका ? बुलाओ उसे। राजा साहब बहुत शिकार करके थक चूके हैं। मंजूलिका ही उनकी सेवा के लिए जाएगी। 
दासी,” सेनापति साहब, वो तैयार होने को राजी नहीं है बल्कि उसने तो श्रंगार का सारा सामान भी तहस नहस कर दिया है।
सेनापति,” इतनी ही गर्मी है तो उससे बोलो कि राजा साहब के सामने दिखाये, मेरे सामने नहीं। कहाँ… कहाँ है वो ? “
मंजूलिका के कक्ष में…
सेनापति,” क्या तमाशा लगा रखा है तुमने ? लगता है इतनी मार खाके भी तुम्हें अक्ल नहीं आयी ? 
अरे अपने बारे में ना सही कम से कम अपने परिवार के बारे में तो सोचो। उन सभी की जान भी राजा साहब की तलवार की नोक पर है। 
इधर तूने नखरे किए और उधर तेरी नानी की गर्दन धड़ से अलग। समझी..? इसलिए चुपचाप तैयार हो जा। “
मंजूलिका,” उस विध्वंस को बोलो कि मंजुलिका ने अब दूसरों के इशारे पर नाचना छोड़ दिया है। “
सेनापति,” खबरदार मंजुलिका, अगर तुमने अपनी गंदी जुबान से राजा साहब का नाम भी लिया तो।
तेरी जुबान से तुझे फांसी ना लगा दी तो मेरा नाम भी सेनापति वीरभद्र नहीं है। “
मंजुलिका,” मेरी तो सिर्फ जुबान गन्दी है मगर तेरा राजा विध्वंस… वो तो पूरा का पूरा गंदा है। 
मुझे पाने के लिए उसने पूरे गांव को जिंदा जला दिया और अब मेरी नानी को मारने की धमकी देकर मुझे नाचने को कहता है। 
सेनापति वीरभद्र, तुम्हारा राजा बूढ़ा हो गया, किसी काम का नहीं रहा वो। मैं तो कहती हूँ… उसके सोने के बाद तू आ जाया कर मेरे कमरे में। कसम से… खुश ना कर दिया तो मेरा नाम मंजुलिका नहीं। “
मंजूलिका की बात सुनने के बाद सेनापति वीरभद्र गुस्से से तिलमिला उठा। 

ये भी पढ़ें :-

Manjulika | Horror Story | Bhutiya Kahani | Chudail Ki Kahani | Horror Stories in Hindi

वो मंजूलिका को मारने उसकी तरफ बढ़ा ही था कि तभी किसी की आवाज सुनाई दी और सेनापति वीरभद्र के कदम वहीं के वहीं रुक गये। 
राजा,” अरे वीरभद्र ! इतना भी नहीं समझते ? यही तो वो चाहती है कि तुम उसे मार डालो और उसे जिंदगी और मुझसे हमेशा हमेशा के लिए आराम मिल जाए। “
मंजूलिका,” आ गया तू..? कसम से बड़ा ही बेशर्म किस्म का इंसान है तू। इतनी बातें सुनने के बाद भी अपना मुँह उठाकर रोज़ रात को चला आता है मेरे पास। “
राजा,” अब क्या करे मंजू ? तेरी जवानी मुझे जीने नहीं देती और मरना मैं चाहता नहीं हूँ। 
इसीलिए रोज़ आता हूँ तेरे पास ताकि खुद को जिंदा रख सकूँ, तुझे तड़पा सकूँ, तुझे तकलीफ दे सकूँ। 
वो क्या है ना… जब तक खूबसूरत चीज़ पर दाग न लगा हो, वो खूबसूरत ही रहती है, नायाब नहीं होती। “
कहते हुए राजा विध्वंस जबरदस्ती मंजुलिका के गालों को छूता है। फिर धीरे धीरे उसे गुस्से से मसलने लगता है। 
मंजूलिका को ऐसे दर्द में तड़पता देख राजा विध्वंस की आंखें चमक उठीं। उसे मंजुलिका को दर्द से कहराते देख मज़ा आ रहा था। 
राजा,” चल तू भी क्या याद रखेगी कि किसी दरिया दिल राजा से तेरा पाला पड़ा था। जा आजाद कर दिया तुझे। 
बस आज आखरी बार दिल खोलकर मेरी महफिल को रोशन कर दे। उसके बाद मैं तुझे हमेशा हमेशा के लिए आजाद कर दूंगा। “
मंजुलिका (मन में),” अब मैं भी अपने प्रेमी के साथ खुली हवा में सांस लूँगी, अपना परिवार बसाऊंगी। “
राजा विध्वंस अपने सिंहासन पर बैठा हुआ था। उसके मंत्री और प्रजा से पूरी सभा सजी हुई थी। सब के मन में मंजुलिका का नृत्य देखने की लालसा थी। 
तब मंजुलिका पूरी तरह सिंगार में डूबी किसी अप्सरा की तरह लग रही थी। मंजुलिका का रूप दे प्रजा में बैठे लोगों के मुंह से लार टपकने लगी। 
राजा,” नृत्य शुरू किया जाए। “
राजा विध्वंस के आदेश पर चारों तरफ ढोल नगाड़े बजने चालू हो गए जिसे सुन मंजुलिका भी धुन पर थिरकने लग गई। 
वो पूरी सभा में झूम झूमकर खुले दिल से नृत्य कर रही है और वही गाना भी गा रही है जोकि वो अपने प्रेमी के लिए गाया करती थी।
पुरी सभा मंजुलिका के नृत्य से मदहोश हो गयी। तभी राजा विध्वंस एकदम से खड़ा हुआ जिसे देख पूरी सभा को मानो सांप सूंघ गया हो। सब के सब एकदम से शांत हो गए। 
राजा,” वाह मंजूलिका वाह ! तुमने आज साबित कर दिया कि मेरी नजर सच में बहुत कीमती है जो हीरो को पहचानना भी जानता हूँ और उन्हें तराशना भी। 
जैसा कि मैंने कहा था… आज की महफ़िल तेरी इस राज़ महफिल में आखरी महफिल होगी। 
पर जाने से पहले इतने साल जो तुमने हमारा मनोरंजन किया, उसके लिए हम तुम्हें भेंट देना चाहते हैं। ” 
राजा (ताली बजाते हुए),” अरे लैला… ओ भाई ! “
तभी कुछ दास हाथ में थाल सफेद कपड़े से ढक कर लाते हैं।
राजा,” ये लो मंजूलिका हमारा तोहफा। उम्मीद है तुम्हें बेहद पसंद आएगा। ये लो हमारा पहला तोहफा… तुम्हारी माँ का सर। “
मंजुलिका को अपनी माँ का कटा हुआ सर देखकर सदमा लगा था। वो अपनी माँ का सर देख चीखने ही वाली थी कि राजा विध्वंस ने मंजुलिका को बालों से पकड़ लिया और दूसरी थाली की ओर बढ़ गया। 
प्रजा भी यह सब देख चौक गई। फिर से एक बार सबके मुँह खुले हुए थे लेकिन इस बार उसकी वजह डर था। 
राजा,” ये देख तेरे पिता का कटा हुआ सर… ये रही तेरी छोटी बहन… ये तेरा छोटा भाई… ये तेरी नानी। 
और अब बारी है तेरे दिल के सबसे करीबी इंसान के सर की… तेरा प्रेमी। “
मंजुलिका से जुड़ा हर एक शख्स का सर राजा विध्वंस ने उसे तोहफे के रूप में भेंट कर दिया था। 
मंजुलिका को भी समझ नहीं आ रहा था की वो किसकी मौत का दुख पहले मनाए। तभी राजा विध्वंस ने अपनी आखिरी चाल चली। 
राजा,” अरे क्यों… आखिरी तोहफ़ा तो देना बाकी है तुझे। “

ये भी पढ़ें :-

Manjulika | Horror Story | Bhutiya Kahani | Chudail Ki Kahani | Horror Stories in Hindi

तभी राजा ने आखरी थाल से कपड़ा हटाया। उस थाल में मंजुलिका के चेहरे की बनावट जैसा ही मिट्टी का कटा हुआ सर था।
मंजूलिका अपने सर की मूर्ति देख ज़ोर ज़ोर से हंसने लगीं। 
मंजुलिका,” मैं जानती थी तू मेरे साथ ऐसा ही करेगा। लेकिन याद रख विध्वंस मैं जो तेरे साथ करूँगी, उसे दुनिया सदियों तक याद रखेगी। “
इससे पहले मंजुलिका अपनी बात करती, राजा विध्वंस ने एक झटके से मंजुलिका का सर धड़ से अलग कर दिया। 
मंजुलिका का सर कटते ही पूरी प्रजा फुसफुसाने लगी थी। सबकी नज़रें मंजुलिका के कटे हुए सर पर टिकी थीं जोकि मरने के बावजूद राजा विध्वंस को ही घूरे जा रही थीं। 
कुछ दिन बाद…
मंजुलिका का गीत सुन पूरे महल में अफरा तफरी मच गई। चारो तरफ लोग मंजुलिका के डर से भाग रहे थे। 
मंजुलिका अब हाथ में अपना ही कटा हुआ सर लेकर गीत गाते हुए राजा को विध्वंस के कमरे की ओर जा रही थी। 
जो कोई भी उसके रास्ते में उसे रोकने की कोशिश करता, मंजुलिका अपनी नजरों से रौशनी का वार करके उन सबके टुकड़े कर देती।
मैं आ गई राजा विध्वंस। देखो, तुम्हारी मंजुलिका तुम्हारे पास आ गई। अब भी मुझसे गुस्सा रहोगे, मेरे राजा। “
मंजुलिका की प्यार भरी बातें सुनने के बाद जैसे ही राजा विध्वंस ने अपनी आंखें खोली तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। 
उसके सामने एक बिना सर का धड़ था जिसका सर धड़ के हाथ में लटका हुआ उससे बातें कर रहा था। 
राजा विध्वंस इससे पहले कि कुछ समझ पाता, मंजुलिका राजा विध्वंस के अंदर विलीन हो गई और पूरे शरीर पर कब्ज़ा कर लिया। 
एक सैनिक भागता हुआ सेनापति को सूचित करने के लिए जाता है।
सैनिक,” सेनापति जी, मंजुलिका की आत्मा राजा जी के शरीर पर कब्जा कर चुकी है। “
सिपाही की बात सुन सेनापति वीरभद्र तुरंत ही राजा के कमरे की ओर जाता है। लेकिन उसने जो मंजर देखा वो सेनापति कभी नहीं भूल सकता था। 
राजा विध्वंस अपने ही सीने का मांस नोचकर खा रहा था। इस बीच राजा की नजर जैसे ही सेनापति और उसके सिपाहियों पर पड़ी तो उसने अपनी आँखों की नज़र भर से सिपाहियों के टुकड़े कर दिए पर सेनापति को जिंदा छोड़ दिया। 
मंजुलिका,” तू मुझे मारने चला था ना ? जा मैंने तुझे जिंदा छोड़ा। बचा सकता है तो बचा ले। 
तेरे पास 2 दिन का समय है वरना मैं पूरे राज्य को खत्म कर दूंगी। इतिहास के पन्नों में साइड में एक नाम रहेगा और कुछ नहीं। “
अगले दिन…
सेनापति,” बाबा, उस मंजुलिका के नाम से सारा राज्य डरा हुआ है । अब आप ही कुछ उपाय बताईये। “
बाबा ,” बेटा, बेगुनाह लोगों की जान लेने पर तो भगवान तक को श्राप भोगना पड़ता है और मंजुलिका तो फिर भी एक आत्मा है। 
तुम ना उसे उसका बदला पूरा करने दो फिर वो अपने आप तुम सबको जिंदा छोड़ देगी। “
सेनापति,” इसका मतलब तो राजा विध्वंस को मरना ही होगा ? “
बाबा,” हाँ बेटा, राजा विध्वंस को मरना होगा और उसे तुम मारोगे वो भी तुम्हारे खुद के हाथों से। 
और तुम्हें उसके जिस्म के सात टुकड़े करने होंगे जिनमें से चार को चारों अलग अलग दिशाओं में दफनाना होगा और बाकी के तीन टुकड़ों को आग, पानी और जमीन में विलीन करना होगा। तभी मंजूलिका की आत्मा को काबू किया जा सकता है। “
सेनापति जब राजा विध्वंस के कमरे में गया तो उसे इस बार एक और घिनौनी हकीकत का सामना करना पड़ा। उसने देखा कि राजा विध्वंस पैर के ऊपर का सारा मांस नोचकर खा चुका था। 
सेनापति,” राजा जी, हो सके तो मुझे माफ़ कर देना। मासूम प्रजा का सवाल है। “
इतना कहकर सेनापति राजा विध्वंस के जिश्म के टुकड़े टुकड़े कर देता है और बारी बारी से राजा के जिस्म के टुकड़ों को बोरे में भरने लगता है। 
सेनापति,” मंजुलिका, मैंने बहुत कोशिश करी कि तुम्हें इस सोने के पिंजरे से आजाद करा सकूं लेकिन मैं बुरी तरह से नाकामयाब रहा। 
लेकिन तुमने अपनी आजादी खुद ही ढूंढ ली। काश ! तुम्हारे जिंदा रहते हुए तुमसे ये सब कह पाता। 
लेकिन मंजुलिका, मैं तुमसे प्यार करता था, करता हूँ और करता रहूंगा। और ये सब इसलिए कि इतिहास तुमको याद रखे और शायद इस बहाने मेरा भी जिक्र हो जाए। “
अगले दिन सेनापति बाबा के साथ मिलकर राजा के कमरे का दरवाजा मंत्र और तावीज़ से हमेशा हमेशा के लिए बंद कर देता है ताकि कभी भी फिर मंजुलिका की आत्मा किसी को परेशान न कर सके। 
लेकिन तब क्या होगा जब खुद ही कोई मंजुलिका के सामने मरने चला आए ?
रिया और विहान उस सर वाली मूर्ति को देख ही रहे थे कि तभी उस मूर्ति ने अपनी आंखें खोल दी। 

ये भी पढ़ें :-

Manjulika | Horror Story | Bhutiya Kahani | Chudail Ki Kahani | Horror Stories in Hindi

आंखें एकदम लाल थी जिसे देखकर रिया और विहान बुरी तरह डर जाते हैं और भागने लगते हैं। 
लेकिन तभी उस मूर्ति की आंखों में से तेज रोशनी निकलती है और रिया और विहान के टुकड़े-टुकड़े कर देती है।
ये Horror Story आपको कैसी लगी नीचे Comment में हमें जरूर बताएं। ऐसी और भी डरावनी कहानियां पढ़ने के लिए हमें Subscribe करें।

Leave a Comment