हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” बदमाश दोस्त ” यह एक Moral Story है। अगर आपको Hindi Stories, Bedtime Story या Hindi Kahaniya पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
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बदमाश दोस्त
कासगंज में झींगा और भोला नाम के दो दोस्त रहा करते थे। भोला अपने नाम के मुताबिक भोला ही था।
वही झींगा एक शरारती और बिगड़ैल लड़का था। वो दिन भर आवारागर्दी करने के अलावा और कोई काम नहीं करता था।
भोला के पिता गुजर चुके थे। वो अपनी अपाहिज माँ का बहुत ख्याल रखता था। वो दिन भर अपनी छोटी सी जमीन में खेती करके पसीना बहाता था।
एक दिन भोला जब शाम को थका हारा घर आया तो उसकी माँ विमला ने उससे कहा।
विमला,” बेटा भोला, तू दिन भर इतनी मेहनत करता है और फिर रात को आकर मेरे लिए खाना भी बनाता है, थोड़ा आराम भी कर लिया कर बेटा। “
भोला,” ये कैसी बातें कर रही हो, माँ ? मेरी उम्र अभी जवानी की है और जवानी की उम्र काम करने की होती है आराम करने की नहीं। “
विमला,” मैं तुझे दिनभर पसीना बहाते हुए देखती हूँ तो मुझे अपने अपाहिज होने पर बहुत अफसोस होता है कि मैं तेरे लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं बना सकती। “
भोला,” अरे ! दिल छोटा मत करिए मां जी, जब मैं आपके लिए खाना बनाता हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। “
भोला ने इतना तो कहा ही था कि तभी पड़ोस में रहने वाले सुखिया चाचा वहाँ पर आ गए और विमला की ओर देखकर बोले।
सुखिया,” बहुत खुश नसीब हो कि भोला जैसा पुत्र तुम्हे मिला है। एक तुम्हारा पुत्र भोला है जो दिन रात खेतों में काम करके पसीना बहाकर तुम्हारी कितनी सेवा करता है और तो और वो तुम्हारे लिए खाना भी बनाता है।
और एक मेरा पुत्र है जो दिन भर आवारागर्दी करने के अलावा और कुछ नहीं करता। “
भोला,” अरे चाचा ! ऐसी बात नहीं है, झींगा धीरे धीरे करके काम करने लगेगा। “
सुखिया,” क्या खाक काम करने लगेगा, बेटा ? पहले तो वो सिर्फ काम नहीं करता था, दिनभर निठल्ला बन के घूमता था। लेकिन अब तो वो गांव की लड़कियों को भी छेड़ने लगा है। “
विमला,” तो आप उसकी शादी क्यों नहीं कर देते ? शादी के बाद वो सुधर जाएगा। “
सुखिया,” ये कैसी बातें कर रही हो बिमला बहना ? उसकी शादी करके किसी लड़की की जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहता। काम काज तो कुछ करता है नहीं।
जो अपने लिए एक वक्त की रोटी का इंतजाम नहीं कर सकता, वो अपनी बीवी को क्या खिलाएगा ? “
सुखिया,” भोला, तू तो उसका दोस्त है, उसे समझाता क्यों नहीं बेटा ? “
भोला,” आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए सुखिया चाचा, मैं कल इसके बारे में झींगा से जरूर बात करूँगा। “
सुखिया,” ये लो, मेरे घर पर आज खीर बनी थी और खीर तुम्हे बहुत पसंद है ना भोला इसलिए मैं तुम्हारे लिए लाया हूँ। “
भोला ने सुखिया चाचा के हाथ से खीर ले ली और सुखिया मुस्कुराता हुआ वहाँ से चला गया। अगले दिन भोला झींगा से जाकर मिला और बोला।
भोला,” झींगा, तेरे पिताजी तुझसे बहुत परेशान रहते हैं, तू कुछ काम धंधा क्यों नहीं करता ? “
झींगा भोला का दोस्त तो था लेकिन वो अंदर ही अंदर भोला से बहुत जलता था क्योंकि गांव में सब लोग भोला की तारीफ करते थे और उसकी बुराई। भोला की बात पर झींगा गुस्से से बोला।
झींगा,” तो मेरा बाप मेरी शिकायत अब पड़ोसियों के घर भी जाकर करने लगा, है..? “
भोला,” ऐसी बात नहीं है, झींगा। सुखिया चाचा हमारे घर जैसे ही तो है… और तू तो मेरा दोस्त है। भला वो मुझसे नहीं कहेंगे तो और किस्से कहेंगे ? “
झींगा,” तो तू मेरे बाप का वकील बनकर आया है ? “
झींगा,” ऐसा मत बोल झींगा, वो तेरे पिताजी है। तुझे तमीज से बात करनी चाहिए। अगर तू कुछ काम काज करेगा तो उसमें तेरा ही फायदा होगा भई और तेरे पिता के ऊपर मेहनत का बोझ थोड़ा कम हो जाएगा। “
झींगा,” अरे ओ ! अभी कोई काम करने की उम्र नहीं है मेरी, ये तो मौज मस्ती करने की उम्र है। “
भोला,” नहीं झींगा, ये काम करने की ही उम्र है और इस उम्र में ही आदमी मेहनत कर सकता है, तरक्की कर सकता है।
जो जवानी के दिन बेकारी में गुजार देता है, उसके ऊपर बुढ़ापा किसी श्राप से कम नहीं होता। मेरी बात को अकेले में कभी ध्यान से सोचना। “
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इतना कहकर भोला अपने खेतों की ओर चला गया वहीं झींगा गुस्से से उसे जाता हुआ देखता रहा।
जींगा (स्वयं से),” कुछ सालों पहले मेरे ही साथ गिल्ली डंडा खेलता था और आज मुझे ही मेहनत का पाठ पढ़ा रहा है। “
तभी अचानक वहाँ पर राधू सूदखोर अपने कुछ साथियों को लेकर झींगा के पास आ गया।
राधू गांव के लोगों को सूद पर पैसे उठाता था और उसके बदले वो उनसे भारी ब्याज वसूलता था। राधू गुस्से से झींगा से बोला।
राधू,” ओय ! तुझे पता है ना, इस महीने तेरे ऊपर ब्याज कितना चढ़ गया ? “
झींगा,” हाँ हां पता है मुझे मुझे, बोला तो था तेरे पैसे सब लौटा दूंगा। “
राधू,” लौटा दूंगा नहीं बे, कब लौटाएगा ? पिछले तीन महीनों से तू मुझे बेवकूफ बना रहा है।
मैं सिर्फ तेरे पिताजी का लिहाज कर रहा हूँ झींगा। तेरी जगह कोई और होता तो मैं उसकी पीट पीटकर हालत खराब कर देता। “
राधू की बात सुनकर झींगा थोड़ा सा सहम गया।
झींगा,” मुझे थोड़ी सी मोहलत और दे दीजिये। “
राधू,” ठीक है, मैं तुझे 2 घंटे की मोहलत और देता हूँ। अगर 2 घंटे के अंदर मेरे पैसे ब्याज सहित नहीं मिले ना, तो मैं अपने पैसे तेरे बाप से जाकर वसूल लूँगा और उन्हीं के सामने तुझे मार मारकर तेरा भरता बना दूंगा। समझा..? “
इतना कहकर वो गुस्से से वहाँ से चला गया। झींगा अपने आप से बोला।
झींगा,” अब क्या होगा ? जो पैसे मैंने इससे ब्याज में लिए थे वो तो सब जुए में हार गया।
ये नई मुसीबत क्या आ गई यार ? अगर राधू पिताजी के पास पहुँच गया तो वो मुझे घर से निकाल देंगे। “
तभी झींगा के दिमाग में एक तरकीब सूझी। तरकीब आते ही झींगा की आंखें चमक गईं और फिर वो अपने आप से बोला।
झींगा,” एक काम करता हूँ, भोला से मांगता हूं। इस पूरे गांव में सिर्फ भोला ही है, एक नंबर का बेवकूफ जिसे ये बेवकूफ गांव वाले समझदार कहते हैं।
उसे जाकर बेवकूफ बनाता हूँ। मुझे उम्मीद है कि वो मुझे पैसे जरूर देगा। “
झींगा दौड़ता हुआ भोला के पास पहुँच गया और रोता हुआ चेहरा बनाकर मदद मांगने लगा।
झींगा,” अरे ! तुझसे मैंने मना किया था जुआ खेलने के लिए लेकिन तू फिर भी जुआ खेला। अब देख राधू तुझे मारने के लिए कह रहा है। “
झींगा,” मुझे बचा ले यार, मुझे तू पैसे दे दे। मैं वादा करता हूँ कि अब कभी भी जुआ नहीं खेलूँगा और मेहनत से काम करूँगा। मेहनत करके तेरे पैसे जल्द से जल्द लौटा दूंगा। “
भोला की फसल कुछ दिन पहले ही बिकी थी। उसके पास पैसे रखे हुए थे। भोला वो पैसे झींगा के हाथों में देकर बोला।
भोला,” ये ले पैसे और जाकर राधू को दे दे। कल से कामकाज शुरू कर दे। “
झींगा पैसे लेकर वहाँ से सीधा राधू के पास पहुँच गया और उसने वो पैसे राधू को लौटा दिए। मगर झींगा एक बिगड़ैल लड़का था।
2 दिन बाद वो राधू से उससे भी ज्यादा पैसे और भारी ब्याज पर ले आया। और कुछ ही दिनों में झींगा ने वो सारे पैसे जुए और शराब में उड़ा दिए।
इधर भोला की माँ की तबियत अचानक से खराब हो गई और डॉक्टर ने भोला को ये बोल दिया कि उसकी माँ का इलाज लंबा चलेगा।
बोला को अचानक पैसे की जरूरत आ पड़ी। भोला दौड़ता हुआ झींगा के पास पहुँचकर बोला।
भोला,” झींगा, तूने जो मुझसे पैसे लिए थे मुझे उसमें से थोड़े पैसे दे दे। मेरी माँ की तबियत खराब हो गयी है। मुझे पैसों की सख्त जरूरत है। “
झींगा अचानक सकपका गया।
झींगा,” अभी तो मेरे पास पैसे नहीं है यार। बाद में दे दूंगा।
भोला,” झींगा, तुमने मुझसे कुछ वक्त की मोहलत लेकर पैसे लिए थे। जब तक मुझे पैसों की जरूरत नहीं पड़ी, मैंने तुझसे पैसे कभी नहीं मांगे। लेकिन आज मुझे वाकई पैसों की बहुत ज्यादा जरूरत है। “
भोला की ये बात सुनकर झींगा का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया।
झींगा,” तुझे तो गांव में हर कोई अच्छा बोलता है ना ? तुझे तो कोई भी उधार दे देगा। जाकर कहीं और से उधार क्यों नहीं मांग लेता ? “
भोला,” मैं उधार क्यों मांगूंगा झींगा जब मेरे पैसे तेरे ऊपर निकल रहे हैं ? “
झींगा ने भोला को पैसे देने से साफ इनकार कर दिया। इस बात पर भोला का दिल टूट गया। वो बुरी तरह से परेशान होकर बोला।
भोला,” तू मेरा दोस्त है झींगा, इसलिए मैं चाहकर भी तुझसे बुरा नहीं बोल सकता। लेकिन हाँ… अब मैं तेरी शिकायत सुखिया चाचा से जरूर करूँगा। सिर्फ उन्हीं का लिहाज करके मैं यहाँ से चुपचाप जा रहा हूँ। “
इतना कहकर भोला चला गया। लेकिन झींगा को अपनी बहुत ज्यादा बेइज्जती महसूस हुई।
तभी झींगा ने देखा कि गांव के मोहन काका अपने हाथ एक पोटली पकड़े हुए भोला के घर की ओर जा रहे थे।
झींगा,” अरे !कहा जा रहे हो मोहन काका ? आखिर तुम्हे भोला से क्या काम पड़ गया ? “
मोहन,” 2 दिन बाद हमारी बिटिया की शादी है। इस पोटली में बिटिया के दहेज के सोने के गहने है।
मैं अपनी पत्नी सरला के साथ शहर में कुछ खरीदारी करने जा रहा हूँ तब तक ये गहने मैं भोला के घर पर रखने जा रहा हूँ। भला भोला से ज्यादा ईमानदार व्यक्ति इस गांव में कौन हो सकता है ? “
इतना कहकर मोहन काका वहाँ से चले गए। उनकी बात सुनकर झींगा के अंदर भोला के प्रति और ज्यादा नफरत बढ़ गई। तभी वहाँ पर राधू अपने कुछ साथियों के साथ दोबारा आ पहुंचा।
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राधू,” अभी तक मेरे पैसे नहीं आए, झींगा ? “
झींगा जोकि बहुत गहरी सोच में एक योजना बना चुका था, मुस्कुराते हुए बोला।
झींगा,” चिंता मत करो राधू भैया, 2 दिन बाद तुम्हारे पैसे पहुँच जाएंगे। “
राधू,” ठीक है, सिर्फ 2 दिन और तीसरा दिन मेरा। “
इतना कहकर राधू वहाँ से चला गया। झींगा भोला के घर पर चोरी करने की योजना बना चुका था।
वो जानता था कि भोला दिनभर खेतों में काम करने के लिए चला जाता है और उसके घर पर उसकी अपाहिज माँ लेटी रहती है। तो अगले दिन झींगा दोपहर के वक्त भोला के घर चला गया।
भोला के घर पर…
विमला,” क्या हाल है झींगा बेटा ? “
झींगा,” आपके आशीर्वाद से मेरे हालचाल बहुत अच्छे है। यहाँ से गुजर रहा था तो सोचा भोला से मिलता चलूं। “
विमला,” अरे ! तुझे तो पता है झींगा कि भोला सुबह से ही खेतों में निकल जाता है और शाम को लौटता है ? “
झींगा,” अरे चाची ! ये तो बड़ी गडबड हो गयी। चलो ठीक है, मैं उसे शाम को मिल लेता हूँ। वैसे मैं आपके लिए बर्फी लेकर आया हूँ।
झींगा ने बर्फी में बेहोशी की दवाई मिला दी थी। विमला ने बड़े प्यार से बर्फी का एक टुकड़ा अपने मुँह मेँ रख लिया। बर्फी खाते ही विमला को बुरी तरह से नींद आने लगी और वो कुछ ही पलों में बेहोश हो गई।
झींगा ने बड़ी चालाकी से भोला के घर से वो सोने की पोटली अलमारी से निकाल ली और ठीक वैसी की वैसी पोटली उस जगह पर रख दी ताकि किसी को शक ना हो।
अगले दिन मोहन भोला के घर पर आकर अपनी जेवर की पोटली मांगने लगा।
मोहन,” मुझे गहने वापस कर दो, भोला। “
मोहन काका की बात सुनकर भोला ने वो पोटली मोहन को दे दी। मगर जैसे ही पोटली मोहन ने खोली तो वो देखकर हक्का बक्का हो गया कि उसमें पत्थर के टुकड़ों के अलावा कुछ नहीं था।
मोहन,” मेरे सोने के गहने कहाँ है ? “
ये देखकर भोले के माथे पर पसीना आ गया।
भोला,” काका, आपने जैसे पोटली मुझे दे थी, मैंने वैसी की वैसी पोटली वहाँ पर रख दी थी। मैंने तो खोलकर भी नहीं देखी। “
मोहन,” अरे ! ये क्यों नहीं कहता भोला कि तेरी गहनों पर नीयत खराब हो गयी और तू उन्हें बेच आया ? मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी। “
भोला,” मेरी बात का यकीन कीजिए, काका। “
मोहन,” तो फिर इसमें ये कंकड़ पत्थर कहाँ से निकला ? ये मामला इतनी आसानी से खत्म नहीं होगा भोला, मैं तेरी शिकायत गांव के मुखिया से करूँगा। “
कुछ ही देर में वहाँ गांव के मुखिया, पड़ोसी सुखिया और लोगों की भीड़ लग गई। उन सब में झींगा भी था जो बहुत खुश था। हर कोई भोला को बुरा बोल रहा था।
मुखिया,” तो ये है तेरी मेहनत भोला, लोगों की आँखों में धूल झोंकते हुए तुझे शर्म नहीं आयी ? तूने अपने ही गांव में डाका डाल दिया। “
झींगा,” ये है इस भोला की सच्चाई। तुम सब ने ही इससे सिर पर बिठा रखा था। “
सुखिया,” मुझे तुझसे यह उम्मीद नहीं थी, भोला। “
मुखिया,” देखते क्या हो, मारो इसको ? “
गांव वालों ने मिलकर भोला की बुरी तरह से पिटाई की। भोला की माँ विमला ने आंसू बहाकर भोला की ओर देखकर कहा
विमला,” मुझे तुझसे ये उम्मीद नहीं थी, बेटा। मेरी परवरिश में आखिर क्या कमी रह गई थी ? अरे ! तू तो मेरा बेटा है, तूने चोरी क्यों की ? “
भोला,” मैं सच कहता हूँ माँ, मैंने कोई चोरी नहीं की। “
मगर बोला की बात पर कोई भी यकीन करने के लिए तैयार नहीं था। तभी अचानक मोहन काका की पत्नी सरला काकी मोहन के पास आकर बोली।
सरला,” भोला को क्यों मार रहे हो तुम सब ? “
मोहन,” तुम्हें पता है तुमने मुझे जो गहने दिए थे भोला के घर पर रखने के लिए, इस भोला में वो सारे गहने बेच दिए ? “
सरला,” और उस सोने को बेचकर इस बेचारे को मुश्किल से सौ रुपए भी नहीं मिले होंगे। “
मोहन,” ये क्या कह रही हो तुम ? “
सरला,” क्योंकि वो सोने के गहने असली के नहीं थे बल्कि पीतल के थे। उसमें सोने का पानी चढ़ा हुआ था। असली सोने के कंगन तो मेरे पास है। “
मोहन,” लेकिन फिर वो पोटली ? “
सरला,” अरे ! मैंने तुम्हें तोते की तरह बताया था कि अलमारी में दो रंग की पोटलियां रखी हुई है, नीली और लाल। लाल वाली में नकली गहने हैं और नीली वाली में असली।
तुमने लाल वाली पोटली उठाकर भोला को दे दी। वो तो अभी अचानक मेरी नजर पड़ गई तो मैं तुरंत यहाँ पर आ गई। मैं भोला को अच्छी तरह से जानती हूँ, भोला चोरी कभी नहीं कर सकता। “
सरला काकी ने इतनी बात कही थी कि तभी अचानक राधू गुस्से से लाल पीला होता हुआ वहाँ पर आ गया और झींगा से बोला।
राधू,” नकली गहने देखकर मुझे बेवकूफ बनाता है। “
इतना कहकर राधू ने वही चुराई पोटली सबके सामने फेंक दी। झींगा की पोल खुल चुकी थी। सभी लोग समझ गए थे, ये चोरी करने वाला झींगा ही है। तभी विमला बोली।
विमला,” अब मुझे याद आया… कल झींगा ही भोला से मिलने के लिए आया था। इसने मुझे बर्फी का टुकड़ा भी खिलाया।
उसे खाते ही मुझे बुरी तरह से नींद आने लगी और अभी भी मेरा सर भारी हो रखा है। शायद इसी वजह से मैं इस बारे में बताना ही भूल गयी।
झींगा,” मुझे माफ़ कर को भोला। “
सुखिया,” तू मेरा पेट आ नहीं हो सकता। तू बेटे के नाम पर कलंक हैं कलंक। तू अगर मेरे घर पर डाका डालता तो मुझे इतना बुरा नहीं लगता लेकिन ये तो तेरा दोस्त है। मैंने तेरे जैसा बदमाश दोस्त आज तक नहीं देखा। “
मुखिया,” इस बार झींगा ने हद पार कर दी है। भोला जैसे सीधे साधे व्यक्ति को हम सबने बेहिसाब मारा। देखते क्या हो..? मारो झींगा को, भूत बना दो साले का। “
सभी गांव वाले झींगा को बुरी तरह से पीटने लगे। मगर भोला ने झींगा को और ज्यादा पिटने से बचा लिया।
भोला,” मत मारो इसको, ये मेरा दोस्त है। मैं इसे अपनी आँखों के सामने मार खाते हुए नहीं देख सकता। इसकी आंखें बता रही हैं कि इसे अपनी गलती का पछतावा है। “
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भोला की बात सुनकर झींगा रोने लगा और भोला के पैरों पर गिरकर बोला।
झींगा,” मैं तुम्हें फंसा रहा था और तुमने मुझे पीटने से बचाया। सच में भोला तुम्हारी सच्ची दोस्ती ने मेरी आंखें खोल दीं और मुझे एक बदमाश दोस्त से एक सच्चा दोस्त बना दिया। “
झींगा ने हाथ जोड़कर सबसे माफी मांगी और उस दिन के बाद झींगा भोला के साथ मेहनत करने लगा।
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