भूतिया गांव | Bhutiya Gaon | Hindi Kahaniya | Bhutiya Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories | Horror Story

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” भूतिया गांव ” यह एक Bhutiya Kahani है। अगर आपको Hindi Stories, Horror Story या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
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Bhutiya Gaon | Hindi Kahaniya| Bhutiya Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories | Horror Story

 भूतिया गांव 

एक समय की बात है… चमकोली नामक गांव में अक्सर अजीबो गरीब घटनाएं हुआ करती थी। 
गांव वालों का मानना था कि उनका चिमकोली गांव शापित है। जब भी कोई गांव वाला गांव के जंगल में जाता, तो वह जिंदा नहीं बचता।
गांव का चंदू किसान अपनी गाय के साथ जंगल के रास्ते होते हुए गांव जा रहा था। रात काफी हो गयी है। 
चंदू,” अरे ! रात काफी हो गयी है। मुझे जल्दी निकलना चाहिए था। लेकिन यह गौरी जंगल में चरने लग गई और देर हो गयी। 
गौरी, अब चल जल्दी से इस जंगल में बहुत अनहोनी घटनाएं होती रहती है। “
चंदू डरता हुआ अपनी गाय के साथ थोड़ा आगे बढ़ता है तो उसे पेड़ के नीचे एक बुढ़िया घूंघट ओढ़े दिखाई देती है जो देखने में काफी डरावनी लग रही होती है।
बुढ़िया (हंसते हुए),” अच्छा तो तुम आ ही गए। अच्छा हुआ कोई तो इस जंगल में आया। 
बहुत दिन हो गए किसी इंसान का खून नहीं पिया, आज तो मज़ा आ जायेगा। शिकार खुद चलकर आया है। “
चंदू,” कौन हो तुम ? हमें जाने दो, हम को अपने गांव जाना है। “
ये सब सुनकर चंदू बहुत डर जाता है और वहाँ से अपनी गाय के साथ भागने लगता है।
चंदू,” भाग… अरे ! तेज़ भाग मेरी गौरी, नहीं तो आज हम दोनों नहीं बच पाएंगे। “
तभी वो घूंघट वाली बुढ़िया उसके सामने आ जाती है और अपने लंबे लंबे नाखूनों से चंदू को मार डालती है। उसके बाद उसकी गाय को भी।
अगली सुबह ये खबर गांव वालों को पता चलती है। गांव के लोग ये जानकर बहुत हैरान हो जाते हैं।
गांव में…
आदमी,”अरे भैया ! सुना है उस घूंघट वाली बुढ़िया ने कल रात चंदू किसान और उसकी गाय को मार डाला। भैया, ये तो अच्छा नहीं हुआ, भैया। “
दूसरा आदमी,” हाँ भैया, अब तो इस गांव में रहते भी डर लगता है। लेकिन क्या करें, भैया ? गांव छोड़कर भी तो नहीं जा सकते ना। 
वो ये जंगल है वो गांव के बीचों बीच ही पड़ता है, आखिर जाये तो कहां जाएं ? “
ये बोलते हुए वो दोनों बहुत उदास हो जाते हैं। चंदू के मरने की खबर उसके घर पहुंचती है। चंदू किसान का बेटा, पप्पू ज़ोर ज़ोर से रो रहा होता है।
वाणी (पप्पू की सौतेली मां),” अरे रे ! अब बस भी कर दें रोना तू, तेरा बाप तो तुझे छोड़कर चलता बना मेरे ऊपर। 
आखिर मैं कहाँ से खिलाऊंगी तुझे रोटी ? मेरा तो खुद एक बेटा है और तेरे बाबा जो आज तक एक पैसा भी नहीं जोड़ पाए, छोड़ गए तुझे मेरे ऊपर। 
नहीं नहीं… अब मैं तुझे अपने पास नहीं रख सकती, हाँ। निकल जाए यहाँ से। “
जग्गू (पप्पू का सौतेला भाई),” अरे ! हाँ माँ… निकालो इसे यहाँ से। पिताजी का सबसे लाडला बना फिरता था, अब आएगा मज़ा। “
पप्पू,” अरे ! नहीं नहीं माँ, ऐसा मत कीजिये। मैं आखिर कहाँ जाऊंगा, माँ ? ऐसा मत कीजिए, माँ। पिताजी के बाद अब आप ही मेरा सहारा हैं, माँ। “
वाणी,” अरे ! वो सब मैं कुछ नहीं जानती। समझा..? तुझे इस घर से जाना ही होगा। जा यहाँ से…। “
जिसके बाद पप्पू वहाँ से बड़े उदास मन से चल देता है। चलते चलते वो गांव के उसी जंगल में आ जाता है। 
जैसे ही पप्पू अंदर जंगल में जाता है, उसे डरावनी आवाजें सुनाई देने लगती है। वो बहुत डर जाता है।
पप्पू,” अरे रे ! ये कैसी अजीब सी आवाज है ? मुझे तो बहुत डर लग रहा है। हे भगवान ! इस गांव से बाहर जाने का एक यही रास्ता है जो जंगल से होकर गुजरता है। 
हे भगवान ! मेरी सहायता कीजिए। अभी तो मुझे बहुत भूख भी लगी है, हाँ। “
और जिस ओर से डरावनी आवाज़े आ रही होती है, पप्पू उस ओर चल देता है। तभी वो देखता है कि वहीं पेड़ के नीचे घूंघट में एक बुढ़िया बैठी है।
बुढ़िया (हंसते हुए),” आ गया तू..? अब मुझे एक नया शिकार मिल गया। “
उसकी बात सुनकर पप्पू काफी डर जाता है।
पप्पू,” हे भगवान ! अब मैं क्या करूँ ? “

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तभी भागते भागते पप्पू एक गड्ढे में गिर जाता है। जैसे ही पप्पू उस गड्ढे में गिरता है, वो एक ऐसी जगह पहुँच जाता है जहाँ बहुत रौशनी होती है। 
काफी बड़े बड़े पेड़ होते हैं और उन्हीं पेड़ों के पास एक बहुत ही सुंदर नदी होती है। वहाँ आसपास अलग अलग तरह के पक्षी और जानवर घूम रहे होते हैं। सबको देख पप्पू हैरान रह जाता है।
पप्पू,” अरे ! ये मैं कहा गया हूँ ? ऐसा अजीब सा जंगल तो मैंने कभी नहीं देखा। “
तभी वो थोड़ी दूर चलता है कि उस जंगल में गांव के वो लोग जो मर गए थे, पेड़ से बंधे थे और साथ में पप्पू के बाबा भी थे। 
पप्पू ये देखकर हैरान रह जाता है और अपने बाबा के पास आ जाता है।
पप्पू,” अरे बाबा ! अब जिंदा है ? आपको पता है… मुझे लगा था मैंने आप को खो दिया ? लेकिन आप तो जिंदा है। लेकिन आप यहाँ कैसे आये ? “
पप्पू की इन बातों का उसके बाबा पर कोई असर नहीं हो रहा था।
पप्पू,” अरे बाबा ! आप बोलते क्यों नहीं ? “
तभी बापू के पास एक अजीब सा दिखने वाला आदमी आता है जिसकी तीन आंखें होती है। पप्पू उसे देखकर हैरान हो जाता है।
आदमी,” अरे बेटा ! तुम मुझसे डरो मत, मैं तुम्हें कुछ भी नहीं करूँगा इस जादुई जंगल में आसानी से कोई नहीं आ सकता। अगर तुम यहाँ आये हो तो जरूर तुम में कोई खास बात अवश्य है। “
पप्पू,” लेकिन आप कौन हैं ? और यहाँ पर मेरे गांव के वो सारे लोग मौजूद हैं जो मर गए थे, यहाँ तक कि मेरे बाबा भी। मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है। “
आदमी,” बेटा, मैं इस जंगल में कई वर्षो से तपस्या कर रहा था कि अचानक 1 दिन यहाँ पर एक औरत जो पिशाचिनी थी, वो आ गयी। 
कई वर्षों की तपस्या के बाद मुझे एक मंत्र मिला जिससे मैं सबसे शक्तिशाली हो सकता था और हमेशा के लिए अमर भी। 
लेकिन इस बात की खबर उस पिशाचिनी को लग गयी और यहाँ मुझे मारने आ गयी। “
फ्लैशबैक (पूर्वालोकन)…
बुढ़िया,” मैं पिशाचिनी हूँ। मुझे पता चल गया है कि तेरे पास वो जादुई मंत्र है। मुझे वो जादुई मंत्र बता, मैं इस दुनिया में अमर होना चाहती हूँ। “
आदमी,” उस समय अगर मैं पिशाचिनी को जादुई मंत्र नहीं बताता तो वो मुझे मार डालती, इसलिए मैंने उसे वो जादुई मंत्र बता दिया। 
लेकिन क्योंकि वो एक पिशाचिनी औरत थी इसलिए उसे अमर होने के लिए उस जादुई मंत्र के साथ साथ कुछ लोगों के खून की भी जरूरत थी जिनका खून पीकर वो अमर हो सकती थी। 
तब से ही पिशाचिनी अपना भेष बदलकर अलग अलग गांव में जाती है और लोगों को मारकर उन्हें यहाँ इस जंगल में ले आती है और उनका सारा खून पी जाती है। “
तीन आँखों वाले आदमी की ये बात सुनकर पप्पू दंग रह जाता है।
पप्पू,” तो क्या अब मेरे बाबा और मेरे गांव के सभी लोग कभी जिंदा नहीं हो पाएंगे ? “
आदमी,” बेटा जिंदा हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए तुम्हें एक कठिन राह से गुजरना होगा। वो घूंघट वाली औरत ही पिशाचिनी है जो तुम्हारे गांव के लोगों को मारा करती है। 
अब बस उसे कुछ ही लोगों के खून की जरूरत है, जिसके बाद वो उस जादुई मंत्र से अमर हो जाएगी। 
अगर ऐसा हुआ तो तुम कभी भी अपने पिता और बाकी गांव वालों को कभी जिंदा नहीं कर पाओगे।
सिर्फ एक ही रास्ता है जो उस घूंघट वाली पिशाचिनी को अमर होने से रोक सकता है, लेकिन राह बहुत कठिन है। “
पप्पू,” मुझे वो राह बताएं, मैं अपने बाबा और गांव वालों को फिर से जिंदा करना चाहता हूँ। बताइए, मुझे क्या करना होगा ? “
तभी वो तीन आंख वाला आदमी पप्पू को एक जल का लोटा देता है।

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आदमी,” पप्पू, इस शुद्ध जल के कलश को लेकर तुम्हें उस पिशाचिनी के पास जंगल में जाना होगा और जिस वृक्ष के नीचे वो अपने शिकार का इंतजार करती है, उसी वृक्ष के ऊपर एक उल्लू निवास करता है। 
उसी उल्लू में उस पिशाचिनी के प्राण हैं। अगर उस उल्लू के ऊपर तुम इस सिद्ध जल को छिड़क दो तो उसका अंत निश्चित है। “
पप्पू,” आप मुझ पर भरोसा करें। मैं अपने बाबा और गांव वालों के लिए अपने प्राणों से खेल जाऊंगा। “
आदमी,” कलश लेकर तो तुम जाओगे लेकिन ध्यान रहे ये कलश अगर गलती से पिशाचिनी ने छू लिया तो इसकी सारी शक्ति खत्म हो जाएगी। 
एक बात और… ये काम तुम्हें सूर्यास्त के वक्त ही करना होगा। अगर उस पहर से पहले तुम काम ना कर पाये तो रात होते ही उल्लू वहाँ से उड़ जाएगा। उसके बाद उसका पता लगा पाना बहुत मुश्किल होगा। “
पप्पू,” आपकी कही सब बातों का मैं ध्यान रखूँगा। अब आप मुझे आज्ञा दे। “
आदमी,” तुम अपने कार्य में कामयाब होकर लौटो, सभी का आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। “
उसके बाद पप्पू जंगल में ठीक उसी जगह सूर्यास्त से पहले पहुँच जाता है।
पप्पू,” मैं उस पिशाचिनी को किस तरह इस पेड़ के नीचे से हटाऊँ ? अगर मैं इसके सामने गया तो ये मेरे पीछे पड़ जाएगी और इस कलश को भी तोड़ना चाहेगी। हे भगवान ! मेरी मदद करो। “
तभी पप्पू के सामने उसकी गाय गौरी जिसको पिशाचिनी में मार दिया होता है, वो आ जाती है।
पप्पू,” अरे गौरी ! तुम तुम आ गयी ? “
गौरी,” हाँ पप्पू, मैं तुम्हारी मदद करने आई हूँ। अब मैं तुम्हारा रूप लेकर पिशाचिनी के सामने जाउंगी जिससे वो मेरे पीछे भागेगी। 
तब तुम पीछे से जाकर उस पेड़ पर बैठे उल्लू पर इस सिद्ध जल को छिड़क देना जिससे इस पिशाचिनी का अंत हो जाएगा। “
पप्पू,” ठीक है, मैं बिल्कुल वैसा ही करूँगा। “
उसके बाद गौरी पप्पू का रूप ले लेती है। 
पिशाचिनी के सामने जाकर…
गौरी,” इधर देखो बूढ़ी पिशाचिनी, आओ मेरे पास। “
पिशाचिनी,” अरे ! ये क्या देख रही हूँ ? आज मेरा शिकार मुझे खुद बुला रहा है। आज तो आनंद आ जायेगा। उस दिन तुम कहीं भाग निकले थे ? आज तुम्हे कोई नहीं बचा पाएगा, हाँ। “
पप्पू,” सूर्यास्त होने ही वाला है। यही वक्त है जब मुझे उस उल्लू पर जल छिड़कर इस पिशाचिनी का अंत करना होगा। “
पप्पू झट से उस पेड़ पर चढ़ जाता है और देखता है कि एक बहुत भयानक सा उल्लू पेड़ की डाल पर बैठा हुआ है। 
पप्पू कलश से जल उस पर छिड़क देता है जिससे उल्लू जलकर खाक हो जाता है और वहीं दूसरी ओर पिशाचिनी गौरी के पीछे भागते हुए जलने लगती है।
पिशाचिनी,”अरे ये क्या हो रहा है ? मेरा शरीर कैसे जल रहा है ? धोखा… मेरे साथ धोखा हुआ है। नहीं… किसी को नहीं छोड़ूंगी, बचाओ…। “
पप्पू,” धन्यवाद ईश्वर ! मैं इस पिशाचिनी का अंत करने में सफल हुआ। “
उसके खत्म होते ही पप्पू के बाबा और सभी गांव वाले उस तीन आंख वाले आदमी के साथ वहाँ आते हैं जिन्हें देखकर पप्पू बहुत खुश हो जाता है।
पप्पू,” अरे बाबा ! आप जिंदा हो गए ? मेरे प्यारे बाबा, देखो… मैं आपको अपने पास फिर से ले आया। “
चंदू,” हाँ मेरे बच्चे, देख मैं तेरे पास आ गया हूँ। “
तीन आंख वाला आदमी,” वाह पप्पू ! तुम सच में बहुत बहादुर और साहसी हो। तुमने उस पिशाचिनी घूंघट वाली बुढ़िया को हमेशा के लिए मुक्त कर दिया है। 
अब वो बहुत दूर जा चुकी है। अब तुम्हारा गांव शापित नहीं रहा, बेटा। अब किसी भी गांव वाले की मौत नहीं होगी और ये सब तुम्हारे ही कारण हुआ है। “
यह सुनकर वापस जिंदा हुए सारे गांव वाले भी पप्पू का धन्यवाद करने लगते हैं। 
वाणी,” मुझे माफ कर दो पप्पू, मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत व्यवहार किया। “

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पप्पू,” मेरे मन में आपके लिए कोई कड़वाहट नहीं है, मां। देखो… पिताजी अब हमारे साथ है। अब हम सब साथ रहेंगे। “
बूढ़ा आदमी,” अरे वाह बेटा ! तुमने जो हमारे लिए किया, वह कोई नहीं कर सकता। तुम वाकई ही हमारे गांव के नायाब हीरे हो। हम तो तुम्हें पाकर धन्य हो गए, बेटा। “
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