ठग और किसान | Thug Aur Kisan | Hindi Kahaniya | Moral Story | Bed Time Story | Hindi Kahani | Hindi Fairy Tales

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” ठग और किसान ” यह एक Bedtime Story है। अगर आपको Hindi Kahaniya, Moral Stories या Hindi Fairy Tales पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
ठग और किसान  | Thug Aur Kisan | Hindi Kahaniya | Moral Story | Bed Time Story | Hindi Kahani | Hindi Fairy Tales

Thug Aur Kisan | Hindi Kahaniya| Moral Story | Bed Time Story | Hindi Kahani | Hindi Fairy Tales

 ठग और किसान 

धौलपुर नामक गांव में चंदन अपनी पत्नी के साथ रहता था। दोनों पति-पत्नी मिलकर खेती और पशुपालन का काम करते थे। 
चंदन सीधा-साधा व्यक्ति था। वह अपने बैल लेकर खेतों पर जाने के लिए तैयार हुआ लेकिन तभी उसकी पत्नी सुंदरी ने रोका।
सुंदरी,” आप आज भी खेतों पर जा रहे हो ? “
चंदन,” आज खेतों पर बहुत काम है। पर तुम ऐसे क्यों टोक रहे हो ? “
सुंदरी,” पड़ोस के गांव में आज पशुओं का मेला लगा है। आपको वहां जाना था ना ? आप बोल रहे थे कि एक बैलों की जोड़ी और लेनी है। “
चंदन,” अरे ! हां, मैं तो भूल ही गया था। मुझे बैलों की नई जोड़ी लेनी है। मेरी सुंदरी, तुम याद ना दिलाओ तो आधे काम मैं भूल ही जाऊं। “
सुंदरी,” हां तो… अब देर मत कीजिए, चलिए जाइए। मैं यहां का सारा काम संभाल लूंगी। “
चंदन,” ठीक है, मैं अभी जाता हूं। “
चंदन पड़ोस के गांव के मेले में गया। उसने दो बैलों की एक सुंदर जोड़ी खरीदी। चंदन को बाजार में शाम हो गई। 
चंदन बैलों को लेकर अपने गांव धौलपुर की तरफ चलने लगा। तभी रास्ते में उसे दो व्यक्ति (बिल्ला और कालिया) मिले। 
बिल्ला,” वाह वाह ! बहुत अच्छे…। “
चंदन,” जी… मैं कुछ समझा नहीं ? “
बिल्ला,” तुम बैलों की बहुत खूबसूरत जोड़ी लेकर आए हो। “
कालिया,” बैलों को देखकर लगता है, काफी महंगे बैल लाए हो। “
बिल्ला,” काफी समझदार भी लगते हो। “
कालिया,” नहीं, ज्यादा महंगे खरीद लिए हैं इसलिए समझदार नहीं है। “
चंदन,” भैया, मुझे अपने घर जाना है। मुझे देर हो रही है, रास्ता छोड़ो मेरा। “
बिल्ला,” अरे भैया ! तुम तो बुरा मान गए हो। अगर समझदार हो तो साबित करो। “
चंदन,” जाने दो मेरे बाप, मैं बेवकूफ ही अच्छा हूं। “
कालिया,” हां भाई, जाने दो इसे। वैसे भी धौलपुर में बेवकूफ भरे पड़े हैं। “
चंदन (मन में),” ससुरे हमार गांव को गंवार समझते हैं। “
चंदन,” हां, बोलो क्या बोल रहे हो तुम लोग ? बेवकूफ नजर आते हैं तुमको क्या हम ? “
बिल्ला,” भैया, गुस्सा क्यों हो रहे हो ? तुम हमारे साथ एक खेल खेलो अगर जीते तो हम तुम्हें समझदार मान लेंगे और पैसे भी देंगे। और अगर तुम हारे तो तुम हमें एक बैल देकर जाओगे। “

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चंदन,” मैं समझदार ही हूं। मैं खेल में जीत जाऊंगा। “
बिल्ला,” ठीक है तो फिर देखते हैं। “
बिल्ला ने 2 पर्चियों पर कुछ लिखा और दोनों पक्षों को अपने हाथों में पकड़ लिया। उधर चंदन भी जोश जोश में उन दोनों की बातों में आ गया।
बिल्ला,” तुमको अब इन दोनों में से एक पर्ची चुननी है। एक में हम दोनों की हार लिखी हुई है और दूसरे में तुम्हारी हार लिखी हुई है, ठीक है। “
चंदन,” थोड़ा मुश्किल है लेकिन भाग्य पर विश्वास रख सकता हूं। जय नल्लू बाबा की… सही पर्ची पर हाथ जाए। “
चंदन ने एक पर्ची चुनी। जब उसने पर्ची को खोला तो वह हैरान रह गया; क्योंकि उस पर लिखा था – मैं अपना एक बैल हार गया। 
चंदन,” आई… क्या हुई गवा ? मैं तो गया काम से। “
बिल्ला,” पढ़ो पढ़ो… पर्ची में क्या निकला है। “
चंदन,” जी, मैं हार गया। “
बिल्ला,” अच्छा… इसका मतलब अब एक बैल हमारा हुआ। “
चंदन,” जी, लेकिन…। “
बिल्ला ने दूसरी पर्ची भी वहीं फेंक दी और कालिया के साथ एक बैल को लेकर चला गया। 
चंदन ने दोनों पर्चियां लेकर अपनी जेब में रख ली और उदास मन से एक बैल को लेकर घर की तरफ रवाना हुआ। थोड़ा सा आगे चलकर चंदन को दो व्यक्ति (गोपी और जग्गू) मिले।
गोपी,” अरे ! क्या बात है, बहुत शांत और उदास जा रहे हो ? हम तुम्हारी कोई मदद कर सकते हैं क्या ? “
चंदन ने उन दोनों को अपने साथ हुई ठगी के बारे में विस्तार से बताया। “
गोपी,” हमारे पास इसका इलाज है। सिर्फ बाबा ही इनकी मदद कर सकते हैं लेकिन एक मुश्किल है। “
चंदन,” क्या..? बताओ भाई। मेरी मदद करो। “
गोपी,” हमारे गांव में एक सिद्ध बाबा हैं जो तुम्हारा बैल वापस ला सकते हैं। लेकिन वह सिर्फ अपने गांव के लोगों की ही मदद करते हैं। “
चंदन,” क्या सच में..? “
गोपी,” हां, उनके पास जादुई शक्तियां हैं। तुम्हारे एक बैल को देखकर दूसरा बैल लाकर दे देंगे। “
चंदन,” तुम भले आदमी लगते हो, मेरी मदद करो। मेरा बैल ले जाओ और दूसरा बैल ले आओ भाई। “
गोपी,” तुम भी भले आदमी लगते हो। हम तुम्हारी मदद करने को तैयार है। तुम यहीं रुकना, हम तुमसे यही मिलेंगे… ठीक है भाई। “
चंदन ने अपना बैल दे दिया। जिसके बाद गोपी और जग्गू बैल लेकर चले गए और सुबह तक भी नहीं आए। 
बिल्ला, कालिया गोपी और जग्गू चारों सगे भाई थे। चंदन ने बहुत इंतजार किया और फिर वह सुबह अपने घर चला गया।
उसे अकेला आया देखकर उसकी पत्नी सुंदरी ने पूछा।
सुंदरी,” क्या हुआ ? आप खाली हाथ आए हैं। “
चंदन,” हां, मैं वो…। “
सुंदरी,” क्या हुआ ? आप क्या छुपा रहे हैं मुझसे ? “
चंदन,” वो मैं… बैल तो लाया था लेकिन…। “
चंदन ने सुंदरी को सारी बात बताई और वह दोनों पर्चियां भी दी। लेकिन जब सुंदरी ने दोनों पर्चियां खोलकर देखी तो दोनों पर्चियों में एक जैसा ही लिखा था। 
सुंदरी को सब समझ आ गया। 
सुंदरी,” हां, वो चारों ठग थे। उन्होंने आपको लूट लिया है। “
चंदन,” अब क्या कर सकते हैं ? “
सुंदरी,” मेरे पास एक उपाय है। “
सुंदरी ने चंदन को एक उपाय बताया। 
चंदन,” हां, यह ठीक है। मैं कल ऐसा ही करूंगा। “
अगले दिन चंदन ने चूड़ी बेचने वाले मनिहार का भेष बनाया और आसपास के गांव में उन ठगों को ढूंढने निकला।
चंदन को सुबह से दोपहर हो गई। तभी उसे एक घर के सामने दो बैल बंधे दिखे। 
चंदन,” यह बैल तो मेरे हैं। यह घर जरूर उन ठगों का है। आज इनको नहीं छोडूंगा। मैं इनको सबक सिखाकर ही रहूंगा। “
चंदन उस घर के पास आवाज लगाने लगा। बिल्ला बाहर आया।
बिल्ला,” हमें चूड़ियों की कोई जरूरत नहीं है। भाई, आज घर में कोई नहीं है। चलो जाओ यहां से। “
चंदन,” कोई नहीं भैया, आज तुम ही चूड़ी खरीद लो। “
बिल्ला,” तुम को बोला है ना, घर में आज कोई भी महिला नहीं है। “
चंदन,” अच्छा तो आज वो खेल ही खेल लीजिए जो कल रात को खेला था। “

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चंदन अपने असली रूप में आ गया और उसने बिल्ला को बहुत पीटा। 
बिल्ला,” अरे ! मत मारो भाई, गलती हो गई। अरे ! छोड़ दो। आई, आई…। “
बिल्ला अपनी टांगों से चल भी नहीं पा रहा था। चंदन ने मौके का फायदा उठाया और अपने बैल लेकर चला गया। बिल्ला के तीनों छोटे भाई (कालिया, गोपी और जग्गू) शाम को घर आए।
कालिया,” भैया को क्या हुआ ? “
बिल्ला,” वही व्यक्ति आया था जिसके हमने बैल ठगे थे। आई… बहुत मारा है उसने मुझे। 
वह अपने बैल भी ले गया। अब तुम जल्दी से जाकर वैद्य जी को बुलाओ। नहीं तो मैं तो गया। “
गोपी,” आप फिक्र ना करें, भैया। ठीक है, हम भी जा रहे हैं। “
तीनों भाई वैद्य जी को लेने चले गए लेकिन गांव के चौराहे पर ही वैद्य जी मिल गए। “
वैद्य,” कहां भागे जा रहे हो ? कुछ जल्दी में प्रतीत होते हो। “
कालिया,” अरे ! हम किसी वैद्य जी को ढूंढ रहे हैं। हमारे भाई की पिटाई हुई है। उनकी हालत बहुत पतली है… मेरा मतलब खराब है। “
वैद्य,” अरे ! राम-राम… किसने पिटाई की तुम्हारे भाई की, हां बताओ जरा ? हम हैं वैद्य। हम ठीक करेंगे आपके भाई को। “
गोपी,” अरे ! तो वैद्य जी जल्दी चलिए। “
वैद्य,” हां, चलो भाई। अभी तुम्हारे भाई की तकलीफ बढ़ाते हैं। 😂🤣
जग्गू,” अरे ! क्या बोला आपने..? “
वैद्य,” बेटा, मैंने कहा… अभी तुम्हारे भाई की तकलीफ भगाते हैं। वैद्य जो ठहरे… हमारा काम तकलीफ भगाने का ही तो है। “
जग्गू,” ठीक है, जल्दी चलो अब। “
तीनो भाई वैद्य जी को घर ले आए। 
वैद्य,” अरे ! किसका इलाज करना है ? मुझे यहां कोई दिख ही नहीं रहा। “
कालिया,” वैद्य जी, नीचे देखो। यह हमारे भैया हैं और इनको चोट लगी है। “
वैद्य,” बहुत गहरे घाव दे गया कमबख्त… लेकिन एक समस्या है, मेरी औषधि खत्म हो गई है। मैं तुम लोगों को औषधि बता देता हूं। पास के जंगल से ले आओ। “
वैद्य जी ने तीनों भाइयों को जंगल में औषधि लेने के लिए भेज दिया और फिर अपने असली रूप में आ गए। 
वैद्य जी का असली रूप देखकर बिल्ला के तो होश ही उड़ गए; क्योंकि चंदन ही भेष बदलकर आया था। 
बिल्ला,” तू यहां फिर से आ गया। “
चंदन,” हां, शायद अभी कुछ और हिसाब बाकी है। “
चंदन ने फिर से एक डंडा उठाया और बिल्ला को पीटना शुरू कर दिया और उसके भाइयों के आने से पहले ही वहां से भाग गया। जब बिल्ला के तीनों भाई वापस आए तो बिल्ला ने उनको सारा हाल सुनाया। 
बिल्ला,” कमीने ने मार मार कर भरता बना दिया। उसे छोड़ना मत। “
जग्गू,” बस बहुत हो गया। अब हम उस आदमी को जिंदा नहीं छोड़ेंगे। “
गोपी,” लेकिन हम उसे कैसे ढूंढ लेंगे ? “
जग्गू,” बहुत आसान है। उसने अपने घर के बाहर बैल जरूर बांधे होंगे। अब चलो, उसको वहीं पर पीटते हैं। “
कालिया, गोपी और जग्गू तीनों अपने भाई का बदला चंदन से लेने के लिए उसके गांव पहुंच गए और चंदन का घर ढूंढने लगे। तभी उन्हें दिखा की एक बड़े से घर के बाहर दो बैल बंधे हैं। 
गोपी,” दुश्मन मिल गया। उसने अपने बैल यहां बांधे हैं। जरूर वो इस घर के अंदर ही होगा। “
कालिया,” ध्यान रहे… उसको बहुत पीटना है। उसको याद रहे कि किससे पंगा लिया था ? “
तीनो भाई अंदर गए लेकिन वो घर एक पुलिस वाले का था। पुलिस वाले ने तीनों को बहुत पीटा। तीनों वहां से जान बचाकर किसी तरह भाग गए। 
पुलिस वाले के घर के बाहर चंदन भी खड़ा था। 
चंदन,” मुझे पता था कि तुम मुझे ढूंढते हुए जरूर आओगे इसलिए मैंने अपने बैल पुलिस वाले के घर के सामने बांध दिए थे। “
कालिया,” हमें माफ कर दीजिए। हम आज के बाद किसी को नहीं ठगेंगे। “

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गोपी,” तुम तो सच में अकलमंद हो। हमने तो सोचा था कि तुम्हें बहुत अच्छा बुद्धू बनाया लेकिन तुमने हमें अच्छा सबक सिखाया है। “
चंदन,” मेहनत से काम करो जिससे तुम्हारे साथ-साथ दूसरों की जिंदगी भी आसान हो जाए। 
अगर किसी को ठगोगे तो तुम्हें मेरे जैसा कब कोई मिल जाए, क्या पता ? चलो जी, अब मैं चलता हूं…राम राम। “
चंदन अपने बैल लेकर चला गया और ठगों को पुलिस ने पकड़ लिया और कुछ महीनों की कड़ी सजा के लिए कारागार में डाल दिया।
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