Best New Love Story |
Love Story in Hindi | Best Love Story in Hindi | New Love Story in Hindi
हेलो दोस्तो, कहानी की नई Series में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – अनमोल मोहब्बत। यह एक New Hindi Love Story है। यह इस कहानी का (भाग – 2) है; जिसे पढ़कर आपको खूब मजा आने वाला है।
अनमोल मोहब्बत – 2
रास्ते में रितिका की स्कूटी सामने से आ रही बाइक से टकराई और अचानक ब्रेक लगाने की वजह से वह अपने आपको संभाल नहीं पाई और गिर गई। हालांकि उसे ज्यादा चोट नहीं आई थी पर उस बाइक वाले पर उसे बहुत गुस्सा आया।
गुस्सा आना लाजमी था। एक तो वैसे भी उसे देर हो रही थी और अब यह सब हो गया। रितिका जल्दी से उठी, अपने कपड़े साफ किए और अपनी स्कूटी खड़ी की और उस बाइक वाले की तरफ मुड़ी।
वह कुछ कहना ही चाह रही थी कि उस लड़के ने, जो खुद भी रितिका को बचाने के चक्कर में गिर गया था, बोला माफ करना… मैं बहुत जल्दी में था इसलिए ध्यान नहीं दे पाया… I am sorry. रितिका का तो जी कर रहा था कि अभी उस लड़के को इतना सुनाए कि दोबारा कभी वो इतनी तेज बाइक ना चला पाए।
पर उसे कॉलेज के लिए देर हो रही थी तो बस गुस्से को मन में ही दबाना पड़ा और ‘ तुम्हें बाद में देख लूंगी ‘ बोलकर गुस्से में घूमते हुए निकल गई वहां से। उस लड़के ने एक गहरी सांस ली और रितिका को जाता देखता रहा। फिर उसने भी अपनी बाइक ली और वहां से निकल गया।
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कॉलेज पहुंचकर रितिका ने चारों तरफ नजर दौड़ाई और प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ कदम बढ़ाए। ऑफिस में पहुंचकर सारी फॉर्मेलिटी पूरी की और बाहर आ गई। बाहर आकर उसने इधर उधर नजर दौड़ाई और अपनी Forensic science class ढूंढने के लिए आगे बढ़ गई।
सामने ही एक लड़का उसकी तरफ पीठ किए किसी लड़के को कुछ समझा रहा था। वो उसके पास गई और उसने पूछा कि फॉरेंसिक साइंस फर्स्ट ईयर क्लास रूम कहां है। वह लड़का जैसे ही रितिका की तरफ मुड़ा, दोनों के मुंह से लगभग 1 साथ ही निकला… तुम !!!
रितिका और वह लड़का दोनों हैरानी से एक दूसरे को देख रहे थे। रितिका तो समझ ही नहीं आ रहा था कि खुश हो या हैरान। वह लड़का कोई और नहीं कार्तिक था जिसे वह तब से चाहती थी जब वो 8वीं में थी।
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हां यह बात अलग है कि उसने कभी यह बात किसी को बताई नहीं थी, कार्तिक को भी नहीं। क्योंकि उसे अपने पापा का सपना पूरा करना था। इसलिए वह नहीं चाहती थी कि उसका ध्यान पढ़ाई से हटे।
कार्तिक :- रितिका, तुम यहां। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा। यार पूरे 4 साल बाद देख रहा हूं तुम्हें।
रितिका :- आज मेरा पहला दिन है इस कॉलेज में। तुम कैसे हो और यहां क्या कर रहे हो ?
कार्तिक :- मैं भी यहां स्टूडेंट हूं। यार वैसे… तुम्हारा स्ट्रीम कौन सा है ?
रितिका :- बीएससी फॉरेंसिक साइंस।
कार्तिक :- क्या बात है। मतलब मैं तुम्हारा सीनियर हूं। बीएससी फॉरेंसिक साइंस थर्ड ईयर है मेरा।
रितिका :- अच्छी बात है।
रितिका को बहुत घबराहट हो रही थी। पर वो यह कार्तिक पर जाहिर नहीं होने देना चाहती थी इसलिए बस उसकी बातों का जवाब दे रही थी।
रितिका :- कार्तिक मुझे देर हो रही है। अभी मुझे अपना क्लास भी ढूंढना है… मैं चलती हूं बाय।
कार्तिक :- अरे तुम क्यों चिंता कर रही हो ? चलो मैं तुम्हारी क्लास तक छोड़ देता हूं।
कार्तिक को बुरा ना लगे इसलिए उसने हां बोल दिया और वैसे भी दिल ही दिल में वह भी बहुत खुश थी। आज इतने सालों बाद भी यकीन नहीं था कि उसे कार्तिक यू मिलेगा, उसका सीनियर क्लासमेट के रूप में।
कार्तिक और रीतिका क्लास रूम की ओर जा ही रहे थे कि लड़के लड़कियों के ग्रुप में से एक लड़का जो कि शायद उनका लीटर था, उसने ” रितिका फर्स्ट ईयर ” पूछा और रितिका ने हां में सिर हिला दिया।
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कार्तिक ने बीच में आकार उस लडके से कहा – दोबारा रितिका की रैगिंग करने के बारे में सोचा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। उस लडके ने बोला – यार क्यों गुस्सा हो रहा है ? यह कौन सी तेरी गर्लफ्रेंड है। कार्तिक – और फालतू बातें मत कर।
इस पर उनके ग्रुप की एक लड़की, प्रिया जो कि कार्तिक को बहुत पसंद करती थी, उसने कहा :- छोड़ो Guys क्यों कार्तिक को गुस्सा दिला रहे हो ? उसने कहा कि रैगिंग नहीं करो तो मत करो। अब चलो यहां से। सारे लड़के – लड़कियां वहां से चले गए।
कार्तिक भी रितिका को लेकर उसकी क्लास की ओर चल दिया। कार्तिक थोड़ा झुककर हाथों को फैलाते हुए – हां मिस रितिका, यह रहा आपका क्लास। यह देखकर रितिका मुस्कुराए बिना ना रह सकी। कार्तिक ने फिर उससे कहा कि कैंटीन में चलकर कुछ खाते हैं।
आज क्लास भी नहीं लगेगी क्योंकि आज फर्स्ट डे है। सबका बस इंट्रोडक्शन होगा सबका बस। रीतिका ने हां में सर हिला दिया फिर दोनों कैंटीन की तरफ चल गए।
कहानी में आगे क्या हुआ… जानने के लिए इस कहानी का अगला भाग जरूर पढ़ें।
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