चींटी का परिश्रम | CHINTI KA PARISHRAM | Motivational Story | Short Motivational Story in Hindi

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” चींटी का परिश्रम ” यह एक Short Motivational Story है। अगर आपको Motivational Stories, Motivational Kahani या Motivational Stories in Hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


एक बार एक छोटी सी चींटी, रोटी का एक बड़ा सा टुकड़ा अपने पीठ पर उठाकर अपने घर की तरफ़ जा रही थी। 

तभी ऊपर से एक तितली उस चींटी को देखती है और वो उसके पास जाती है। 

वो चींटी से कहती है, “मैं रोज़ देखती हूँ, तुम बहुत ही मेहनत करती हो। तुम कभी दाने इकट्ठा करती हो, 

कभी अपना घर बनाती हो, तो कभी रोटी के बड़े टुकड़े उठाकर अपने घर पर जाती हो। 

तुम्हारी ज़िन्दगी ऐसे ही कट जाएगी। मैंने तुम्हें कभी एन्जॉय करते हुए नहीं देखा है। 

ज़िन्दगी मज़े करने के लिए है, तो ज़िन्दगी में मज़े करना चाहिए। ज़िन्दगी में इतना सीरियस होना भी जरूरी नहीं है।”

तो चींटी तितली से कहती है कि मैं सर्दी और बारिश के लिए खाना इकट्ठा कर रही हूँ और अपने घर को मजबूत बना रही हूँ, 

ताकि दूसरे मौसम में मुझे कोई परेशानी नहीं आए। मैं अपने कल के लिए काम कर रही हूँ। 

मैं चार महीने मेहनत करूँगी, लेकिन आने वाले आठ महीने आराम से गुजारूंगी, तब मैं मज़े करूँगी।”

ये सुनकर तितली कहती है, “आने वाला कल किसने देखा है? अगर कल तुम जिंदा ही नहीं रही तो?

तुम्हें फ्यूचर के बारे में इतना नहीं सोचना चाहिए और आज में जीना चाहिए।”

चींटी उसकी बात को सुनकर वहाँ से चली जाती है और चार महीनों तक वो पूरी मेहनत करती है, खाना इकट्ठा करती है और अपने घर को और भी मजबूत बनाती है। 

जब चार महीने गुज़रने के बाद बारिश का मौसम शुरू होता है, तब चींटी मज़े से अपने घर में अपने इकट्ठे किए हुए खाने के साथ एन्जॉय करती है। 

और दूसरी तरफ तितली, जो आज में जीने का बोलती थी, वो बारिश में कहीं जा भी नहीं पा रही थी 

और उसके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा था और बारिश की वजह से वो पेड़ पर भी नहीं बैठ पा रही थी। 

तभी वह चींटी के घर पर जाती है और देखती है कि चींटी के घर तो ढेर सारा खाना रखा हुआ है 

और उसका घर भी शानदार और मजबूत बना हुआ है। चींटी उसे घर में बुलाती है और यह देखकर तितली शर्मिंदा हो जाती है।

दोस्तों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मज़े करना जरूरी है, लेकिन हमें आज काम करना चाहिए अपने फ्यूचर को बेहतर बनाने के लिए।

20 से 25 की जो एज होती है ना, यही वो उम्र होती है जो आपका फ्यूचर डिसाइड करती है कि आप आपकी बाकी की ज़िंदगी कैसे जियोगे?

इस 5 साल में अगर मज़े करोगे तो आने वाले 40 साल दुख में गुजारने पड़ेंगे। 

और अगर पूरे डेडिकेशन के साथ ये 5 साल मेहनत करोगे, अपने सपनों पर काम करोगे, तो आने वाले 40 साल मज़े करोगे।

तो अभी आपके हाथ में है कि आपको 5 साल का एन्जॉयमेंट चाहिए या फिर 40 साल का? 

चींटी का परिश्रम | CHINTI KA PARISHRAM | Motivational Story | Short Motivational Story in Hindi

डिसीजन भी आपका ही होगा और सफ़र भी आपको ही तय करना होगा, इसलिए सही समय पर सही फैसला लेकर अपने कल के लिए काम करो।

मिलते हैं हम अगली बार इसी तरह की एक और जोश से भरी कहानी के साथ। तब तक सबर करो, शुकर करो और ज़िन्दगी में आगे बढ़ो।


दोस्तो ये Motivational Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


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