हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” एक रिश्ता ऐसा भी ” यह इस कहानी का पहला भाग है। यह एक True Love Story है। अगर आपको भी Love Stories, Romantic Kahaniyan या Sachhi Pyar Ki Kahaniyan पढ़ने का शौक है, तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
रात के करीब 1:00 बजे थे। ईशा दुल्हन का लिबाज़ पहने, फूलों से सजे कमरे में बैठी हुई थी।
ईशा (अपने आप से), “शांत हो जा, ईशा। तू दुनिया की पहली लड़की नहीं है जिसकी शादी हुई है।
और अरहान तो तेरा दोस्त भी है। तू… तू ऐसे डर मत।”
तभी अरहान अरोरा कमरे में आया। वह 25 साल का एक हैंडसम लड़का था। वह ईशा के पास आकर बोला।
अरहान, “तुम्हें क्या लगता है, ईशा कि मैं तुम्हें गले लगाकर प्यार करूँगा? मत करो मेरे सामने ये ढोंग। मैं नहीं मानता शादी को।”
ईशा (उदास होते हुए), “ये… ये क्या कह रहे हो, अरहान? आज ही तो हमारी शादी हुई है।
तुमने अपनी मर्ज़ी से मुझसे शादी की है? और शादी की बात अलग है, हम दोनों बचपन से फ्रेंड हैं। ऐसा मत बोलो, प्लीज़!
अरहान (गुस्से और नफ़रत से), “मत भूलो ईशा, ये शादी मैंने एक मजबूरी के चलते की है।
तुम अच्छे से जानती हो कि मैं किसी और को पसंद करता हूँ। और अगर उस दिन तुम्हारे साथ वो…।”
इतना बोल अरहान चुप हो जाता है और गुस्से से टेबल पर रखा दूध का ग्लास उठाकर ज़मीन पर पटक देता है
जिससे दूध और काँच ज़मीन पर फैल जाता है। जिसे देख ईशा घबराकर अपनी आँखें बंद कर लेती है।
अरहान, “मैं तुम्हारे साथ इस कमरे में नहीं रह सकता, ईशा। और अब तुमसे शादी करने के बाद… हमारी दोस्ती का रिश्ता भी खत्म हो गया है।”
ईशा, “अरहान, रुक जाओ प्लीज़! अगर मुझे पता होता कि तुम किसी और को पसंद करते हो, तो मैं तुमसे कभी शादी नहीं करती। मेरा यकीन करो।
अरहान, “ईशा, तुम्हारी इन बातों का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि मेरी ज़िंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है।”
ईशा की लाख रोकने पर भी अरहान कमरे से दूसरे कमरे में चला जाता है।
शादी का लाल जोड़ा पहने ईशा वहीं ज़मीन पर बैठकर फूट-फूट कर रो पड़ी।
ईशा (रोते हुए), “आज सब खत्म हो गया, माँ। आपके साथ ही मेरी ज़िंदगी की सारी खुशियाँ खत्म हो गईं।
अरहान… अरहान, जो मेरा सबसे अच्छा दोस्त था, उसने मुझे अपनी पत्नी मानने से इनकार कर दिया है।”
उस वक्त ईशा के सामने वो पास्ट आ गया, जिसकी वजह से ईशा और अरहान की शादी हुई थी।
5 दिन पहले…
अरहान एक लॉयर था, जो ईशा का बहुत अच्छा दोस्त था। वहीं, ईशा भी लॉ की पढ़ाई कर रही थी।
एक दिन जब वह घर आई, उसके चेहरे की हवाइयाँ उड़ी हुई थीं।
अक्षिता(ईशा की माँ), “क्या हुआ, ईशा बेटा? तू इतनी घबराई हुई क्यों है? सब ठीक तो है ना?”
एक रिश्ता ऐसा भी -1 | EK RISHTA AISA BHI | Love Story | Pyar Ki Kahani | Heart Touching Love Story | Hindi Love Story
ईशा, “हाँ माँ, सब ठीक है। बस बहुत थक गई हूँ, ना? इसलिए… थोड़ा रेस्ट करूँगी, तो बेहतर फील होगा।”
इतना बोलकर सहमी हुई ईशा भागकर अपने रूम में चली जाती है।
अक्षिता;(अपने आप से), “तू चाहे मुझसे झूठ बोल ले, पर कुछ तो है जो तुझे परेशान कर रहा है।”
तभी अक्षिता के फ़ोन पर किसी की कॉल आई। कॉल पर अरहान है।
अरहान, “आंटी, वो ईशा कहाँ है? मैं उसे कब से कॉल कर रहा हूँ? वो मेरा कॉल ही नहीं उठा रही।”
अक्षिता, “पता नहीं, बेटा। जब से बाहर से आई है, थोड़ी सहमी-सहमी सी है। मेरे पूछने पर भी कुछ नहीं बताया।”
अरहान, “अरे आंटी! आप फिक्र मत करिए। मैं उसका मूड ठीक कर दूँगा।”
ऐसे ही कई दिन बीत जाते हैं। हमेशा हँसने-बोलने वाली ईशा चुपचाप और डरी हुई रहने लगती है।
एक दिन जब ईशा घर लौट रही थी, तभी किसी ने उसे अपनी गाड़ी में खींच लिया
जिसे देख ईसा बहुत डर गई। क्योंकि गाड़ी में शहर का सबसे पावरफुल गुंडा, शिवांग सहगल था।
ईशा (डरते हुए), “ये… ये क्या हरकत है? गाड़ी रोकिए। आप मुझे कहाँ ले जा रहे हैं?”
शिवांग, “ऐ! पहले ये बता, तूने किसी को कुछ बताया तो नहीं ना? अपनी माँ अक्षिता को कुछ बताया क्या?
दरअसल, शिवांग बहुत ही पावरफुल था। उसे ईशा पहली नज़र में ही पसंद आ गई थी। तब से वह उस पर नज़र रखता था। उसे आते जाते डराता था।
ईशा, “तुमने बताने को मना किया था ना? इसलिए मैंने माँ को कुछ नहीं बताया। किसी को कुछ नहीं बताया।
शिवांग, “हा हा हा… बहुत खूब बहुत खूब। लड़की समझदार है तू। और हाँ… इसी बात पर तेरे लिए खुशखबरी, कल शाम 6 बजे बालाजी मंदिर आ जाना।
और हाँ… अगर नहीं आई ना, तो तुझे तेरे घर से ही उठवा लूँगा। हम दोनों कल ही शादी करेंगे।”
ईशा (डर से काँपते हुए), “क्या शादी? नहीं… नहीं मैं तुम जैसे गुंडे से शादी नहीं कर सकती।”
शिवांग(गुस्से से), “ऐ! मेरी बात ध्यान से सुन, लड़की। कल अगर तूने मुझसे शादी नहीं की ना, तो तू और तेरी माँ दोनों अपनी जान से हाथ धो बैठोगे।
अब तू कल दुल्हन बनेगी… वो भी सिर्फ और सिर्फ मेरी। चल, अभी मेरे लोग तुझे घर ड्रॉप कर देंगे। बहुत सारी तैयारी भी तो करनी है ना शादी की।”
शिवांग ईशा को उसके घर छुड़वा देता है। इतने दिन से जो कुछ ईशा अकेले बर्दाश्त कर रही थी,
वह अपनी माँ को देखकर उनके गले लगकर फूट-फूटकर रो पड़ती है।
अक्षिता, “क्या हुआ… क्या हुआ, बेटा? तुम ऐसे रो क्यों रही हो, बताओ मुझे?
ईशा, “माँ… शिवांग… शिवांग सहगल है ना।”
अक्षिता, “शिवांग सहगल? वो तो इस शहर का सबसे पावरफुल गुंडा है।
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उसके सामने कोई नहीं टिक पाता। पर… तू उसके बारे में क्यों बात कर रही है?”
ईशा, “माँ… कल वो मुझसे जबरदस्ती शादी करने वाला है। मुझे उससे शादी नहीं करनी।
वो… वो आपको मार देगा। ऐसा बोलकर मुझे ब्लैकमेल कर रहा है। माँ… मुझे बहुत डर लग रहा है।”
ईशा फूट-फूट कर रोने लगती है। यह सुनकर अक्षिता का सिर घूमने लगता है और कुछ ही पलों में वह बेहोश होकर गिर पड़ती है।
ईशा (चीखते हुए), “माँ… माँ माँ, क्या हुआ आपको? माँ… होश में आओ। अभी… अभी आपको हॉस्पिटल ले चलती हूँ।”
जैसे-तैसे करके ईशा अक्षिता को हॉस्पिटल लेकर जाती है। तभी ईशा ने अरहान को कॉल किया।
ईशा (रोते हुए), “अरहान… वो माँ की तबीयत बहुत खराब है। तुम फॉरेन सिटी हॉस्पिटल आ जाओ।”
अरहान, “ईशा, तुम बिल्कुल भी फिक्र मत करो। मैं बस 10 मिनट में पहुँच रहा हूँ।”
अगले कुछ ही मिनटों में अरहान हॉस्पिटल पहुँच जाता है। ईशा भागकर अरहान के गले लग गई।
अरहान, “ईशा, आंटी को क्या हुआ? डॉक्टर ने कुछ बताया? अच्छा अच्छा ठीक है, तू फिक्र मत करो। आंटी बिल्कुल ठीक हो जाएँगी।”
तभी आईसीयू का दरवाज़ा खुला और डॉक्टर बाहर आ गए।
ईशा (घबराई हुई), “बताइए डॉक्टर… माँ को क्या हुआ है? वो ठीक तो हो जाएँगी ना?”
डॉक्टर, “माफ़ कीजिए, मिस ईशा… अक्षिता जी को हार्ट अटैक आया है और ये हार्ट अटैक इतना मेजर था
कि उनकी जान के लिए रिस्की हो गया है। वो सिर्फ कुछ ही मिनटों की मेहमान हैं।
बेहतर यही होगा कि आप अंदर जाकर उनके अंतिम पलों में उनके साथ रहें।”
ईशा (हैरानी से), “क्या…अंतिम पल? ये… ये क्या बकवास कर रहे हैं? मैं… मैं अभी माँ के पास जाती हूँ। कुछ नहीं होगा उन्हें।”
ईशा और अरहान दोनों भागकर अंदर पहुँचते हैं। ईशा फूट-फूट कर रोने लगती है।
अक्षिता (कमज़ोर आवाज़ में), “अरहान बेटा, मेरी बेटी के तुम सबसे अच्छे दोस्त हो।
कल को शिवांग सहगल मेरी बेटी ईशा के साथ जबरदस्ती शादी कर लेगा और मेरी बेटी को उससे कोई नहीं बचा पाएगा।
मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ, तुम… तुम ईशा से शादी कर लो।”
अरहान (चौंककर): क्या… शादी? ये आप क्या कह रही हैं? अगर शिवांग ईशा को परेशान कर रहा था, तो उसने या आपने मुझे क्यों नहीं बताया?”
अक्षिता (अंतिम साँसों में), “मेरे पास समय बहुत कम है। मैं… मैं भीख माँगती हूँ। मेरी बेटी से शादी कर लो।
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तुम दोनों मुझे वचन दोकि आज, अभी, इसी वक्त शादी करोगे। दो… दो वचन दो मुझे। अगर ये शादी हो गई, तो वो शिवांग कुछ नहीं कर पाएगा।”
थोड़ी देर में अक्षिता जी की साँसें रुकने लगीं और एक ही पल में अरहान और ईशा शादी के लिए हाँ बोल दिया।
अरहान और ईशा (साथ में), “हम वचन देते हैं कि हम ये शादी करेंगे।
यह सुनकर अक्षिता के चेहरे पर सुकून छा गया और दूसरे ही पल उनकी आँखें हमेशा के लिए बंद हो गईं। ईशा बेहोश होकर अरहान की बाहों में झूल गई।
किस ओर जाएगी ये शादी? क्या अरहान कभी ईशा को अपनी पत्नी मानेगा?
और किसे पसंद करता है अरहान? क्या दोनों के रिश्ते में कभी प्यार पनप पाएगा?
जानने हैं इन सभी सवालों के जवाब? तो पढ़िए इस कहानी का अगला भाग, ओनली ऑन hindikananibaaz.in पर।
दोस्तो ये True Love Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!