जादुई टमाटर | JADUI TAMATAR | Moral Story | Achhi Achhi Kahani | Jadui Kahani | Moral Stories in Hindi

व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

टेलीग्राम ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” जादुई टमाटर ” यह एक Moral Story है। अगर आपको Moral Stories, Hindi Stories या Hindi Moral Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


रात को हरिया और उसकी पत्नी सीमा दोनों साथ में बैठकर खाना खा रहे थे।

वो दोनों बहुत देर से अपनी बेटी पायल को खाने के लिए बुला रहे थे, लेकिन पायल अपनी ड्राइंग बुक में ड्राइंग कर रही थी। 

सीमा, “अरे बेटा! आजा खाना खाने के लिए, मैं तुझे कब से बुला रही हूँ? बाद में कर लेना अपना होमवर्क।”

पायल, “माँ, बस हो गया। अब कलर करके आपके पास ही आ रही हूँ। कल स्कूल में ड्राइंग कॉम्पिटिशन है। 

जिसकी ड्राइंग सबको पसंद आएगी, उस बच्चों को स्कूल में गिफ्ट मिलेगा और अच्छे नंबर भी मिलेंगे, जो कि पेपर में जुड़ेंगे।”

सीमा, “ठीक है बेटा, जल्दी करके आ। मैं तेरा इंतजार कर रही हूँ।”

पायल अपनी ड्राइंग बुक में एक टमाटर बना रही थी। टमाटर उसने काफी अच्छी तरीके से बनाया था। 

जल्दी जल्दी ड्राइंग खत्म करके पायल भी खाने पर आ जाती है और अपनी माँ से बोलती है,

पायल, “माँ, पता है… मैं आज ड्रॉइंग बुक में पहली बार टमाटर बनाई हूँ और टमाटर दिखने में काफी सुंदर लग रहा है।

ऐसा लग रहा है जैसे असली वाला टमाटर किसी ने रख दिया हो।”

सीमा, “अरे वाह! ये तो बहुत ही अच्छी बात है। लगता है कि ये कॉम्पिटिशन मेरी बेटी ही जीतेगी। मेरी बेटी को ही फर्स्ट प्राइज मिलेगा स्कूल में।”

हरिया, “हाँ, तो मेरी बेटी को ही मिलेगा। मेरी बेटी बहुत अच्छा ड्रॉइंग करती है, साथ ही पढ़ने में भी बहुत होशियार है, सबकी बात मानती है। देख लेना मेरी ही बेटी कॉम्पिटिशन जीतेगी।”

पायल, “हाँ बाबा, आप चिंता मत करो। ये कॉम्पिटिशन तो मैं ही जीतूंगी क्योंकि मेरी मैडम कहती है जो मेहनत और लग्न से काम करता है ना, 

उसी का काम सक्सेस होता है तो मैंने पूरी मेहनत के साथ ड्राइंग बनाया है।”

ऐसे ही अगली सुबह पायल अच्छे से तैयार होकर नाश्ता करके स्कूल जाती है। स्कूल में सभी बच्चे अपनी अपनी ड्राइंग अपनी टीचर को दिखाते हैं। 

थोड़ी देर में ड्राइंग कॉम्पिटिशन की विजेता का नाम बोलती है मैडम जिसमें स्कूल का एक बच्चा जिसका नाम सोनू था, वो ये कॉम्पिटिशन जीत जाता है। 

पायल का मन उदास हो जाता है। वो बार बार अपनी पैंटिंग के बारे में ही सोच रही थी। ऐसे ही टीचर अब सभी बच्चों को उनकी पैंटिंग वापस कर देती है। 

सभी बच्चे अपना पैंटिंग लेकर घर आ जाते हैं। पायल उदास होकर अपने कमरे में जाती है और बार बार टमाटर वाली पैंटिंग को देख रही थी। 

पायल, “मैंने तो बहुत मेहनत के साथ तुम्हारी पैंटिंग बनाई थी, उसके बावजूद किसी को मेरी पैंटिंग पसंद नहीं आई। 

शायद तुम अच्छी सब्जी नहीं हो। अगर मैं तुम्हारी जगह किसी और को बनाती ना, तो ये मैं कॉम्पिटिशन जीत पाती। 

जादुई टमाटर | JADUI TAMATAR | Moral Story | Achhi Achhi Kahani | Jadui Kahani | Moral Stories in Hindi

तुम बिल्कुल भी अच्छी नहीं हो। तुम्हारी वजह से आज मैं ये कॉम्पिटिशन जीत नहीं पाई।”

इतना बोलकर पायल वो पैंटिंग फाड़ने ही वाली थी कि तभी वहाँ पर उसकी माँ आ जाती है। उसकी माँ अपनी बेटी को इस तरह से उदास देखकर बोलती है, 

सीमा, “अरे! तू इस पैंटिंग को फाड़ रही है? इसका मतलब ये है कि तू कॉम्पिटिशन जीती नहीं है। 

बेटा, जीवन में हार जीत लगी रहती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि तू चीजों को समझने के बजाय ये सब करने लगे। 

देख मैं मानती हूँ कि तूने मेहनत से ही उस पेंटिंग को बनाया था। लेकिन ये सोच जिस बच्चे ने ही कॉम्पिटिशन जीता है, 

उसने भी तो मेहनत की है ना। अब किसी को तो जीतना ही था फिर चाहे तू जीते या फिर तेरे क्लास का वो बच्चा।”

पायल, “लेकिन माँ, अब मैं भी कभी टमाटर वाली पैंटिंग नहीं बनाऊंगी और ना कभी टमाटर खाऊंगी। 

क्योंकि ये टमाटर अच्छा नहीं है। इसकी वजह से ये कॉम्पिटिशन नहीं जीत पाई मैं।”

सीमा, “बेटा, तू मेरी समझदार गुड़िया रानी है ना? तुझे चीज़ समझने की तुझे थोड़ी सी जरूरत है। तू तो बहुत समझदार है। 

अब एक बात बता, मैं रोज़ खाना बनाती हूँ। कभी कभी ऐसा होता है कि खाने में टेस्ट नहीं आता। 

लेकिन इसका मतलब ये थोड़े ही है कि मैं खाना बनाना ही छोड़ देती हूँ या फिर वो खाना फेंक देती हूँ। 

बल्कि मैं अगले दिन खाने को और बेहतर बनाने की कोशिश करती हूँ। तो जिंदगी तो ऐसे ही चलती है।

अगर आज हम कामयाब नहीं हो पाए तो हम और मेहनत करेंगे और अपने जीवन में सफल होकर दिखाएंगे। 

कहीं ना कहीं तो हमारी मेहनत में कमी है इसलिए तो हम और मेहनत करेंगे।”

पायल, “हम्म… आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं।”

सीमा, “मैंने कहा था ना कि मेरी बेटी बहुत समझदार है। अच्छा अब जल्दी से हाथ मुँह धो ले और खाना खा ले। 

आज मैंने अपनी बेटी के लिए टमाटर की चटनी बनाई है, वो भी मीठी वाली। तुझे पसंद है ना? चल आजा।”

पायल, “आहाँ माँ… अच्छा मैं चेंज करके आती हूँ, आप चलो।”

पायल उस पैंटिंग को बिस्तर पर ही छोड़ देती है और खुद स्कूल यूनिफॉर्म चेंज करके खाना खाने के लिए अपनी माँ के पास चली जाती है। 

खाना खाने के बाद पायल अपने कमरे में आकर सो जाती है। थोड़ी देर बाद पायल उठकर अपने स्कूल का होमवर्क करने लगती है। 

पायल की बनाई हुई पैंटिंग भी वहीं रखी हुई थी। तभी उसे पैंटिंग में से पायल को आवाज आती है। 

टमाटर, “पायल, क्या तुम मुझे अपना दोस्त बनाना चाहोगी?”

पायल, “कौन है? कौन मुझे आवाज दे रहा है?”

टमाटर, “अरे! इधर देखो पायल, मैं तुम्हारी पैंटिंग वाला टमाटर हूँ।”

पायल ने जो पैंटिंग बनाई थी, उस पैंटिंग में से आवाज आने लगती है। वो टमाटर बोल रहा था। ये देखकर पायल घबरा जाती है। तभी टमाटर पायल से ही बोलता है। 

जादुई टमाटर | JADUI TAMATAR | Moral Story | Achhi Achhi Kahani | Jadui Kahani | Moral Stories in Hindi

टमाटर, “अरे पायल!:घबराओ नहीं, मैं एक जादुई टमाटर हूँ। मैं गलती से मार्केट में आ गया था तुम्हारी माँ मुझे खरीद कर ले आई 

और जब मुझे पता चला कि तुमने टमाटर की पैंटिंग बनाई है तो मैं इस पैंटिंग में आ गया। मेरे पास तो जादुई शक्तियां हैं, कहीं भी आ जा सकता हूँ, हर काम को आसान कर सकता हूँ। 

पायल, “हाँ, सच में तुम जादुई टमाटर हो?”

टमाटर, “रुको, तुम्हे यकीन नहीं हो रहा ना? अच्छा ये बताओ तुम्हे सबसे ज्यादा खाने में क्या पसंद है?”

पायल, “मुझे चॉकलेट पसंद है।”

टमाटर, “रुको, मैं तुम्हे अभी चॉकलेट खिलाता हूँ।”

इतना बोलकर वो जादुई टमाटर पायल को चॉकलेट दे देता है। पायल बहुत खुश हो जाती है और वो चॉकलेट को खाने लगती है। 

पायल, “अरे वाह! तुम्हारा तो बहुत बड़ा वाला थैंक यू। तुम बहुत अच्छे हो। मैंने चॉकलेट बहुत टाइम से नहीं खाई थी 

क्योंकि मेरे पापा के पास इतने पैसे नहीं है कि वो मुझे इतनी महंगी महंगी चॉकलेट खिला पाएं।”

टमाटर, “अरे! कोई बात नहीं, अब मैं हूँ ना तुम्हारे साथ। हमेशा हम दोनों साथ में रहेंगे।”

पायल को अब टमाटर के रूप में एक दोस्त मिल जाता है। पायल अब ज्यादा तर अपना समय कमरे में ही बिताया करती थी।

पायल अब अकेले टमाटर के साथ यहाँ वहाँ घूमा फिरती थी। अपनी बेटी का ऐसा बदलाव रूप देखकर सीमा को परेशानी होने लगती है। 

वो अपनी बेटी से बोलती है, 

सीमा, “बेटा, क्या हुआ? मैं देख रही हूँ कई दिनों से तू अपने पापा के साथ समय नहीं बिताती, ना मेरे साथ बल्कि अकेले कमरे में बैठी रहती है। 

अगर कोई बात है तो मुझे बताओ। स्कूल में किसी ने कुछ कहा, वो बता।”

पायल, “नहीं माँ, मैं तो बस पढ़ाई कर रही हूँ मेरे एग्ज़ाम आने वाले हैं ना इसलिए।”

इतना बोलकर पायल अपने कमरे में चली जाती है। ऐसे ही रात को हरिया उदास मन से घर आता है। 

हरिया को उदास देखकर सीमा परेशान हो जाती है और वो अपने पति से ये बोलती है,

सीमा, “क्या हुआ जी? आप परेशान नजर आ रहे है, सब ठीक है ना? कोई बात हुई है क्या?”

हरिया, “दरअसल बात ये है कि मेरे मालिक ने मुझे काम से निकाल दिया। 

उन्होंने बोल दिया है कि अब काम ही नहीं है इसलिए कल से आने की जरूरत नहीं है। 

अब समझ में नहीं आ रहा कि क्या करूँ? पायल की फीस भी देनी है, घर में राशन डलवाना है, बहुत सारा काम है।”

सीमा, “अच्छा उदास मत होइए। अगर एक काम गया है तो नया काम आपको मिल जाएगा।

परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। थोड़ा सा समय दीजिए चीजों को।”

जादुई टमाटर | JADUI TAMATAR | Moral Story | Achhi Achhi Kahani | Jadui Kahani | Moral Stories in Hindi

हरिया, “अरे! बात ये नहीं है, सीमा। बात ये है कि हमने जो ब्याज पर पैसे लिए थे, उसका ब्याज भी बढ़ता जा रहा है 

और समय से अगर हमने पैसे नहीं दिए, तो ये जो बचा कुचा घर है हमारे पास, ये भी हमसे दूर चला जाएगा।”

पायल अपने माता पिता की बातें सुन रही थी। पायल का मन उदास हो जाता है। 

वो चुपचाप अपने बैड पर आकर बैठ जाती है तभी वो जादुई टमाटर पायल से बोलता है। 

टमाटर, “अरे! तुम इतनी छोटी हो, लेकिन बहुत समझदार हो। अपने माता पिता की बात सुनकर तुम इतना परेशान हो गई?”

पायल, “हाँ, मेरे पापा का काम नहीं चल रहा है। अब कल से काम पर नहीं जाएंगे। अब हमारे घर में पैसे कहाँ से आएँगे? 

अब जब मम्मी पापा को टेंशन होती है ना, तो मुझे भी हो जाती है।”

टमाटर, “अरे! तुम टेंशन क्यों लेती हो? मैं हूँ ना तुम्हारे साथ। तुम एक काम करो, तुम अपने पापा को बोलो कि वे बाजार में टमाटर बेचना शुरू कर दें।”

पायल, “लेकिन हमारे पास इतने सारे टमाटर तो नहीं है कि हम बाजार में ही टमाटर बेच सकें।”

टमाटर, “मैं तुम्हारी बात बिलकुल समझ रहा हूँ लेकिन मैं तुम्हारे पास हूँ। मैं जादू से बहुत सारे टमाटर तुम्हें दूंगा 

और उन टमाटर को बेचकर तुम्हारे पापा अपना नया काम शुरू करेंगे, तो इससे उनकी थोड़ी मदद भी हो जाएगी और हमारी दोस्ती भी बनी रहेंगी।”

तभी वहाँ पर हरिया और सीमा आ जाते हैं। हरिया और सीमा टमाटर और पायल को बातें करते हुए देख लेते हैं। 

ये देखकर हरिया पायल से बोलता है,

हरिया, “अरे बेटा पायल! ये सब क्या है? तुम्हें ये कहाँ मिल गया? अगर इसने तुझे कुछ नुकसान पहुंचा दिया तो?” 

पायल, “नहीं पापा, ये जादुई टमाटर है और मुझे से नुकसान नहीं पहुंचता बल्कि मेरी मदद करता है। 

ये अभी ना मुझे इसी बारे में बात कर रहा था कि हम आपकी मदद कैसे कर सकते हैं?”

टमाटर, “हाँ हाँ, आपको मुझसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मैं कोई बुरा टमाटर नहीं हूँ, बल्कि जादुई टमाटर हूँ। 

और मुझे ना छोटे छोटे बच्चे बहुत पसंद आते हैं। इसीलिए जहाँ भी साफ दिल वाले छोटे बच्चे नजर आते हैं ना, मैं उनके पास चला जाता हूँ 

और आपको बिलकुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं अपनी जादुई शक्ति से आपको बहुत सारे टमाटर दूंगा और उन टमाटर को बेचकर आप अपना नया रोजगार शुरू कर लीजिएगा।”

हरिया, “तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया, जादुई टमाटर। सच बताऊँ तो मैं इस सब से बहुत परेशान हूँ। 

लेकिन तुमने ऐसी मुश्किल घड़ी में मेरी मदद करके ना, मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है।”

टमाटर , “अरे! अहसान वाली कोई बात नहीं है। पायल मेरी दोस्त है और अपने दोस्त के माता पिता की मदद करने का मतलब है कि मैंने अपने दोस्त की मदद की है।”

पायल, “देख लिए पापा, ये टमाटर बहुत अच्छा है। इसने मेरी बहुत मदद की है। इसने मुझे हर समय अच्छा फील कराया है। 

जब भी मुझे कुछ खाने का मन करता है, ये मेरी इच्छा पूरी कर देता है।”

जादुई टमाटर | JADUI TAMATAR | Moral Story | Achhi Achhi Kahani | Jadui Kahani | Moral Stories in Hindi

इस तरह से जादुई टमाटर हरिया और सीमा की खूब सारी सुंदर सुंदर, ताजे ताजे टमाटर देता है। 

अब अगले दिन से हरिया एक रेड़ी की मदद से लेकर बाजार में टमाटर बेचना शुरू कर देता है। 

धीरे धीरे टमाटर का काम अच्छे से चलने लगता है। अब हरिया टमाटर बेचकर ही अपने परिवार का पालन पोषण करता है।


दोस्तो ये Moral Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


Leave a Comment

लालची पावभाजी वाला – Hindi Kahanii ईमानदार हलवाई – दिलचस्प हिंदी कहानी। रहस्यमय चित्रकार की दिलचस्प हिंदी कहानी ससुराल में बासी खाना बनाने वाली बहू भैंस चोर – Hindi Kahani