हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” कुवांरी ननद का करवा चौथ ” यह एक Family Story है। अगर आपको Family Stories, Bhabhi Stories या Bhabhi Ki Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
विमला (रमेश की मां), “बहू, अब मुझे पोते का मुँह कब दिखा रही हो, हाँ? छः महीने हो गए शादी को, अभी तक खुशखबरी नहीं आई।”
ये सुनकर पूनम घबरा गई। उसका पति रमेश पानी पी रहा था।
उसके मुँह से पानी गिर गया। वो खांसने लगा।
रमेश, “अरे माँ! आप ये सब क्यों पूछ रही हो?”
विमला, “क्यों… क्या हुआ? सब कुछ ठीक तो है ना?”
रमेश, “हाँ हाँ माँ जी, सब कुछ ठीक है।”
रमेश मन ही मन सोचने लगा।
रमेश, “अरे यार! अब माँ को कैसे बताऊँ, इन छः महीनों में पूनम ने मुझे उसे छूने तक नहीं दिया?”
जब ये सब बातें हो रही थी तब पूनम की ननद, पायल वहीं पर थी। उसकी आँखों में डर सा लगा हुआ था।
पायल, “आखिर कब तक भाभी और मैं ये बातें छुपाते रहेंगे, आखिर कब तक?”
विमला ने बात को घूमाने के लिए कहा, “अच्छा वो सब छोड़ो, कल करवाचौथ है। बहू तुम व्रत तो रख रही हो ना?”
पूनम, “हाँ माँ जी, मैं जिससे प्यार करती हूँ उसकी लंबी उम्र के लिए व्रत तो रखना ही होगा।”
यह बोलते हुए पूनम पायल की ओर देखकर मुस्कराई। पायल की भी आँखों में पूनम के लिए प्यार दिखा।
इन सब की शुरुआत 4 साल पहले हुई थी, जब पूनम पहले दिन कॉलेज गई थी। पूनम के कोई दोस्त नहीं थे।
कॉलेज में वो बहुत अकेला महसूस कर रही थी। तभी उसकी मुलाकात पायल से हुई।
पायल, “हाय! मेरा नाम पायल है।”
पूनम, “और मेरा नाम पूनम है।”
पायल, “क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी?”
पूनम, “हाँ क्यों नहीं?”
उस दिन से दोनों का चक्कर चलने लगा। पूनम और पायल दोनों लेस्बियन थीं। लेकिन समाज के डर से कोई अपने परिवार वालों को यह बात नहीं बता पाई।
पूनम अक्सर पायल के घर आती रहती थी और दोनों एक साथ पढ़ाई भी करती। तभी पायल के बड़े भाई रमेश ने पूनम को देखा।
रमेश, “मेरी बहन की सहेली कितनी खूबसूरत है? मुझे इससे बात करनी होगी।”
रमेश ने एक दिन अपनी बहन पायल से कहा।
रमेश, “बहन, तेरी वो सहेली मुझे बहुत पसंद है।”
कुवांरी ननद का करवा चौथ | KUNWARI NANAD KA KARWA CHAUTH | Bhabhi Ki Kahani | Bhabhi Stories in Hindi
पायल, “कौन…पूनम?”
रमेश, “हाँ बहन, तू उसके साथ मेरी बात करा देना। तू जो मांगेगी, मैं दूंगा।”
पायल मुश्किल में पड़ गई। वो कुछ बोल भी नहीं सकती थी। उसके पास कोई रास्ता नहीं था।
उसने पूनम के साथ अपने भैया की बात करवा दी और रमेश ने पूनम को शादी के लिए प्रोपोज़ कर डाला।
रमेश, “ओह पूनम! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। मुझसे शादी कर लो, मैं तुमको रानी बनाकर रखूँगा।”
पूनम, “ठीक है, मैं सोचकर बताऊंगी।”
पूनम घबरा गई। उसने अगले दिन पायल से कहा।
पूनम, “पायल, ये कैसे संभव है? मैं तेरे भैया से शादी कैसे कर सकती हूँ? मैं तो तुझसे प्यार करती हूँ।”
पायल, “पूनम, मैंने इसके बारे में बहुत सोचा, लेकिन मुझे लगता है कि तुझे ये शादी कर लेनी चाहिए।”
पूनम, “क्या..? तू ये क्या बोल रही है?”
पायल, “ठीक ही बोल रही हूँ, पूनम। सोचकर तो देख हमारे बारे में, ना तू अपने घर में बोल पाएगी और ना ही मैं।
तेरी शादी कहीं और हो जाएगी, तो शायद हम दोनों कभी नहीं मिल पाएंगे। इससे अच्छा तू मेरे भैया से शादी कर ले, हम दोनों एक ही घर में रहेंगे।”
पूनम, “हाँ, ये तूने सही कहा।”
पूनम ने रमेश को शादी के लिए हाँ कर दिया और कॉलेज खत्म होते ही दोनों की शादी हो गई।
लेकिन सुहागरात में पूनम बिस्तर पर नहीं जमीन पर सो गई।
रमेश, “ये क्या पूनम..? तुम नीचे क्यों सो रही हो?”
पूनम, “वो जी, मुझे ना बिस्तर पर नींद नहीं आती है तो मुझे नीचे सोने की आदत है।”
रमेश, “ठीक है, तो मैं भी नीचे सो जाता हूँ।”
पूनम, “अरे! नहीं नहीं, मेरे लिए आप क्यों तकलीफ उठाएंगे? और वैसे भी आप मेरे लिए नये हैं, कुछ दिन बीतने दीजिये, मैं ही ऊपर चली आउंगी।”
रमेश ने सोचा, “यही अच्छा है। पहले जान पहचान बढ़ा लेते हैं।”
रमेश सो गया। रमेश की नींद बहुत गहरी थी। एक बार नींद लग गई तो सुबह जाकर ही खुलती थी।
ये बात पायल ने पहले से ही पूनम को बता दी थी। रमेश खर्राटे लेने लगा और पूनम मौका देखकर पायल के कमरे में चली गई।
पायल, “आओ पूनम, मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ?”
उस रात पायल और पूनम दोनों ने सुहागरात मना लिया। ऐसे ही दिन बीतते गए।
एक महीना बीत गया लेकिन पूनम बिस्तर पर सोने नहीं आई।
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ऐसे ही करके छह महीने बीत गए। विमला बच्चे की बात करने लगी।
लेकिन रमेश बताता भी तो किसे? ये सब बातें लड़कियां बड़ी आसानी से कर लेती हैं, लेकिन फिर भी हिम्मत जुटाकर रमेश ने पूनम को कमरे में बुलाया।
रमेश, “पूनम, कल करवा चौथ है, हमारी शादी को छह महीने हो चुके हैं। क्या अभी भी हमारे बीच जान पहचान होना बाकी है?
क्या कोई प्रॉब्लम है, पूनम? तुम मुझे बता सकती हो।”
पूनम मन ही मन सोचने लगी।
पूनम, “आपको मैं कैसे बताऊँ यह बात? आप नहीं समझेंगे।”
पूनम ने रमेश से कहा, “नहीं जी, कोई प्रॉब्लम नहीं है। बस मुझे थोड़ा टाइम चाहिए था।”
रमेश, “ठीक है, कल करवा चौथ है। कल तो तुम मेरे साथ बिस्तर पर सो सकती हो ना?”
पूनम के पास और कोई चारा नहीं रहा।
उसने कहा, “ठीक है जी।”
अगले दिन पूनम ने करवा चौथ का व्रत रखा। पूरा दिन बिना कुछ खाये, बिना पानी पिए उसने बिता दिया।
रमेश को लगा कि ये व्रत पूनम ने उसके लिए रखा है, लेकिन पूनम और पायल को ही सच्चाई पता थी।
शाम हो गई और आसमान में चाँद निकला। पूनम छलनी से पहले चाँद को और उसके बाद अपने पति के चेहरे को देखने लगी, लेकिन उसका मन किसी और चेहरे को देखना चाहता था।
उसने पानी नहीं पिया।
रमेश, “क्या बात है पूनम? पानी पियो।”
पूनम, “नहीं जी, आप जाइए। आपके सामने पानी पीने में शर्म आ रही है।”
रमेश को यह बात ठीक नहीं लगी। वह छत से चला तो गया, लेकिन सीढ़ियों के अंधेरे में छिपकर उसने देखा,
उसकी बहन पायल तुरंत वहाँ आई और पूनम ने छलनी से पायल का चेहरा देखा। फिर पायल ने पूनम को पानी पीला दिया।
यह देखकर जैसे रमेश को सदमा लग गया, वह बाहर निकल आया।
रमेश, “अच्छा… तो यह बात है। तुम मुझसे नहीं मेरी बहन से प्यार करती हो।”
रमेश को देखकर पूनम और पायल दोनों चौंक गए।
पायल, “भैया तुम..?”
पायल, “आप?”
रमेश, “हाँ मैं, लेकिन तुम दोनों ने शादी से पहले मुझसे कुछ क्यों नहीं कहा?”
पूनम, “कैसे कहते..? हमें कौन समझता?”
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पायल, “हाँ भैया, हम डर गए थे।”
पायल और पूनम दोनों रोने लगीं।
रमेश ने कहा, “कोई बात नहीं, अभी ज़माना बदल गया है। मैं माँ को समझा लूँगा।
जो जिससे प्यार करता है, उसे उसके साथ ही रहना चाहिए। मैं तुम दोनों की शादी करवाऊंगा।”
यह सुनकर पूनम और पायल के हाथ में जैसे चाँद आ गया। अगले दिन रमेश ने अपनी माँ से सब कुछ कहा।
सब कुछ सुनकर विमला को जैसे सदमा लगा।
विमला, “ये कैसे हो सकता है? दोनों लड़कियों की शादी कैसे हो सकती है?”
रमेश, “हो सकती है माँ। आज कल ये सब बहुत हो रहा है और पूनम मुझसे नहीं पायल से प्यार करती है।
अगर वो मेरे साथ ही रही, तो ना कभी वो मुझसे प्यार कर पाएगी और ना ही मैं उससे। ऊपर से पायल का भी जीवन बर्बाद हो जाएगा।”
विमला, “यह सब क्या हो रहा है? लोग क्या कहेंगे?”
रमेश, “लोगों की बातें छोड़ो, माँ। अपने बच्चों के बारे में सोचो। पूनम इसी घर की बहू रहेगी। सब कुछ ठीक हो जाएगा, माँ।”
रमेश ने विमला को समझा लिया और उसने पूनम के साथ पायल की शादी भी करवा दी।
करवा चौथ के दिन ऐसे ही दो प्यार करने वाले एक साथ हो गए।
दोस्तो ये Family Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!