प्यार तो होना ही था – 4 | Pyar to hona hi tha | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story

व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

टेलीग्राम ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

हेलो दोस्तों ! कहानी की इस नई Series में हम लेकर आए हैं आपके लिए एक और नई कहानी। आज की इस कहानी का नाम है – ” प्यार तो होना ही था “। यह इस कहानी का (भाग -4) है। यह एक Romantic Love Story है। अगर आप भी Love Story, Romantic Story या Hindi Love Story पढ़ना पसंद करते हैं तो कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


अब तक आपने पढ़ा…
नैना के माँ पापा नैना की शादी के लिए मान जाते है और उस लड़के को अपने घर बुलाते है। उसके साथ उनके दोनों दोस्त (कबीर और रोहित) भी आते हैं। 

यहाँ कबीर और श्रेया का आमना सामना फिर होता है। जब श्रेया चाय का ट्रे बाहर लेकर आती है और चाय टेबल पर रखती है, उस समय कबीर वहाँ नहीं होता है। 

उसका बीच में कॉल आ गया, जिसे अटेंड करने के लिए वो बाहर चला गया था। इधर श्रेया सबको चाय दे रही होती है उतने में रिहान कबीर को आवाज लगाता है। 

अब आगे…
रिहान,” कबीर भाई, कहाँ हो..? इधर आओ, चाय ठंडी हो रही है। “

कबीर,” हाँ, आ रहा हूँ भाई। “

तभी कबीर अंदर आता है। तब श्रेया और कबीर एक दूसरे को देखते हैं। 

कबीर,” तुम..? “

श्रेया,” आप… आप यहाँ भी आ गए ? हम बोले थे ना कि हम आपका सारा भुगतान कर देंगे। “

वहाँ बैठे सभी लोग आश्चर्य से देखते हैं। रोहित यह सब देखकर हंसता है। रिहान कबीर से पूछता है। 

रिहान,” कबीर, तुम एक दूसरे को जानते हो ? “

नैना भी श्रेया से पूछती है। 

नैना,” क्या बात है ? किस भुगतान की बात कर रही हो ? “

तब श्रेया नैना को सारी बातें बताती है जो उस दिन हुआ जब वो वंश से मिलने जा रही थी तो…। ” 

कबीर रिहान से कहता है। 

कबीर,” अरे भाई ! मैंने बताया था ना ऐक्सिडेंट के बारे में ? “

तब रोहित अपने भाई को चिढ़ाते हुए कहता है। 

रोहित,” हाँ जी, इस ऐक्सिडेंट के बाद से भाई के तेवर बदले बदले दिख रहे थे। “

वहाँ बैठे सभी लोग यह सब सुनकर हंसने लगते हैं। श्रेया कबीर एक दूसरे को देखते हैं और हंसते हैं। तभी नैना के मम्मी पापा रिहान से पूछते हैं… बेटा, तुम्हारे मम्मी पापा..? 

तब रिहान कहता है। 

रिहान,” अंकल जी, मेरे मम्मी पापा अब इस दुनिया में नहीं है, जो हैं बस यही दोनों हैं। “

रिहान कबीर और रोहित की तरफ इशारा करते हुए बोला। 

नैना के मम्मी पापा,” अच्छा सॉरी बेटा…। ” 

प्यार तो होना ही था – 4 | Pyar to hona hi tha | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story

रिहान,” अरे ! कोई नहीं अंकल, इट्स ओके। “

नैना के मम्मी पापा ने नैना और रिहान का रिश्ता पक्का करते हुए बोला। 

नैना के मम्मी पापा,” चलो बेटा, अब तुम हमारे दामाद हुए। “

इधर कबीर चुपके चुपके श्रेया को देखे जा रहा था। वो कबीर खुराना जिस पर हजारों लड़कियां फिदा थीं, वह आज अपना दिल एक लड़की को दे बैठे हैं, जिसका नाम श्रेया था। 

कबीर तो श्रेया को पसंद करने लगा था। लेकिन श्रेया कबीर को पसंद करती है कि नहीं यह नहीं पता था। नैना के मम्मी पापा बोलते है।

कबीर और रोहित भी पांव छूते है और घर से बाहर जाने लगते हैं। उन लोगों को छोड़ने श्रेया, नैना और उनके मम्मी पापा भी बाहर तक आते हैं। कबीर जाते जाते श्रेया के पास आकर बोलता है। 

कबीर,” भूलना मत, प्रॉमिसपेमेंट पेंडिंग है। “

और यह कहकर गाड़ी में बैठ जाता है। 


ये Love Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


1 thought on “प्यार तो होना ही था – 4 | Pyar to hona hi tha | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story”

  1. नमस्ते भाई प्यार तो होना ही था यह कहानी बहुत अच्छी है लेकिन आपने केवल भाग 4 अपलोड किया है कृपया अगला भाग पोस्ट करें

    Reply

Leave a Comment