वैक्सिंग वाली बहू | Waxing Wali Bahu | Saas Bahu | Saas Bahu Ki Kahani | Family Story | Saas Bahu Story

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” वैक्सिंग वाली बहू ” यह एक Saas Bahu Moral Story है। अगर आपको Hindi Stories, Family Stories या Saas Bahu Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


किसी जंगल में बहुत सारी चींटियां रहती थीं। वो चींटियां हरी-भरी घास में दिनभर खेला-कूदा करती थीं।

उस जंगल में एक बकरी रोज़ आती थी और घास चरकर चली जाती थी, जिससे चींटियों को बहुत तकलीफ होती थी।

बकरी, “अरे वाह! यहाँ तो कितनी सुंदर हरी-भरी घास है? इस घास को खाने में बड़ा मज़ा आएगा।”

चींटी, “भागो भागो, घास काटने वाली चुड़ैल आ गई। अपनी-अपनी जान बचाओ सारी चींटियां।”

उस बकरी ने घास चरना शुरू किया और लगभग पूरी घास खा गई, जिससे बहुत सारी चींटियां मर गईं।

तभी उनमें से चींटियों की सरदार उस बकरी से बोली, “तुमने हमारा खानदान मिटा दिया। अब तुम्हारे हर जन्म में घास काटने वाली आदत कभी नहीं जाएगी।”

उस बकरी ने अगला जन्म इंसान के रूप में लिया। वो आदित्य की बेटी के रूप में पैदा हुई, जिसका नाम नैना रखा गया।

नैना की माँ ब्यूटिशियन थी, इसलिए नैना भी बचपन से ही मेकअप का सारा काम जानने लगी।

लेकिन उसे सबसे ज्यादा वैक्सिंग करने का शौक था। वो जहां पर भी लोगों के बाल देखती, उनकी वैक्सिंग कर देती।

क्योंकि पिछले जन्म में उसकी घास को जमीन से उखाड़कर खा जाने की आदत थी।

इसी वजह से इस जन्म में वो घास तो उखाड़ नहीं सकती थी, इसलिए जहाँ भी लोगों के बाल देखती, वो वैक्सिंग के जरिए उखाड़ देती।

नैना, “अरे चिंटू! इधर आओ। तुम्हारे हाथों पर देखो कितने ज्यादा बाल हो गए हैं? लाओ, मैं इनकी वैक्सिंग कर देती हूँ।”

नैना ने उस 10 साल के लड़के की वैक्सिंग कर दी। लड़के को बहुत दर्द हुआ और वो चिल्लाता हुआ घर भाग गया।

धीरे-धीरे नैना बड़ी हो गई और उसकी शादी कर दी गई। सुहागरात वाले दिन उसका पति अखिलेश उसके कमरे में आया और उसके करीब बैठ गया।

नैना, “अरे! आपने अभी तक अपनी शादी की शेरवानी पहन रखी है। इसे उतार दीजिए।”

अखिलेश ने जैसे ही अपनी शेरवानी उतारी, वो टी-शर्ट में आ गया। तभी नैना की नजर उसकी बॉडी पर पड़ी।

उसने देखा कि उसके हाथों में पैरों में बहुत बड़े बड़े बाल हैं जिसे देखकर वो घबरा गई।

नैना, “अरे बाप रे! आपके शरीर में तो कितने ज्यादा बाल हैं?”

अखिलेश, “अरे! मैं एक मर्द हूँ और जिस मर्द के शरीर पर बाल नहीं, वो मर्द ही नहीं।”

नैना, “ये सब फिल्मी बातें करना बंद करो, अखिलेश। मुझे तुम्हारे शरीर पर इतना बड़ा जंगल पसंद नहीं है। हमारी सुहागरात अब तभी बनेगी, जब ये बाल गायब हो जाएंगे।”

अखिलेश, “अरे! इतनी जल्दी वैक्सिंग कहाँ कराने जाऊँ मैं?”

नैना, “उसकी फिक्र तुम क्यों करते हो, मेरी जान? मेरे पास सारा सामान है। मैं अभी तुम्हारी वैक्सिंग कर देती हूँ।”

नैना ने उसी वक्त अपने पति अखिलेश की वैक्सिंग कर दी। वैक्सिंग कराते हुए अखिलेश को बहुत ज़ोर से दर्द हो रहा था, लेकिन किसी तरह उसने अपने दर्द को छुपाए हुए था।

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अखिलेश, “यार नैना, लड़कों के पूरे शरीर की वैक्सिंग मैंने पहली बार सुनी है। लड़कों के बाल बहुत टफ होते हैं। हमें वैक्सिंग कराने में बहुत दर्द होता है।”

नैना, “मुझे घिन आती है बालों से। मैं जहाँ भी घास जैसे बाल देखती हूँ, मुझे उन्हें उखाड़ फेंकने का मन करता है।”

अगले दिन उसकी सास ने नैना से कहा, “अरे बहू! आज मेरी कुछ स्कूल की सहेलियां तुझसे मिलने आने वाली हैं।”

नैना, “क्या बात है सासु माँ, आपकी स्कूल की सहेलियां? उनसे मिलकर तो बड़ा मज़ा आएगा। आपके सारे राज़ उगलेंगी वो मेरे सामने।”

सासु माँ, “चुप कर बहू, वो तुझे कुछ नहीं बताएंगी। तू जाकर कुछ खाने-पीने का इंतजाम कर।”

कभी नैना की नजर अपनी सास के हाथों पर गई। उसने देखा कि उसकी सास के भी हाथों पर बाल थे।

नैना, “सासु माँ, आपके हाथों पर तो बाल हैं। आज आपकी सहेली आ रही है। लाओ, मैं आपकी वैक्सिंग कर देती हूँ।”

सासु माँ, “अरे बहू! इस उम्र में वैक्सिंग कराना अच्छा नहीं लगता। वैसे भी हमारे ज़माने में कोई वैक्सिंग नहीं करता था। मैंने आज तक नहीं कराई। मुझे बहुत डर लगता है।”

नैना, “अरे! इसमें डर कैसी सासु माँ? वैक्सिंग कराने कहीं बाहर नहीं जाना है। आपकी बहु बहुत टैलेंटेड है। लाइए, मैं आपकी वैक्सिंग कर देती हूँ।”

नैना ने अपनी सास की जबरदस्ती वैक्सिंग कर दी। उसे बहुत दर्द हो रहा था। वो बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी, लेकिन नैना मानने को तैयार नहीं थी।

खैर, शाम हुई और उसकी सारी सहेलियां आ गईं।

नैना, “अरे आंटी! आप लोगों के हाथों पर तो बहुत बाल हैं। लाइए, मैं आप सबकी वैक्सिंग कर देती हूँ।”

आंटी, “अरे! मुझे बहुत डर लगता है। सुना है कि इसमें बहुत दर्द होता है।”

नैना, “अरे! कोई दर्द नहीं होगा। आप लोग तो बच्चों जैसी ज़िद कर रही हैं। देखो, मैंने अपनी सासु माँ की वैक्सिंग कर दी, उन्हें तो कुछ नहीं हुआ। देखिए, मेरी सासु माँ बिलकुल जवान लग रही हैं, है कि नहीं?”

आंटी, “हाँ यार, तू तो बिलकुल जवान दिखने लगी।लेकिन फिर भी बहू मुझे बहुत डर लगता है।”

नैना ने जबरदस्ती अपनी सास की सभी सहेलियों की वैक्सिंग कर दी। सब लोग ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगीं।

नैना ने उन सभी के हाथों पर थोड़ा सा तेल लगा दिया, जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिल गई और वो सभी अपने घर चली गईं।

नई-नई बहू थी, इसलिए सभी ने उसे माफ कर दिया। लेकिन धीरे-धीरे उसकी यह हरकतें कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगीं।

अखिलेश की मां, “अखिलेश बेटा, बहू को थोड़ा बाहर कहीं घुमा ला। लगता है इसका दिमाग खराब हो गया है।”

अखिलेश, “क्यूं मां..? ऐसा क्या किया नैना ने?”

सासु माँ, “वो जब भी किसी के शरीर पर बाल देखती है, सबकी वैक्सिंग कर देती है। चाहे वो परमिशन दे या ना दे।”

अखिलेश, “क्या बात कर रही हो माँ? वो तो हर हफ्ते मेरा भी वैक्सिंग कर देती है। जैसे ही मेरे बाल बड़े हो जाते हैं, वैसे ही मेरे बाल नोच डालती है, वैक्सिंग कर डालती है।

ठीक है, मैं उसे कहीं बाहर घुमा कर लाता हूँ। शायद उसके दिमाग में कोई प्रॉब्लम है।”

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अखिलेश नैना को लेकर काशी विश्वनाथ चला गया। उसने सोचा कि वहाँ जाकर उसका मन शांत हो जाएगा।

अखिलेश, “नैना, ये देखो गंगा नदी है। यहाँ पर बड़े-बड़े संत महात्मा रहते हैं। कहते हैं कि यहाँ जो भी मरता है, उसे स्वर्ग मिलता है। सीधा वो मोक्ष को प्राप्त होता है।”

नैना, “अच्छा, ऐसा भी होता है यहाँ?”

तभी उसकी नजर कुछ बाबाओं पर गई। वो सभी बाबा अपने शरीर पर भस्म लगाए हुए थे। उनका पूरा बदन खुला हुआ था और उनके शरीर पर बहुत बड़े-बड़े बाल थे। यह देखकर नैना का दिमाग खराब हो गया।

नैना, “अखिलेश, वो बाबा कौन हैं? मुझे उनसे मिलना है।”

अखिलेश, “हाँ-हाँ, क्यों नहीं? चलो, मैं बाबा से मिलवाता हूँ।”

अखिलेश नैना को लेकर उन बाबा के पास चला गया। उन लोगों ने बाबा से बातचीत की और बाबा ने दोनों को आशीर्वाद दिया। तभी अचानक नैना ने अखिलेश से कहा,

नैना, “अखिलेश, आप मेरे लिए दौड़ कर पानी ले आओ। मुझे बहुत तेज़ प्यास लगी है। तब तक मैं बाबा से बातचीत करती हूँ।”

अखिलेश, “ठीक है, लेकिन कहीं जाना मत।”

इतना कहकर अखिलेश पानी लेने चला गया। नैना बार-बार बाबा को घूरकर देख रही थी क्योंकि उनके पूरे शरीर पर बाल थे।

नैना, “बाबा, मुझे लगता है आपकी उम्र अभी ज्यादा नहीं है। आप अभी नए सन्यासी हो।”

बाबा, “हाँ, मैं अभी-अभी सन्यासी बना हूँ। मेरी उम्र अभी मात्र 30 साल है।”

नैना, “आपके शरीर पर बहुत बड़े-बड़े बाल हैं। लाइए, मैं आपके सारे बाल साफ कर देती हूँ। आप हीरे की तरह चमकने लगेंगे, ये मेरी गैरंटी है।”

किसी तरह नैना ने बाबा को मना लिया और उसने उन बाबा के पूरे शरीर की वैक्सिंग कर दी। अब बाबा ऊपर से नीचे तक चिकने हो गए।

अखिलेश जब तक लौटकर आया, तो बाबा को देखकर हैरान हो गया।

अखिलेश, “अरे नैना! बाबा कहाँ चले गए? और ये अंग्रेज के साथ क्यों बैठी हो तुम?”

नैना, “अरे! ये सामने बैठे बाबा हैं। ये कोई अंग्रेज नहीं हैं, ये वही बाबा हैं। मैंने इनकी वैक्सिंग कर दी। देखो, कितने अच्छे लग रहे हैं?”

अखिलेश, “नैना, ये तुमने क्या किया? तुमने इनका भी वैक्सिंग कर दिया?”

अखिलेश, “बाबा, इसे माफ कर दीजिए।”

बाबा, “कोई बात नहीं बेटा, मुझे अच्छी तरह से पता है कि ये ऐसा क्यों कर रही है?”

यह सुनकर अखिलेश हैरान हो गया।

अखिलेश, “बाबा, आप तो अंतर्यामी हैं। आप ही बताओ, मेरी बीवी ऐसा क्यों कर रही है? ये जिसे भी देखती है, उसकी वैक्सिंग करने लगती है।

कई लोग मुझे इसकी शिकायत कर चुके हैं। कई लोगों की तो त्वचा ही जल गई।

बहुत सारे लोग बीमार हो गए, इसलिए मैं इसे लेकर यहां चला आया”

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बाबा, “ये सब नैना के पिछले जन्म से जुड़ा हुआ है। तुम्हारी पत्नी एक बकरी थी।”

अखिलेश, “ये क्या कह रहे हैं बाबा?”

बाबा, “अगर तुम्हें मेरी बातों पर विश्वास नहीं है, तो तुम मेरे साथ चलो। तुम्हारी पत्नी खुद तुम्हें सच्चाई बताएगी।”

अखिलेश और नैना बाबा के साथ पीछे-पीछे चलने लगे। धीरे-धीरे वो उसी जंगल में पहुँच गए, जिस जंगल में पिछले जन्म में नैना एक बकरी थी और घास चरती थी।

वहाँ पहुँचते ही बाबा ने नैना के सिर पर हाथ रखा। नैना को अपना पिछला जन्म तुरंत याद आ गया।

नैना, “मैं पिछले जन्म में एक बकरी थी। मुझे इस जंगल की घास बहुत पसंद थी। जैसे ही घास बढ़ा हुआ देखती थी, वैसे ही मैं उसे चबा जाती थी।

एक दिन इस घास के साथ में कुछ चीटियां भी खा गयी। तब चीटियों की सरदार ने मुझे श्राप दिया था।”

बाबा, “और इसी श्राप का ये नतीजा है कि तुम जैसे ही किसी के शरीर पर बाल देखती हो, उसे नोच लेना चाहती हो घास की तरह। वैक्सीन के जरिए तुम सारे बाल हटा देती हो।

अखिलेश, “बाबा, अब इस श्राप से मुक्ति कैसे मिलेगी?”

बाबा, “इसी जगह बहुत बड़ा हवन करना पड़ेगा और नैना को अपनी गलती का प्रायश्चित करना पड़ेगा।”

उसके बाद बाबा ने उसी जगह बहुत बड़ा हवन किया और नैना ने अपनी गलती का प्रायश्चित किया और उन चींटियों से माफी भी मांगी।

उस दिन के बाद से नैना के सिर से लोगों की वैक्सिंग करने का भूत उतर गया और वो लोग अब खुशी-खुशी अपना जीवन बिताने लगे।


दोस्तो ये Saas Bahu Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


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