घमंडी पत्नी | Ghamandi Patni | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Fairy Tales

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now
हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” घमंडी पत्नी ” यह एक Pati Patni Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahaniya, Moral Story या Husband Wife Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
घमंडी पत्नी | Ghamandi Patni | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Fairy Tales

Ghamandi Patni | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Fairy Tales

एक बार की बात है। जौनपुर नामक गांव में हीरा नाम का एक गरीब मछुआरा रहा करता था। 
वो मछलियां पकड़ने की तलाश में एक गांव से दूसरे गांव जाया करता था ताकि पूरे दिन में उसके हाथ कुछ मछलियां आ सकें, जिससे वह अपना और अपनी पत्नी का गुज़ारा कर सके। 
एक दिन उसकी पत्नी मीना तालाब से मटके में पानी भरकर अपनी झोपड़ी में ले आती है।
मीना,” अरे ! आज तो मैं इतना थक गई। इतनी दूर से तालाब से पानी जो लाना होता है। मेरी तो कमर ही टूट जाती है। 
काश ! मेरे पास भी नौकर चाकर होते तो कितना अच्छा होता ? मुझे कोई भी काम नहीं करना पड़ता। 
ये कहानी सुनें 🙂
🌐
रानी की तरह राज़ करती हाँ… लेकिन मेरा नसीब कहाँ ? इस गरीबी में तो दम घुटने लगा है मेरा। “
हीरा,” अरे भाग्यवान ! आ गई तुम ? मैं कब से तुम्हारी ही राह देख रहा था ? देखो भाग्यवान, मैं मछली की तलाश में पास वाले गांव की नदी में जा रहा हूँ। 
तुम्हें तो पता ही है अपने गांव की नदी में मछलियां बची ही नहीं है। मछलियां हाथ आएं भी तो कैसे ? “
मीना,” अरे ! हाँ हाँ खूब जानती हूँ तुम्हें। जाओ जाओ, लेकिन आज भी कोई मछली नहीं लाये ना तो देखना, तब बताऊँगी। 
रोज़ कोई ना कोई नया बहाना, पूरे दिन में मेरे लिए एक मछली नहीं ला सकते… काम चोर कहीं के। मैं कहती हूँ अगर आज भी कोई मछली नहीं लाये ना तो लौटकर मत आना। “
हीरा,” अरे ! तुम भी ना भाग्यवान, समझती नहीं। कैसे समझाऊं तुम्हे, मछलियां हाथ आएंगी तभी तो लाऊंगा ना ? खैर जाने दो। अच्छा, अब मैं चलता हूँ। “
मीना,” अच्छा ठीक है, पता नहीं आज भी कोई मछली तुम्हारे हाथ आएगी भी या नहीं ? ना जाने कब तक वापस आओगे। रुको ज़रा, मैं भी आती हूँ। “
जिसके बाद हीरा की पत्नी रसोई में जाती है और दो बासी रोटी लेकर आती है।
मीना,” ये लो, ये दो रोटी लेते जाओ वरना भूखे पेट मुझे ही कोसोगे। जाओ जाओ और हो सके तो मछली लेकर ही घर वापस आना, हाँ। “
हीरा वहां से मछली पकड़ने के लिए निकल जाता है। रास्ते में एक सुनसान जंगल पड़ता है जहां पर एक बूढ़ा व्यक्ति जोर-जोर से रो रहा होता है।
बूढ़ा,” अरे ! कई दिनों से कुछ खाया नहीं है, बहुत भूख लगी है भैया, मुझे कोई कुछ खाने को दे दो। लगता है भूख के मारे मेरे तो प्राण ही निकल जाएंगे। “
हीरा,” अरे रे ! तुम रोते क्यों हो ? तुम कोई साधारण भिखारी तो लगते नहीं हो। 
तुम्हारे पास इतने सारे चांदी के सिक्के हैं। इन्हें बेच के कुछ खा क्यों नहीं लेते ? “
बूढ़ा,” हाँ, सही कहा तुमने। मेरे पास ये चांदी के सिक्के तो हैं, लेकिन मैं बहुत ही अभागा हूँ। मैं इन्हें खा नहीं सकता।
मुझे पेट भरने के लिए रोटी चाहिए रोटी। मैं तो इतना भागा हूँ कि चल फिर भी नहीं सकता हूँ। 
मेरी मदद करो वरना मैं भूख से मर जाऊंगा बेटा, मदद करो। “
हीरा,” अच्छा अच्छा ठीक है, तुम दुखी मत हो। मेरी पत्नी ने मुझे दो रोटियां दी थी, तुम उन्हें ही खाकर अपनी भूख मिटा लो। रुको देता हूँ हाँ, अभी देता हूँ। “
जिसके बाद हीरा अपनी पोटली में से दो रोटी निकालता है और भिखारी को दे देता है। तभी भिखारी उन दोनों रोटी को बड़े चाव से खाता है।
रोटी खाने के बाद…
बूढ़ा,” तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद बेटा ! वाकई तुम एक नेकदिल इंसान हो। 
ये लो, तुमने मुझे अपने हिस्से की रोटी दी। तुम ये चांदी का सिक्का अपने पास रखो। “
हीरा भिखारी की यह बात सुनकर थोड़ा हैरान हो जाता है। हीरा अपना हाथ बढ़ाता है और भिखारी से वह चांदी का सिक्का ले लेता है।
हीरा,” ठीक है, अगर तुम कहते हो तो मैं ये चांदी का सिक्का अपने पास रख लेता हूँ। अच्छा अब मैं चलता हूँ बाबा, मुझे पास वाले गांव में मछली पकड़ने जाना है। “
बूढ़ा,” जाओ बेटा जाओ, सब माया है… सब माया है। जाओ जाओ। “
जिसके बाद हीरा अपने हाथ में वह चांदी का सिक्का लेकर थोड़ा आगे बढ़ता है और एक नदी के किनारे पहुंचता है।
हीरा,” हे ऊपर वाले ! काश में आज बिना मछली लिए घर ना जाऊं वरना आज भी मुझे मीना की खरी खोटी सुननी पड़ेगी। कृपा करो ऊपर वाले। “
तभी नदी में से दिव्य शक्ति बाहर आती है।
हीरा,” अरे ! कौन हो तुम और इस नदी में क्या कर रहे हो ? और तुम्हारा आधा शरीर मछली का कैसे है ? “
जलदेव,” डरो मत हीरा, मैं जलदेव हूँ। इसी नदी में रहता हूँ। जिस भिखारी से तुम जंगल में मिले, वो मैं ही था। 
मैं अक्सर इसी जंगल में यहाँ से गुज़रने वाले लोगों की परीक्षा लेता हूँ। तुम एक नेकदिल इंसान हो जिसने अपने हिस्से की रोटी मुझे दे दी। 

ये भी पढ़ें 🙂

Ghamandi Patni | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Fairy Tales

बताओ, तुम्हारी क्या अच्छा है ? मैं अवश्य ही पूरी करूँगा। “
हीरा,” अरे ! ये क्या बोल रहे हैं ? क्या आप सच में जलदेव हैं ? मैं तो आपको देखकर धन्य हो गया जलदेव। 
मैं आपसे क्या मांगू भला ? मुझे अपने लिए तो कुछ भी नहीं चाहिए। लेकिन मेरी पत्नी मुझसे बिल्कुल भी खुश नहीं है। 
मेरी गरीबी के कारण मैं उसे कुछ नहीं दे पाया हूँ। उसे दो वक्त की रोटी भी ठीक से नहीं मिल पाती है। 
आप मुझे कोई ऐसी वस्तु दे दीजिए जिससे मैं उसकी हर इच्छा पूरी कर सकूँ। “
जलदेव,” अच्छा तो तुम्हारी ये इच्छा है। ठीक है हीरा, मैं तुम्हारी ये इच्छा अवश्य ही पूरी करूँगा। 
ये लो हीरा, ये एक जादुई सिक्का है। ये तुम्हारी पत्नी की हर इच्छा पूरी करेगा। 
लेकिन याद रहे हीरा जब भी तुम्हारी पत्नी में किसी भी कारणवश अहंकार का भाव पैदा होगा तो इसका दुष्परिणाम भी अवश्य ही होगा। “
हीरा,” ठीक है, मैं आपकी कही बात का ध्यान रखूँगा। अच्छा अब मैं चलता हूँ, मेरी पत्नी मेरी राह देखती होगी। “
घर आने के बाद…
मीना,” अरे ! आ गए तुम ? मैं कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी ? आज कोई मछली लाये हो या नहीं ? आज भी मुझे भूखा ही सोना पड़ेगा ? “
हीरा,” अरे हाँ हाँ, क्यों नहीं..? अभी लाता हूँ मछली, ज़रा रुको भाग्यवान। “
हीरा (हाथ आगे करते हुए),” हे जादुई सिक्के ! मुझे खूब सारी मछलियां चाहिए… हाँ खूब सारी। “
हीरा के इतना कहते ही वहाँ पर खूब सारी मछलियां आ जाती हैं । यह देखकर उसकी पत्नी हैरान हो जाती है।
मीना,” अरे ! ये क्या… इतनी सारी मछलियां ? अरे वाह वाह ! लेकिन ये सब इस सिक्के के कारण हुआ है ? 
लगता है ये कोई जादुई सिक्का है। अरे ! आखिर कहाँ से मिला तुम्हें ये सिक्का, बताओ मुझे ? “
हीरा अपने साथ हुई सारी घटना अपनी पत्नी को बताता है।
मीना,” क्या सच में… ये तुम्हें जल देवता ने दिया है ? अरे वाह वाह ! हमारे तो भाग ही खुल गए। 
अच्छा तुम एक काम करो, ये जादुई सिक्का मुझे दे दो। मैं इससे अपनी हर इच्छा पूरी करूँगी, हां। “
हीरा,” अच्छा ठीक है भाग्यवान, रख लो अपने पास। तुम्हें जो भी चाहिए होगा, तुम इस जादुई सिक्के से मांग लेना। 
लेकिन याद रखना भाग्यवान, अपने लालच में अहंकारी ना होना वरना इसका परिणाम बुरा होगा। “
मीना,” अरे ! हाँ हाँ ठीक है, मैं तुम्हारी सारी बात मानूंगी। बस एक बार मुझे जादुई सिक्का दे दो ना। “
जिसके बाद हीरा अपनी पत्नी को वह सिक्का देता है, जिसे पाकर मीना बहुत खुश हो जाती है।
मीना (हाथ आगे करते हुए),” चलो चलो जादुई सिक्के, जल्दी से मेरी इच्छा पूरी करो। मुझे खूब सारा धन चाहिए, हाँ। बस अब और इस गरीबी में मुझसे नहीं रहा जाता। “
तभी देखते ही देखते मीना के पास खूब सारे सोने और चांदी के गहने और रुपए आ जाते हैं। मीना यह देखकर बहुत खुश हो जाती है।
मीना,” अरे वाह ! कितना सारा धन है ? अरे वाह वाह ! सोने के गहने भी हैं। वाह ! अब तो मेरे पास बहुत सारा पैसा है। “
दूसरे दिन…
मीना,” अरे जादुई सिक्के ! मुझे एक नौकर भी चाहिए। पूरा दिन काम करते करते मेरी तो कमर ही टूट जाती है। दे दो मुझे एक नौकर, जो मेरा सारा काम करे। “
मीना के इतना बोलते ही वहाँ एक और नौकर आ जाता है। मीना उसे देखकर बहुत खुश हो जाती है।
नौकर,” बोलिए मालकिन, मेरे लिए क्या काम है ? मैं कुछ ही समय में आपका सारा काम कर दूंगा।
मीना,” अरे ! बताऊँगी बताऊँगी इसलिए तो मैंने जादुई सिक्के से तुम्हें मांगा है, हाँ। “
मीना फटाफट नौकर को घर का सारा काम समझाती है। नौकर सारा काम सुनते ही जल्दी जल्दी करने लगता है।
मीना (शीशे में देखकर),” कितनी सुंदर लग रही हूँ मैं। हाय हाय ! कितने सुंदर गहने हैं। वाह वाह ! कितने अच्छे लग रहे हैं मुझ पर ? 
लगेंगे क्यों नहीं… मैं हूँ ही इतनी सुंदर। अरे वाह ! अब इतने सारे गहने तो मिल गए लेकिन अब चेहरे का क्या किया जाए ? 
इसमें भी थोड़ी चमक लानी पड़ेगी। इस गरीबी में तो मेरा पूरा रूप ही चला गया। ऐसा रती हूं, थोड़ा मेकअप कर लेती हूं। 
उसके बाद ये सब गहने मुझ पर जंचेंगे। बहुत सुंदर लगूंगी मैं। सभी गांव की औरतें जलकर राख हो जाएंगी। “
मीना,” सुन, तू इधर आ। ये ले और ये लेप मेरे चेहरे पे लगा दे। “
नौकर,” जी मालकिन, अभी लगा देता हूँ। “
मीना,” अरे वाह वाह ! बड़ा ही आनंद आ रहा है। इसके बाद तो सब जल भुनकर राख हो जाएंगी। “

ये भी पढ़ें 🙂

Ghamandi Patni | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Fairy Tales

नौकर,” ये लीजिए मालकिन, हो गया काम। “
जिसके बाद मीना अपना चेहरा शीशे में देखती है, जो बिल्कुल लाल हो चुका है और बेहद ही डरावना लग रहा होता है।
मीना,” अरे रे ! ये क्या हो गया ? सत्यनाथ इसका… ये क्या कर दिया इसने ? पूरा चेहरा खराब कर दिया इसने मेरा। “
नौकर,” अरे मालकिन ! मैंने आपका कहा सारा काम कर दिया है। “
मीना,” आरे ! ये देख तूने मेरे चेहरे को क्या कर दिया है ? मेरा चेहरा देख कितना बदसूरत लग रहा है ? “
नौकर,” अरे मालकिन ! आप ने ही तो कहा था लेप लगाने को।अब इसमें मेरा क्या दोष मालकिन ? “
मीना,” अच्छा तो तू कहना चाहता है मेरी ही सारी गलती है। वाह वाह ! उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। 
भगवान ! क्या करूं मैं इसका ? अब यहाँ खड़े मत रह और जा तालाब से पानी लेके आ। “
नौकर,” अच्छा बालकन, जो आपकी इच्छा। “
तभी थोड़ी देर बाद मीना गांव के बाजार की तरफ अपने सारे गहने पहनकर निकलती है।
मालती,” अरे रे ! ये क्या हुआ मीना ? तेरा चेहरा तो देखो टमाटर की तरह लाल लग रहा है। 
अरे ! क्यूरी मीना, आजकल टमाटर सब्जी में नहीं डालती क्या ? मुँह पे लगाती है ? “
दूसरी औरत,” इस मीना के तो दिन ही बदल गए। “
मालती ,” हाँ बिलकुल, सही बोल रही हो दीदी। ज़रा इसके गहने तो देखो… अरे वाह ! इतने गहने, इतने तो पूरे गांव में किसी के पास नहीं होंगे जितने ये पहन कर बैठी है। “
दूसरी औरत,” अरे वाह री मीना ! आखिर कौन सी जादुई पुड़िया हाथ लग गई तेरे जो इतने सारे गहने पहने है ? क्या सच में कोई जादुई पुड़िया तो नहीं मिल गई तुझे ? “
मीना,” देखो, ये सब गहने मेरे हैं समझी तुम ? आई बड़ी जादुई पुड़िया बोलने वाली। 
अरे ! साफ़ साफ क्यों नहीं कहती हो मालती, जलन हो रही है तुम्हें मेरे इतने सुंदर सोने के गहने देखकर ? 
कभी देखे हैं इतने सारे गहने तुमने ? बड़ी आई बोलने वाली, चलो हटो मेरे रास्ते से। “
जिसके बाद मीना बड़ी गुस्से में आगे चलती हैं और दोनों औरतें उसे बड़ी हैरानी से देख रही होती हैं।
मालती,” अरे रे ! लगता हैं गहनों का असर मीना के सर पर चढ़ गया हैं। “
दूसरी औरत,” हाँ, बहुत ही अहंकारी हो गयी है। खैर अब क्या ही कहा जाए ? “
मीना आगे चलती है तो उसके सामने एक बकरी का छोटा सा बच्चा आ जाता है।
मीना,” अरे रे ! हट मेरे सामने से, चल हट। अब ना जाने ये बकरी का बच्चा मेरे सामने आकर क्यों खड़ा हो गया ? अरे जाता है या नहीं ? “
लेकिन वह बकरी का बच्चा मीना के सामने से हटता ही नहीं। तभी मीना को बहुत गुस्सा आ जाता है और वो ज़ोर ज़ोर से उसको मारने लगती है।
मीना (घर लौटकर),” हाय ! आज तो मैं बहुत थक गई हूँ इतना चलकर, थोड़ा आराम कर लेती हूँ। “
नौकर,” जी मालकिन, बताइए मेरे लिए क्या काम है ? “
मीना,” कहाँ मर गया था तू, हाँ ? दिखता नहीं कि थक गई हूँ मैं ? चल मेरे पांव दबा और ज़रा अच्छे से दबाना। कोई भी काम ठीक से नहीं करता। “
तभी मीना का नौकर उसके पांव दबाने लगता है और देखते ही देखते मीना सो जाती है। थोड़ी देर बाद जब मीना की आँख खुलती है तो देखती है उसका नौकर वहाँ पर नहीं होता है। 
मीना,” ये मेरा नौकर कहाँ चला गया ? मेरी ज़रा सी आंख क्या लग गई, न जाने कहाँ चला गया काम चोर कहीं का ? न जाने सिक्के ने मुझे कैसा नौकर दिया है ? “
तभी मीना अपने बेड से उठती है और उसकी नजर शीशे पर पड़ती है। मीना अपना चेहरा देखकर डर जाती है। 
अब मीना के चेहरे पर बकरी का चेहरा आ जाता है जो देखने में बहुत डरावना लग रहा होता है और मीना के सारे सोने चांदी के गहने भी गायब हो जाते हैं। 
तभी वहाँ पर हीरा आता है और मीना का यह रूप देखकर हैरान हो जाता है।
हीरा,” अरे रे भाग्यवान ! ये क्या हुआ… और तुम्हारा चेहरा एक बकरी के चेहरे में कैसे बदल गया ? “
मीना,” ये क्या हो गया जी..? मेरा चेहरा बकरी का कैसे बन गया ? पर ये क्या..? 
मेरे सारे सोने के गहने भी कहाँ गायब हो गए ? ये क्या हो गया ? मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा। ये सब मेरे साथ हो क्या रहा है ? “
हीरा,” अरे ! कहीं जलदेव का कहा सच तो नहीं हो गया ? अरे भाग्यवान ! हमें जलदेव के पास जाना होगा। 
चलो अब। देर हो गई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। अब जलदेव ही हमारी सहायता कर सकते हैं। “
हीरा नदी किनारे जाता है और ज़ोर ज़ोर से जलदेव को आवाजें लगाने लगता है तभी जलदेव नदी में से ऊपर आते है।
जलदेव,” क्या हुआ हीरा ? क्यों याद किया, बताओ हमें ? “
हीरा,” प्रणाम जलदेव ! ये देखिए मेरी पत्नी को क्या हो गया है ? इसका चेहरा तो बकरी का बन गया है। 
देखिए कितना डरावना लग रहा है। अब हम क्या करेंगे जलदेव ? “
जलदेव,” हीरा, ये जो कुछ भी हुआ है, तुम्हारी पत्नी के अहंकार की वजह से ही हुआ है। तुम्हारी पत्नी ने एक बकरी के बच्चे को बिना बात के बहुत मारा। 
उस मासूम जानवर का कोई दोष नहीं था। तुम्हारी पत्नी ने ये अपने अहंकार के कारण किया। जिसके फलस्वरूप ही तुम्हारी पत्नी की ये दशा हुई है। 

ये भी पढ़ें 🙂

Ghamandi Patni | Hindi Kahaniya | Moral Stories in Hindi | Bed Time Story | Hindi Fairy Tales

मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि उस चांदी के सिक्के से तुम्हारी पत्नी जो भी मांगेगी उसे अवश्य ही मिलेगा। लेकिन जब तुम्हारी पत्नी में अहंकार आ जाएगा तो उसका दुष्परिणाम भी अवश्य ही होगा।
उस सिक्के की जादुई आत्मा ने ही तुम्हारी पत्नी को ये श्राप दिया है जिससे बचने का कोई उपाय नहीं है। हीरा, अब तुम्हारी पत्नी को इसी जानवर के आधे रूप में रहना होगा। “
तभी मीना ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है।
मीना (रोते हुए),” ये मैंने क्या कर दिया ? मेरी इस दशा की मैं ही दोषी हूँ। 
अपने अहंकार वश मैं अपना ही सर्वनाश कर बैठी। मुझे उसके साथ ये सब नहीं करना चाहिए था। “
इस कहानी से आपने क्या सीखा ? नीचे Comment में हमें जरूर बताएं।

Leave a Comment