हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” जुएं वाली बहू ” यह एक Saas Bahu Story है। अगर आपको Hindi Kahaniya, Moral Kahaniyan या Bedtime Stories in Hindi पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Juen Wali Bahu | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories
जुएं वाली बहू
सीमा के बालों में बचपन से बहुत जुएं थे। इसका कारण था सीमा का कई कई दिन सिर को न धोना, न ही सिर की सफाई करना।
यह आदत उसके बड़े होने पर भी नहीं छूटी। जब वो कॉलेज गई तो कोई भी उसका दोस्त बनने को तैयार नहीं था। सब लड़कियाँ उससे नफरत करती थीं।
सीमा,” यार मेघा, जरा अपना हेयर ब्रश तो देना… मैं लगता है घर पर ही भूल आई हूँ। “
मेघा,” ना बाबा ना, तेरे बालों में तो जुए है। तुझे तो अपना हेयर ब्रश कभी भी ना दूं।
चल ज्योति, कॉलेज की छुट्टी हो गई है। घर जाते हुए रास्ते में गोलगप्पे खाते हुए जायेंगे। “
सीमा के सिर में जुएं होने के कारण हमेशा ही वो अपमानित होती थी। पर मजाल है जो वो अपना सिर साफ़ करवा ले।
मां,” सीमा… सीमा, ये सिर धोकर गीला तौलिया तूने स्टैंड पटांगा है। “
सीमा,” हाँ माँ, वो सिर बहुत खुजली कर रहा था तो धोकर आई थी। “
मां,” सारा तौलिया जुओं से भरा हुआ है, सिर तो खुजली करेगा ही। कितनी बार कहा है… सिर साफ़ करवा लिया कर ?
पर सुनती कहां है ? पता नहीं इस लड़की के सिर के जुएं जाते ही क्यों नहीं हैं ? “
दादी,” वृन्दा, जितनी जल्दी हो इसके सिर के जुएं साफ़ करवा दे। बड़े बूढ़े कहते हैं जिस लड़की की शादी के समय सिर में जुएं हो, शादी के बाद जुए ब्याह जाते हैं। फिर उन्हें साफ़ करना बहुत मुश्किल होता है। “
सीमा,” क्या दादी, ऐसा कुछ नहीं होता है। आप बेकार में ही डरा रहे हो। “
सीमा की दादी चाहती थी कि सीमा किसी तरह अपने सिर की तरफ ध्यान दे। पर उसने एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दिया।
आकाश नाम के लड़के से सीमा का रिश्ता तय हो जाता है। पर शादी के दिन मंडप में सीमा का हाथ बार बार अपने सिर में जा रहा था।
सीमा,” क्या करूँ..? ये जुएं तो जैसे रेलगाड़ी की तरह सिर में दौड़ लगा रहे हैं।
जुड़ा होने के कारण उसे रेंगने के लिए जगह तो नहीं मिल रही होगी। अरे मत घूमो। “
दादी,” सीमा… आकाश, एक दूसरे के गले में जयमाला पहनाओ। “
आकाश,” क्या हुआ सीमा..? तुम बार बार अपने सिर में खुजली क्यों कर रही हो ? “
सीमा,” वो पता नहीं मेरे जूड़े में लगी पिने चुभ रही हैं। “
मां,” कितनी बार इसे बोला था कि अपना सिर साफ़ कर ले, नहीं तो जुएं खुजली करेगी। लेकिन यह लड़की मेरी सुनती कहां है। अब शादी के बाद किस किस से छुपाएगी ? “
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सीमा की शादी हो जाती है। पर वो अपने सिर को हमेशा घूंघट से ढककर रखती थी।
सास,” सीमा बहू, तुम सचमुच बहुत संस्कारी हो। पर हमारे यहाँ सिर ढकने की कोई जरुरत नहीं है। हम अपनी बहुओं से पल्ला नहीं रखवाते। “
सीमा,” मां जी, मुझे सिर पर पल्ला रखना अच्छा लगता है। “
सीमा जब अपने कमरे में जाती तो आकाश के सो जाने के बाद वो सिर को बुरी तरह खुजाने लगती है।
वो बाथरूम में खड़े होकर अपनी जुओं वाली कंघी से सिर को काढने लगती जो उसकी माँ ने उसे छुपाकर पर्स में रखने को दी थी।
2-3 दिन तक तो ठीक रहा, पर एक दिन आकाश अचानक चिल्ला उठा।
आकाश,” माँ, मेरे सिर में बहुत खुजली हो रही है। लगता है कोई कीड़ा काट रहा है। “
सीमा की सास,” क्या कीड़ा..? जरा अपना सिर तो दिखा। हे भगवान ! आकाश तेरे सिर में तो जुएं रेंग रही हैं। “
आकाश,” जुएं..? ऐसा कैसे हो सकता है माँ ? हमारे घर में तो किसी को भी जुए नहीं हैं।
माँ, आपके बालों में भी एक जूं रेंग रही है। वो आपके सफ़ेद बालों में साफ़ दिखाई दे रही है। “
सीमा की सास,” क्या..? पकड़ तो जरा। “
आकाश और उसकी माँ के सिर में भी जुएं पड़ जाती हैं। कुछ दिन तो बात छिप जाती है। एक दिन घर में कीर्तन हो रहा था।
सब लोग उसमें ध्यान लगाए बैठे थे। सीमा ने डर के मारे सिर पर घूंघट डाले रखा था। सबके बीच सीमा के सिर से साड़ी का घूंघट नीचे गिर जाता है। तभी एक पडोसन की नजर सीमा के सिर पर जाती है।
पडोसन,” हे भगवान ! सुषमा, तुम्हारी बहू के सिर में कितने जुएं हैं। छी छी छी… राम राम राम… जुएं वाली बहू है सुषमा की। “
सुषमा ,” खबरदार जो मेरी बहू के खिलाफ कुछ भी बोला। अरे हो जाते हैं जुएं किसी न किसी के सिर में। पर इनसे छुटकारा भी तो पाया जा सकता है।
तुम्हारी बहू बेटियों के सिर में कभी जुएं नहीं पड़ी, जो तुम मेरी बहू के पीछे पड़ गई हो ? “
सीमा,” माँ जी कितनी अच्छी हैं, जो मुझे सपोर्ट कर रही है ? कहीं न कहीं गलती तो मेरी ही है।
अगर आज मैं अपना सिर साफ़ रखती तो मेरे सिर में जुएं न होते। माँजी को यूँ अपमान न झेलना पड़ता।
मैं जुओं का इलाज करुंगी। अपने सिर को बिल्कुल साफ़ रखूंगी। मैं मां जी को निराश नहीं होने दूंगी। “
अगले दिन ही सीमा एक अच्छे स्किन केयर डॉक्टर से मिली और कुछ खाने और लगाने की अच्छी दवाइयाँ लिखवाकर उसने अपना ट्रीटमेंट शुरू किया।
रेगुलर इलाज करने से धीरे धीरे सीमा के सिर की जुएं कम होने लगे और एक दिन ऐसा आया जब उसके सिर में एक भी जुएं नहीं थे। उसका पूरा सिर साफ़ हो चुका था।
सीमा,” थैंक यू डॉक्टर ! आज आपके कारण मुझे अपने सिर के जुओं से छुटकारा मिल गया। सचमुच मेरा तो बहुत सिर दर्द रहता था। हर समय बेचैनी होती थी। “
सीमा बहुत खुश थी। आज उसने अपने सिर को घूंघट से नहीं ढका था। वो सम्मान से अपने साफ़ और सुन्दर बाल खोलकर बेझिझक घूम सकती थी।
यह देखकर सीमा की सास और आकाश बहुत खुश थे। सीमा की माँ और दादी को जब यह बात पता चलती है तो वो भी चैन की सांस लेते हैं कि आखिर सीमा ने अपने सिर की देखभाल के बारे में सोचकर हमेशा के लिए जुओं से छुटकारा पा लिया।
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