नई बहू को लग गए दस्त | Nayi Bahu Ko Lag Gaye Dast | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ नई बहू को लग गए दस्त ” यह एक Saas Bahu Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
नई बहू को लग गए दस्त | Nayi Bahu Ko Lag Gaye Dast | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Nayi Bahu Ko Lag Gaye Dast | Saas Bahu| Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

 नई बहू को लग गए दस्त 

अर्पिता की शादी के ठीक एक दिन पहले सगाई का फंक्शन था। उसके ससुराल वाले जबरदस्ती उसे खिलाने पिलाने में लगे हुए थे। 
हर कोई यही कह रहा था की नई बहू को मैं पहले खिलाऊंगा, कोई कहे मैं पहले खिलाऊंगी। यही करते करते अर्पिता परेशान हो गयी। पर वो क्या ही कहती..? 
जबरदस्ती सब फोटो खिंचवाने के चक्कर में अर्पिता के मुँह में जबरदस्ती बर्फी और रसगुल्ले के टुकड़े भरते ही जा रहे थे। जब खाना खाने की बारी आई तो सबने टेबल साथ में लगा ली। 
अंकित की बहन,” अल्पिता खाओ ना तुम तो कुछ खा ही नहीं रही हो, अगर अभी भूखी रहोगी तो कल फिर फेरों के समय तुम्हें भूख लगे गी, हाँ। “
अंकित की जीजा जी,” अरे साले साहब ! अर्पिता को भी तो कुछ खिलाओ, खुद ही खाये जा रहे हो। “
अंकित,” जीजू, मैंने कहां मना किया है ? खालो अर्पिता, नहीं तो सब मुझे ही दोष देंगे। “
अंकित की मां,” अरे ! तुम सब छोड़ो, अर्पिता बहू मेरे हाथ से गुलाब जामुन खायेगी। क्यों… खाओगी ना ? “
अर्पिता क्या ही कहती..? वो चुपचाप अपनी होने वाली सास के हाथों से पूरा गुलाब जामुन खा लेती है। 
अब तो होने वाली मामी, बुआ, मासी, भांजा, भांजी, भतीजा, भतीजी अब अर्पिता के मुँह में जबरदस्ती खाना ठूस रहे थे। 
अर्पिता परेशान तो हो रही थी, पर वो नये बनने वाले रिश्तों का दिल रखने के लिए चुपचाप उस समय सगाई के फंक्शन में खाती रही। 
उस रात तो जैसे तैसे अर्पिता सो गई। अगले दिन उसकी शादी थी। शादी के फंक्शन में भी सुबह से रीति रिवाज शुरू हो गए। 
मायके में आए मेहमानों ने सभी रीती रिवाज़ निभाते हुए अर्पिता को कुछ ना कुछ खिलाना शुरू कर दिया। जो मेहमान आये, अर्पिता के मुँह में मिठाई और खाने की चीजें खिलाते रहे। 
अर्पिता,” बस चाची जी और मन नहीं है। “
चाची,” अरे ! थोड़ा सा तो खाले, फिर शादी के बाद हम कौन सा खिला पाएंगे, हाँ ? “
ताई,” अभी तो मेरी बारी रह गयी, रुको। ये ले बिटिया, एक निवाला मेरी तरफ से भी खा। तू भी क्या याद रखेगी, तेरी ताई ने तुझे खाना खिलाया ? “
अर्पिता,” मम्मी, बस… मुझे और भूख नहीं है। ये रीती रिवाज कितनी देर और चलेंगे ? अभी अंकित के मम्मी पापा भी आकर गए हैं। उन्होंने भी मुझे बहुत सारा खिला दिया है। “
मां,” अर्पिता, ऐसे किसी को मना करते है, अच्छा नहीं लगता। कोई बात नहीं थोड़ा खाले, वैसे भी अब तेरी शादी हो जाएगी। 
फिर कौन सा तेरी चाची, ताई और मामी वगैरह को तुझे खिलाने का मौका मिलेगा ? रुक… तेरे मामा जी और पापा बुला रहे हैं, मैं अभी आती हूँ। “
किसी तरह अर्पिता की शादी हो जाती है और शादी के बाद वो अपने ससुराल आती है। पर शादी की रात से ही अर्पिता के पेट में गडबड हो रही थी। 
जैसे तैसे उसने फेरों के समय अपने आप को संभाल लिया, पर ससुराल पहुंचते ही उसकी हालत बिगड़ने लगी।
अब नई नवेली बहू किसे कहे और कैसे कहे ? “
अंकित की बहन,” अर्पिता, मां ने तुम्हारे लिए ये गर्म गर्म नाश्ता भेजा है, तुम जल्दी से कर लो। फिर कुछ देर बाद मोहल्ले की औरतें आएंगी और तुम्हारी मुंह दिखाई की रस्म होगी। “
अर्पिता,” बबली दीदी, वो मैं…” 

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अंकित की बहन,” अरे ! शर्माना कैसा ? मुझे पता है आपके लिए घर नया है इसलिए आपको मेरे सामने खाना खाने में शर्म आ रही है। ठीक है तुम खालो, मैं थोड़ी देर बाद दोबारा आती हूँ। “
अर्पिता,” दीदी, अंकित कहां है ? “
अंकित की बहन,” अंकित…. वो तो अपने जीजू के साथ नीचे हॉल में नाश्ता कर रहा है। “
अर्पिता की ननद ढेर सारा मक्खन लगाकर आलू के पराठे और दही रख जाती है। अब अर्पिता ना खाये तो भी बुरी बनेगी और खाये तो भी उसकी हालत खराब होगी। 
अर्पिता पूरी तरह से फंस चुकी थी। तभी उसकी सास आ जाती है।
अर्पिता की सास,” अरे अर्पिता बहू ! तुमने अभी तक नाश्ता नहीं किया ? क्या हुआ… मेरे हाथ के आलू के पराठे पसंद नहीं आए क्या ? “
अर्पिता,” नहीं नहीं मां जी, पराठे तो बहुत टेस्टी है। बस खा ही रही थी। “
अर्पिता की सास,” अच्छा अच्छा ये लो, साथ में ये भी खा लो। तुम्हारे ससुर जी तुम्हारे लिए ताज़ी ताज़ी जलेबी और रबड़ी लेकर आये है। 
वो बोल रहे थे कि यहाँ के फेमस हलवाई की रबड़ी जलेबी हैं, तो अर्पिता को जरूर खिलाना। बड़े मन से उन्होंने तुम्हारे लिए भेजी हैं। “
अर्पिता रबड़ी जलेबी भी देखकर परेशान हो जाती है। पहले ही उसका पेट गडबड कर रहा था, ऊपर से रबड़ी जलेबी।
अब ससुर जी ने भेजी है। ये कहकर सास ने कुछ कहने से रोक दिया। क्या करे और क्या ना करे ? 
जबरदस्ती सांस मुँह में रबड़ी जलेबी ठूसे जाए। अर्पिता चाहते हुए भी मना नहीं कर सकी। 
सांस के जाने के बाद अर्पिता परेशान हो गयी। वो बार बार टॉयलेट भागे, फिर बाहर आए, फिर भागे, फिर बाहर आए। जिस बात का डर था, वही हुआ। अर्पिता को दस्त लग गए, उसका पेट खराब हो गया। 
लगातार लूज मोशन आए जा रहे थे, बिल्कुल पानी दस्त करते हुए अर्पिता को कमजोरी महसूस होने लगी। उधर से उसकी ननद उसे लेने आ गयी। 
अर्पिता की ननद,” अर्पिता, क्या हुआ ? तुम अभी तक बाथरूम में ही हो ? मां बहुत देर से तुम्हारा इंतज़ार कर रही है। मोहल्ले की औरतें और रिश्तेदार वगैरह मुंह दिखाई की रस्म के लिए हॉल में जमा हो गए। “
अर्पिता,” अभी आई बस थोड़ी देर और दीदी, आप चलो मैं आती हूँ। “
अर्पिता की ननद,” ठीक है, नीचे आने से पहले मुझे आवाज़ लगा देना। “
ननद चली गयी पर अर्पिता के मोशन रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। उसकी हालत लगातार खराब हो रही थी। जैसे तैसे वो तैयार हो कर अपनी ननद के साथ हॉल में पहुंचती है। 
सब औरतें मुँह दिखाई की रस्म के लिए आती और अर्पिता को फिर से मीठा खिलाने लगती। “
पहली औरत,” ये लो बहू, हमारे हाथ से भी खाओ। अरे ! बहु ना शर्म आ रही है, हमारे हाथ से नहीं खायेगी। “
अर्पिता की सास,” नहीं नहीं, ऐसी बात नहीं है बहन जी। अर्पिता बहू, आंटी जी के हाथ से भी खाओ। “
अर्पिता जबरदस्ती मिठाई के पीस खा लेती है। सब लोग चाय, नाश्ता वगैरह करते हैं और मजबूरी में अर्पिता को भी करना पड़ता है। 
अब अर्पिता से वहाँ बैठा नहीं जा रहा था। उसे फिर से लूज़ मोशन आने लगता है। वो अंकित को आवाज लगाती है, पर अंकित दोस्तों और रिश्तेदारों में बीज़ी था। 
अर्पिता से रुका नहीं जा रहा था। वो फ़ौरन अपने कमरे की ओर भागती है और सीधे टॉयलेट में जाती है। 
कुछ देर बाद उसे आराम पड़ता है, पर अब उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। अर्पिता को चक्कर आने लगते हैं। 
उसका पेट भी दर्द हो रहा था। वो बेड पर लेट जाती हैं। तभी उसकी सास कमरे में आती है।
अर्पिता की सास,” क्या हुआ अर्पिता बहू..? तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना ? “
अर्पिता,” जी मां जी, मैं ठीक हूँ। बस ऐसे ही…। “
अर्पिता अपनी सास की बात का जवाब भी नहीं दे पाती कि अचानक उसे फिर से लूज़ मोशन आ जाता है और वो टॉयलेट में भाग जाती है।
कुछ देर बाद अर्पिता जब बाहर आती है तो उसकी सास के साथ साथ ननद भी वहीं खड़ी थी। 

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अर्पिता की ननद,” क्या हुआ अर्पिता भाभी..? आप कुछ छुपा रहे हो ? “
अर्पिता,” दीदी… माँ जी, वो मुझे ज्यादा हेवी खाना खाने से दस्त लग गए हैं। कल रात से ही पेट बहुत गडबड कर रहा है। “
कहते कहते अर्पिता बेहोश हो जाती है। उसकी सास और ननद दोनों घबरा जाती हैं।
अर्पिता की सास,” अरे अर्पिता बहू ! क्या हुआ..? बबली, एक बार अंकित और अपने बाबूजी को बुला कर ला। “
अर्पिता की ननद अंकित और अपने बाबूजी को बुलाकर लाती है। अंकित डॉक्टर को फ़ोन करता है। डॉक्टर आती है और अर्पिता का चेकअप करती है। 
डॉक्टर,” अगर मेरे आने में थोड़ी देर हो जाती तो अर्पिता को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ता। “
अर्पिता की सास,” कोई घबराने की बात तो नहीं है ना डॉक्टर ? “
डॉक्टर,” नहीं नहीं, अब डरने की कोई बात नहीं है। मैंने इन्जेक्शन दे दिया है, लूजमोशन रुक जाएंगे। पर अर्पिता को बिल्कुल भी हेवी खाना नहीं देना। 
बहुत लाइट खाना देना है जैसे जूस, फ्रूट, खिचड़ी, दलिया, दही वगैरह और कुछ भी तला भुना या फिर ज्यादा मीठा नहीं देना। 
डॉक्टर अर्पिता को दवाईयां और इंजेक्शन देकर चली जाती है। कुछ देर बाद अर्पिता को आराम पड़ता है।
अर्पिता की सास,” अरे अर्पिता बहू ! तुमने पहले क्यूँ नहीं बताया ? वैसे देखा जाए तो गलती हमारी है, हमें भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए था कि बहू कितना ही खा पाएगी ? 
वो भी अपने मायके से आई है। दो तीन दिन उसने वहाँ पर भारी खाना ही खाये होगा, ऊपर से हमने उसको इतना जबरदस्ती खिला पिला दिया। 
छोटा सा तो पेट है मेरी बहू का। हाय ! री मेरी लाडो… देखो, चेहरा कैसे मुरझा सा गया है ? “
अर्पिता की ननद,” माँ, मैं अभी अर्पिता के लिए फलों का जूस निकालकर लाती हूँ। “
अंकित,” सॉरी अर्पिता, मैं भी तुम्हारा ख्याल नहीं रख सका। “
अर्पिता के ससुर,” बहू, जब तुम्हारा पेट खराब था तो तुम मना कर देती। तुमने हम सबका दिल रखने के लिए हमारी ली हुई चीज़ो को बिना कुछ कहे खा लिया ताकि हमे बुरा ना लगे। 
अर्पिता के ससुर,” कमला, हमारी बहु बहुत संस्कारी और समझदार है। 
अर्पिता के ससुर,” जीती रहो बहु, घबराओ नहीं… तुम जल्दी ठीक हो जाओगी। ” 
अर्पिता के ससुर,” कमला, बबली… तुम्हें अर्पिता बहू का पूरा ख्याल रखना है। ठीक है..? “
अर्पिता की मम्मी को भी फ़ोन पर ये बात पता चलती है तो उन्हें भी बहुत दुख होता है कि अर्पिता को शादी से दो दिन पहले भी इतना भारी खाना खाना पड़ा और वो सबका दिल रखने के लिए अपने मायके में भी किसी को मना नहीं कर पायी। 
शादी के बाद वो अपने ससुराल में नई बहू बनकर आई तो भी किसी को मना नहीं कर सकी। सब को अपनी गलती का एहसास होता है। 
एक दो दिन में अर्पिता ठीक हो जाती है। अब रिश्तेदारी में पहली रोटी खाने भी जाना था। 
इस बात को लेकर वो और चिंता में थी। पर इस बार उसकी सास ने सब कुछ संभाल लिया। 
अर्पिता की सास,” अर्पिता बहू, चिंता मत करो। अगर रिश्तेदारी में पहली रोटी पर जाना है तो कम से कम 2-3 दिन का गैप होगा। 
लगातार हम भी तुम्हें रिश्तेदारी में खाने पर नहीं भेजेंगे। जब तुम्हारा जी चाहे तब तब जाना। “
अपनी सास की बात सुनकर अर्पिता खुश हो जाती है। वो खुश थी कि उसको इतना अच्छा ससुराल मिला था जहाँ परिवार के सदस्य एक दूसरे की परेशानी को समझते थे।

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 बिस्तर पर सूसू करने वाली बहू 

प्रिया शादी करने के नाम से डर रही थी और बार बार अपनी मम्मी से एक ही बात कह रही थी।
 प्रिया,” मम्मी यहाँ तो आपने ये बात सबसे छुपा ली और मेरी कभी भी इनसल्ट नहीं होने दी। पर ससुराल में ये बात किसी को भी पता चल गयी तो..? 
आप जानते हो ना मम्मी, वहाँ मेरा कितना अपमान होगा ? 
मेरी सास और पति को ये पता चलेगा कि मैं रात में सोते वक्त विस्तर पर सूसू करती हूँ जो कि मेरे कंट्रोल से बिल्कुल बाहर है। “
मां,” प्रिया बेटा, मैंने तेरी दवाइयां सूटकेस में रख दी हैं। तू उन्हें समय पर लेती रहना। तू घबरा मत, डॉक्टर ने भी तो यही बोला है ना कि तुम्हें तनाव बिल्कुल भी नहीं लेना है। 
रात को सोने से पहले सुसू करके सोना, तो तुम्हे ही परेशानी नहीं होगी। 
अपने खाने पीने का ध्यान रखना और सोते समय अपने मोबाइल में आधीरात का अलार्म भी लगा लेना, जैसे यहाँ लगाकर सोती हूँ। “
प्रिया उस वक्त माँ की बात को सुन लेती है पर उसके मन में इस बात को लेकर बहुत डर और घबराहट पैदा हो रही थी।
कुछ दिनों बाद प्रिया की शादी हो जाती है और वो अपने ससुराल आ जाती है। कुछ दिन तक प्रिया अपने फ़ोन में अलार्म लगाकर सोती है तो सब कुछ ठीक चल रहा था। 
पर एक दिन…
रवि,” प्रिया, अचानक मुझे ऑफिस के काम से बाहर जाना पड़ रहा है। पर मैं दो दिन में वापस आ जाऊंगा। तुम इस बात को लेकर मेरे से नाराज तो नहीं हो ना ? “
प्रिया,” नहीं नहीं, मैं भला क्यों नाराज होने लगी ? आपका काम पहले है। आप अच्छे से काम करके लौटना। “
रवि की मां,” अरे रवि बेटा ! तू चिंता क्यों करता है ? मैं हूँ ना, बहु का ख्याल रखने के लिए। हम दोनों सास बहू खूब मज़े करेंगे। “
उसके बाद रवि काम से बाहर चला जाता है। 
उसी रात…
प्रिया की सास,” प्रिया बेटा, ये देख मैंने हम दोनों के लिए कितनी बढ़िया वाली आइसक्रीम मंगवाई है ? हम दोनों मिलकर खाते है। “
प्रिया (मन में),” पर मैं तो आइसक्रीम खाती नहीं हूँ; क्योंकि ठंडी चीजें खाने से मुझे और ज्यादा सूसू आता है। पर माँ जी को मना कैसे करूँ ? उन्हें बुरा लगेगा, मुझे आइस क्रीम खानी पड़ेगी। “
प्रिया की सास,” है ना कितनी बढ़िया वाली आइस क्रीम..? हमारे यहाँ की मशहूर आइस क्रीम है। 
एक काम करो… जब तक रवि वापस नहीं लौटता, हम दोनों सास बहू एक ही कमरे में सो जाते हैं। रात को सोते समय गप्पे मारेंगे। “
प्रिया,” जी जी ठीक है मां जी, जैसा आप कहें। “
प्रिया (मन में),” अब क्या करूँ ? मुझे माँ जी के साथ सोना पड़ेगा, कहीं रात में मेरा सूसू निकल गया तो..? मेरी तो सारी सच्चाई मां जी और रवि के सामने आ जाएगी। “
उस रात प्रिया दो बार अलार्म लगाकर सोई थी, इसलिए वो रात में दो बार बाथरूम हो आई थी। पर चिंता और डर से वह पूरी रात सो नहीं पाई थी।
वो रात तो जैसे तैसे कट गई। अगली रात जब प्रिया अपनी सास के साथ सोई तो उसका फ़ोन चार्ज नहीं था।
इस वजह से उसकी बैटरी खत्म हो गई और फ़ोन स्विच ऑफ हो गया। प्रिया गहरी नींद में थी तो उसे पता ही नहीं चला कि उसे रात में उठकर बाथरूम जाना है। 
अगली सुबह जब प्रिया सोकर उठती है, उसका पूरा बिस्तर गीला था। घबराहट से उसके पसीने छूटने लगते हैं।
प्रिया की सास यह सब देख लेती है और गुस्से में प्रिया पर चिल्ला पड़ती है। 
इतनी देर में रवि भी वापस आ जाता है। 
प्रिया की सास,” रवि बेटा, हम बैड पर सूसू करने वाली बहू ले आए हैं। मुझे तो सचमुच इसे अपनी बहू कहते हुए शर्म आ रही है। 
दुनियादारी और समाज में किसी को भी पता चल गया तो सब लोग हम पर हँसेंगे। अब मैं इसका क्या करूँ ? इसके माँ बाप ने भी हमसे इस बात को छुपाया और तो और इसने भी हमसे इतनी बड़ी बात छुपाई। 
मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। मैं तो कहती हूँ… इसे अभी के अभी इसकी माँ के घर भेज दे। अब तू ही इससे बात कर। “
रवि,” माँ, मैं यह बात जानता हूँ। मुझे पता है कि प्रिया को रात में बैड पर सूसू करने की आदत है। “
रवि की मां,” क्या..? तू ये बात जानता है और तूने ये बात मुझसे छुपाई ? आते ही जोरू का गुलाम हो गया ? “
प्रिया(मन में),” रवि इस बारे में जानते थे, पर उन्होंने मुझसे इस बात के बारे में पूछा भी नहीं और गुस्सा भी नहीं किया। 
पर रवि को ये बात कैसी पता चली ? मैं तो रोजाना अलार्म लगाकर सोती हूँ। “
रवि,” माँ, ये बात मुझे उस दिन पता चली जिस रात प्रिया बहुत गहरी नींद में थी। अलार्म मैंने ही बंद किया था।
तब मैंने देखा प्रिया के आसपास बिस्तर गीला हो रहा था। मैं उसी वक्त समझ गया था। “
रवि,” प्रिया, तुम्हें याद होगा जब उस दिन तुमने मेरे उठते ही बैडशीट चेंज कर दी थी ताकि मुझे पता न चले ? “

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Bistar Par Susu Karne Wali Bahu | Saas Bahu| Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

रवि,” माँ, प्रिया की नजर से सोचो। वो खुद इस आदत से कितनी शर्मसार होती होगी। शायद ये कई रातें सो भी नहीं पाई है। 
माँ, आप जानती हो इस आदत की सबसे बड़ी वजह तनाव है। आप तो खुद कहती हो, किसी भी बिमारी की सबसे बड़ी वजह चिंता होती है और माँ हम कितनी बीमारियों का शिकार होते हैं और उन्हें ठीक करने के लिए इलाज के साथ साथ हमें अपनों के सहयोग की भी तो जरूरत होती है। 
तभी तो हम बिमारी से लड़कर ठीक हो पाते। माँ इस वक्त प्रिया जिस जगह खड़ी है, शायद हम दोनों उसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते। 
इस वक्त प्रिया को हम दोनों के सहयोग की बहुत जरूरत है। अच्छा, मैं एक बात पूछूं ? अगर यही आदत मुझमें होती तो फिर तुम क्या करती ? 
मेरे ठीक होने में मेरी मदद करती या फिर मुझ पर गुस्सा करके मुझे घर से निकाल देती ? 
अगर आप प्रिया को इस घर में नहीं रख सकती तो मैं प्रिया को लेकर कहीं और चला जाऊंगा। “
रवि की बातों को सुनकर प्रिया की आँखों में आंसू भर आते हैं और वो रो पड़ती है। सचमुच रवि एक अच्छा पति होने के साथ साथ एक अच्छा इंसान भी था। 
रवि की मां,” मुझे माफ़ कर दे, बेटा। तू ये घर छोड़कर चला जाएगा तो मैं किसके सहारे रहूंगी ? “
रवि की मां,” मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई, प्रिया बहुत। मुझे माफ कर द। मुझे तुम्हें समझना चाहिए था नाकि तुम्हारी कमियों को ढूंढना चाहिए था। एक मां होकर भी मैं तुम्हारी परेशानी को नहीं समझ पाई। “
प्रिया,” नहीं मां जी, आप मेरी मां हो और मां कभी अपने बच्चों से माफी नहीं मांगती। मैं सचमुच कितनी भाग्यशाली हूं जो मुझे पति के रूप में रवि और मां के रूप में आप मिले ? “
प्रिया अपनी सास के गले लग जाती है। यह देखकर रवि भी बहुत खुश होता है।
प्रिया अब रात में तरल पदार्थ ज्यादा नहीं लेती थी और समय पर सोती थी। 
प्रिया कभी अगर अलार्म की आवाज सुनकर नहीं उठती थी तो रवि उसे उठा देता था ताकि प्रिया को रात में कोई परेशानी ना हो। 
प्रिया की सास और रवि प्रिया को खुश रखते थे। धीरे-धीरे रवि और सास के सहयोग से कुछ समय में ही प्रिया की यह आदत पूरी तरह से छूट जाती है।
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