प्यार तो होना ही था – (भाग – 3) | Pyar to hona hi tha | Love Story | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story

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हेलो दोस्तों ! कहानी की इस नई Series में हम लेकर आए हैं आपके लिए एक और नई कहानी। आज की कहानी का नाम है – ” प्यार तो होना ही था “। यह इस कहानी का (भाग -3) है। यह एक Hindi Love Story है। अगर आप भी Love Story, Romantic Story या Hindi Love Story पढ़ना पसंद करते हैं तो कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

प्यार तो होना ही था - (भाग - 3) | Pyar to hona hi tha | Love Story | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story

Pyar to hona hi tha | Love Story | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story

अब तक आपने पढ़ा…
श्रेया वंश को इशारों में पूछती है लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब न मिलने पर परेशान हो जाती है।
अब आगे…
जब श्रेया वंश की तरफ़ देखती है और उसे कोई ऐसा पाजिटिव रिएक्शन नहीं मिलता तो वो परेशान हो जाती है। अब दोनों परिवार के सदस्य एक दूसरे से कुछ बातें करते हैं और हंसने लगते हैं। 
इधर नैना और श्रेया दोनों ही बहुत परेशान होती हैं कि क्या नैना को अपने मनपसंद लड़के से शादी नहीं करने को मिलेगा ? इधर घर वाले बहुत खुश रहते हैं। 
घर वाले कहते हैं कि चलो अब लड़का लड़की एक दूसरे को पसंद कर लें तो समझो ये रिश्ता पक्का है। अब दोनों को अकेला छोड़ दिया जाता है। 
दोनों के चेहरे उतरे हुए थे। क्योंकि वो दोनों ही अलग अलग लोगों से प्यार करते थे। नैना ने वंश से कहा।
नैना ,” देखिए… हम आपसे शादी नहीं कर सकते क्योंकि हम किसी और से प्यार करते हैं। “
वंश के चेहरे पर हल्की मुस्कान आई। 
वंश,” नैना जी, मैं खुद ये शादी नहीं करना चाहता। मैं अपने माँ बाप के प्रैशर में यह शादी के लिए तैयार हुआ हूँ क्योंकि मेरी माँ ने पहले भी अपनी जान देने की कोशिश की है। 
मैं अपनी माँ को नहीं खोना चाहता, नहीं तो…। मैं खुद किसी और लड़की को पसंद करता हूँ और उसी को अपनी जीवनसंगिनी बनाना चाहता हूँ। 
लेकिन मेरे मम्मी पापा को वो पसंद नहीं है। मम्मी पापा जिद पे अड़े हैं कि मैं उस लड़की से शादी ना करूँ, नहीं तो वो अपनी जान दे देगीं। इसलिए मजबूरी में मुझे यह शादी करनी पड़ रही है। “
नैना परेशान होकर कहती है।
नैना ,” वंश जी, मैं खुद ये शादी नहीं करना चाहती क्योंकि मैं किसी और को पसंद करती हूँ। “
यह सुनते ही वंश का चेहरा खिल उठता है। उसने नैना से कहा।
वंश ,” नैना जी, आपने मुझे ये बात पहले क्यों नहीं बताई ? जब हम दोनों ही अलग अलग लोगों को पसंद करते हैं तो हम शादी के बाद कैसे एक दूसरे के साथ खुश रह सकते हैं ? हम शादी प्रेशर में आकर कर भी लेते हैं तो हम खुश नहीं रह पाएंगे। इस तरह चार चार जिंदगियां खराब हो जाएगी। “
नैना और वंश तय करते हैं कि वो ये शादी नहीं करेंगे और बाहर जाकर अपनी माँ को इस रिश्ते के लिए मना कर देंगे और जब कारण पूछा जाएगा तो बोल दिया जाएगा कि वह दोनों किसी और को पसंद करते हैं। 
इधर कबीर को श्रेया का चेहरा बार बार परेशान करता है। वह इस ऐक्सिडेंट को सोचता है और मुस्कुराता है। शायद कबीर को श्रेया से प्यार हो गया था।
तभी उस दिन से श्रेया का ख़्याल कबीर को परेशान करने लगा। वो रोज़ श्रेया का नंबर अपने फ़ोन के स्क्रीन पे लिखता और मिटाता। 
इधर वंश और नैना बाहर जाकर इस रिश्ते को मना कर देते हैं। श्रेया घबराई हुई थी कि क्या होगा अब ? 
जब परिवार के सदस्य वजह पूछते हैं तो वंश कहता है कि मुझे ये लड़की पसंद नहीं है। नैना की माँ नैना से पूछती है। 
नैना की माँ,” क्या हुआ ? ये लड़का ऐसा क्यों बोल रहा है ? “
नैना, श्रेया और उसकी माँ थोड़ा किनारे हट के बात करते हैं। नैना बोलती हैं।
नैना,” माँ, मुझे शादी नहीं करनी। “
और रोने लगती है। तब उसकी माँ पूछती है। 
नैना की माँ,” क्या बात है ? “
नैना रोती रहती है। तब श्रेया कहती है। 
श्रेया,” आंटी जी, मैं बताती हूं। दरअसल नैना दी किसी और को पसंद करती है और उसी से शादी करना चाहती है। वो लड़का बहुत अच्छा और वैल सेटल्ड़ है। 
छोटा परिवार है। नैना दी बहुत खुश रहेगी। और एक बात आंटी जी… आप जिस लड़के से शादी करवाने जा रही हैं, वो किसी और लड़की से प्यार करता। 
तो क्या आप चाहेंगी की नैना दी को अपने हक का प्यार न मिले ? इस तरह वो खुश नहीं रह पाएंगी। “
 नैना की माँ थोड़ी देर चुप रहती है और फिर नैना को गले से लगा लेती है और कहती है।
नैना की माँ,” बेटा, ऐसी बात थी तो पहले क्यों नहीं बताया। ये सब नहीं होता। “
श्रेया,” आंटी जी, दी बताना चाहती थी लेकिन अंकल जी की वजह से चुप थी। “
अब तीनों बाहर जाते हैं तो नैना के पापा को माँ इशारों में अंदर बुलाती है और उनको सारी बातें बताती हैं। जब उनके पापा जानते हैं कि उनकी बेटी किसी और को पसंद करती है तो पहले गुस्सा होते हैं। 
लेकिन उनकी माँ के समझाने के बाद समझ आया और तय करते हैं कि बच्चों की खुशी जिसमें हो, वही करना चाहिए। क्योंकि हम शादी अपने तरफ से करवा देंगे और बच्चे खु़श नहीं रहेंगे तो क्या फायदा ? 
आगे चलकर ऐसे ही रिश्ता सफल नहीं होते और तलाक का कारण बन जाता है। 
तभी वो दोनों बाहर आकर लड़के वालों से माफी मांगते है कि हम ये रिश्ता नहीं सकते और उनको भी समझाते हैं कि बच्चों की खुशी में अगर हम अपनी खुशी ढूंढेंगे तो परिवार में खुशी रहेगी। 
वंश की माँ को भी एहसास होता है कि वो गलत कर रही हैं अपने बेटे के साथ। वो भी वंश की शादी इशिता के साथ कराने के लिए तैयार हो जाती हैं। तभी लड़के वाले खुशी खुशी वहाँ से विदा लेते हैं और अपने घर चले जाते हैं। 
इधर नैना के माँ पापा पूछते हैं कि वह लड़का कौन है ? नैना बताती हैं कि वो के के आर कंपनी का मालिक है। 
उसक नाम रिहान है। उसके मम्मी पापा उस लड़के को अपने घर बुलाते हैं। रिहान जो बाहर गया था, किसी काम से वो वापस आता है। 
दूसरे दिन रिहान और उसके दोनों दोस्त (कबीर और रोहित) भी साथ आते हैं। नैना के मम्मी पापा उनका स्वागत करते हैं और उनसे ढेर सारी बातें करते हैं। 
तभी नैना की मां श्रेया को आवाज लगाती है। 
नैना की मां,” बेटा, चाय ले आओ। “
तब श्रेया ब्रेकफास्ट लेकर बाहर आती। तब जो हुआ वो बहुत ही मजेदार था।

श्रेया नैना का यह रिश्ता होने से बचा पाएगी या नहीं, यह सब जानने के लिए कहानी का अगला भाग जरूर पढें। साथ ही इस कहानी का सबसे अच्छा मूमेंट Comment में बताएं।


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