बूढ़े की सुहागरात | Budhe Ki Suhagrat | Hindi Crime Story | Latest Crime Story | Best Crime Stories in Hindi

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” बूढ़े की सुहागरात ” यह एक Crime Ki Kahani है। अगर आपको भी Crime Stories, New Crime Stories या Best Crime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
बूढ़े की सुहागरात | Budhe Ki Suhagrat | Hindi Crime Story | Latest Crime Story | Best Crime Stories in Hindi

Budhe Ki Suhagrat | Hindi Crime Story | Latest Crime Story | Best Crime Stories in Hindi

 बूढ़े की सुहागरात 

दो आदमी बाइक पर बैठे हुए अचानक से एक औरत के सामने बाइक रोक देते हैं।
आदमी,” देख देख… आय हाय ! आज तो भारतीय नारी बन के खड़ी है अकेली। कितना लेगी बोल, हम दो लोग हैं ? “
औरत,” 5000 एक का। “
आदमी,” ऐ चल, शकल देखी है अपनी ? 5000 वाली… 2000 लेती है क्या बोल ? “
औरत,” शकल देखी है तूने अपनी हां ? 2000 में आती है। निकल यहाँ से। “
दूसरा आदमी,” छोड़ ना भाई। “
पहला आदमी,” 3000 में चलती है क्या ? “
औरत,” तरकारी खरीद रहा है तू‌ ? देना है तो 5000 दे वरना निकल यहाँ से चल। “
दूसरा आदमी,” चल दूसरी देखते हैं। “
दोनों आदमी बाइक लेकर वहां से चले जाते हैं।
एक आदमी कार में बैठा तेज आवाज में गाने सुनता हुआ ड्राइविंग करता हुआ सड़क से गुजर रहा होता है।
औरत की नजर जैसे ही उस कार पर पड़ती है, वह तुरंत उस आदमी को फसाने के लिए चाल चलती है। वह जानबूझकर कार के सामने आकर एक्सीडेंट होने का झूठा ढोंग करती है।
 
आदमी,” आई एम सॉरी, आप अचानक गाड़ी के सामने आ गईं और मेरा भी ध्यान नहीं था इसलिए… आई ऐम रियली सॉरी। आइए उठिए… उठिए। “
आदमी उस औरत को अपने हाथों से पकड़ कर उठाता है।
औरत (दर्द का दिखावा करते हुए),” आपकी गलती नहीं है, मेरी गलती है। मुझे ध्यान से सड़क पार करनी चाहिए थी। “
आदमी,” नहीं, कसूर तो मेरा भी था। मैंने भी ध्यान देकर गाड़ी चलानी चाहिए थी। मैंने भी ध्यान नहीं दिया तो आई ऐम सो सॉरी। आपको हॉस्पिटल कहीं ले चलता हूँ ? “
औरत,” नहीं नहीं, मुझे इतनी ज्यादा चोट नहीं लगी। मैं अपने आप घर चली जाऊंगी। “
आदमी,” अरे ! मैं आपको आपके घर छोड़ दूंगा ना। कसूर मेरा है तो इतना तो फर्ज बनता है मेरा। “
औरत जानबूझकर चलने का ढोंग करती है और गिरने लगती है। तभी आदमी उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे संभालता है। 
आदमी,” अरे ! आराम से… आराम से आइए… आइए। “
आदमी उसे संभालकर कार में बैठाता है। कार में बैठते ही औरत के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
आदमी अपनी कार से उस औरत को घर छोड़ता है। औरत ठीक से ना चलने का दिखावा करती है।
औरत,” देखिये ना… आप पहली बार घर आये हैं और मैं आपको चाय भी नहीं पिला पा रही हूँ। “
आदमी,” अरे ! चाय वाय छोड़िये और ये बताईये कि आपके घर में कोई फर्स्ट ऐड बॉक्स है क्या ?
जब उस आदमी ने औरत की कमर कुछ हुआ था तो उसके मन में भी वासना जाग गई थी। वह उसके कमरे में जाता है और कमरे की दीवारों पर टंगी औरत की तस्वीरों को वासना भरी नजरों से देखा है और उन्हें छूता है।
उसके बाद वह अलमारी को खोलता है जिसमें औरत के कपड़े रखे हुए थे। वह उसकी ब्रा निकलता है और सूंघने लगता है।
तभी आवाज आती है।
औरत,” मिला क्या ? “
आदमी,” हां मिला मिला… अभी ला रहा हूं। “
 आदमी,” कहाँ लगाना है ? “
तभी औरत अपने एक पैर को टेबल पर रखती है और अपनी साड़ी को धीरे-धीरे ऊपर की ओर खींचती है। उसकी गोरी गोरी टांगें आदमी को वासना में डुबोती जा रही थीं। 
औरत (इशारा करते हुए),” यहाँ। “
आदमी अपने हाथ की दो उंगलियों से दर्द वाली जगह पर बाम लगता है और मसलने लगता है। “
औरत,” आह… दर्द हो रहा है। “
आदमी,” सॉरी सॉरी…. अब कैसा लग रहा है ? आराम मिला ? “
औरत,” आपके हाथ में तो जादू है। “

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आदमी,” मेरी मालती भी ऐसे ही कहा करती थी। “
औरत,” मालती..? “
आदमी,” हाँ मालती, मेरी वाइफ। “
अचानक से औरत के चेहरे से रंग उतर गया और वह उदास सी दिखने लगी।
आदमी,” 5 साल हो गए, वो मुझे छोड़ कर चली गयी है। “
यह सुनते ही औरतों के चेहरे पर वही मुस्कान फिर से झलकने लगी।
आदमी,” तब से अकेली ज़िंदगी बसर कर रहा हूँ। कहने को तो सब कुछ है मेरे पास। 
गाड़ी है, बंगला है, धन दौलत है लेकिन उसे भोगने वाला, उसे रोपने वाला कोई नहीं। अब आप भी कुछ अपने बारे में बताइए ना ? “
औरत,” मैं क्या बताऊं ? मैं तो बस वक्त की मारी हूँ। मां बाप बचपन में ही छोड़कर चले गए। इधर उधर भटककर, घर घर काम करके सड़कों पर पली बड़ी हूं। “
तभी दरवाजे पर दो खूबसूरत लड़कियां आती हैं। असल में इस औरत के साथ-साथ वे दोनों लड़कियां भी वासना का धंधा करती हैं। शरीर पर छोटे कपड़े पहने हुए दोनों लड़कियां नशे से चूर थी।
आदमी,” ये दोनों कौन ? “
औरत (सच छिपाते हुए),” ये… ये दोनों बहनें हैं मेरी। “
आदमी,” लेकिन आपने तो कहा था कि आप अकेली हैं। “
औरत,” मैं आपको बताने ही वाली थी। “
लड़की,” लगता है मोटा मुर्गा हाथ लगा है इसलिए घर ले आयी। “
आदमी,” ये दोनों इतनी रात गए कहाँ से आ रही हैं ? और ये कैसे कपड़े पहने हैं इन्होंने ? “
औरत,” ये दोनों… ये दोनों अपनी सहेली के बर्थडे पार्टी में गयी थी। ये…”
आदमी,” जी मेरा नाम शुभंकर है और मैं आपकी दीदी का बहुत पुराना दोस्त हूं। “
लड़कियां (मुस्कुराते हुए),” नमस्ते ! “
औरत,” तुम दोनों जाओ कपड़ा चेंज कर लो। “
लड़की,” दीदी, वैसे पैर में क्या हुआ ? “
औरत,” चोट लग गयी। “
लड़की,” कितनी बार कहा है कि संभलकर चलना करो ? मैं कुछ मदद करू ? “
आदमी,” नहीं, चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैंने बाम लगा दिया है तो ठीक हो जाएंगी। “
औरत,” अच्छा तुम दोनों टेंशन मत लो। जाओ, अंदर कपड़े बदल कर सो जाओ। शुभंकर जी है ना मेरा ख्याल रखने के लिए। “
लड़कियां,” ठीक है, गुड नाइट। “
औरत,” बस इन दोनों को अच्छे से पढ़ा लिखाकर के पैरों पर खड़ा कर दूं, इसी कोशिश में लगी रहती हूं। जो भी कमाती हूं, इनकी पढ़ाई और परवरिश में खर्च हो जाता है। “
आदमी,” अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं आ गया हूँ ना, बस तुम मेरा साथ दोगी तो सब ठीक हो जाएगा। फिर चलो मैं चलता हूँ। “
औरत उसका हाथ पकड़ते हुए उसे अचानक रोकती है।
औरत,” इतनी जल्दी चले जाएंगे ? अभी तो आप कह रहे थे ना कि सब संभाल लेंगे। इतने दिनों बाद तो कोई मिला है, अपना सा लगता है। “
यह कहते हुए औरत आदमी की ओर बढ़ती है और गिरने का ढंग करती है। आदमी उसे गिरने से पहले ही संभाल लेता है। 
इस बार औरत आदमी के शरीर से बिल्कुल चिपक जाती है। आदमी भी उसे प्यार की नजरों से देखा है। 
तभी दोनों एक दूसरे को किस करने लगते हैं और वासना का खेल खेलना शुरू कर देते हैं।

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यह सब दरवाजे के पीछे खड़ी दोनों लड़कियां जिन्हें वह औरत अपनी बहन बता रही थी, खड़ी होकर इस वासना के खेल को अपनी आंखों से देख रही थी और मुस्कुरा रही थी।
ये क्राइम की कहानी आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताएं ?

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