हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” भोला पहलवान ” यह एक Hindi Story है। अगर आपको Hindi Stories, Hindi Kahani या Hindi Kahaniya पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
किसी गांव में एक भोला नाम का लड़का रहता था। वो बहुत ही ज्यादा भोला था। उससे कोई भी बेवकूफ बना देता था।
इस वजह से वो पूरे गांव में अपनी बेवकूफी के लिए मशहूर था। वो कोई भी काम सही से नहीं करता था।
उसकी बीवी उसकी बेवकूफी से बहुत परेशान थी। उसकी बीवी तो बीवी, साथ में गांव वाले भी बहुत परेशान थे। वो कोई काम धंधा भी नहीं करता था।
भोला की बीवी, “अजी सुनो, मैंने तुमसे कितनी बार बोला है कि कोई काम धंधा कर लो? लेकिन तुम हो कि सही से कोई काम करते ही नहीं।”
भोला, “तुम्हें तो पता है सरला, मैं काम करने जाता हूँ। लेकिन हर कोई मुझे काम से निकाल देता है।”
सरला, “हाँ हाँ, आपकी तो कोई गलती है ही नहीं। वो सब लोग ही बेवकूफ हैं, जो आपको काम पर से निकाल देते हैं, है ना?
कोई आपको काम पर क्यों रखेगा? जहाँ जाते हो, वहाँ पर सारे उल्टे काम जो करते हो, तो कोई भला आपको क्यों नौकरी देगा अपने यहाँ?”
भोला, “ठीक है सरला, तुम चिंता मत करो। मैं आज ही कोई ना कोई काम धंधा ढूंढ लूँगा।”
ये कहकर भोला काम ढूंढने के लिए घर से बाहर जाता है। वो काम की तलाश में गांव में घूम रहा होता है, तभी वो देखता है कि कुछ लोग कुश्ती लड़ रहे हैं।
भोला का भी मन हुआ कि मैं भी कुश्ती करूँगा। तभी वो जहाँ कुश्ती हो रही थी, वहां पर गया और कुश्ती करते हुए आदमी से पूछने लगा।
भोला, “भाई साहब, ये कुश्ती की प्रतियोगिता में कैसे हिस्सा लिया जाता है?”
पहलवान, “ये कुश्ती किसने करनी है? तने करनी है के? तने कुश्ती के बारे में कुछ बेरा बी से? तू तो मरगिल्ला सा है। तू करेगा के कुश्ती?”
सुनील ज़ोर-ज़ोर से हँसता है और वहाँ पर खड़े चार-पांच लड़के भी ज़ोर-ज़ोर से हँसते हैं।
भोला, “सुनील भाई, मैं कुश्ती करना चाहता हूँ। आप मुझे बता दो कि इस कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए क्या करना होगा?”
सुनील, “अरे! ठीक से। इब तू इतना पूछ ही रहा है तो मैं तने बता ही देता हूँ कि तने के करना से?
इब सुन… तू अगर इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेता है और तू जीत जाता है, तो तने सरकार की तरफ से बहुत अच्छा इनाम
और सर्टिफिकेट मिलेगा। फिर तू सर्टिफिकेट लेकर कहीं भी कुश्ती लड़ सके है।”
भोला को ये सब सुनकर बहुत अच्छा लगा और वो सोचने लगा कि मैं भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले लेता हूँ, जिससे सरला भी मेरी सबसे तारीफ करेगी और पूरे गांव में लोग मेरी वाहवाह करेंगे।
भोला, “ठीक है सुनील भाई, मैं भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लूँगा और इनाम जीतूंगा।”
भोला पहलवान | Bhola Pahalwan | Hindi Kahani | Hindi Kahaniya | Hindi Stories | Achhi Achhi Kahani
भोला भी कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा ले लेता है और कुश्ती प्रतियोगिता का दिन भी अब से 20 दिन बाद का तय हुआ,
जो प्रतियोगिता भोला और एक लंबी-चौड़े पहलवान के बीच होनी थी। भोला जोश-जोश में तो प्रतियोगिता में हिस्सा ले लेता है, लेकिन उसे कुश्ती के बारे में कुछ भी नहीं पता होता है।
भोला, “अरे सरला! सुनती हो। देखो, आज मैंने कितना अच्छा काम किया है? 20 दिन बाद तुम भी मेरी तारीफ करोगी।”
सरला, “अच्छा जी? ऐसा क्या काम किया, मुझे भी तो बताओ? मैं भी तो ज़रा सुनूं।”
भोला, “अरी सरला! ये देख, मैंने कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा ले लिया है।”
सरला, “हां… क्या क्या? दुबारा बोलना जरा, किस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है तुमने?”
भोला, “अरी सरला! मैंने कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। ले तू भी देख, मैंने तो फॉर्म भी भर दिया है।”
सरला, “तुम्हारा तो सच में दिमाग खराब है, जो कुश्ती में हिस्सा ले लिया। तुमको पता भी है कि कुश्ती में क्या होता है?”
भोला, “अरे सरला! मैं सुनील भाई से यही पूछना भूल गया। वैसे तुझे पता है कि कुश्ती प्रतियोगिता में क्या होता है?”
सरला, “हे भगवान! किस बेवकूफ से मेरी शादी करवा दी? तुम्हें पता है जो वो पहलवान है ना, वो तुम्हें उठाकर पटक देगा।”
भोला, “क्या..? क्या कह रही हो, सरला? अब मैं क्या करूँ?”
भोला बहुत ज्यादा घबरा जाता है और रात-दिन बस इसी चिंता में रहता है। उसको ऐसे परेशान देखकर सरला सोचती है कि इनको उस पहलवान से बचाने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा।
ऐसे ही कुश्ती प्रतियोगिता का दिन भी आ जाता है। भोला बहुत डरा हुआ होता है।
फिर सरला उसको वैद्य जी से एक तेल लाकर देती है जिससे वह पहलवान भोला को पकड़ नहीं पाए।
कुश्ती के लिए भोला और वो पहलवान दोनों अखाड़े में आ जाते हैं जिसमें एक तरफ पहलवान था, तो दूसरी तरफ भोला।
सभी लोग अखाड़े के आसपास खड़े हो जाते हैं और सभी भोला की बेवकूफ़ी पर हंस रहे होते हैं।
भोला, “हे भगवान! मैंने किस मुसीबत को गले लगा लिया। ये तो अगर मेरे हाथ भी लगाएगा, तो मैं तो यहीं ढेर हो जाऊंगा।”
सरला, “सुनो जी… जो मैंने तुमको वो तेल दिया था, वो तुम लाए हो?”
भोला, “हाँ, लाया हूँ। मगर इस पहलवान को देखकर लग नहीं रहा कि ये तेल इसकी मोटी चमड़ी पर कुछ असर करेगा।”
सरला, “आप बस हिम्मत मत हारो, बस ये तेल अपने शरीर पर अच्छे से लगा लो।”
फिर भोला वो तेल चुपके से अपने शरीर पर लगा लेता है। फिर भोला और वो पहलवान कुश्ती के लिए आगे आते हैं।
जैसे ही पहलवान भोला की ओर भागा, तो भोला ने उसके पैरों को नीचे से पकड़ कर उसे गिरा दिया।
ये देखकर गांव के सभी लोग पहलवान पर हंसने लगते हैं। ये देखकर पहलवान को बहुत गुस्सा आता है।
फिर वो भोला के पीछे भागा, लेकिन भोला के शरीर पर वो तेल लगे होने की वजह से पहलवान भोला को पकड़ नहीं पाता है।
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फिर भोला ने अखाड़े में से कुछ मिट्टी उठाकर पहलवान की आँखों में डाल दी और पहलवान घबरा गया।
पहलवान फिर भोला को पकड़ने आया, तो भोला उसके सर पर चढ़ कर उसे गुदगुदी करने लगा
और इस तरह भोला से परेशान होकर पहलवान अखाड़े से बाहर हो गया और फिर भोला ये कुश्ती प्रतियोगिता जीत गया।
फिर सभी गांव वाले भोला की वाहवाही करते हैं। भोला फिर समझ जाता है कि कोई भी काम जोश-जोश में नहीं करना चाहिए।
भोला, “धन्यवाद सरला! अगर तुम आज मेरी मदद नहीं करती तो पता नहीं ये पहलवान मेरा क्या हाल करता? मैं आज के बाद कभी कोई काम बिना सोचे-समझे नहीं करूँगा।”
सरला, “अरे जी! अगर मुसीबत में मैं आपकी मदद नहीं करूँगी, तो फिर कौन करेगा?”
उस दिन के बाद से भोला कोई भी बेवकूफ़ी वाला काम नहीं करता और फिर वो दोनों पति-पत्नी खुशी से रहते हैं।
दोस्तो ये Hindi Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!