दो बहुओं का रात में नहाना | Do Bahuon Ka Raat Me Nahana | Saas Bahu Story | Saas Bahu Ki Kahaniya

व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

टेलीग्राम ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” दो बहुओं का रात में नहाना ” यह एक Saas Bahu Story है। अगर आपको Family Stories, Saas Bahu Stories या Saas Bahu Ki Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


हस्तिनापुर नाम का एक छोटा सा गांव था, जिसमें सबरी नाम की एक औरत रहती थी। सबरी के दो बेटे और एक बेटी थी।

उसके दोनों बेटे अरुण और करण शहर में नौकरी करते थे। वो हर रोज़ गांव से शहर बस पकड़ कर जाते और सारा दिन वहाँ काम करते।

फिर देर शाम तक घर लौटते। सबरी अपनी बेटी रीमा के साथ घर में रहती।

एक रोज़…
रीमा, “मां, देखो ना रोटी बनाते वक्त मेरा ये दुपट्टा थोड़ा जल गया।”

सबरी, “अरे! दिखा तो… चल कोई बात नहीं, मैं इसे रफू कर दूंगी, फिर तू इसे ओढ़ लेना।”

रीमा, “नहीं भी ओढ़ूंगी माँ तो क्या फर्क पड़ता है? वैसे भी आजकल कुर्ती और प्लाजो का ज़माना है।”

सबरी, “एक मारूंगी थप्पड़। बहू-बेटियां घर की इज्जत होती हैं। वो जितना खुद को पर्दे में रखें, उतना अच्छा। ला, दुपट्टा इधर दे।”

रीमा, “अच्छा..? जब उन्हीं बहू-बेटियों को बाहर खुले में जाकर नदी में नहाना पड़ता है, तब वो इज्जत कहाँ जाती है?”

सबरी, “अरे! तभी तो कहती हूँ तू रात में ही नदी में नहाने जाया कर। तब वहाँ कोई नहीं आता, सारा गांव सो चुका होता है। चल, अब ला दुपट्टा दे।”

सबरी इस दुपट्टे को रफू कर देती है, जिसके बाद रीमा आंगन में जाकर आंगन को लीपने लगती है।

रीमा, “उफ… हे भगवान! कितनी कड़ाके की धूप पड़ी हुई है। ऊपर से इस गोबर और मिट्टी के लेपन से हाथ-पैर भी गंदे हो गए हैं।

और यहाँ रहकर नहाना तो जैसे हमारे नसीब में ही नहीं। कोई नहीं, हाथ-मुँह ही धो लूंगी। रात में जाकर नदी में नहा लूंगी।”

कुछ देर बाद वह घर लौट आती है और अपनी माँ से कहती है।

रीमा, “माँ, पूरे गांव में सबके घर पर बाथरूम बने हुए हैं, लेकिन बस हमारे यहाँ नहीं है। तुम भैया से कहकर बनवा क्यों नहीं लेती?”

सबरी, “तू तो जानती है न बेटी, तेरे दोनों भाई कितनी मेहनत से रोज़ शहर जाकर पैसे कमाते हैं और देर शाम को गांव वापस लौटते हैं?

तो अब उन्हें बोल भी नहीं सकते ना। जितना है उसी में गुज़ारा कर लेना चाहिए।”

समय बीतता है। रीमा रोज़ रात को जाकर उस नदी में नहाती है।

रीमा, “काश! हम इतने गरीब न होते। हमारे घर में भी एक बाथरूम होता।”

रीमा चुपचाप से नदी में नहाती है और फिर घर लौट आती है। ऐसे ही समय बीतता है। एक रोज़ दोनों भाइयों से उनकी माँ कहती है।

सबरी, “देखो बच्चो, अब तुम्हारी शादी की उम्र हो चली है। मैं चाहती हूँ कि अब तुम शादी कर लो।”

अरुण, “क्या माँ शादी? लेकिन वो..?”

दो बहुओं का रात में नहाना | Do Bahuon Ka Raat Me Nahana | Saas Bahu Story | Saas Bahu Ki Kahaniya

सबरी, “लेकिन क्यों?”

करण, “मां, वो बात ये है कि हमने शहर में पिछले हफ्ते ही अपनी पसंद की लड़कियों से शादी कर ली है।”

अरुण, “हाँ माँ, हमने कई बार आपको ये बताना चाहा लेकिन हिम्मत ही नहीं हुई।”

ये सुनकर सबरी हैरान रह जाती है।

सबरी, “कमबख्तों, बड़ी जल्दी पड़ी थी शादी करने की। खैर, अब कर ही ली है तो कल जब शहर जाओ, तो मेरी दोनों बहुओं को लेकर आओ।”

अरुण, “जी माँ, वो दोनों भी आप लोगों से कब से मिलना चाहती थीं?”

रात को खाना खाकर सब सो जाते हैं। फिर अगले दिन शहर काम पर चले जाते हैं और शाम को बस से लौटते वक्त अपनी पत्नियों को साथ ले आते हैं।)

अरुण, “माँ, यही हैं आपकी दोनों शहरी बहुएं।”

सबरी, “वाह, बड़ी सुंदर हैं। अच्छा तुम दोनों यहीं रुको, मैं अभी आरती की थाली लेकर आती हूँ।”

सबरी हाथ में आरती की थाली लेकर आती है और अपनी दोनों शहरी बहुओं का स्वागत करती है।

सबरी, “आओ मेरी शहरी बहुओं, तुम्हारा इस घर में स्वागत है। अब इसे अपना ही घर समझो।”

दोनों बहुएं अपनी सास के पांव छूती हैं और जैसे ही घर के अंदर आती हैं, तभी लाइट चली जाती है।

नीतू, “ओह गॉड! ये क्या? लाइट चली गई। ऊपर से यहाँ गर्मी भी कितनी हो रही है? मां जी, बाथरूम कहाँ है? थोड़ी देर नहाकर फ्रेश हो जाऊंगी।”

रीमा, “भाभी, अपने घर में बाथरूम नहीं है। अगर नहाना हो तो रात को नदी पर जाकर नहाना पड़ता है क्योंकि तब अंधेरे में कोई हमें देख नहीं पाएगा।”

नीतू, “क्या… नदी में? और वो कितनी दूर है?”

रीमा, “बस थोड़ी दूरी पर ही है। आप ऐसा कीजिए, तब तक हाथ मुंह धोकर ही काम चलाइए। फिर मैं आपके लिए खाना लगा देती हूँ।”

सबरी, “हाँ बहू, हमने आज सब तुम दोनों की पसंद का खाना बनाया है। हमने दोनों बेटों से तुम्हारी पसंद पहले ही पूछ ली थी।”

सोनिया, “आप दोनों सच में बहुत अच्छी हो। वाह! ये कटहल की सब्जी तो मुझे बहुत पसंद है, वो भी रायता पूरी के साथ।”

दोनों बहुएं बड़े शौक से खाना खाती हैं लेकिन साथ ही वो अपने पतियों की गरीबी देखकर हैरान भी होती हैं।

फिर भी अपने ससुराल वालों का प्यार देखकर खुश भी बहुत थीं। खाना खाकर रात को दोनों अपनी ननद के साथ पास वाली नदी में चलने के लिए कहती हैं।)

सोनिया, “चलो ना रीमा, बिना नहाए नींद नहीं आ रही। नदी पर लेकर चलो न।”

रीमा, “ठीक है भाभी।”

कुछ देर बाद वो तीनों नदी में नहाने चली जाती हैं। लेकिन वहाँ पर पहुँचकर नीतू उनसे कहती है।

दो बहुओं का रात में नहाना | Do Bahuon Ka Raat Me Nahana | Saas Bahu Story | Saas Bahu Ki Kahaniya

नीतू, “हे भगवान! हम ऐसी जगह पर कैसे नहा सकते हैं? यहां तो हमें कोई भी देख सकता है और अगर किसी ने चुपके से हमारी वीडियो बना ली

और सोशल मीडिया पर डाल दी तो?ना बाबा ना… मुझे तो बड़ा अजीब लग रहा है।”

रीमा, “अरे! कुछ नहीं होगा भाभी। ये आपका शहर नहीं, हमारा गांव है। यहाँ के लोग बहुत सीधे होते हैं।

और रही बात किसी के आने की, तो रात में यहाँ कोई नहीं आता। अब इतना भी मत सोचो, नहीं तो कल का पूरा दिन भी बिना नहाए ही बिताना होगा और आने वाले न जाने कितने दिन? अब चलो भी।”

अपनी ननद के कहने पर दोनों नई बहुएं कपड़े उतारकर शरीर पर टॉवल लपेटकर उस नदी में नहाने चली जाती हैं।

नीतू, “वाह! इस नदी में नहाकर कितना मज़ा आ रहा है इस चांदनी रात में ठंडे ठंडे पानी में?”

सोनिया, “सचमुच… ये तो शहरों के स्विमिंग पूल से भी बहुत अच्छा है।”

काफी देर तक नहाने के बाद वो फ्रेश होकर घर आ जाते हैं। ये सिलसिला अगले 5 दिन तक ऐसे ही चलता रहा।

फिर एक रात सारा काम निपटाने के बाद वो दोनों नई बहुएं रीमा के साथ नदी पर चली जाती हैं।

लेकिन जब वो नदी में नहा रही होती हैं तभी नीतू को झाड़ियों के पीछे किसी के होने का संदेह होता है।)

नीतू, “मुझे लगता है वहाँ कोई है।”

सोनिया, “मुझे भी ऐसा लगा। ओह गॉड! मेरे कपड़े कहाँ गए?”

नीतू, “अरे! तुम्हारे कपड़े कौन ले गया?”

तभी नीतू जल्दी से तौलिए में बाहर आती है और नदी के पास पड़ा एक डंडा उठा लेती है और जोर-जोर से झाड़ियों में मारती है।

आदमी, “अरे! नहीं… आ आ।”

झाड़ियों के पीछे से एक आदमी निकलता है।

नीतू, “तेरी इतनी हिम्मत..?”

नीतू, “सोनिया, जल्दी से वो डंडा उठा और इसकी इतनी धुनाई कर कि इसकी अकल ठिकाने आ जाए।”

सोनिया और नीतू दोनों उस लड़के की खूब पिटाई करती हैं। दूर खड़ी रीमा बुरी तरह डर रही थी

और दोनों बहुएं उसकी धुनाई कर रही थीं, जिसके बाद वो लड़का अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग जाता है।

रीमा, “ये आदमी अपने गांव का तो नहीं है। लेकिन मैंने तो सोचा भी नहीं था कि कोई ऐसी हरकत भी कर सकता है।”

सोनिया, “हमने तो पहले ही कहा था कि यूं खुले में नहाना ठीक नहीं। शहरों में तो सब बाथरूम में नहाते हैं।”

नीतू, “लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं? हमारे घर में तो एक बाथरूम तक भी नहीं है, जो हम वहीं नहा लें और हमें इस नदी पर न आना पड़े।”

सोनिया, “अगर आज हमारे घर में भी बाथरूम होता, तो हमें ये दिन न देखना पड़ता।”

दो बहुओं का रात में नहाना | Do Bahuon Ka Raat Me Nahana | Saas Bahu Story | Saas Bahu Ki Kahaniya

रीमा, “मैंने तो माँ से कई बार कहा, लेकिन वो हमेशा एक ही बात कहती है कि दोनों भाई बड़ी मुश्किल से शहर में कमाने जाते हैं और घर का खर्च चला पाते हैं, तो हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं।”

ये सुनकर दोनों नई बहुओं को अपने ससुराल वालों की लाचारी पर बड़ी दया आती है।

नीतू, “मुझे लगता है अब हमें ही कुछ करना होगा।”

सोनिया , “आप बिल्कुल ठीक कहती हो, जेठानी जी। अब हमें भी अपने पतियों का साथ देना होगा।”

वो दोनों पढ़ी लिखी थीं, इसलिए वो भी शहर जाकर नौकरी करने का मन बनाती हैं। दोनों मिलकर अपने पतियों की कंपनी में ही नौकरी करने लगती हैं।

वो दोनों सुबह अपने पतियों के साथ निकल जातीं और शाम को ही घर लौटतीं और खूब मेहनत करतीं।

वो सभी मिलकर मेहनत करते हैं। फिर थोड़ी थोड़ी करके दोनों बहुएं पैसे जोड़ती हैं और अपने ससुराल के कच्चे घर को पक्का बनवा देती हैं।

साथ ही उसमें एक बढ़िया सा बाथरूम भी बनवा देती हैं, जिसके चलते अब उन्हें नदी किनारे रात में नहाने नहीं जाना पड़ता।


दोस्तो ये Saas Bahu Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


Leave a Comment

लालची पावभाजी वाला – Hindi Kahanii ईमानदार हलवाई – दिलचस्प हिंदी कहानी। रहस्यमय चित्रकार की दिलचस्प हिंदी कहानी ससुराल में बासी खाना बनाने वाली बहू भैंस चोर – Hindi Kahani