इफरित | IFRIT | Horror Story | Darawani Kahaniyan | Jinn Ki Kahani | Horror Stories in Hindi

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” इफरित ” यह एक Jinn Horror Story है। अगर आपको Hindi Horror Stories, Jinn Horror Story या Darawani Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


राहुल, “अमन, चल ना यार। तू रोज़ लेट करता है। चल अब जल्दी से आजा।”

दिनेश और राहुल अमन के घर का दरवाजा पीटते हुए उसे खेलने के लिए बुला रहे थे।

इससे पहले कि दिनेश फिर से चिल्लाता, अमन हाथ में बैट लिए दोनों के सामने खड़ा था।

अमन, “आज कहाँ जगह मिली?”

दिनेश, “चल ना, एक मस्त जगह मिली है। वहाँ हमें कोई डिस्टर्ब करने नहीं आएगा। मस्त आराम से क्रिकेट खेलेंगे हम लोग।”

दिनेश की बात सुनकर अमन और राहुल के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई। तीनों रास्ते पर चल दिए।

दिनेश, “यार, मैं सोच रहा हूँ गर्मी की छुट्टियों में हम लोगों को क्रिकेट ही खेलना चाहिए। पता नहीं मॉम-डैड को हर बार कहीं जाने की ही क्यों सूझती है?”

राहुल अपनी जेब से बॉल निकालकर उसे हवा में उछालता हुआ कह रहा था कि तभी अमन के कदम अचानक रुक गए।

अमन, “दिनेश, ये तू हमें कहाँ लेकर जा रहे हो? यहाँ मम्मी ने आने से साफ मना किया है।

ये कब्रिस्तान है। माँ कहती हैं कि यहाँ काला जादू और बुरी शक्तियों के लिए लोग आते हैं।

दोस्तों, मैं तो कहता हूँ कि हमें अभी चलना चाहिए। मैच कभी और खेलेंगे।”

अमन को रुकता देख दिनेश और राहुल भी एक पल के लिए सोच में पड़ गए।

राहुल, “अरे यार दिनेश! अभी बस शाम होने ही वाली है। आधे घंटे खेल लेते हैं, फिर चले जाएंगे।

और हम तीन ही तो लोग हैं, एक बैटिंग करेगा, एक बॉलिंग और तीसरा फील्डिंग।

इसमें क्या सोचना? वैसे भी हम कब्रिस्तान में नहीं, बल्कि कब्रिस्तान के दूसरी तरफ खेलेंगे।”

राहुल सबसे कहता हुआ कब्रिस्तान की ओर चल दिया और उसके ठीक पीछे दिनेश भी।

अमन की हिम्मत अभी भी जवाब दे रही थी, लेकिन बाकियों को जाता देख वो भी उनके साथ चल दिया।

तीनों कब्रिस्तान के पीछे जहाँ एक छोटा सा खाली मैदान था, वहाँ पहुँचकर क्रिकेट खेलने लगे।

अमन को बैटिंग मिली, राहुल को बॉलिंग और दिनेश बेचारा ग्राउंड के आखिरी छोर पर खड़ा फील्डिंग कर रहा था।

तभी अमन ने एक शॉट मारा और बॉल कब्रिस्तान के अंदर पहुँच गई।

राहुल, “यार, ये तूने क्या किया? अब बॉल को अंदर से कौन लेकर आएगा?”

दिनेश, “बॉल लाएगा वही, जिसने बॉल अंदर पहुँचाई है।”

अमन, “अच्छा, तो फिर फील्डर किस काम का? बॉल तो उसे ही रोकनी चाहिए थी ना?”

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दिनेश, “अच्छा, तू कहीं भी मारेगा, तो मैं कहीं से बॉल थोड़े ही ना ले आऊँगा।”

तीनों दोस्तों में तर्क-वितर्क शुरू हो गया। तभी अचानक बॉल खुद कब्रिस्तान से वापस आ गई। बॉल को वापस आता देख तीनों चौंक गए।

अमन, “लगता है कोई अंदर है, जो हमारी बातें सुन रहा है।”

इतना कहकर अमन ने तुरंत बॉल उठाई और उसे वापस फेंक दिया।

बॉल एक बार फिर अपने आप वापस आ गई। तीनों दोस्तों को यकीन हो गया था कि जरूर कब्रिस्तान के अंदर कोई है।

अमन, “कौन है अंदर?”

दिनेश ने चिल्लाते हुए पूछा, लेकिन दीवार की तरफ से कोई आवाज़ नहीं आई।

तो इस पर अमन ने बॉल को दोबारा कब्रिस्तान के अंदर फेंक दिया, बॉल एक बार फिर जाकर वापस आ गई।

अब सबको इतना यकीन हो गया था कि कब्रिस्तान के अंदर जरूर कोई है, जो बॉल वापस दे रहा है, बस बोल नहीं रहा है।

राहुल, “क्या आप हमारे साथ क्रिकेट खेलेंगे?”

इस बार राहुल ने ज़ोर से आवाज़ लगाई, पर इस बार भी उसका सवाल खाली ही गया।

तीनों बेचैन हो गए थे। जब किसी से रहा नहीं गया, तो तीनों कब्रिस्तान की दीवार पर चढ़कर अंदर झाँकने लगे।

अमन, “अरे! कहाँ गायब हो गए? कोई है क्या? बॉल कौन वापस फेंक रहा था? ज़रा सामने तो आओ।”

अमन ज़ोर ज़ोर से किसी को पुकारता हुआ आवाज़े लगा रहा था।

सभी बच्चे अब एक पल को शांत होकर कब्रिस्तान की दीवार पर बैठकर पूरे कब्रिस्तान के सन्नाटे को महसूस कर सकते थे।

सबकी नजरें कब्र से होते हुए एक पेड़ पर जा रुकी क्योंकि उस पेड़ से उन्हीं के हम उम्र का एक बच्चा पेड़ की डा़ल से उल्टा लटक झूल रहा था।

अमन, “अच्छा तो तुम थे, जो बॉल फेंक रहे थे?”

बच्चा, “हाँ, मैंने ही बॉल वापस फेंकी थी।”

अमन, “तो हमारे इतना बोलने पर भी तुमने हमारे सवालों का जवाब क्यों नहीं दिया?”

बच्चा, “क्योंकि फिर तुम मुझे बाहर खेलने के लिए बुलाते और अब्बू ने मुझे इस कब्रिस्तान से बाहर जाने से सख्त मना किया है।

कहते हैं कि असली शांति यहीं मिलती है। बाहर बहुत शोर-शराबा है और अंत में सबको यहीं आना होता है। तो फिर यहाँ से बाहर क्यों जाना?”

अमन, “अरे! तुम चिंता क्यों करते हो? तुम बाहर नहीं आ सकते तो क्या हुआ, हम लोग तो अंदर आ गए।”

इतना कहते ही तीनों कब्रिस्तान के अंदर छलांग लगा दी। पर अब सबकी नजरें एक खाली मैदान को तरस रही थीं, जहाँ वो लोग खेल सकते थे।

इस पर, पहले से कब्रिस्तान के अंदर मौजूद उस बच्चे ने खुद ही कहा, “क्या हुआ?

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खेलने की जगह ढूंढ रहे हो क्या? चलो आओ मेरे पीछे, मैं तुम्हें एक जगह ले चलता हूँ।”

इतना कहकर वो बच्चा दिनेश, अमन और राहुल को अपने साथ लिए खाली मैदान की ओर चल दिया।

जगह तो अच्छी थी, पर कब्रिस्तान के दूसरे कोने पर थी। सबने अभी क्रिकेट खेलना शुरू ही किया था कि शाम हो गई।

तीनों ने एक-दूसरे से फुसफुसाते हुए कहा, “अब जल्दी हमें घर चलना चाहिए, वरना माँ बहुत गुस्सा करेंगी।”

दिनेश, “अच्छा, हम सब चलते हैं। कल फिर आएँगे तुम्हारे साथ खेलने के लिए।”

दिनेश के कहते ही राहुल और अमन उसके पीछे चल दिए। पर अब हालात पूरी तरह से बदल चुके थे।

तीनों दोस्त अभी कुछ ही कदम दूर गए थे कि तीनों एकदम से हवा में उड़ने लगे।

दिनेश, “अमन, ये हम सबको क्या हो रहा है? हम लोगों को हवा में किसने उडाया?”

अमन, “पता नहीं दिनेश, ये सब कौन कर रहा है?”

सभी बच्चो को डर सता रहा था। सबकी जान उनके हलक में अटकी हुई थी कि तभी राहुल ने चीखते हुए कहा।

राहुल, “दिनेश और अमन, वो देखो! वो बच्चा ही ये सब कर रहा है।”

राहुल के इशारे पर जब अमन और दिनेश ने भी उस बच्चे को देखा, तो उसकी आँखें बंद थीं और वो कुछ मंत्र बुदबुदाते हुए लगातार एक विशाल राक्षस में बदलता जा रहा था।

यह देख सभी बच्चे हवा में ही छटपटाने लगे। उन्हें अब उनकी मौत साफ दिखाई देने लगी थी।

जो बच्चा कुछ देर पहले अमन और दिनेश के साथ क्रिकेट खेल रहा था, वही बच्चा अब एक भयानक इफ़्रित का रूप ले चुका था।

अमर, “कौन हो तुम और क्या चाहते हो हमसे?”

राहुल, “देखो, तुम्हें जो चाहिए, मैं पापा से तुम्हें दिलवा दूंगा। प्लीज़, हमें छोड़ दो। प्लीज़ हमें जाने दो।”

अमन और राहुल रोते हुए उस इफरित से कह रहे थे, पर उस राक्षस ने तीनों बच्चों में से किसी की नहीं सुनी।

राक्षस, “मैं इफरित हूँ इफरित और तुम तीनों मेरा शिकार हो। अब तुम्हें मुझसे कोई नहीं बचा सकता।”

इतना कहकर इफरित उड़ता हुआ सीधा दिनेश के पास गया और उसे गर्दन से पकड़कर उसके जिस्म से उसका सारा खून चूसने लगा।

दिनेश को अपने सामने तड़पता देख राहुल और अमर की रूह कांप गई। इफरित को इतनी बेरहमी से दिनेश को मारता देख अमन और राहुल के डर के मारे खून सूखने लगा था।

दिनेश के बदन से सारा खून इफरित चूस चुका था, पर दिनेश का मुर्दा शव अभी भी हवा में ही लहरा रहा था।

दिनेश को खत्म कर इफरित का अगला शिकार राहुल था। उसने राहुल को पकड़ा और वही किया, जो उसने दिनेश के साथ किया था।

इफ़रत ने पहले तो राहुल का सर पकड़ उसकी दोनों आँखें फोड़ दी। राहुल को तड़प को देख अमन की आँखों से आँसू नहीं रुक रहे थे।

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इसके बाद उसने अमन की आंखों के सामने ही राहुल के शरीर से भी सारा खून पी उसे मुर्दा कर दिया।

दिनेश के साथ दरिंदगी और राहुल के साथ होती हैवानियत देख अमन को दिल का दौरा पड़ गया।

इफरित ने अमन को छुआ ही था, लेकिन अमन तो पहले से ही मर चुका था। पर इफरित ने अमन के मुर्दा शरीर को भी नहीं छोड़ा।

उसने उसके साथ भी वही किया, जो उसने दिनेश और राहुल के साथ किया था। तीनों के मुर्दा शरीर अब हवा में ही लहरा रहे थे।

तीनों बच्चों का खून पी इफरित पहले से और ताकतवर और बलवान हो चुका था।

उसने तुरंत ही कुछ मंत्र पढ़े और जमीन पर तीन कब्रें बन गयी और अगले ही पल तीनों बच्चों के मुर्दा शरीर हमेशा हमेशा के लिए कब्र के अंदर दफन हो गए।

फिर इफरित वापस पेड़ पर जाकर उलटा लटक गया और धीरे धीरे विलुप्त हो गया। पूरी कॉलोनी में तीनो बच्चों के गायब होने की खबर आग की तरह फैल गई।

मामला सीबीआइ तक जा पहुंचा, लेकिन कोई भी बच्चों को ढूंढ नहीं पाया।

मगर आप तो जानते ही हैं कि आखिर इन बच्चों को इफरित ने मारा था। दरअसल, इफरित का जिक्र कुरान में किया गया है।

इफरित बहुत ज्यादा ताकतवर और होशियार होता है। ये हमारे साथ हमारी ही दुनिया में हमारे बीच रहता है।

इनका दुनिया में सिर्फ एक मकसद है कि अपनी जनजाति और अपनी प्रजाति को बढ़ावा दे सकें और ऐसे कई इफरित को पैदा कर सकें,

जो एक दिन इंसानों को अपना गुलाम बना, इंसानियत पर हुकूमत करें।

पर ऐसा बहुत जगह पर लिखा गया है कि काले जादू से इफरित को मारा जा सकता है और मारा भी गया है।

पर आज की दुनिया में विद्या विलुप्त होती जा रही है। या फिर इफरित के नाम पर बहुत भ्रम या धोखे फैलाये जा रहे हैं?

पर सच तो ये है की जिसने भी इफरित को असली ज़िन्दगी में देखा भी है, वो किसी को बताने के लिए जिंदा ही नहीं बचा।


दोस्तो ये Horror Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


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