हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” लाल इश्क ” यह एक Horror Story है। अगर आपको Hindi Horror Stories, Horrible Stories या Darawani Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
राज़, “हार गया हूं मैं अपनी जिंदगी से। मैंने दिलो जान से चाहा था तुम्हें और तुमने महज़ कुछ चांदी के सिक्कों के लिए मेरा साथ छोड़ दिया।
क्या कमी थी मुझमें? क्या मैं तुम्हारे काबिल नहीं था? क्या मेरे पास दौलत नहीं थी?
आखिर क्यों किया तुमने मेरे साथ ऐसा? ऐसी क्या बात थी कुश में श्रुति जिसके लिए तुमने मुझे छोड़ दिया?
याद रखना जिस तरह मैं तड़प रहा हूं, उसी तरह तुम भी तड़पोगी, मौत की भीख मांगोगी याद रखना। मेरी बात को श्रुति याद रखना।”
ये आखिरी अल्फाज़ थे राज़ के। इसके बाद मोबाइल की बैटरी लो हो गई और फिर फ़ोन ब्लिंक करके बंद हो गया।
राज़ के अंकल फ़ोन पर उसकी सुसाइड वीडियो को देख कर रो रहे थे।
अंकल, “अरे! कौनसी मनहूस घड़ी में पाला पड़ा था राज़ का इस चुड़ैल से? डायन खा गई मेरे भतीजे को।”
इतना कहकर राज़ के अंकल ने सामने बैठे एक तांत्रिक को फ़ोन थमाते हुए कहा,
अंकल, “ये लीजिये राज़ का मोबाइल और जैसा बोला है ठीक वैसा ही कीजियेगा।”
तांत्रिक भी राज़ का मोबाइल अपने हाथ में ले उस पर लाल सिन्धुर लगा और एक नींबू रख कुछ मंत्र बुद बुदाने लगा।
इधर एक लड़की शादी के जोड़े में आईने के सामने बैठी सज सवर रही थी।
बाहर बारातियों के स्वागत की तैयारी जोरों शोरों से चल रही थी, जिसका शोर वो साफ सुन सकती थी
और अचानक एक लड़का हांफते हुए उसके कमरे में आया।
लड़का, “श्रुति, तुझे राज़ का पता चला?”
श्रुति ने जैसे ही राज़ का नाम सुना, तो उसकी सांसे फड़क उठीं।
श्रुति, “क्या कह रहा है, मिलन? आज शादी है मेरी और तू राज़ का नाम लेकर मेरी शादी तोड़ना चाहता है। बल्कि तुझे तो सब पता है ना? फिर भी…।”
मिलन, “हाँ, मुझे सब पता है। लेकिन तुझे ये नहीं पता कि राज़ ने सुसाइड कर लिया है।”
श्रुति ये सुनते ही खड़ी हो गई। उसके मन में राज़ का नाम गूंजने लगा था।
बाहर इतने शोर के बाद भी श्रुति का दिल और दिमाग एकदम सुन्न पड़ गया था।
मिलन, “श्रुति, तूने सुना मैंने क्या कहा? राज़ ने सुसाइड कर लिया है।”
मिलन की ये बात श्रुति के कानो में गूंज रही थी कि तभी उसने बुदबुदाते हुए बस इतना कहा,
श्रुति , “राज़ का मोबाइल…।”
लाल इश्क | LAAL ISHQ | Horror Story | Darawani Kahaniyan | Scary Story | Horror Kahani in Hindi
मिलन, “क्या मोबाइल…? ये तू क्या बोल रही है?”
श्रुति, “हाँ, मुझे राज़ का मोबाइल चाहिए वरना सब खत्म हो जाएगा मिलन।”
मिलन , “तुम होश में तो हो। कुछ घंटों में तेरी शादी है और तुझे राज़ का मोबाइल चाहिए। तू सच में हिल गई है।
मैं तो बस यहाँ ये सब बताने आया था। वैसे एक बात बोलूं? तूने उस बेचारे के साथ अच्छा नहीं किया।”
श्रुति, “हर किसी को अपने लिए बेहतर चुनने का हक है और मैंने भी वही किया।
इसमें क्या सही है, क्या गलत है, मुझे नहीं पता। वैसे तुझे ये खबर कहाँ से मिली?”
मिलन, “क्या मतलब? मैं अभी खुद उसकी लाश को मुर्दा घर में देखकर आया हूँ। अभी तो उसका पोस्टमॉर्टम भी नहीं हुआ है।”
मिलन की बात सुन श्रुति ने बुदबुदाते हुए कहा,
श्रुति, “तो शायद से उसका फ़ोन उसकी लाश के पास ही होगा।”
श्रुति ने खुद से कहा और मिलन का हाथ पकड़कर घर के पीछे वाले दरवाजे से सीधा मुर्दा घर की ओर चल दी।
मिलन, “श्रुति, तूने पहले भी गलत किया था और तू अब भी गलत कर रही है। कुछ घंटों में तेरी शादी है और तुझे अभी भी वो फ़ोन सूझ रहा है।”
श्रुति, “मैं कोई पागल नहीं हूँ, जो दो कौड़ी के फ़ोन के लिए अपनी शादी छोड़कर आऊं।
राज़ के फ़ोन में मेरे कुछ प्राइवेट फोटोज और वीडियो है, जो अगर पुलिस या किसी और के हाथ लग गयी तो मेरा पूरा खानदान तबाह हो सकता है।”
मिलन, “अब ये क्या नई बकवास शुरू कर रही हो तुम?”
श्रुति, “हाँ मिलन, ये सच है। अगर वो फ़ोन मुझे नहीं मिला तो आने वाली ज़िन्दगी का हर एक लम्हा मैं एक डर के साये में जियूंगी।
क्यूंकि मेरी शादी जिससे हो रही है वो इस प्रदेश के चीफ मिनिस्टर का साला है, जिसके लिए मैं एक संस्कारी और आदर्श बहू बनने वाली हूँ।
और तुझे तो पता ही है ना, मिनिस्टर कितना कमीना है? तू खुद भी तो एक रिपोर्टर है ना? सारे कच्चे चिट्ठे जानता है तू।”
श्रुति की सारी बात सुन मिलन ने भी अपनी गर्दन झुका ली और चुपचाप सीधा मुर्दाकर की ओर चल दिया।
तेजी से बढ़ते कदम श्रुति की घबराहट को साफ ज़ाहिर कर रहे थे। मुर्दाघर लाशों से भरा पड़ा हुआ था।
यहाँ तक की जमीन पर भी कुछ लावारिस लाशें बिखरी हुई थीं। लाशों की तादाद इतनी थी कि राज़ की लाश तक पहुंचना खुद वार्ड बॉय के लिए भी मुश्किल हो रहा था।
तभी श्रुति ज़ोर से चीख पड़ी क्योंकि श्रुति का दुपट्टा एक लाश के हाथ में फंस गया था और उस लाश का केवल धड़ ही था, सिर था ही नहीं।
फिर भी उसने किसी तरह खुद को संभाला और राज़ को देखने के लिए आगे बढ़ी। श्रुति को राज़ के अंतिम दर्शन कराए गए।
वो लाश के ऊपर सिर लगकर फूट फूटकर रोने लगी थी, पर उसके हाथ अभी भी राज़ के फ़ोन की तलाश कर रहे थे।
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पर उसे वो फ़ोन कहीं नहीं मिला। लेकिन लाश को देखकर यही लग रहा था कि अभी तक उसका पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ है। तो फिर वो फ़ोन कहाँ जा सकता है?
श्रुति इन सब सवालों से जूझ ही रही थी कि अचानक ही मुर्दाघर की लाइट चली गई। चारों तरफ खूब अंधेरा पसर गया।
तभी श्रुति ने एक आवाज सुनी। कोई अंधेरे में उसे अपने पास बुला रहा था।
आवाज, “श्रुति… इधर श्रुति, अरे! देख तो सही तेरे सामने हूँ मैं।”
श्रुति अंधेरे में देखने लगी, पर उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था
श्रुति, “मिलन, ये तुम हो क्या? क्या तुम मुझे बुला रहे हो?”
श्रुति मिलन को आवाज लगाती हुई अंधेरे में ही लाशों के ऊपर चलते हुए भटक रही थी। कि तभी भी मुर्दाघर की लाइट आ गई।
पर अब पूरे मुर्दाघर में सिर्फ श्रुति अकेली जिंदा बची थी। खुद को अकेला पाकर उसकी साँसे और तेज हो गई।
उसने बाहर जाने की ओर कदम बढ़ाया ही था कि तभी एक एक करके लाशें खड़ी होने लगी।
लाशें अपने आप ही से निकल श्रुति की तरफ चली आ रही थीं। किसी लाश की आँखें नहीं थी,
तो किसी के हाथ या पैर, तो किसी की अंतड़ियां पेट से साफ लटक रही थी, तो किसी का सिर ही नहीं था।
इतना भयानक मंजर देख श्रुति मदद बुलाने के लिए आवाज तो लगा रही थी, पर उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया।
क्योंकि वो चीख रही थी, चिल्ला रही थी पर बिना किसी आवाज के। उसके गले से शब्द ही नहीं फूटे थे।
देखते ही देखते एक एक कर लाशों ने उसे दबा दिया। उसका दम घुटने लगा था।
उसकी हालत इतनी बदतर हो चुकी थी कि उसका नाखून तक लाशों के नीचे दब चुका था।
तभी सब कुछ एक दम शांत हो गया कि अचानक ही श्रुति का फ़ोन वाइब्रेट करने लगा और अगले ही पल वो लाशों को चीरते हुए बाहर आ गई।
उसका बदन खून से भीग रखा था और कौने में उसे मिलन की उथड़ी हुई लाश भी दिखी।
उसकी नजर मोबाइल के स्क्रीन पर गई। राज़ का कॉल आ रहा था जबकि राज़ की लाश ठीक उसके सामने थी।
उसने कांपते हुए मोबाइल कान पर लगाया और बस इतना कहा, “हैलो राज़!”
पिता, “श्रुति कहाँ है? बारात दरवाजे पर खड़ी है और उसका कुछ पता नहीं है। किसी ने देखा क्या उसको?”
एक आदमी सब से पूछते हुए बारात के स्वागत के लिए जा रहा था। बारात भी पूरे ज़ोर शोर के साथ दरवाजे पर खड़ी थी,
पर इससे पहले कि वो दरवाजे तक पहुँच पाता, शादी का शोर मैयत की शांति में बदल गया और सबकी नजरें भीड़ को चीरती हुईं खून से लतपथ एक लड़की पर जा अटकी।
वो लड़की कोई और नहीं, बल्कि श्रुति ही थी और वो अपनी बारात को चीरती हुई अपने कंधे पर राज़ की लाश लिए सीधा मंडप की ओर चले जा रही थी।
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पिता, “श्रुति, ये क्या हाल बना रखा है तुमने अपना? आज तुम्हारी शादी है और मैंने मना किया था इस राज़ से दूर रहने के लिए।
पर तुम इसे अपने कंधे पर उठा सीधा शादी भी ले आयी, तुम्हे पता भी है तुम्हारी इस हरकत से हमारी जान भी जा सकती है?”
श्रुति ने अपने पिता की बात सुनी तो थी पर वो रुकी नहीं। वो मंडप पर पैर रखने ही वाली थी कि तभी पिता ने श्रुति का हाथ पकड़ उसे वापस खींचा ही था
कि श्रुति ने अपने पिता को एक लात मार मंडप से दूर फेंक दिया और चीखते हुए बोली,
श्रुति , “खबरदार जो तूने मेरे होने वाले पति को छूने की भी कोशिश करी तो मैं तेरा भी वही हाल करूँगी, जो तूने मेरे राज़ का किया था।”
पिता, “ये क्या अनाप शनाप बक रही हो तुम? पहले अंदर चलो, बैठकर बात करते हैं।”
पर श्रुति ने अपने पिता की एक नहीं सुनी और सीधा मंडप में बैठ गई और राज़ की लाश को अपने बगल में बिठा पंडित से गुस्से में कहा,
श्रुति, “अगर तू अपनी जान की सलामती चाहता है तो जल्दी मंत्र पढ़ना शुरू कर, वरना इसी हवन कुंड की अग्नि में मैं तुझे जिंदा जला दूंगी।”
श्रुति की बात सुन पंडित भी डर गया। उसने तुरंत ही मंत्र पढ़ना चालू कर दिए
और अग्नि कुंड में आहुति डालने लगा। प्रदेश की सारी मीडिया इसको लाइव न्यूस की तरह टेलीकास्ट कर रही थी।
सब लोग ये देखकर हैरान थे कि भला कोई लड़की किसी लाश से कैसे शादी कर सकती है?
तभी श्रुति राज़ की लाश को गोद में उठाये फेरे लेने लगी। तब उसके पिता ने अपने सिर पर बंदूक तानते हुए कहा,
पिता, “रुक जा श्रुति, वरना मैं खुद को गोली मार लूँगा और मेरी मौत की जिम्मेदार तू होगी तू।”
श्रुति, “ठीक उसी तरह जिस तरह राज़ की मौत के जिम्मेदार आप हैं… सिर्फ और सिर्फ आप।”
पिता , “मैंने राज़ को नहीं मारा बल्कि उसने तो सुसाइड…।”
श्रुति, “नहीं पिताजी, बल्कि आपने उसे इस तरह से मारा कि सब को सुसाइड लगे।
क्योंकि आपको पता चल गया था कि मैं और राज़ आज रात भागने वाले हैं।
इसलिए कल को कोई हंगामा ना खड़ा हो जाए, आपने पहले उससे सुसाइड का वीडियो रिकॉर्ड करवाया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया।
वो तो मिलन की वजह से मुझे राज़ की मौत का पता चला और मैं बहाने से उस तक पहुँच गई।
वरना आपने तो उसकी लाश को भी ठिकाने लगाने का सोच लिया था।”
श्रुति की बात सुन सारे मीडिया के कैमरे उसके पिता पर ही तन गए।
सबको अब एक प्यार करने वाले जोड़े पर तरस आ रहा था और एक बाप से घिन। तभी पिता ने गरजते हुए कहा,
पिता , “हाँ, मैंने मरवाया राज़ को, वो भी तेरे भले के लिए। तेरी अच्छी ज़िन्दगी के लिए लेकिन तुने सब बर्बाद कर दिया श्रुति, सब बर्बाद कर दिया।
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पर अगर तूने अपना ये आखिरी फेरा पूरा किया, तो मैं तुझे गोली मार दूंगा।”
श्रुति के पिता उस पर बंदूक ताने कह रहा था, पर श्रुति भी राज़ की लाश को गोद में उठाये आखिरी फेरा लेने के लिए बढ़ चुकी थी
और इधर पिता की उंगलिया भी ट्रिगर को दबाने के लिए मजबूर थी। कि तभी किसी ने पिता का हाथ पकड़ और उसकी दिशा बदल दी
और गोली घोड़े पर बैठ के दूल्हे को जा लगी। चारों ओर एक दम से हल्ला हो गया। लोग बेसुदी इधर उधर भागने लगे।
दूल्हे का चाचा, “मेरे भतीजे को मारा तूने, मैं तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगा।
मैं तो पहले ही तेरी बेटी पर काला जादू करके उसे मारने की सोच रहा था, पर तांत्रिक ने राज़ की आत्मा से मेरी बात कराई।
तब मुझे सच का पता चला। उसे मारने में मिलन का भी हाथ था, इसलिए मैंने उसे मुर्दाघर में ही खत्म करवा दिया।
पर तेरी बेटी को छोड़ दिया, इसलिए ही तेरी बेटी मुर्दाघर से जिंदा वापस आई हैं।
सच जानने पर मैंने तेरी बेटी को काली शक्तियों से इतना ताकतवर कर दिया कि अब वो तेरी भी नहीं सुनेगी।
राज़ के अंकल श्रुति के पिता से चढ़पते हुए ये सब बोल ही रहे थे कि तभी दो गोली और चली पर भीड़ ने रुकने का नाम नहीं लिया।
कुछ पल बाद जब सब कुछ शांत हो गया तो जमीन पर तीन लाशें मिली।
एक दूल्हे की, दूसरी श्रुति के पिता की और तीसरा इंसान था राज़ के अंकल, जिसने उसके पिता को गोली चलाने से रोका था
और उसी झड़प में अपनी और श्रुति के पिता की भी जान गवा दी और श्रुति और राज़ का कुछ पता नहीं चला।
मामला पहले ही हाई प्रोफाइल था, इसलिए श्रुति को ढूंढने के लिए सीबीआइ एन्क्वारी भी बैठी।
अब इस हादसे कुछ 4 साल हो गए और श्रुति का किसी को कुछ पता नहीं है।
दोस्तो ये Horror Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!