हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” मंजरी ” यह एक True Horror Story है। अगर आपको Hindi Horror Stories, Haunted Stories या Scary Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
एक बड़े से घर के कमरे में एक लड़की बेड पर लेटी हुई थी। उसके पास उसकी दो बहनें, दिशा और प्रियंका खड़ी थीं और सामने उसकी माँ खड़ी-खड़ी आँसू बहा रही थी।
लड़की, “आह….आह! मम्मी..।”
ये लड़की बुरी तरह चीख-चिल्ला रही थी।
पल्लवी, “नेहा बेटा, अभी डॉक्टर आने वाले हैं। तुम बस थोड़ा सब्र कर लो।”
दिशा, “माँ, इसको क्या हो रहा है? ये इस तरह से बिहेव क्यों कर रही है?”
नेहा ने अपनी माँ को देखा और भयानक अंदाज़ में हँसने लगी,
नेहा, “हा हा हा… ये नहीं बचने वाली, नहीं बचेगी ये। हा हा हा…।”
तभी अचानक से नेहा के चेहरे पर दर्द के भाव नजर आने लगे। उसकी आँख और नाक से खून बहने लगा और दर्द भरी चीखें उसके मुँह से निकलने लगीं।
उसका पेट किसी गुब्बारे की तरह फूलने लगा और अचानक से फट गया। उसके बेड पर खून ही खून फैल गया और उसकी मौत हो गई।
पल्लवी, “नहीं…।”
कुछ महीने बाद…
शाम के 7:00 बजे थे। राजवीर बाइक राइड कर रहा था और प्रियंका उसके पीछे बैठी थी।
प्रियंका, “मुझे पता है, तुम बाइक इतनी तेज़ क्यों चला रहे हो? ताकि मैं तुमसे और ज़्यादा चिपक कर बैठ जाऊँ, है ना?”
राजवीर मुस्कुराया।
दिशा अपने कमरे में बिल्कुल अकेली थी और बार-बार खिड़की की तरफ देख रही थी।
दिशा, “ये इडियट हमेशा लेट आता है, सुस्त कहीं का।”
तभी बेड के नीचे से किसी ने उसका पैर पकड़ लिया।
दिशा, “आह..!”
उसने बेड के नीचे झुककर देखा तो वहाँ कोई नहीं था। तभी खिड़की के रास्ते कोई अंदर आया।
करन, “हैलो डार्लिंग!”
दिशा, “आ गए तुम, इडियट? इतना टाइम लगता है?”
करन, “अरे! सॉरी यार, बस घर से निकलने में देर हो गई। देखो, मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ?”
करन अपनी पॉकेट से कुछ निकालने वाला था, तभी अचानक से उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं।
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उसने देखा कि दिशा के ठीक पीछे काले लिबाज़ में एक औरत खड़ी है। उसका चेहरा बहुत भयानक था। आँखें लाल-लाल थीं और मुँह से खून टपक रहा था।
दिशा, “क्या हुआ?”
अब दिशा ने पाया कि करन उसके पीछे देख रहा है, तो उसने भी पीछे पलट कर देखा। उस औरत का भयानक चेहरा देखकर उसके मुँह से चीख निकली।
वह भयानक औरत काले धुएं का रूप लेकर दिशा के अंदर समा गई और दिशा ज़मीन पर गिरकर तड़पने लगी।
करन, “दिशा, उठो। आर यू ओके?”
पल्लवी, “ये आवाज़ दिशा के कमरे से आ रही है।”
पल्लवी और रौनित भागकर उसके कमरे में पहुँचे और सामने का दृश्य देख कर उनका कलेजा मुँह को आ गया।
करन ज़मीन पर मरा पड़ा था और दिशा उसके सीने से मांस नोचकर खा रही थी।
दिशा, “कितना स्वादिष्ट मांस है इसका?”
ये कहकर वह धड़ाम से बेहोश हो गई। कुछ देर बाद प्रियंका भी राजवीर के साथ घर पर पहुँची और यह दृश्य देखकर उसका भी दिल दहल उठा।
रौनित, “कुछ महीनों पहले हमारी नेहा के साथ भी ऐसा ही हुआ था और आखिर में हमने उसको खो दिया। कहीं दिशा के साथ भी तो…?”
पल्लवी, “नहीं नहीं, ऐसा मत बोलो। कुछ नहीं होगा, कुछ नहीं होगा मेरी दिशा को।”
पल्लवी दिशा का सिर सहलाने लगी। रौनित ने दिशा को उठाया और बेड पर लिटा दिया।
रात में कई बार दिशा उठती और अजीब तरह से चीख-पुकार करते करते फिर से बेहोश हो जाती। उसकी इस हालत से सभी परेशान थे।
प्रियंका, “पापा, प्लीज़ आप डॉक्टर को बुला लीजिए। कहीं कुछ हो ना जाए?”
रौनित, “इस वक्त डॉक्टर को यहाँ बुलाने का कोई फायदा नहीं होगा। उसके एरिया में एंटर करने वाला गेट अब बंद हो चुका होगा।”
ये सभी दिशा के पास ही बैठे रहे। ठीक 3:00 बजे दिशा के शरीर में अजीब सी कपकपी होने लगी।
पल्लवी, “दिशा बेटा…।”
दिशा (दूसरी आवाज़ में), “मैं इसको नहीं छोड़ने वाली, इसको साथ लेकर जाऊँगी!”
दिशा के आंख, कान और मुँह से खून निकलने लगा और उसका पेट भी किसी गुब्बारे की तरह फूलने लगा।
पल्लवी, “नहीं, मेरी बच्ची को कोई बचाओ।”
प्रियंका और पल्लवी दोनों दिशा से लिपट गईं, लेकिन दिशा का पेट बहुत तेजी से फूल रहा था।
उसने प्रियंका के बालों को बहुत ज़ोर से नोचा। दिशा ने प्रियंका के बालों की एक लट तोड़कर उसे अपने मुँह में रख लिया और तभी उसका पेट किसी गुब्बारे की तरह फट पड़ा।
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पल्लवी, “नहीं।”
रौनित, “नहीं…।”
दिशा की मौत से पूरा परिवार बुरी तरह टूट गया था। अगले दिन दिशा का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
यह सभी उसकी जलती चिता को देखकर आँसू बहा रहे थे। पल्लवी और प्रियंका दोनों ही इतने सदमे में थीं कि उनके मुँह से कुछ नहीं निकल रहा था।
रौनित, “प्रियंका, तूने कुछ नहीं खाया, प्लीज़ कुछ तो खा ले।”
प्रियंका, “मेरी एक बहन दो महीने पहले और मेरी दूसरी बहन को मैंने कल खो दिया है। मुझ पर क्या बीत रही है, ये सिर्फ मैं ही जानती हूँ?”
रौनित, “तुम अब इस घर की इकलौती बेटी हो। अपना ध्यान तो तुम्हें ही रखना पड़ेगा ना?”
प्रियंका, “मैं बाथरूम से आती हूँ।”
प्रियंका बाथरूम में गई। उसने वॉशबेसिन में अपना चेहरा धोया। तभी उसने आईने में देखा कि उसके ठीक पीछे वही काले लिबाज़ वाली भयानक औरत खड़ी थी।
औरत, “हा हा हा… हा हा हा।”
प्रियंका, “कौन है?”
प्रियंका ने पीछे मुड़कर देखा तो उसने प्रियंका की गर्दन पकड़ ली।
प्रियंका, “छोड़ो!”
प्रियंका ने खुद को छुड़ाया और बाहर भाग निकली।
प्रियंका, “बाथरूम में… मेरे साथ…?”
प्रियंका की आँखें खौफ से भरी थीं और उसके मुँह से आधे-अधूरे अल्फ़ाज़ निकल रहे थे।
रात के वक्त प्रियंका अपने कमरे में सो रही थी। उसकी सिर्फ आँखें बंद थीं और नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी।
तभी उसे महसूस हुआ कि उसके चेहरे पर कुछ टपक रहा है। उसने आँखें खोलीं तो पाया कि सीलिंग फैन पर वही भयानक औरत बैठी हुई है और उसके मुँह से खून प्रियंका के चेहरे पर टपक रहा है।
प्रियंका वहाँ से उठती, इससे पहले ही वह औरत प्रियंका पर कूद गई।
प्रियंका, “आह! मम्मी, बचाओ। राजीव…।”
ये तीनों अब उसके कमरे की तरफ भागे और उन्होंने पाया कि वो अपने बैड पर नहीं है।
राजीव, “प्रियंका, कहाँ हो तुम?”
प्रियंका (दूसरी आवाज में), “तेरी बेटी यहाँ है, रौनित।”
इन तीनों ने ऊपर गर्दन उठाकर देखा तो प्रियंका कबर्ड के ऊपर पैर लटकाए बैठी हुई थी।
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उसकी आँखें लाल थीं, बाल खुले हुए थे, और जुबान से खून टपक रहा था। वह अचानक से रौनित पर कूद गई।
राजीव, “प्रियंका, हटो।”
राजीव ने प्रियंका को रोनित से अलग किया और प्रियंका शांत भाव से अपने पापा को देखते हुए बोली, “तेरी वजह से मेरी बेटी चित्रलेखा की जान गई थी।
अब तू भी अपनी इस आखिरी बेटी को अपनी आँखों के सामने मरते हुए देखेगा।”
ये सुनते ही रोनित के पैरों तले ज़मीन निकल गई। वह अपने घुटनों पर आ गया और उसकी आँखों से आँसू ऐसे फूटने लगे जैसे उसे अपनी किसी बड़ी गलती का पछतावा हो रहा हो।
राजीव, “डैडी, आपको कुछ पता है तो बता दीजिए। ये किस चित्रलेखा की बात कर रही है?”
रौनित, “ये बात 23 साल पुरानी है। मैं उस टाइम गाँव की एक लड़की चित्रलेखा से प्यार करता था।
उसके पिता नहीं थे, ना ही कोई भाई-बहन। सिर्फ एक माँ थी, जो उसे बहुत प्यार करती थी।
मैं उससे प्यार जरूर करता था लेकिन शादी के बारे में कन्फर्म नहीं था। फिर पापा ने मुझे यहाँ शहर में भेज दिया और यहाँ आने के बाद मैं चित्रलेखा को भूल गया।
फिर मुझे यहाँ पल्लवी मिली और मैंने उसी से शादी कर ली।”
राजीव, “तो आपको नहीं पता था कि चित्रलेखा और उसकी माँ का क्या हुआ?”
रौनित, “नहीं, मुझे कुछ भी नहीं पता।”
राजीव, “ठीक है, पापा। आप मुझे आपके गाँव का नाम बताइए, मैं वहीं जाकर पता करूँगा उसके बारे में।”
अब रोनित ने राजवीर को अपने गाँव माधवगढ़ का पता बता दिया। राजवीर उसी वक्त माधवगढ़ पहुँचा और वहाँ उसकी मुलाकात एक आश्रम में रहने वाले स्वामी से हुई।
स्वामी, “चित्रलेखा हमारे गाँव की सबसे खूबसूरत लड़की थी। वो रोनित से बहुत प्यार करती थी।
इसलिए जब रोनित यहाँ से शहर चला गया, तो वह बहुत पहचान रहने लगी। रोनित का ना कोई खत आया और ना वह खुद आया।
चित्रलेखा ने उसके गम में खाना-पीना छोड़ दिया और एक दिन वह इस दुनिया से चली गई।”
चित्रलेखा की मां, “उस रौनित ने मेरी फूल जैसी बच्ची के दिल से खेला। मैंने अपनी आँखों के सामने उसकी जान जाते हुए देखा है।
अब वो भी अपनी हर बेटी की जान अपनी आँखों के सामने जाते हुए देखेगा।”
स्वामी, “मंजरी ने अंदर बंद होकर काली विद्या शुरू की और फिर एक दिन रहस्यमयी तरीके से उसकी मौत हो गई।
उसने अपनी आत्मा का त्याग काली शक्तियों को दे दिया, इसलिए मरने के बाद वह और शक्तिशाली हो गई।
फिर उसने रोनित की सबसे छोटी बेटी के शरीर पर कब्ज़ा करके उसकी जान ले ली।
लेकिन वो एक बार किसी के शरीर में घुस जाए तो उसके मरते ही उसे दूसरे शरीर की ज़रूरत पड़ती है।
इसलिए नेहा के मरते ही उसने दिशा के शरीर में वास किया और दिशा के मरते ही अब वो प्रियंका के शरीर के अंदर है।”
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राजवीर, “स्वामी जी, प्रियंका को बचाने का कोई तो रास्ता होगा, ना? प्लीज़ मुझे बता दीजिए।”
स्वामी, “तुमको एक साधना करनी पड़ेगी। तीन रातों की एक साधना।”
ये कहकर स्वामी जी ने राजवीर को एक विधि बताई। राजवीर सभी सामग्री के साथ कुंड के सामने ज़मीन पर बैठ गया
और अपने सामने एक कील को रखकर उसने साधना शुरू की। इस तरफ रोनित और पल्लवी प्रियंका के पास बैठे हुए थे।
पल्लवी, “राजवीर वहाँ पहुँचा या नहीं, उसकी कोई खबर नहीं है? ना उसका मोबाइल लग रहा है।”
रौनित, “भगवान पर भरोसा रखो। मैं तो अपनी बेटियों को नहीं बचा पाया, लेकिन राजवीर जरूर अपने प्यार को बचा पाएगा।”
राजवीर की कोई खबर नहीं थी और प्रियंका की हालत बिगड़ती जा रही थी। कभी वो हँसती तो कभी रोती,
कभी कमरे से भागकर बाहर निकल जाती, तो कभी घर की चीज़ों को इधर-उधर फेंक देती।
पल्लवी, “रौनित, आज तीसरी रात है। राजवीर का कुछ पता नहीं है। मुझे बहुत डर लग रहा है।”
प्रियंका (दूसरी आवाज में), “आज की रात तेरी बेटी की आखिरी रात होगी।”
प्रियंका उठी और कमरे से बाहर भाग गई।
ये दोनों हॉल में पहुंचे तो पाया कि प्रियंका चिमनी में लगी आग से जलते हुए कोयले उठाकर खा रही थी।
रौनित, “नहीं, प्रियंका!”
प्रियंका, “मम्मी, मेरा मुँह जल रहा है।”
और फिर अचानक उसकी आवाज़ बदल गई।
प्रियंका, “आज की रात मैं जी भर के इसके साथ खेलूँगी।”
प्रियंका वहाँ से वापस अपने कमरे में भाग गई और फिर उसकी आँख और कान से खून आने लगा।
पल्लवी, “आह! मम्मी… आह!”
रौनित, “प्रियंका बेटा, नहीं।”
ये दोनों प्रियंका को संभालने की कोशिश कर ही रहे थे, लेकिन उसने उन दोनों को एक तरफ धकेल दिया
और अब उसका पेट भी उसी तरह फूलने लगा जैसा पिछली दोनों बहनों का फूला था।
रौनित, “नहीं प्रियंका बेटा, मैं तुम्हें नहीं खोना चाहती।”
प्रियंका का पेट फटने ही वाला था कि तभी अचानक वहाँ राजवीर भी आ गया। उसने अपने हाथ में पकड़ी हुई वही कील प्रियंका के कंधे में गाड़ दी।
प्रियंका, “नहीं।”
प्रियंका बुरी तरह झटपटाने लगी, लेकिन राजवीर ने उसे नहीं छोड़ा। फिर एक तेज़ चीख उसके मुँह से निकली।
उसका पेट वापस से कम होने लगा और वो कील जो उसके कंधे में गड़ी थी, वह चमकने लगी।
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राजवीर, “थैंक गॉड!”
राजवीर ने वो कील उसके कंधे से निकाल ली। फिर उसने अपने झोले से एक नारियल और एक हथौड़ी निकाली।
उस कील को राजवीर ने नारियल के अंदर ठोक दिया। प्रियंका बेहोश हो गई और राजवीर ने चैन की साँस ली।
पल्लवी, “राजवीर, प्रियंका के साथ तुमने क्या किया? इसे कुछ हो तो नहीं गया?”
राजवीर, “नहीं मम्मी, मैंने प्रियंका को बचाने के लिए एक तंत्र साधना करके कील को अभिमंत्रित किया था।
जब मैंने वो कील प्रियंका के कंधे में गाड़ी तो कील ने उस आत्मा को अपने अंदर खींच लिया।
और मैंने ये कील जब इस नारियल में गाड़ दी, जिससे वह आत्मा हमेशा के लिए इसमें कैद हो गई। हमारी प्रियंका अब बिल्कुल ठीक है।”
यह सुनकर उसके माँ-बाप की आँखों से खुशी के आँसू निकल पड़े।
राजवीर ने उस नारियल को घर के पिछवाड़े ज़मीन में गाड़ दिया और तभी प्रियंका भी वहाँ आकर राजवीर के गले लग गई।
दोस्तो ये Horror Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!