उल्टे पैर | Ulte Pair | Horror Kahani | Darawani Kahaniyan | Haunted Story | Horror Story in Hindi

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” उल्टे पैर ” यह एक Horror Story है। अगर आपको Hindi Horror Stories, Horrible Stories या Darawani Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


डॉक्टर, “देखिए, वैसे तो इनकी तबियत ठीक है पर मेंटल स्ट्रेस बहुत ज्यादा है। आप कैसे भी करके इनका मेन्टल स्ट्रेस कम कीजिए, तभी बीपी कम होगा।

वैसे भी प्रेगनेंसी के सातवें महीने में इतना बीपी बढ़ना अच्छी बात नहीं है। आप इनका विशेष ध्यान रखिए।”

अमित और राधिका को शादी के 10 साल बाद माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

वो लोग तो उम्मीद ही खो चुके थे, मगर तभी इस खुशखबरी ने मानो उनके सपनों को नई उड़ान दे दी।

अमित राधिका का बहुत ख्याल रखता, मगर पिछले तीन-चार दिन से राधिका की तबियत ठीक नहीं थी। इसलिए वो उसे डॉक्टर को दिखाने ले आया था।”

अमित, “क्या हुआ तुम्हें? किस बात का टेंशन है? सब कुछ अच्छे से हो जाएगा।”

राधिका, “मुझे पता नहीं क्यों, घर में बहुत अजीब सा लगता है? कहीं बाहर जाने का मन नहीं है।”

अमित, “बस इतनी सी बात है? हम लोग कल ही लोनावला वाले फार्म हाउस में चलते हैं। वीकेंड वहीं पर मनाएंगे, तुम्हें भी चेंज मिलेगा।”

राधिका, “तुमने तो मेरी मन की बात कह दी। थैंक यू सो मच।”

अमित और राधिका घर आकर थोड़ी सी तैयारी करके लोनावला के लिए निकल गए।

रास्ते में आने वाले घाट की वजह से राधिका को बड़ा अनइज़ी हो रहा था।

राधिका, “अमित, कार रोको। मुझे घबराहट हो रही है।”

राधिका के कहने पर अमित ने कार रोकी, तो राधिका कार से उतरकर खुली हवा में खड़ी हो गई।

शाम का वक्त था। ठंडी-ठंडी हवा के साथ रिमझिम बारिश हो रही थी।

राधिका, “अमित, कार से बाहर आओ। देखो, मौसम कितना अच्छा है?”

अमित, “राधिका, शाम हो गई है। माँ ने कहा था कि रात होने से पहले फार्महाउस पहुँच जाना। तुम्हें अब ठीक लग रहा हो तो चलें?”

राधिका, “रुको तो सही। तुम मेरे साथ हो, मुझे किसी बात की टेंशन नहीं है। थोड़ी देर मौसम को एन्जॉय करो।”

कहते हुए राधिका वहीं सड़क किनारे मौसम को एन्जॉय करने लगी। अमित भी उसका साथ देने लगा।

मगर दोनों इस बात से अनजान थे कि कोई उन दोनों पर लगातार नजर रखे हुए है।

कुछ देर बाद जब वो दोनों कार से लोनावला की तरफ निकले, तो एक साया उनके साथ उनकी कार में मौजूद था।

वो लोग जैसे ही फार्महाउस पहुंचे, वहाँ पर ताला लगा हुआ था।

अमित, “ये रामदीन काका कहाँ चले गए? माँ ने उन्हें कह दिया था कि आज रात हम लोग पहुँचने वाले हैं, फिर ये ताला क्यों है?”

राधिका से कहते हुए अमित रामदीन काका को फ़ोन लगाने ही वाला था कि तभी एक लड़की वहाँ आई।

गांव की औरतों की तरह घांघरा ओढ़ना पहने हुए, उसका मुँह भी ढका हुआ था।

उल्टे पैर | Ulte Pair | Horror Kahani | Darawani Kahaniyan | Haunted Story | Horror Story in Hindi

लड़की, “राम राम साहब, मेरा नाम मोनिका है। रामदीन काका की तबियत ठीक नहीं है, इसीलिए उन्होंने आपकी देखभाल के लिए मुझे भेजा है। माफ कीजिए, आने में देर हो गई।”

कहते हुए उसने फार्महाउस का ताला खोल दिया।

राधिका, “अनबिलीवबल, हाउ प्रिटी इट? रामदीन काका इसकी बहुत अच्छी देखभाल करते हैं। सच में यहाँ बहुत सुकून है।”

राधिका अमित के साथ फार्महाउस घूम ही रहे थे कि तभी मोनिका ने उन लोगों के लिए खाना लगा दिया।

दोनों खाना खा ही रहे थे कि बाहर का मौसम बदलने लगा। अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। ये।

राधिका, “ये मौसम को अचानक क्या हो गया?”

मोनिका, “ये पहाड़ी इलाका है। यहां अक्सर ऐसा मौसम खराब हो जाता है। आप सफर से थककर आए हैं, आप आराम कीजिए। बारिश रुकने के बाद मैं चली जाऊंगी।”

अमित, “बाहर मौसम बहुत खराब हो रहा है। तुम्हें कहीं जाने की कोई जरूरत नहीं है। यही रामदीन काका की क्वार्टर में आराम कर लो।”

कहते हुए अमित खाना खाने के बाद राधिका को लेकर अपने कमरे में चला जाता है।

देर रात करीब 2:00 बजे किसी आहट से राधिका की नींद खुलती है। उसे ऐसा लग रहा था कि घर में कोई घूम रहा है।

राधिका, “अमित, घर में कोई घुस आया है?”

अमित, “तुम्हारे मन का भ्रम होगा। यहाँ कोई नहीं है, सो जाओ।”

कहते हुए अमित करवट लेकर सो गया। मगर राधिका को अभी भी ऐसी आवाज आ रही थी कि मानो कोई सीढ़ी चढ़कर ऊपर आ रहा हो।

राधिका धीरे से अपने कमरे से बाहर निकली तो कमरे के बाहर वही कार वाला साया मौजूद था।

वो छत से चिपका हुआ था। वो रात में नजर नहीं आया।

राधिका, “कौन है यहाँ पर? मोनिका, क्या तुम हो? मोनिका…।”

राधिका मोनिका को आवाज ही दे रही थी कि घर के मुख्य दरवाजे पर ज़ोर-ज़ोर से दस्तक होने लगी है।

राधिका, “इतनी रात के कौन होगा? वो दरवाजे की ओर कोई है? कब से दरवाजा बज रहा है।”

अमित, “कोई नहीं है। मैंने तो कोई आवाज नहीं सुनी। तुम्हारे मन का भ्रम होगा, चलकर सो जाओ।”

राधिका, “मैं सच कह रही हूँ।”

मगर अमित ने उसकी एक बात नहीं सुनी और उसे कमरे में ले गया। दूर खड़ी मोनिका ये सब देख रहस्यमयी तरीके से मुस्कुरा रही थी।

अगली सुबह देर रात तक ना सो पाने के कारण राधिका देर तक सोती रही। अमित ब्रेकफास्ट टेबल पर न्यूज़पेपर पढ़ते हुए कॉफी पी रहा था।

मोनिका, “साहब, आपको ऐसा नहीं लगता कि मैडम जी के दिमाग की हालत ठीक नहीं है?”

मोनिका की बात सुनकर अमित गुस्से में उसकी ओर देख कर बोला, “क्या बकवास कर रही हो? मैं राधिका के बारे में कुछ भी नहीं सुन सकता।”

उल्टे पैर | Ulte Pair | Horror Kahani | Darawani Kahaniyan | Haunted Story | Horror Story in Hindi

मोनिका, “आप तो गुस्सा हो गए। मेरे कहने का मतलब ये नहीं था।

मैं तो ये कहना चाह रही थी कि मम्मी साहब ऐसी हालत में आपकी जरूरतों को कैसे पूरा कर सकती हैं? यदि आपकी कोई ज़रूरत हो, तो मैं मौजूद हूँ।”

अमित, “क्या कहना चाहती हो?”

मोनिका, “समझदार को इशारा काफी है।”

दोनों बातें कर ही रहे थे कि उनके घर पुलिस आ गई।

पुलिस, “रामदीन आपके घर का काम करता था?”

अमित, “हाँ, क्यूं… क्या हुआ?”

पुलिस, “शहर के बाहर उसकी लाश बरामत हुई है। लाश बहुत बुरी हालत में है। ऐसा लग रहा है कि मानो किसी ने उसके शरीर का खून ही चूस लिया हो।”

अमित, “ऐसा कैसे हो सकता है? उनकी तो तबियत ही ठीक नहीं थी, इसीलिए वो 2 दिन की छुट्टी पर थे।

उनके बदले उनके घर से मोनिका हमारे घर का काम कर रही थी।”

पुलिस, “तो आप उन्हें बुला दीजिए ताकि हम पूछ सकें कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी तो नहीं थी?”

इंस्पेक्टर के बार-बार बुलवाने पर भी मोनिका उनके सामने नहीं आई।

अमित और राधिका जहाँ आराम करने का सोच कर आए थे, उनका दिन और भी ज्यादा हेक्टिक हो गया।

रात होते ही राधिका को तो नींद आ गई, लेकिन देर रात तक अमित को नींद नहीं आ रही थी।

उसे रह-रहकर मोनिका की बातें याद आ रही थीं। उसने अपने पास सो रही राधिका की ओर देखा, फिर आंखें बंद करके सो गया।

देर रात वही कार वाला साया उन लोगों के कमरे में आया। वो राधिका के उभरे हुए पेट को सहला रहा था।

उसने राधिका की गर्दन पर जैसे ही अपने दांतों को लगाने की कोशिश की, उसे झटका लगा और वो पीछे हट गया।

क्योंकि राधिका के गले में उसकी सासु माँ का दिया हुआ रक्षा कवच था, जो उन्होंने प्रेगनेंसी में उसे बुरी नजर से बचाने के लिए पहनाया था।

तेज झटके से वो साया बुरी तरह से बौखला कर गायब हो गया। तभी कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई।

राधिका गहरी नींद में सोई हुई थी, मगर अमित की नींद खुल गई।

उसने देखा बाहर मोनी खड़ी थी। मोनिका घाघरे ओढ़ने में नहीं बल्कि पारदर्शी वस्त्र में खड़ी थी।

उसने इशारे से अमित को अपने करीब बुलाया।

अमित सम्मोहित होकर उसके पीछे-पीछे चलने लगा। दोनों सर्वेंट क्वार्टर में आ चुके थे।

मोनिका ने उसे अपने करीब आने का इशारा करके पलंग पर लेट गई। वो गहरी सांसें ले रही थी।

जैसे ही अमित उसके पास गया, उसने उस पर चुम्बनों की बौछार कर दी और धीरे से उसका शर्ट खोल दिया।

उल्टे पैर | Ulte Pair | Horror Kahani | Darawani Kahaniyan | Haunted Story | Horror Story in Hindi

देखते ही देखते दोनों एक-दूसरे में इतना खो गए कि अमित को होश ही नहीं था कि मोनिका का रूप बदल रहा था।

मोनिका और कोई नहीं, बल्कि वही साया था जो रास्ते से उन लोगों की कार में आया था।

जैसे ही उसका वासना का खेल पूरा हुआ, वो हवा में उड़ चली। अमित को भी होश आ गया।

जैसे ही उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, उसने मोनिका की ओर देखा तो मोनिका पलंग पर नहीं थी, बल्कि कमरे की छत पर लटकी हुई थी।

अमित डरकर पीछे हटा।

अमित, “कौन हो तुम?”

साया, “मैं जो कोई भी हूं, मुझे तेरा बच्चा चाहिए। जन्मे बच्चे की खुशबू कितनी दिलचस्प होती है, वो मुझे यहाँ तक खींच लाई।

तुझसे मैंने तेरा अंश हासिल कर लिया है। बस उस अजन्मे बच्चे की बलि, फिर मैं और मेरा होने वाला बच्चा दोनों अमर हो जाएंगे।”

कहते हुए वो ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगी। उसके दोनों पर उल्टे थे।

अमित, “मेरा बच्चा? नहीं, वो तुम्हें कभी हासिल नहीं होगा… कभी नहीं।”

कहते हुए वो अपने कमरे की तरफ भाग उसने राधिका को उठाया और तुरंत कार में बैठ गया।

राधिका, “क्या हुआ? इतने घबराए हुए क्यों हो?”

मगर राधिका के किसी भी सवाल का वो जवाब नहीं दे पाया और कार स्टार्ट करने की कोशिश करता रहा। कार चालू ही नहीं हो रही थी।

तभी इंस्पेक्टर गांव के कुछ लोगों के साथ वहाँ पर पहुँचा और अमित से बोला, “गांव के लोगों का मानना है कि रामदीन काका की मौत किसी पिशाचिक शक्ति की वजह से हुई है और वो इस वक्त तुम्हारे ही घर में है।

जैसे ही हमें पता चला, हमने कल रात को ही आपके घर को किलित कर दिया था।

शैतानी शक्ति के प्रभाव के कारण हम आपके घर के भीतर दाखिल नहीं हो पा रहे थे। अच्छा हुआ आप बाहर आ गए, अब हमें उसे मुक्ति देनी होगी।”

अमित, “मुक्ति..? उसे मुक्ति कैसे मिलेगी?”

राधिका , “ये सब क्या हो रहा है, कोई बताएगा मुझे?”

अमित खुद उस पिशाचिक शक्ति को महसूस कर चुका था, इसलिए उसने ज्यादा सवाल नहीं किए।

उन गांव वालों ने कुछ मंत्र पढ़ते हुए उस घर को आग लगा दी। मोनिका उस घर के भीतर जल रही थी। जलते हुए वो अपने असली रूप में आ गई।

उसका भयानक रूप देख राधिका डर गई। सभी को उसके उल्टे पैर नजर आ रहे थे।

मोनिका, “मुझे कोई ख़त नहीं कर सकता, कोई भी नहीं। क्या हुआ, जो आकाश मेरी कोख में नहीं आया? मैं आकाश के अंश के रूप में जन्म लेने वाली हूँ।”

कहते हुए वो ज़ोर-ज़ोर से हंस रही थी।

उल्टे पैर | Ulte Pair | Horror Kahani | Darawani Kahaniyan | Haunted Story | Horror Story in Hindi

कुछ दिनों के बाद, जब राधिका की डिलिवरी हुई, तो उसे बेटी हुई और उस बेटी के दोनों पैर उल्टे थे।


दोस्तो ये Horror Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


Leave a Comment

ईमानदार हलवाई – दिलचस्प हिंदी कहानी। रहस्यमय चित्रकार की दिलचस्प हिंदी कहानी ससुराल में बासी खाना बनाने वाली बहू भैंस चोर – Hindi Kahani