किडनी चोर सास | Kidney Chor Saas | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – “ किडनी चोर सास ” यह एक Saas Bahu Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
किडनी चोर सास | Kidney Chor Saas | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Kidney Chor Saas | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories



किडनी चोर सास

भोली भाली निशा की सांस रमोला एक तेज तर्रार औरत थी। निशा के भोलेपन को लेकर रमोला को हमेशा चिंता सताती रहती थी। 
रमोला,” अरे मेरी भोली बहू ! तू सचमुच कितनी भोली है ? अरे ! तू जानती भी है ये दुनिया कितनी शैतान है ? ऐसी शातिर दुनिया में तू अकेले कैसे रहेगी ? “
निशा,” सासू माँ, जहाँ बुराई होती है वहाँ अच्छाई भी होती है। इसी तरह जहाँ बुरे लोग होते है वहाँ कुछ अच्छे लोग भी होते हैं। पर हम कुछ अच्छे लोग भी बहुत कुछ कर सकते हैं। “
रमोला,” वैसे तेरी बातें ना मेरे सिर के ऊपर से जाती है। लेकिन एक बात तो मुझे अच्छे से समझ आ गई कि खून अपने खून पर ही जाता है। 
जैसे मेरा भगौड़ा पति मुझे और अपने बच्चों को छोड़कर भाग गया, उसी तरह मेरा नालायक बेटा भी तुझे अकेले छोड़कर भाग गया। इसीलिए मुझे तेरी चिंता सताती है। “
निशा,” सासू माँ, आप है ना मेरे साथ तो फिर मुझे किसी बात की चिंता नहीं। अच्छा सासू माँ, वैसे आप कहाँ काम करने जाती हैं ? 



मुझे वहाँ का नंबर दे दीजिये ताकि मैं उन्हें कह सकूँ कि आपको रात की जगह दिन की शिफ्ट में बुलाएं। आप रात को काम पर जाती है तो मुझे आपकी बहुत चिंता सताती है। “
निशा की बात सुनकर रमोला घबरा जाती है और बिना कोई जवाब दिए वहाँ से चली जाती है। ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है। 
फिर एक दिन रमोला बहुत सारे पैसे लेकर घर आती है। रमोला के पास इतने सारे पैसे देकर निशा घबरा जाती हैं। 
निशा,” हे राम ! सासु माँ, आपके पास इतने सारे पैसे कहाँ से आये ? आप आखिरकार ऐसा कौन सा काम कर रही हैं ? “
रमोला,” अरे बहू ! ये मेरे पैसे नहीं हैं, मालिक के हैं। ऑफिस में सबको सैलरी बांटनी थी ना… तो आज काफी स्टाफ ऑफिस नहीं आया था। इसलिए उन्होंने मुझे पैसे दे दिए ताकि मैं सभी स्टाफ को ये पैसे बांट सकूँ। “
निशा,” लेकिन सासू माँ, आप तो इतनी पढ़ी लिखी नहीं है फिर आप सैलरी कैसे बांट पाएंगी ? अच्छा इसमें मैं आपकी मदद कर देती हूँ। 
आप मुझे बता दीजिए, कितने लोगों को और कितनी सैलरी बांटनी है ? मैं सबका हिसाब अलग अलग करके रख दूंगी। आप कल जाकर सबको उनकी सैलरी दे देना। “
अपनी बहू के मुँह से ऐसी बातें सुनकर रमोला की आंखें भर आती है। फिर वो जाकर वो सारे पैसे एक संदूक में रख देती है और फिर सोने के लिए चली जाती है। साथ ही निशा को भी सोने के लिए कहती है। तभी निशा उसे कहती है।
निशा,” क्या हुआ सासू माँ ? आप इतने उदास क्यों लग रही हैं ? मैं तो बस आपकी मदद करना चाहती थी। “
रमोला,” नहीं बहू मुझे मदद की कोई जरूरत नहीं है और ना ही मैं चाहती हूँ कि जो काम मैं कर रही हूँ वो तू भी करे। 
ऑफिस में वैसे भी बहुत सारे लोग हैं जो मेरी मदद कर देंगे। तू बस अपना ध्यान रख और अब आराम से सो जा। “
निशा,” ठीक है सासु माँ, आप कहती हैं तो मैं सो जाती हूँ। “
निशा को अपनी सास की कोई बात समझ नहीं आती लेकिन वो अपनी सास से बहुत प्यार करती थी। इसलिए उसकी हर बात मान जाया करती थी। 
निशा हर किसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती थी। उसे दूसरों की मदद करना बहुत अच्छा लगता था। तो वहीं रमोला का स्वभाव उससे अलग था। वो गरीब और मासूम लोगों की किडनियां चुराकर बेचा करती थीं।
एक रात…
रमोला,” डॉक्टर साहब, इस आदमी को पथरी है और इसके पास दो किडनियां है। आप इसकी एक किडनी निकालकर मुझे दे देना। आपका काम मैं आज रात को ही पूरा कर दूंगी। “
डॉक्टर,” तुम्हें देने का क्या फायदा ? इतना रिश्की काम मैं करता हूँ और तुम हो कि सही से मोलभाव भी नहीं कर पाती। “

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रमोला,” भूलो मत कि मैं बिचौली हूँ और मैं ही किडनी का लेन देन करती हूँ। अगर मेरे साथ चालाकी करने की कोशिश की तो मैं अपना मुँह खोल दूंगी। “
डॉक्टर,” अच्छा ठीक है, धमकी जाकर किसी और को देना। लेकिन एक बात का ध्यान रखना, इस बार डील ज़रा अच्छी करना। लास्ट टाइम की तरह कम में मत कराना। “
रमोला,” अच्छा ठीक है डॉक्टर साहब, मैं समझ गयी। “
रमोला जिस हॉस्पिटल में साफ सफाई का काम करती थी, उस हॉस्पिटल के डॉक्टर लोगों की किडनियां निकाल लिया करते थे और रमोला उन्हें बेचने का काम किया करती थी। 
एक दिन रमोला को हॉस्पिटल जाने के लिए देर हो रही होती है तो वो जल्दबाजी में घर से निकलती है और अपना पर्स घर में ही भूल जाती है। 
निशा उसको रोकने की बहुत कोशिश करती है लेकिन रमोला को उसकी आवाज सुनाई नहीं देती। 
उसका पीछा करते हुए निशा भी हॉस्पिटल पहुँच जाती है। जब वो अपनी सास को हॉस्पिटल में जाते देखती है तो उसे बड़ा गर्व महसूस होता है। 
निशा,” अच्छा तो सासु माँ इस हॉस्पिटल में काम करती है, ना जाने क्यों… लेकिन पिछले कुछ दिनों से मेरे पेट में बड़ा ही दर्द हो रहा है ? 
अब हॉस्पिटल आ ही गई हूँ तो क्यों ना डॉक्टर को दिखा लूं ? सासु माँ यहाँ काम करती है तो मेरा इलाज कम पैसों में हो जाएगा। “
इस बात से बेखबर निशा कि उसकी सासु माँ एक किडनी चोर है, निशा उस हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाने डॉक्टर के पास जाती है जहाँ डॉक्टर उसके कुछ टेस्ट करते हैं और कहते है।
डॉक्टर,” मैडम, आपके पेट में तो एक गांठ है जिसका जल्दी ही ऑपरेशन करना होगा। अगर आपने अभी ऑपरेशन नहीं करवाया तो इससे आपकी जान को खतरा हो सकता है। “
निशा,” क्या… इसी वक्त ऑपरेशन ? “
डॉक्टर,” जी हाँ, इसी वक्त। अगर आपका कोई फैमिली मेम्बर आया है तो उसे बता दो और अगर नहीं आया तो फ़ोन करके उन्हें यहाँ बुला लो। “
निशा,” डॉक्टर साहब, मेरी सासु मां इसी हॉस्पिटल में काम करती हैं। उनका नाम रमोला है। “
डॉक्टर,” ओह ! अच्छा तो तुम रमोला की बहू हो। “
डॉक्टर (मन में),” अब आएगा मज़ा। जब वो रमोला अपनी ही बहू की किडनी बेचेगी तब असली खेल देखने वाला होगा। 
अब पता चलेगा उस रमोला की बच्ची को जो खुद को मुझसे ज्यादा होशियार समझने की कोशिश कर रही थी। “
इस तरह से डॉक्टर अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए रमोला की बहू की किडनी निकालने के लिए उसको ऑपरेशन थिएटर ले जाता है।
लेकिन तभी रमोला साफ सफाई के लिए वहाँ पहुंचती है और बेहोशी की हालत में पड़ी अपनी बहू को ऑपरेशन थिएटर में देखती है।
रमोला,” डॉक्टर साहब, ये आप क्या कर रहे हो ? ये मेरी बहू है और मैं अपनी बहू की किडनी चोरी नहीं होने दे सकती और ना ही उसे बेच सकती हूं। “
डॉक्टर,” बहू होगी तेरी, मेरी तो ये पेशेंट है। इसलिए इसके साथ भी वही होगा जो बाकी सब पेशेंट्स के साथ होता है। “
रमोला,” अगर तूने मेरी बहू को हाथ भी लगाया ना तो मैं तेरा सारा कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दूंगी। “
डॉक्टर,” नर्स, बाहर निकालो इसे यहाँ से। ये हमारे काम में दखल दे रही है। “
नर्स रमोला को ऑपरेशन थिएटर से बाहर कर देती है। अब रमोला के पास अपनी बहू को बचाने के लिए पुलिस को बुलवाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा था। 
इसलिए रमोला ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही पुलिस को वहाँ बुला लेती है और पुलिस के आगे अपने सारे गुनाह कबूल लेती है। साथ ही डॉक्टर की असलियत भी पुलिस को बता देती है। 
रमोला,” साहब, मेरा नाम रमोला है। जब मैंने इस हॉस्पिटल में काम शुरू किया तो मैंने देखा कि डॉक्टर मासूम लोगों की जान ले रहा है, उनकी किडनियां निकाल रहा है। 
जब मुझे ये सब पता चला तो इन्होंने पैसे देकर मेरा मुँह बंद कर दिया। साथ ही मुझे भी अपने इस धंधे में शामिल कर लिया। 
मैं भी इनके साथ किडनी चोरी करने लगी। इन लोगों ने कई बार मासूम लोगों के इलाज के बहाने किडनी चोरी की और उनको बेवकूफ बनाया। “
पुलिस,” तो फिर आज तुम्हारे अंदर ये इंसानियत कैसे जाग गई है ? “
रमोला,” क्योंकि आज मेरी बहू की जान पर बन आई है। रोज़ जो दूसरों के साथ होता था, आज वो मेरी बहू के साथ होने जा रहा है और मैं ऐसा होते नहीं देख सकती। 
मैंने इन्हें रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन इन्होंने मेरी एक ना सुनी। इसलिए मुझे आप लोगों को फ़ोन करना पड़ा। 
आप चाहें तो मुझे गिरफ्तार कर लें, लेकिन इन पापियों को इनके किए की सजा भी जरूर दें। “

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इस तरह रमोला अपने सारे गुनाह कबूल कर लेती है। कुछ देर बाद जब निशा को होश आता है तो उसे यह जानकर बहुत दुख होता है कि उसकी सास एक किडनी चोर है। 
लेकिन निशा चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती थीं और जिंदगी भर इसी तरह से लोगों के ताने सुनती रहती है।
आज की ये ख़ास और मज़ेदार कहानी आपको कैसी लगी ? नीचे Coment में जरूर बताएं।

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