हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” रहस्यमयी ट्रैन ” यह एक Bedtime Story है। अगर आपको Hindi Stories, Moral Story in Hindi या Hindi Kahaniya पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
Rahasyamayi Train| Hindi Kahaniya| Moral Stories | Bed Time Story | Hindi Stories | Hindi Fairy Tales
रहस्यमयी ट्रैन
जौनपुर नाम के एक छोटे से गांव में बहुत ही कम आबादी रहती थी। वहां के लोग काफी कम पढ़े लिखे थे।
गांव में एक स्कूल तो था परंतु लोगों में जागरूकता की कमी के कारण बहुत ही कम बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए आते थे। गांव में ज्यादातर किसान रहते थे।
इसी गांव में रामलाल नाम का एक किसान रहता था। उसका बेटा दीपक गांव के ही स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ता था।
रामलाल,” अरे बेटा ! अब तुम्हारी 12वीं की परीक्षा होने वाली है । उसके बाद क्या सोचा है ? 12वीं के बाद पढ़ाई की कोई सुविधा नहीं है। “
दीपक,” पिताजी, 12वीं के बाद मैं शहर पढ़ने के लिए जाना चाहता हूं। मेरा एक दोस्त भी आगे पढ़ने के लिए शहर जाएगा। “
रामलाल ने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए कुछ पैसे जोड़ रखे थे। दीपक आगे पढ़ने के लिए शहर चला गया।
उस गांव में एक छोटा सा रेलवे स्टेशन भी था जिस पर कभी-कभी इक्का-दुक्का ट्रेन आती जाती रहती थी; क्योंकि बहुत कम लोग ही गांव से शहर जाते थे।
उस दिन गांव के कुछ बच्चे स्टेशन के पास खेल रहे थे। तभी स्टेशन पर एक ट्रेन आकर रुकी और कुछ देर में रवाना हो गई।
वह सभी बच्चे ट्रेन के जाने के बाद आपस में बात करने लगे।
बच्चा,” अरे ! भीमा कहां गायब हो गया ? अभी तो यह हमारे साथ ही खेल रहा था। बस गेंद लेने के लिए ट्रेन की पटरी की तरफ गया था। “
काफी देर खोजने के बाद भी भीमा नहीं मिलता। भीमा के मां-बाप बहुत परेशान हो जाते हैं।
भीमा के पापा,” अरे ! मेरा बच्चा कहां गायब हो गया ? वह तो आराम से अपने दोस्तों के साथ स्टेशन के पास खेल रहा था। तो आखिर वहां से वह कैसे गायब हो गया ? “
तभी भीमा के साथ खेल रहे बच्चों में से एक बताता है।
बच्चा,” हम लोग सब स्टेशन के पास ही खेल रहे थे। तभी अचानक ट्रेन आकर स्टेशन पर रुकी। इतने में भीमा गेंद लेने के लिए पटरी की तरफ भागा।
फिर न जाने क्या हुआ ? वह वापस ही नहीं आया। ट्रेन तो 5 मिनट बाद वहां से रवाना हो गई लेकिन भीमा कहीं नहीं मिला। “
सारा गांव उस बच्चे को ढूंढने के लिए परेशान हो जाता है लेकिन भीम कहीं नहीं मिलता। इसी तरह कुछ दिनों बाद एक और बच्चा स्टेशन से गायब हो जाता है। गांव भर में इस बात पर चर्चा होने लगी।
आदमी,” अरे भैया ! यह सब क्या हो रहा है ? ऐसे बच्चों का गायब होना चिंता का विषय है। आखिर स्टेशन के पास खेलते हुए बच्चे ही क्यों गायब होते है भाई ?
और जब वहां ट्रेन आती है उसी के बाद बच्चे वहां से गायब हुए। यानी कि इन बच्चों के गायब होने में उस रहस्यमई ट्रेन का ही हाथ है। उस ट्रेन में ही उन बच्चों को अगवा करके ले जाया गया है। “
दूसरा आदमी,” हां, यह तो बहुत चिंता की बात है। दो बच्चों का गायब होना कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता भाई। जरूर उस ट्रेन में ही कोई बच्चों को लेकर गया है। लेकिन अब हम क्या करें ? हम सभी को अपने बच्चों को स्टेशन की तरफ जाने से रोकना पड़ेगा। “
तीसरा व्यक्ति,” भाई, कहीं हमारे बच्चों को कोई भूत प्रेत गायब तो नहीं कर रहा है ना ? “
पहला व्यक्ति,” अरे भाई ! अब तुम हमें और मत डराओ। ठीक है ना… वैसे ही गांव वाले सब के सब डरे पड़े हैं। “
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गांव के हर घर में इस बात पर चर्चा हो रही थी। रामलाल के कानों में भी यह बात पड़ी। तब उसे भी समझ नहीं आया कि यह सब क्या माजरा है ? “
गांव के सभी लोगों ने उस स्टेशन की तरफ जाना ही छोड़ दिया। दीपक शहर से कुछ दिनों के लिए गांव में रहने के लिए आया।
उसने भी अपने पिता और गांव के कुछ दूसरे आदमियों से गांव के बच्चों के गायब होने का रहस्यमई किस्सा सुना।
दीपक,” अरे भाई ! यह मैं क्या सुन रहा हूं ? गांव के दो बच्चे स्टेशन से गायब हो गए ? हमें इस बात की तह तक जाना चाहिए। वरना कल को तो कोई स्टेशन की तरफ जा ही नहीं पाएगा। “
दीपक का दोस्त,” हां भाई, हमें जरूर कुछ करना चाहिए। लेकिन कुछ लोग इसे भूत प्रेत का साया भी बताते हैं। “
दीपक,” क्या यार..?? तू पढ़ा लिखा होकर भी इन अंधभक्त की बातों पर विश्वास कर रहा है। माजरा कुछ और है। “
दीपक का दोस्त,” दो बच्चों में से एक बच्चा तो मेरे दोस्त का छोटा भाई था। उन लोगों का दुख मुझसे तो देखा नहीं गया। कुछ दिनों बाद ही स्टेशन के थोड़ी ही दूर खेत में कुछ बच्चे खेल रहे थे।
उनमें से भी एक बच्चा उसी तरह गायब हो गया और वह भी… ट्रेन के स्टेशन के पास आने के समय ही। “
अब तो गांव वालों को चिंता सताने लगी। सभी ने बैठकर यह तय किया।
पहला व्यक्ति,” अब तो हमें इस बारे में कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा भैया। वरना हमारे गांव से बच्चे इसी तरह गायब होते रहेंगे। आखिर ट्रेन आने के समय पर ही बच्चे गायब क्यों होते हैं ? हमें इस बात का पता लगाना ही होगा।
दीपक, तुम पढ़े-लिखे हो और समझदार भी हो। तुम अपने दोस्त के साथ मिलकर इस समस्या में हमारी मदद कर सकते हो। “
दीपक और उसका दोस्त काफी सोच विचार करते हैं और एक प्लान बनाते हैं।
दीपक,” इस बात का पता लगाने के लिए हमें उस रहस्यमई ट्रेन पर नजर रखनी होगी। जब भी बच्चे गायब हुए हैं, वह समय वही होता है जब ट्रेन स्टेशन पर आती है। हमें छुपकर ट्रेन के आने-जाने वालों पर नजर रखनी होगी। “
दीपक का दोस्त,” हां, यह ठीक कह रहे हो तुम। हम दोनों गांव वालों के साथ मिलकर ऐसा कुछ प्लान बनाएंगे कि असली गुनहगार को पकड़ सके। “
गांव के कुछ जवान लड़के स्टेशन मास्टर के कमरे में छुपकर बैठ जाते हैं और दीपक उन्हें समझाता है।
दीपक,” देखिए… आप लोग इस कमरे में छुपकर बैठे हैं। बाहर स्टेशन पर गांव के कुछ बच्चों को खेलने के लिए छोड़ देते हैं। वह जो भी है बच्चों को ही अपना निशाना बनाता है।
आप लोग छुपकर अंदर से ही देखते रहना और बच्चे स्टेशन पर खेल रहे होंगे। मैं ट्रेन के अंदर जाऊंगा। इसी तरह हम उस किडनैपर का पता लगा सकते हैं जोकि बच्चों को अगवा करता है। “
सभी लोग दीपक के कहे अनुसार कमरे में छुप जाते हैं और दो चार बच्चे स्टेशन पर खेलने लगते हैं। ट्रेन स्टेशन पर रूकती है।उसमें से एक आदमी कंबल ओढ़े बच्चों की तरफ बढ़ता है।
आदमी,” अरे मेरे प्यारे बच्चों ! क्या खेल रहे हो ? यह लो, मैं तुम्हारे लिए चॉकलेट ले कर आया हूं। ले लो। “
वह आदमी सभी बच्चों में एक एक चॉकलेट बांट देता है और उनमें से एक बच्चे को कहता है।
आदमी,” सुनो बेटा… जरा मेरा यह बैग अंदर ट्रेन में रखवा दो। तुम्हारा बहुत भला होगा बेटा। “
बच्चा खुशी-खुशी उस व्यक्ति का बैग उसके पीछे-पीछे लेकर ट्रेन की तरफ बढ़ता है। दीपक और उसका दोस्त दूर से यह सब देख रहे थे। वह भी उसी डिब्बे में उन दोनों के पीछे पीछे चल देते हैं।
दीपक देखता है कि वह व्यक्ति बच्चे के बैग रख देने के बाद उसके मुंह पर रुमाल रखकर उसे बेहोश कर देता है और वही सीट पर सुला देता है। ट्रेन में कोई ज्यादा लोग नहीं थे।
इसलिए वह व्यक्ति आराम से उसे अगवा कर लेता है। ट्रेन चल पड़ती है। दीपक भी उसी डिब्बे में बैठा उन दोनों पर नजर रखे था।
दीपक,” मुझे लगता है, यह व्यक्ति इस बच्चे को अगवा करके ले जा रहा है। परंतु यह ऐसा क्यों कर रहा है ? हमें चुपचाप इस पर नजर रखनी होगी। तभी मैं इसे रंगे हाथों पकड़ पाऊंगा। “
लगभग 2 घंटे की यात्रा के बाद वह व्यक्ति उस बच्चे को लेकर ट्रेन से उतरता है और दीपक भी उसी के पीछे उतर जाता है। सामने से एक व्यक्ति आता है।
और कहता है,” अरे ! वाह भैया… एक और मुर्गा ले आए। यह तो बहुत अच्छा धंधा है। तुम गांव से जब भी आते हो, तुम्हारे हाथ एक न एक बच्चा लग ही जाता है ना। और फिर हम उसे अच्छे दामों में बेचकर मजा करते हैं। “
आदमी,” हां भाई, उस गांव में तो इतने बेवकूफ लोग रहते हैं कि कोई भी आज तक मुझे पकड़ तक नहीं पाया। हमने वहां से चार पांच बच्चे चुरा लिया और उन्हें अच्छे दामों में शहर के भिखारी गैंग को बेच दिया। परंतु हम लोग आज तक पकड़े नहीं गए।
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दीपक,” हमें लोगों इन लोगों का ठिकाना जानना होगा ताकि हमें यह पता चल सके कि अगवा किए गए बच्चों को यह कहां लेकर जाता है ? तभी हम इसे रंगे हाथों पकड़ा सकते हैं। “
दीपक का दोस्त,” हां, अब हमें बड़ी सावधानी से इनका पीछा करना होगा। हो सकता है कि वहां पर हमें बाकी अगवा किए हुए बच्चे भी मिल जाए ? “
फिर दीपक और उसका दोस्त दोनों उन किडनैपर्स का पीछा करने लगते हैं। उस बच्चे को लेकर वे दोनों एक सुनसान जगह पर पहुंचते हैं।
दीपक और उसका दोस्त बहुत ही सावधानी से उन दोनों का पीछा करते रहते हैं। तभी वे दोनों एक बड़े से कमरे में दाखिल होते हैं।
सामने बैठा एक व्यक्ति किडनैपर्स से पूछता है,” आ गये तुम लोग एक और नया शिकार लेकर ? अब तो हमारे पास बहुत सारे बच्चे हो गए हैं जिनसे रोजाना भीख मंगवाकर हमारे पास बहुत माल इकट्ठा हो जाता है। “
सामने का नजारा देखकर दीपक और उसके दोस्त के होश उड़ जाते हैं। वहां बहुत सारे बच्चे जमा थे जिनके हाथ पैर टूटे थे। दीपक और उसका दोस्त चुपचाप बाहर आ जाते हैं।
दीपक,” यह लोग तो सारे के सारे बहुत ही खतरनाक लोग हैं। इन्होंने इतने मासूम बच्चों को किस तरह मार-मार कर अपाहिज किया हुआ है।
अपने फायदे के लिए उनसे भीख मंगवाते हैं। परंतु यह बहुत खतरनाक लोग हैं। हमें इन लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस की मदद लेनी होगी। “
दीपक का दोस्त,” हां दीपक, तुम बिल्कुल सही कह रहे हो। इन बच्चों की जान बचाने के लिए हमें इन जालिमों को रंगे हाथों पकड़ना ही होगा।
और यह काम हम दोनों अकेले नहीं कर सकते। हम लोग कल पुलिस के साथ आकर इन सभी को रंगे हाथों पकड़वाएंगे और इन मासूम बच्चों को इस नर्क से आजादी देंगे। “
दीपक अगले ही दिन वहां के थाने में जाकर पुलिस इंस्पेक्टर को सारी बातें बताता है कि किस तरह वह लोग बच्चों को अगवा कर उन्हें भीख के धंधे में लगा देते हैं ?
पुलिस इंस्पेक्टर,” हम लोग आपकी बहादुरी की बहुत दाद देते हैं। आप लोगों ने इतनी हिम्मत करके और अपनी जान जोखिम में डालकर इन लोगों का भांडा फोड़ दिया।
अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। कल हम लोग आपके साथ चलकर उन्हें रंगे हाथों पकडकर उन्हें जेल में डाल देंगे। “
अगले ही दिन पुलिस इंस्पेक्टर और बहुत से सिपाही दीपक और उसके दोस्त के साथ उसी जगह पर जाते हैं और चारों तरफ से उस जगह को घेर लेते हैं।
पुलिस इंस्पेक्टर,” अरे ! तुम लोग चारों तरफ से घेर ले गए हो। अपने आप को हमारे हवाले कर दो। “
सभी अपराधी पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिए गए।
पुलिस इंस्पेक्टर,” तुम लोग कौन हो ? और इन बच्चों को अगवा क्यों करते हो ? “
पुलिस की मार खाने के बाद वह दोनों किडनैपर्स सारा सच उगल देते हैं।
पहला किडनैपर,” हम लोग गांव से बच्चों को अगवा कर शहर में भिखारी गैंग को बेच देते हैं। हमें इन बच्चों को बेचने पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है। वे लोग इन बच्चों के हाथ पैर तोड़कर इनसे भीख मंगवाते थे। “
पुलिस इंस्पेक्टर,” ये लोग काफी समय से अपना धंधा चला रहे हैं। तुमने इन लोगों को पकड़ावाकर बहुत अच्छा किया। इन लोगों ने दूसरे गांव के बच्चों को भी ट्रेन में इसी तरह किया।
जहां पर आबादी कम होती थी, वहां के लोगों को ही यह अपना निशाना बनाते थे। और हम लोग भी काफी समय से इन लोगों की तलाश में थे।
परंतु हमारे हाथ कोई भी सबूत नहीं था। तुम लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद, जो तुमने इतनी हिम्मत करके इन लोगों को रंगे हाथ पकड़ा। “
दीपक,” यह तो हमारा फर्ज था। इंस्पेक्टर साहब, ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे ही होना चाहिए। इन्होंने ना जाने कितने घरों के बच्चों को उनके मां-बाप से जुदा करके अपने फायदे के लिए बेच दिया ? “
पुलिस उन गुनहगारों को जेल में डाल देती है और सभी बच्चों को आजादी दिला कर सही सलामत उन्हें उनके घर पहुंचा देती है। दीपक अपने गांव के चारों बच्चों को वहां पाकर बहुत खुश होता है।
दीपक,” अरे वाह ! भीमा और बाकी के बच्चों को देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अब अगर हम इन बच्चों को वापस गांव लेकर जाएंगे तो उनके मां-बाप कितने खुश हो जाएंगे ? “
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दीपक और उसका दोस्त उन बच्चों को छुड़वाकर गांव वापस ले आते हैं। गांव वाले अपने बच्चों को जिंदा वापस देखकर बहुत खुश हो जाते हैं। और दीपक और उसके दोस्त का शुक्रिया अदा करते हैं।
इस तरह दीपक और उसके दोस्त ने अपने तेज दिमाग और हिम्मत से काम लेकर किडनैपर्स और बाकी भिखारी गैंग को जेल की सलाखों के पीछे खड़ा कर दिया। अब सभी गांव वाले पहले की तरह बहुत खुश और निश्चिंत रहने लगे।
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