ताड़का | TAADKA | Horror Story | Dayan Ki Kahani | Sachhi Horror Kahani | True Horror Story in Hindi

व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

टेलीग्राम ग्रुप ज्वॉइन करें!

Join Now

हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” ताड़का ” यह एक True Horror Story है। अगर आपको Hindi Horror Stories, Horrible Stories या Sachhi Horror Kahani पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


दोस्त की शादी में गए वैभव की आँखें सामने खड़ी लड़की कामिनी की आँखों से हट ही नहीं रही थी।

वेटर पार्टी में सबको सॉफ्ट ड्रिंक सर्व कर रहा था। वैभव भी ड्रिंक लेने आगे बढ़ा ही था कि अचानक ही उसे अपने पिछवाड़े में थपकी महसूस हुई।

वैभव ने जब पलट कर देखा तो वो कोई और नहीं, बल्कि कामिनी ही वैभव को देख मुस्कुरा रही थी।

उसने भीड़ से भरे हॉल में वैभव को अपने पास आने का इशारा किया। इशारा देख काम अग्नि में जल रहा वैभव चुपचाप उसके पीछे चल दिया।

अगले ही पल वैभव होटल के उस कमरे में पहुँच गया, जहाँ कामिनी बड़ी बेसब्री से उसी का इंतजार कर रही थी।

दोनों एक-दूसरे को देख किसी साँप के जोड़े की तरह एक-दूसरे से लिपट गए। वैभव कामिनी की बाहों में खोता जा रहा था।

कामिनी भी वैभव के बाल अपनी मुट्ठी में भींचकर अपने नुकीले नाखून वैभव की पीठ में वैवस्त करने में लगी थी, जिसका दर्द कामाग्नि में जल रहे युगल के सुख को और भी मधुर बना रहा था।

कुछ मिनटों की गर्म लंबी साँसों के बाद साँसों का काफिला रुक गया। फिर दोनों अपने-अपने कपड़े पहनने लगे।

तभी मौका देखकर वैभव ने कामिनी से पूछा, “क्या हम दुबारा मिल सकते हैं?”

कामिनी, “अगर तुम जिंदा रहे तो।”

इतना कहकर कामिनी मुस्कुराते हुए वैभव से दूर चली गई। दिन गुजरते हैं। लेकिन मोहब्बत की तड़प रह रहकर वैभव के दिल में कसकती है।

पर कामिनी से मिलने को वैभव बीमार रहने लगा था। उसका वजन दिन व दिन कम होता जा रहा था और उसकी यौन इच्छा उतनी ही तीव्र होती जा रही थी।

इस कारण ही वैभव दिनभर बस कामिनी के ख्यालों में ही खोया रहता था, सपनों में ही कामिनी के साथ रंगरेलियाँ मनाता।

वो आईने के सामने खड़ा होकर अपनी बाहों में ही कामिनी को इमेजिन करता था।

दिन अब हफ्तों में बदल चुके थे और हफ्ते महीनों में, और महज तीन महीनों में वैभव एक हष्ट-पुष्ट आदमी से एक बूढ़ा कुबड़ा बन गया था।

अब वैभव को कुबड़ा बने हुए 13 साल हो गए हैं और इन 13 सालों में वैभव का एकतरफा प्यार कब नफरत में बदल गया, उसे पता ही नहीं चला?

क्योंकि उसकी हालत देखकर दुनिया ने उसे समाज से बहिष्कार कर दिया था। लोग उससे घिन खाने लगे थे।

अपने ही समाज से मिला यह अपमान, बहिष्कार वैभव सहन नहीं कर पाया।

वो ट्रेन की पटरी पर लेटा आने वाली ट्रेन के साथ अपनी मौत का इंतजार कर रहा था कि अचानक ही किसी की आवाज सुनाई दी।

आवाज, “बड़े बुसदिल किस्म के इंसान हो तुम, वैभव।”

ताड़का | TAADKA | Horror Story | Dayan Ki Kahani | Sachhi Horror Kahani | True Horror Story in Hindi

वैभव ने जब अपने आस-पास देखा तो उसे कोई दिखाई नहीं दिया कि अचानक ही उसे सामने पेड़ से एक बूढ़ा अघोरी उल्टा लटका नजर आया,

जिसे देख वैभव ने कहा, “आपको क्या पता मेरे साथ क्या हो रहा है? ये दुनिया बहुत बुरी है। यहाँ किसी को किसी की फिक्र नहीं है।”

अघोरी, “इसलिए तो कहता हूं, तुम एक बुजदिल किस्म के आदमी हो।”

बूढ़े अघोरी की बात सुन वैभव गुस्से में आ गया। उसे जब खुद पर कंट्रोल नहीं हो रहा था,

तो उसने गुस्से में ट्रेन की पटरियां उठाकर उन्हें अलग-अलग दिशाओं में फेंक दिया। फिर तमतमाता हुआ अघोरी की तरफ बढ़ने लगा।

वैभव, “क्या कहा तूने…मैं बुस्दिल? रुक तुझे मजाक चखाता हूँ।”

वैभव अभी अघोरी के पास पहुँचा ही था कि तभी अघोरी ने अपनी आँखें बंद की और एक मंत्र बुदबुदाने लगा, जिससे वैभव हवा में उड़ छटपटाने लगा।

अघोरी, “अब दिखा अपनी ताकत का नमूना मुझे।”

वैभव ने पहले तो उस अघोरी को खूब पकड़ने की कोशिश की, लेकिन जब वो कामयाब नहीं हुआ,

तो उसने हार मानते हुए कहा, “आप कौन हैं और मुझे मरना क्यों चाहते हैं?”

अघोरी, “तुम दुनिया से दूर हुए हो, दुनियादारी से नहीं और मरना तो तुम खुद चाहते थे। मैंने तो तुम्हें बचाया है।

फिर तुम मुझे क्यों दोष दे रहे हो? तुम इंसान भी न हमेशा अपनी हार की वजह दूसरों को ही बताते आए हो, और बताते रहोगे।”

अघोरी की सारी बातें वैभव बीच हवा में ही रोने लगा था। वैभव की आँखों से आंसू गिरते देख अघोरी ने उसे नीचे उतार लिया।

इससे पहले वैभव अघोरी से कुछ बोलता, उसने वैभव को संभालते हुए कहा, ” मुझे पता है एक डायन ने तेरे साथ संभोग कर तुझसे तेरी जवानी हमेशा हमेशा के लिए छीन ली और तुझे एक कुबड़ा बना दिया।”

वैभव, “नहीं नहीं… ऐसा नहीं हो सकता। वो मेरे से प्यार करती है। वो 1 दिन मेरे पास जरूर आएगी।

अघोरी, “क्या कहा… वो डायन तेरे पास वापस आएगी?”

वैभव की बात सुनकर अघोरी जोर-जोर से हंसने लगा। उसे उस वक्त वैभव पर तरस आ रहा था, पर अघोरी को खुद पर हँसते हुए देख वैभव का खून खौलने लगा।

वह गुस्से में अघोरी को लात मारने लगा था, पर अचानक ही अघोरी हवा में अदृश्य हो गया और लात सीधे पेड़ में जा लगी

और वो पेड़ दो टुकड़ों में टूटकर नीचे गिर गया। पेड़ को इस तरह टूटते देख वैभव भी दंग था।

वो कुछ समझ पाता, इससे पहले उसने अपने पीछे किसी को कहते सुना, “उस डायन ने भले ही तुझसे तेरी जवानी छीन ली हो,

पर तुझे एक वरदान से भी नवाजा है। शायद अभी तुझे इस बात का अंदाजा नहीं हुआ है।”

वैभव ने पीछे मुड़कर देखा तो अघोरी हवा में उसके सामने खड़ा था।

वैभव, “वरदान? आप ये क्या कह रहे हैं?”

ताड़का | TAADKA | Horror Story | Dayan Ki Kahani | Sachhi Horror Kahani | True Horror Story in Hindi

अघोरी की बात सुनकर वैभव चौंक गया था। उसे इस बात का ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि जिसे वो अपना प्यार समझता था, असल में वही इसके बुरे वक्त की वजह थी।

असलियत जान वैभव का सिर फटने को हो गया था। वह उससे चीखने लगा था,

तभी अघोरी ने उससे कहा, “चिल्लाने से कुछ नहीं होगा, अगर हिम्मत है तो जा उसे बदला ले, बर्बाद कर दे उसको।”

वैभव, “पर वो है कहां? मुझे नहीं पता। फिर मैं कैसे?” वैभव अपनी बात पूरी करता इससे पहले अघोरी ने कहा, “मुझे पता है वो कहाँ रहती है? जा मिल ले उसे। पता नहीं उसे तू याद भी होगा कि नहीं?”

वैभव, “बताओ मुझे, वो डायन कहाँ रहती है? मैं अभी उसके हलक से उसकी जान खींच लूँगा।”

वैभव के पूछने पर अघोरी कुछ बोलने ही जा रहा था कि तभी उसे अपने पीठ पीछे ट्रेन का हॉर्न सुनाई दिया और उसके मन में ये बात भी घूम रही थी

कि उसने गुस्से में पटरी उखाड़ दी थी और अगर उसने जल्दी कुछ नहीं किया, तो हजारों लोगों की जान जा सकती है।

अघोरी, “अरे! खड़ा खड़ा क्या सोच रहा है? दिखा अपनी ताकत पटरी को थाम कर रख जब तक ट्रेन नहीं गुजर जाती।”

वैभव ने तुरंत ही रेल की पटरी को बाकी पटरियों के साथ जोड़े रखा जब तक कि पूरी रेलगाड़ी सही सलामत नहीं गुजर गई।

हजारों लोगों की जान बचाने के बाद वैभव को अघोरी की बात पर यकीन हो गया था कि सच में डायन ने उससे उसकी जबानी लेकर उसमें 10 हाथियों की ताकत फूंक दी है।

रेल के गुज़रने के बाद वैभव ने उस अघोरी से उस डायन का पता पूछा। इस पर अघोरी बोला।

अघोरी, “वो डायन आज भी ताड़का वन में अनजान मर्दों के साथ संभोग कर उनसे उनकी जवानी छीन रही है।”

ताड़का वन का नाम सुनते ही वैभव सीधा ताड़का वन के लिए निकल गया। वो जंगल पहुँचा, तो उसे वहाँ अजीब -अजीब सी आवाजें सुनाई दीं।

बहुत से काले साये वैभव का खून पीने के लिए इर्द गिर्द मंडरा रहे थे। मगर वैभव ज़रा भी नहीं डरा। वो बस कामिनी को ढूँढता हुआ जंगलों में भटक रहा था।

कि अचानक ही उसे झाड़ियों में से कुछ आवाजें सुनाई दीं? वैभव ने जब पास जाकर देखा, तो कामिनी किसी गैर के साथ संभोग लीला में व्यस्त थी।

कामिनी के चेहरे पर कामुकता के भाव देख वैभव का खून खोल गया। वो तुरंत ही गुस्से में कामिनी के पास गया और उसके ऊपर से उस गैर मर्द को पकड़ कहीं दूर पटक दिया।

कामिनी भी वैभव को देख सब कुछ समझ गई थी। कामिनी अभी भी उतनी ही जवान और कमसिन थी।

उसने वैभव को फिर से अपनी अदाएँ दिखानी शुरू कर दीं। कामिनी वैभव के जिस्म को छू उसे उत्तेजित करती जा रही थी।

पर वैभव का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा था। जब कामिनी वैभव के बहुत करीब आ गई, तो वैभव ने कामिनी को गर्दन से पकड़कर हवा में उठा दिया।

वैभव, “बोल, क्यों किया तुने मेरे साथ? मुझसे मेरी जवानी छीनकर मुझे एक कुबड़ा बना दिया। मेरी हालत देख, दुनिया मुझे नकारती रही।

और मैं पागल तुझसे बेइंतहा प्यार करता रहा। पर मैं तो तेरे लिए बस एक रात का मज़ा था और कुछ नहीं।”

ताड़का | TAADKA | Horror Story | Dayan Ki Kahani | Sachhi Horror Kahani | True Horror Story in Hindi

इतना कहकर वैभव ने कामिनी को खुद से दूर धकेल दिया।

कामिनी भी वैभव से आज़ाद होकर अपनी आँखें बंद कर मंत्रों का उच्चारण करने लगी और ताड़का के जंगल में बसे सभी शैतानी ताकतों का आह्वान कर उन्हें अपने वश में कर लिया।

और एक के बाद एक शैतानी ताकतों के साए वैभव पर छोड़ते जा रही थीं।

कामिनी, “तू इसी लायक है और मैं चाहती तो तुझे उसी रात खत्म कर देती। पर तेरी आँखों में मासूमियत देखकर मुझे तुझ पर तरस आ गया था।”

कामिनी गुस्से में वैभव से कहती हुई अपने काले सायों से उसके जिस्म को चीर रही थी।

पर वैभव ने भी हार नहीं मानी। वो भी पूरे जी-जान से उन काली शक्तियों का डटकर सामना कर रहा था।

वैभव, “पर मेरे लिए वो एक रात का मज़ा नहीं था। मैं तुमसे प्यार करने लगा था।

तुम्हारी दी हुई एक रात के सहारे मैंने कई साल गुजारे हैं और शायद मैं उन्हीं यादों के सहारे चैन से मर भी जाता।

लेकिन जब मुझे पता चला कि तुम्हारा तो ये पेशा है कि तुम मर्दों के साथ संभोग करके उनकी जवानी छीनती हो,

तब मेरा प्यार मेरा बदला बन गया और यही बदला मैं तुमसे लेने आया हूँ।”

वैभव में दस हाथियों का बल था, जिससे वह फिर से कामिनी की गर्दन तक पहुँच गया और उसका गला दबाने लगा, उसकी साँसें छीनने लगा।

पर कामिनी ने भी हार नहीं मानी। उसने अपनी एक आखिरी चाल चली और ताड़का वन के पेड़ों को अपने वश में कर उसने वैभव पर हमला करवाया।

पेड़ों के हमले से वैभव की छाती में नुकीली उकीली लकड़ियां घुस चुकी थीं, जिनसे बेतहाशा खून निकल रहा था।

पर ताड़का वन के पेड़ जितना वैभव को चोट पहुंचाते, वैभव कामिनी की गर्दन पर अपनी पकड़ उतनी ही मजबूत कर लेता।

कामिनी के जिस्म में अब बस चंद सांसें बाकी थीं, जिन्हें समेट कामिनी ने मुस्कुराते हुए वैभव से बस इतना कहा, “शुक्रिया वैभव।”

और कामिनी दुनिया छोड़कर चली गई। वैभव भी कामिनी की खुली आँखों को बस एकटक देखे जा रहा था।

ठीक वैसे ही जैसे कोई अपने प्यार को देखता हो। बस वैभव के साथ फर्क इतना था कि उसने अपने एकतरफा प्यार को खुद मारा था।

वैभव की आँखें नम थीं और तभी उसने अपने पीछे से किसी को कहते सुना, “शुक्रिया वैभव, तुम्हारा अहसान मरने के बाद भी हमारे साथ रहेगा।”

वैभव ने जब पीछे मुड़कर देखा, तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई क्योंकि पीछे वही अघोरी खड़ा था।

वैभव, “अघोरी तू…? तो तुने मेरे से यह सब जानबूझकर करवाया ?”

अघोरी, “नहीं वैभव। जिस कामिनी से तुम प्रेम करते हो, उसी कामिनी से मैं भी प्रेम करता था और असल में उसका नाम कामिनी है भी नहीं,

बल्कि वो तो काम्यणकाल से इसी जंगलों की एक राक्षसी है त्रिमुंडा, जिसे वरदान था कि वह संभोग से किसी की भी जवानी छीन सकती है।

ताड़का | TAADKA | Horror Story | Dayan Ki Kahani | Sachhi Horror Kahani | True Horror Story in Hindi

पर ये भी श्राप था कि जिससे वह जवानी छीनेगी, उसमें दर्द हाथियों का बल आ जाएगा।”

अघोरी से कामिनी की पिछली कहानी जान वैभव सोच में पड़ गया।

वैभव, “अगर आप भी कामिनी से प्यार करते थे तो आप में भी दस हाथियों का बल होगा, तो फिर कुबड़े क्यों नहीं बने?

और आपने उसे किसी और के साथ सोने क्यों दिया, बोलिए?”

अघोरी, “क्योंकि मैं अघोरी विद्या जानता था। मुझे पता था कि डायन के श्राप से कैसे मुक्त होना है?

और रही बात त्रिमुंडा के किसी और के साथ छोड़ने की, तो मैं शुरू से ही बहुत बुरा लगता था। खुद पर घिन आती थी, पर मैंने अपने उद्देश्य को मकसद दिया।

कामिनी जिसके साथ भी संभोग करती, उसे दस हाथियों का बल मिल जाता और उसके बाद मैं उसे जान से मारने का काम करता था। और कामिनी भी यह बात जानती थी।”

वैभव, “फिर तो तुम मुझे भी मानने आए होंगे?”

अघोरी, “हाँ, आया था। पर जिस तरह से मैंने तुम्हें कामिनी को याद करते हुए देखा, मुझे मेरे दिन याद आ गए थे।

वही सिद्दत, वही पागलपन। इसलिए मैंने तुमसे कामिनी को मारने के लिए कहा और तुमने कामिनी को मुक्ति दे दी।”

वैभव अघोरी से कामिनी की सारी कहानी जान चुका था। उसने मुस्कुराते हुए अघोरी से बस इतना ही कहा, “कामिनी मरी नहीं है, वो आज भी जिंदा है… हमारे दिल में और हमेशा जिंदा रहेगी।”

और ताड़का वन की अधेड़-भरी दुनिया में वैभव कहीं खो गया।

अगर कल को आपको ताड़का वन में कोई कूबड़ा शख्स दिखे, तो बगल से गुजर जाना।

उसे परेशान करने की सोचना भी मत क्योंकि आज भी उसमें दस हाथियों का बल है।


दोस्तो ये True Horror Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


Leave a Comment

लालची पावभाजी वाला – Hindi Kahanii ईमानदार हलवाई – दिलचस्प हिंदी कहानी। रहस्यमय चित्रकार की दिलचस्प हिंदी कहानी ससुराल में बासी खाना बनाने वाली बहू भैंस चोर – Hindi Kahani