पहलवान नाई | Pehalwan Nai | Hindi Kahaniya | Moral Story | Bed Time Story | Hindi Kahani | Hindi Fairy Tales

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” पहलवान नाई ” यह एक Hindi Moral Story है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Hindi Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
पहलवान नाई | Pehalwan Nai | Hindi Kahaniya | Moral Story | Bed Time Story | Hindi Kahani | Hindi Fairy Tales

Pehalwan Nai | Hindi Kahaniya | Moral Story | Bed Time Story | Hindi Kahani | Hindi Fairy Tales

 पहलवान नाई

तड़कापुर गांव में झुमरू नाम का एक दुबला पतला कमजोर नाई रहता था। उसकी कमज़ोरी कारण ज्यादातर गांव वाले उसका मजाक और फायदा उठाते थे। 
आज झुमरू अपनी दुकान खोलकर बैठा ही था कि तभी गांव के दो बिगड़ैल बिल्ला और जग्गू उसकी दुकान पर आकर बोले।
बिल्ला,” क्या हाल है झुमरू भैया ? सब कुछ ठीक तो है ? आज तो बड़े चमक रहे हो। 
लगता है भाभी जी ने आज अपने हाथों से तुम्हारे बालों में तेल लगाया है। “
जग्गू,” बिलकुल सही कहा बिल्ला, आज हमरा भैया बिल्कुल सलमान खान की तरह लग रहा है। 
देख नहीं रहा, सिर्फ सलमान खान की तरह ही नहीं लग रहा है बल्कि मुझे तो लगता है कि झुमरू भैया की बॉडी भी बिल्कुल सलमान खान की तरह ही होती जा रही है, भैया। “
इतना कहकर जग्गू और बिल्ला झुमरू का मजाक उड़ाते हुए हंसने लगे।
जग्गू,” अरे ! ऐसा मत बोलो बिल्ला, अगर झुमरू भैया को कहीं गुस्सा आ गया तो हमारे तो लेने के देने पड़ जाएंगे। “
बिल्ला,” सही कहा यार जग्गू, कहीं गलती से झुमरू भैया ने एक थप्पड़ हम दोनों को मार दिया तो हमारे तो फिल्मी स्टाइल की तरह दांत बहार आ जाएंगे। “
झुमरू,” भाई, तुम दोनों को अपने बाल कटवाने है क्या ? “
बिल्ला,” बाल भी कटवाने है और शेव भी बनवानी है। पर ध्यान रखना झुमरू भैया, आज हम दोनों के चेहरे पर तुम्हें फेशियल भी करना है। 
वो क्या है ना… गांव के मुखिया की बेटी की आज शादी है और हम दोनों को शादी में सबसे सुंदर दिखना है। “
इतना कहकर दोनों कुर्सी पर बैठ गए। झूमरू ने एक एक करके उन दोनों की शेव और बाल बना दिए। जग्गू और बिल्ला ने अपने चेहरे पर खूब महंगा मसाज भी करवाया।
झुमरू,” आप दोनों के ₹500 हो गए। “
जग्गू,” बस ₹500… मुझे तो लगा था कि हम दोनों के चेहरे पर फेशियल करने के लिए तुम ₹5000 लोगे। “
झुमरू,” आप दोनों ने चेहरे पर जो फेसिअल करवाया है, वो थोड़ा महंगा है। उसकी क्रीम बहुत महंगी आती है। “
जग्गू,” सोच लो… कुछ और ज्यादा कर लो पैसे। “
झुमरू,” आप दोनों क्यों मजाक कर रहे हैं मुझसे ? “
जग्गू,” अरे ! क्या तुम हमारी भाभी लगती हो जो हम तुमसे मजाक करेंगे, हैं भाई ? “
झुमरू,” मैंने आप दोनों से बिल्कुल मुनासिब पैसे मांगे हैं। भला मैंने गांव में किसी से ज्यादा पैसे लिए हैं क्या? “
जग्गू,” ठीक है बिल्ला, इन्हें ₹500 दे दो। “
जग्गू के इतना बोलते ही बिल्ला ने झुमरू के पांच थप्पड़ जड़ दिए और जग्गू ने तो झुमरू के मुँह पर दो मुक्के मार दिये।
बेचारा कमजोर झुमरू जमीन पर गिर गया।
बिल्ला,” झुमरू भैया, देखो पूरे ₹500 दिए हैं। देखो पांच थप्पड़ मैंने मारे और जग्गू ने तुम्हारे मुँह पर दो घुसे लगाकर दो शून्य बना दिए। 
याद रखना… आइन्दा हमसे पैसे मांगे तो तेरी दुकान को तोड़कर यहाँ तंबू बना लेंगे। बड़ा आया हमसे पैसे मांगने वाला… डेढ़ पसली कहीं का ? “
इतना कहकर वो दोनों चले गए। झुमरू बेचारा आँखों में आंसू लिए बैठ गया। शाम को झुमरू अपनी दुकान बंद करके घर चला गया। उसके चेहरे पर चोट के निशान देख उसकी पत्नी शर्मीली गुस्से से बोली।
शर्मीली,” तुम्हारे चेहरे पर एक चोट के निशान कैसे हैं ? “
झुमरू,” हम्म… कुछ नहीं, सुबह दुकान पर जाते वक्त पैर फिसल गया और मैं गिर गया। “
शर्मीली,” मुझे क्या बेवकूफ समझा है ? शकल से ही लग रहा है कि किसी ने तुम्हारे मुँह पर ज़ोर ज़ोर से मुक्के मारे हैं। “
झुमरू,” जब सब कुछ जानती ही हो तो फिर पूछ क्यों रही हो ? “
शर्मीली,” मेरी समझ में नहीं आता कि आखिर आप इतने डरपोक क्यों हैं ? गांव वाले आपका मजाक उड़ाते हैं‌। 
जिसकी मर्जी होती है वो आपको पीटकर चला जाता है। आप कुछ कहते क्यों नहीं ? “
झुमरू,” कैसे कहूं ? मैं और लोगों की तरह शक्तिशाली नहीं हूँ। मैं कितना दुबला पतला हूँ ? गांव वाले मुझे डेढ़ पसली कहकर बुलाते है। “
शर्मीली,” अरे ! अगर आप दुबले पतले हैं तो क्या हुआ ? क्या दुबले पतले लोगों के अंदर ताकत नहीं होती ? 
लड़ने के लिए हिम्मत होनी चाहिए, तुम्हारे अंदर तो वो भी नहीं है। अब खड़े खड़े मेरा मुँह क्या देख रहे हो ?
तुम्हारे चेहरे पर सूजन बढ़ रही है। जाओ जाकर डॉक्टर बाबू को दिखाकर आओ। “
शर्मीली की बात सही थी। झुमरू को वास्तव में बहुत दर्द हो रहा था। झुमरू चुपचाप घर से निकलकर डॉक्टर मुरारी के घर पर चला गया मगर मुरारी के घर जाकर हैरान रह गया।
झुमरू,” अरे मुरारी जी ! आपका कमरा तो किसी साइंटिस्ट के कमरा जैसा लग रहा है। “
मुरारी,” दरअसल मुझे डॉक्टरी करने के साथ साथ प्रयोग करने का भी बहुत शौक है, झुमरु। खैर ये सब छोड़ो, ये बताओ कि कैसे आना हुआ ? “
झुमरू,” मेरे चेहरे पर बहुत दर्द हो रहा है। “
झुमरू के कहने पर डॉक्टर मुरारी झुमरू के चेहरे को गौर से देखने लगे।
मुरारी,” लगता है आज तुम्हें फिर से किसी ने पीटा है ? और मेरा ख्याल है तुम्हें किसी और ने नहीं बल्कि जग्गू और बिल्ला ने ही पीटा है। “
झुमरू,” ये आपने बिलकुल सही पहचाना। एक तो उन लोगों ने मेरे पैसे भी नहीं दिए और ऊपर से मुझे मारा भी अलग से। “
मुरारी,” क्या… तुम्हारे पैसे भी नहीं दिए और तुम्हें पीटा अलग से ? आखिर तुम इतना डरते क्यों हो ? क्या तुम्हें गुस्सा नहीं आता ? “

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झुमरू,” बहुत आता है। मन तो कर रहा था कि उन दोनों का मुँह तोड़ दूँ लेकिन मैं जानता हूँ कि अगर मैं ऐसा करता तो और ज्यादा मार खाता। वैसे आप इसमें क्या बना रहे थे ? उसमें से धुआं निकल रहा था। “
मुरारी,” मैं एक ऐसी दवाई तैयार कर रहा हूँ कि जिसे पीकर इंसान इतना शक्तिशाली हो जाएगा कि एक ही मुक्के से वो चट्टान को भी तोड़ देगा। “
डॉक्टर की बात सुनकर झुमरू हैरत में पड़ गया।
झुमरू,” अगर ऐसा है डॉक्टर साहब तो वो दवाई आप मुझे पीला दीजिये। “
मुरारी,” पागल हो गए हो क्या ? पहले ये जानवरों के ऊपर प्रयोग किए जाते हैं, इंसानों के ऊपर नहीं। कहीं तुम्हें कुछ हो गया तो मैं जेल चला जाऊंगा ? “
झुमरू,” ठीक है डॉक्टर साहब… तो आप एक काम कीजिये, मुझे कुछ दवाई लिख दीजिये ताकि मेरा दर्द कम हो जाए। “
झुमरू के कहने पर डॉक्टर ने झुमरू को कुछ टैबलेट दे दी।
झुमरू को गोली खाकर आराम मिल गया और झुमरू अपने घर चला गया। 
कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा। 1 दिन झुमरू अपनी पत्नी के साथ बाजार से लौट रहा था कि तभी जग्गू की बाइक शर्मीली से जा टकराई। शर्मीली, जग्गू और बिल्ला नीचे गिर गए।
झुमरू,” ये क्या हरकत है बिल्ला भैया ? देखकर नहीं चल पाते क्या ? तुम्हारी वजह से मेरी पत्नी को चोट लग गयी ? “
बिल्ला और जग्गू उठकर खडे हो गये।
बिल्ला,” क्या बोला डेढ़ पसली नाई ? खुद तो अंधों की तरह चल रहे हैं सड़क पे ऊपर से हमें धौंस दे रहे हैं। “
जग्गू,” लगता है उस दिन के ₹500 भूल गया ये ? इसे फिर से ₹500 देने होंगे। “
इतना बोलकर दोनों ने झुमरू को पकड़ लिया।
झुमरू,” ऐसा मत करो। मेरी पत्नी के सामने मुझे मारोगे तो मेरी बेइज्जती हो जाएगी। “
शर्मीली (दर्द से कराहते हुए),” छोड़ दो मेरे पति को। एक तो अंधाधुंध फुल रफ्तार से अंधे होकर बाइक चलाते हों। 
तुम्हारी बाइक मेरी कमर से टकराई है। माफ़ी मांगने की बजाय ऊपर से अकड़ रहे हो। मैं तुम दोनों की शिकायत मुखिया से करूँगी। “
बिल्ला,” ऐसा क्या..? ठीक है, कर दो। मुखिया हमारा क्या बिगाड़ लेगा ? वो तो खुद हमारे पिता से उधार पैसे मांगने आता है। 
मत भूलो… मेरे पिता और बिल्ला के चाचा इस गांव के ज़मींदार हैं। वैसे भाभी, तुम्हारी कमर इतनी नाजुक है तो हम क्या करें ? “
जग्गू,” अरे शर्मीली भाभी ! इस डेढ़ पसली में क्या रखा है ? हम दोनों से दोस्ती कर लो, तुम्हें रानी बनाकर रखेंगे रानी। “
झुमरू,” ये क्या बकवास कर रहे हो तुम दोनों ? तुम्हें शर्म नहीं आती, मेरे ही सामने मेरी पत्नी को छेड़ रहे हो ? “
जग्गू,” हाँ छेड़ रहे है, तो तू क्या कर लेगा बे ? “
बिल्ला,” यार क्यों इस डेढ़ पसली से खामखां बात करके अपना वक्त बर्बाद कर रहा है भाई ? झाड़ दे दो तीन। “
बिल्ला के कहने पर जग्गू ने दो तीन थप्पड़ झुमरू के गाल पर जड़ दिए और वो दोनों झुमरू का मजाक उड़ाते हुए वहाँ से चले गए। 
शर्मीली,” जब तुम सड़क पर इन लड़कों से मेरी रक्षा नहीं कर सकते तो फिर तुम्हारे पति होने का क्या फायदा ? डूब मरो चुल्लू भर पानी में। “
इतना कहकर शर्मीली गुस्से से वहाँ से चली गयी। झुमरू रात तक वहां गुस्से की हालत में खड़ा रहा। रात को झुमरू अपने घर की ओर जाने लगा। 
तभी उसकी नजर डॉक्टर मुरारी के घर पर पड़ी। झुमरू तुरंत मुरारी के घर के अंदर चला गया।
झुमरू वही ताकत की दवाई उठा कर घर चला आया। अगली सुबह वह बगैर कुछ खाये पिए। घर से बाहर आकर उस शीशी को जेब से निकालते हुए गुस्से में अपने आप से बोला।
झुमरू,” बिल्ला और जग्गू ने मेरा जीना हराम कर रखा है। कल तो इन दोनों ने हद कर दी। मेरी पत्नी के सामने मुझे बेइज्जत कर दिया। 
मैं उन दोनों को नहीं छोडूंगा और उन दोनों को ही क्यों पूरा गांव मेरा मजाक उड़ाता है, मैं सबको सबक सिखाऊंगा। “
इतना बोलकर झुमरू वो पूरी शीशी पीने ही वाला था कि तभी वो खुद से बड़बड़ाते हुए बोला।
झुमरू,” नहीं, ये मैं क्या कर रहा हूँ ? डॉक्टर मुरारी ने कहा था कि इसका प्रयोग सबसे पहले जानवरों में किया जाएगा। लेकिन मेरी ज़िंदगी भी तो किसी जानवर से कम है क्या ? 
जब भी किसी का दिल चाहता है, जानवरों की तरह मुझे पीटकर चला जाता है। मैं एक काम करता हूँ, इसको आधा ही पीता हूँ। जो होगा देखा जाएगा। “
इतना कहकर झुमरू ने आधी शीशी पीकर जेब में रख ली। मगर उसे अपने अंदर कुछ भी परिवर्तन महसूस नहीं हुआ।
झुमरू,” अरे ! मुझे तो कुछ भी महसूस नहीं हुआ। ऊपर से मुझे भूख और लगने लगी। जेब में खाने के लिए पैसे तो है नहीं हैं। चलो चाय से ही गुज़ारा कर लेते हैं। “
झुमरू गांव में एक चाय की दुकान पर आकर चाय वाले से बोला।
झुमरू,” एक चाय तो देना भैया। “
चायवाला,” क्या हाल है तुम्हारे भैया ? सुना है… कल बिल्ला और जग्गू ने तुम्हारी पत्नी के सामने तुम्हें पीट दिया। “
इतना कहकर चायवाला हँसने लगा। झुमरू ने अपनी मुट्ठियां गुस्से से बांध लीं। तभी वहाँ जग्गू और बिल्ला हँसते हुए आ गए।
जग्गू,” ओये ! एक कप चाय हमें भी पिला दो, भैया।
चायवाला,” भाई… चाय के पैसे ? “
जग्गू,” पैसे जो है ना… हमारे झुमरू भैया देंगे, समझे ? “
झुमरू,” लेकिन मेरे पास सिर्फ एक ही चाय के पैसे हैं, समझे ? “
जग्गू,” अबे ! हमें इससे क्या मतलब बे ? अबे ! पैसे तो तू देगा बे। “
चायवाला,” अरे ! बहस मत करो झुमरू भैया। अभी नहीं है तो बाद में दे देना। “
झुमरू,” ये कैसी बातें कर रहे हो तुम ? मैं सिर्फ अपनी चाय के पैसे दूंगा। “
चायवाला,” अरे ! मैं तो इसलिए बोल रहा था कि ये दोनों तुम्हें खामखां पीट देंगे। आज तुम्हें इतना गुस्सा क्यों आ रहा है ? “
चाय वाले के कहने पर झुमरू सोच में पड़ गया। ये सच था कि दवाई पीने के बाद झुमरू को बेहद गुस्सा आ रहा था। 
तभी अचानक देखते ही देखते झुमरू की शर्ट फट गई और झुमरू के हाथों के मसल्स निकल आये। यह देखकर चाय की दुकान पर मौजूद सभी व्यक्ति हैरत में पड़ गये।
झुमरू,” तुम दोनों ने कल मेरी पत्नी के सामने बहुत बेइज्जती की है ना ? अब मैं तुम दोनों को नहीं छोडूंगा। “
झुमरू का शरीर देखकर जग्गू और बिल्ला थर थर कांपने लगे।
जग्गू,” अरे ! इसको… इसको क्या हो गया ? बिल्ला, ये कमजोर नाई पहलवान कैसे बन गया ? “
तभी झुमरू ने उन दोनों को बुरी तरह से पीट दिया। बिल्ला और जग्गू की पसलियां तोड़कर झुमरू गुस्से से चाय वाले से बोला।
झुमरू,” क्यों रे ! तुझे बड़ी हँसी आ रही थी मुझे देखकर ? “
चायवाला,” अरे ! नहीं झुमरू भैया, हम तो आपकी भलाई के लिए बोल रहे थे। हम सब आपके साथ में है। “
झुमरू,” आते ही तुने मेरा सबसे पहले मजाक उड़ाया था। उन दोनों से कुछ कहने की बजाय तू मुझसे ही चाय के पैसे मांग रहा था ना बे ? “
इतना कहकर झुमरू ने लातों और घूसों से चाय वाले का मुँह लाल कर दिया। चायवाला बेहोश होकर गिर पड़ा। पूरे गांव में हाहाकार मच गया। 
कुछ ही देर में गांव का जमींदार चौधरी अपने आदमियों को लेकर गुस्से से झुमरू के घर पर पहुँचकर उसकी पत्नी से बोला।
जमींदार,” कहाँ है तेरा पति झुमरु ? उसने मेरे भतीजे और बेटे को इतनी बुरी तरह से मारा है कि उनकी पसलियां तक तोड़ दी। “
शर्मीली,” ये कैसी बात कर रहे हैं आप चौधरी जी ? मेरे पति तो बेहद दुबले पतले और बहुत सीधे है। उल्टा तुम्हारे बेटे और भतीजे ने कल बाइक से मेरी पीठ पर चोट मार दी और मुझे छेड़ा और। “
जमींदार,” अरे बकवास मत कर शर्मीली। अरे ! पूरे गांव में तेरा पति सबको बेदर्दी से पीटा फिर रहा है। “
अचानक वहाँ पर झुमरू आ गया। झुमरू को देखकर चौधरी थर थर कांपने लगा और अपने आदमियों से बोला।
जमींदार,” अरे ! आओ… निकाल दो इसकी सारी पहलवानी। “
चौधरी के कहने पर चौधरी के आदमी झुमरू को मारने के लिए बढे। मगर झुमरू ने देखते ही देखते चौधरी के सारे आदमियों को धूल चटा दी। 
ये देखकर चौधरी डरकर वहाँ से भागने लगा। झुमरू ने तुरंत चौधरी को पकड़ लिया। 
झुमरू,” कुछ देर पहले तेरे बेटे और भतीजे को मारा था। अब तेरी बारी है। “
इतना कहकर झुमरू ने चौधरी को भी बुरी तरह से पीट दिया। चौधरी दर्द से कराहता हुआ वहाँ से चला गया। 
शर्मीली,” अजी, ये आपको क्या हो गया ? आप तो बेहद दुबले पतले थे। अचानक इतने तगड़े कैसे हो गए ? “
झुमरू,” ये सब डॉक्टर मुरारी की दवाई का कमाल है। अब मैं हमेशा ऐसे ही रहूंगा और सारे गांव वालों का जीना हराम कर दूंगा। “
तभी दवाई का असर खत्म हो गया और झुमरू अपनी पहले जैसी अवस्था में आ गया। 
शर्मीली,” अरे ! ये तो आप पहले जैसे हो गए। “
झुमरू,” नहीं नहीं… मैं पहले जैसा नहीं होना चाहता। अभी भी दवाई मेरे पास है। “

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झुमरू शीशी निकालकर पीने ही वाला था की तभी डॉक्टर मुरारी दौड़ता हुआ वहाँ आ गया।
मुरारी,” अरे झुमरू भैया ! ये क्या कर रहे हो ? इस दवाई को मत पियो। “
झुमरू,” अरे ! नहीं, इस दवाई की वजह से आज मैंने उन सब को धूल चटा दी जो मेरा मजाक उड़ाते थे। “
मुरारी,” अरे झुमरू भैया ! कल पूरी रात में इस दवाई को घर में ढूंढता रहा लेकिन जब सुबह मुझे पता चला कि तुमने सबको पीट दिया तो मैं समझ गया कि ये दवाई तुमने पी ली है। ये दवाई वैसी नहीं है जैसा तुम समझ रहे हो। “
झुमरू,” अरे ! दूर हट जाओ डॉक्टर मुरारी और तुम मुझे इस तरह की और दवाई बनाकर दो। “
मुरारी,” झुमरू, मैं तुम्हें वही बताने की कोशिश कर रहा हूँ। ये दवाई सिर्फ कुछ देर के लिए इंसान को थोड़ा सा आकार बढ़ाकर मसल्स बना देती है। लेकिन ताकत पैदा नहीं कर सकती। “
झुमरू,” आप कहना क्या चाहते है ? “
मुरारी,” वही जो तुम सुन रहे हो। इसे पीने से सिर्फ तुम्हारे मसल्स और थोड़ी सी लंबाई बढ़ेगी। लेकिन जिन गांव वालों को तुमने पीटा है वो तुम्हारी खुद की ताकत है झुमरू। “
झुमरू,” मैं नहीं मानता। अगर ऐसी बात है तो फिर मुझे गुस्सा क्यों आ रहा था ? “
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