हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” ठंड में छत पर सोने वाली बहू ” यह एक Saas Bahu Story है। अगर आपको Saas Bahu Stories, Saas Bahu Ki Kahaniyan या Rishto Ki Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
मधु ने झोपड़पट्टी में बच्चे को जन्म दिया। उसके पास उसका बॉयफ्रेंड राज़ भी मौजूद था।
मधु, “राज़, अब मेरे अंदर की ममता जाग चुकी है। कल मेरी शादी है, पर रात में तुम मुझसे मिलने आओगे ना मेरे बच्चे को लेकर?”
राज, “कमाल है, अरे! अगर मैं तुम्हारे ससुराल आया तो वो लोग मुझे मार-मार कर भर्ता बना देंगे।”
मधु, “चिंता मत करो, मैं किसी भी बाहरी छत पर ही सोऊंगी। तुम जानते ही हो मेरे बाल जादुई हैं, मैं अपने बाल लंबे कर दूंगी, जिसमें लटक कर तुम ऊपर आ जाना।”
अगले दिन मधु की शादी हो गई। ससुराल पहुँचते ही…
मधु, “सासु माँ, गांव की सभी औरतें एक-एक करके मेरा पल्लू हटाकर मुझे देखेंगी।
इससे अच्छा होगा कि मैं एक साथ पल्लू हटा दूँ और सारे लोग एक साथ देख लें।”
सास, “बहू, ये सब पुरानी परंपराएं हमारे बूढ़े बुजुर्ग बनाकर गए हैं और हमें उसे निभाना होगा।”
मधु, “सासु माँ, जो रस्म घंटों में हो रही है वो मिनटों में हो जाएगी। वैसे भी शादी में मैं भी थक गई हूँ। आप लोग भी थक गए होंगे।”
रोहन, “अरे! ठीक है, माँ। मुझे लगता है मधु कुछ ज्यादा ही थक गई है। जैसा वो कह रही है वैसा ही कर लेते हैं।”
थोड़ी देर बाद गांव की सभी औरतें स्वेटर पहनकर आ गईं और कंबल ओढ़ कर बैठ गईं क्योंकि ठंड बहुत थी।
वो जैसे ही घर में आकर बैठीं, वैसे ही मधु सबके लिए चाय-नाश्ता बनाकर लाई। सबने चाय पीना शुरू किया और तभी मधु ने अपना घूंघट खुद ही उठा दिया।
मधु, “आप सबने मेरा मुखड़ा देख लिया। जिसे मैं पसंद आई, वो मुझे गिफ्ट दे सकता है। जिसे नहीं आई, वो नहीं भी देगा तो भी चलेगा।”
औरत, “रोहन बेटा, तुम्हारी बीवी तो बहुत तेज़ है। ये तुम्हें जल्दी ही सुधार देगी। हमें तो बहू बहुत पसंद है।”
मधु ने सारे गिफ्ट ले लिए और अपने कमरे में चली गई। सभी औरतें उसकी हरकत देखकर हैरान हो गईं, लेकिन फिर चाय-नाश्ता करके अपने-अपने घर चली गईं।
सास मधु के कमरे में आई तो देखा कि वह अपने कमरे में नहीं थी। बाहर आकर देखा तो वो किचन में खाना बना रही थी।
सास, “बहू, तू जरूरत से ज्यादा ही तेज है। वैसे भी मुझे तो भूख लग ही रही थी। जल्दी से रसोई की रस्म भी पूरी कर ले।”
इतना कहकर उसकी सास रसोई घर से बाहर चली गई।
इतने में ही मधु ने चुपके से सबके खाने में नींद की दवा मिला दी। ये उसने क्यों किया, आगे पता चल जायेगा। सभी ने खाना खाया और सो गए।
इधर आज रात मधु और रोहन की सुहागरात थी।
मधु, “रोहन, आज तो हमारी सुहागरात है। जल्दी से इसे भी मना लेते हैं।”
ठंड में छत पर सोने वाली बहू | THAND ME CHHAT PAR SONE WALI BAHU | Saas Bahu Ki Kahani | Saas Bahu Story
मधु, “हाँ मधु, आज हमारी सुहागरात तो है। लेकिन तुमने इतना अच्छा बनाया कि खाकर मुझे बहुत नींद आ रही है।
अगर तुम बुरा न मानो, तो मैं सो जाऊं। आधी रात मुझे उठा देना।”
मधु, “ठीक है ठीक है, मैं किसी बात का बुरा नहीं मानती। आप रजाई ओढ़कर आराम से सो जाइए क्योंकि बाहर कोहरा गिर रहा है।”
जब सभी लोग सो गए, तब मधु ने चुपके से कंबल-तकिया उठाया और दबे पांव छत पर चली गई।
छत पर बहुत ही भयंकर कंपा देने वाली ठंड पड़ रही थी।
मधु, “सासु माँ और पति बहुत गहरी नींद में जा चुके होंगे। अब मैं यहाँ आराम से छत पर ठंड का मज़ा लेती हूँ। अभी मेरा राज़ आता ही होगा।”
मधु छत पर खड़ी होकर अपने प्रेमी का इंतजार करने लगी।
काफी वक्त बीत गया, पर एक घंटे बाद उसका प्रेमी राज़ बच्चे को लेकर आया।
मधु ने तुरंत अपने बाल बहुत ज्यादा लंबे कर लिए, जिसके सहारे राज़ छत पर आ गया।
राज़ के छत पर आते ही उसने उसे गले से लगा लिया और उसके बाद बच्चे को गोद ले लिया।
मधु, “राज़, किसी ने सच कहा है कि ये प्यार का सफर बहुत कठिन होता है। मैं अपने बच्चे का चेहरा देखने के लिए तड़प रही थी और तुमने आने में इतनी देर कर दी।”
राज़, “मधु, मैं तुम्हें क्या बताऊं? तुम नहीं समझ सकती कि मैं कैसे सबसे बचते-बचाते आया हूँ?
मैं मानता हूँ कि मैं अकेला ही रहता हूँ, लेकिन अगर मैं बच्चे को बाहर निकालता, तो सभी लोग मुझसे सवाल पूछते कि बच्चा किसका है?
इसीलिए जब आसपास की सभी दुकानें बंद हो गईं, सभी लोग सो गए, तब मैं अपने बच्चे को लेकर तुम्हारे पास आया हूँ।
हमारे प्यार की निशानी देख रही हो? कितनी खूबसूरत लग रही है इस चाँदनी रात में?”
मधु, “यहाँ ज्यादा देर खड़े मत रहो, चलो अपने बच्चे को कंबल के नीचे सुला देते हैं, वरना उसे ठंड लग जाएगी। देख रही हो कितनी ठंड पड़ रही है?”
राज़, “अरे! बच्चे की फिक्र मत करो। मुझे तुमसे ज्यादा अपने बच्चे की फिक्र है। इसे मैं अपनी जैकेट के अंदर रखकर लाया हूँ।”
खैर, छत पर ही मधु ने बिस्तर बिछाया। उसके बाद कंबल के अंदर अपने प्रेमी राज़ और अपने बच्चे के साथ ही सो गई।
लेकिनसुबह चार बजते ही मधु ने अपने बच्चे और राज़ को सीढ़ी के सहारे बाहर भगा दिया और वो वहीं छत पर ही लेटी रही।
रात भर मधु ठीक से सो नहीं पाई, इसलिए उसकी नींद गहरी हो गई।
सुबह 6 बजे उसकी सास छत पर आ गई।
सास, “अरे बहू! तेरा रोहन के साथ झगड़ा हुआ क्या? इतनी कड़ाके की ठंड में तू यहाँ छत पर क्यों सो रही है?”
अपनी सास को छत पर देखकर मधु थोड़ा घबरा गई, लेकिन फिर भी किसी तरह उसने संभाल लिया।
मधु, “सासु माँ, मुझे ना छत पर सोने की आदत है। रोहन तो बहुत अच्छे हैं। उनसे मेरी कोई लड़ाई नहीं हुई।
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दरअसल, जब तक मैं आसमान के तारे न देख लूँ, तब तक मुझे नींद नहीं आती। चलिए, मैं आप सभी के लिए चाय-नाश्ते का इंतजाम करती हूँ।”
मधु ने अपनी सास को कुछ बोलने ही नहीं दिया और वह नीचे आ गई। उसके बाद वह चाय-नाश्ता बनाने लगी।
सबने चाय-नाश्ता किया और रोहन अपने काम पर चला गया।
लेकिन अगली रात फिर से उसने खाने में नींद की गोली मिला दी और अपने प्रेमी के आने का इंतजार करने लगी।
लेकिन उस रात सुबह के 3 बजने वाले थे, पर राज़ आया ही नहीं।
मधु, “लगता है आज मैं अपने बच्चे का चेहरा नहीं देख पाऊंगी, जाकर सो जाती हूँ।”
मधु वहाँ से जाने ही वाली थी कि तभी वहाँ राज़ आ गया। मधु के लंबे बालों में लटक कर राज़ ऊपर आ गया।
मधु, “तुम्हें पता है ना, मैं तुम्हारे और अपने बच्चे के बिना एक पल नहीं रह सकती? और तुमने आने में इतनी देर कर दी।
एक तो तुम अनाथ हो, जिस वजह से मेरे घरवालों ने मेरी शादी पता नहीं किस घर में कर दी?
अगर हमारे प्यार के बारे में और इस बच्चे के बारे में मेरे ससुराल वालों को पता चल गया, तो ये लोग हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे।”
राज़, “तुम फिक्र क्यों करती हो? तुम तो मुझे अच्छी तरह से जानती हो ना कि मैं अनाथ हूँ?
फिर भी मैंने अपने दम पर एक अच्छी-खासी झोपड़पट्टी बना ली है। चाय की दुकान भी खोल ली है।
इस ठंड के मौसम में बढ़िया दुकान चलने लगी है। मैं जल्द ही तुम्हें यहाँ से लेकर जाऊंगा।”
खैर, राज़ के इतना बोलते ही मधु का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ और वह अपने बच्चे को दूध पिलाने लगी।
अब ये रोज़ का काम हो गया था। हर रोज़ मधु अपने ससुराल वालों के खाने में नींद की गोली मिला देती थी,
जिससे वे गहरी नींद में चले जाते थे और मधु तुरंत बिस्तर लेकर छत पर आ जाती थी।
उसका पति बेचारा बहुत भोला-भाला था। फिर एक दिन उसकी सास को उस पर थोड़ा शक हुआ।
सास, “बहू हर रोज़ छत पर चली जाती है, वो भी इतनी ठंड में। मुझे तो उसकी बातों पर भरोसा नहीं होता।
वो मुझे तो बोलने ही नहीं देती। इतनी गहरी नींद आ जाती है कि मुझे कुछ पता ही नहीं चलता।”
मधु जब रात में खाना बना रही थी तब उसकी सास दूर से चुपके से उसे देखने लगी। अंत में उसने देखा कि मधु खाने में नींद की गोलियाँ मिला रही थी।
ये देखकर उसकी सास को बहुत बुरा लगा, लेकिन फिर भी उसने वहाँ कोई हरकत नहीं की और वापस अपने कमरे में आ गई।
सास, “अच्छा, तो ये मामला है। लेकिन मधु आखिर ऐसा करती क्यों है? आज किसी भी कीमत पर मैं सोऊंगी नहीं।”
खैर, रात में सभी लोग खाना खाने लगे। उसकी सास ने भी पूरा खाना खा लिया, फिर सभी लोग अपने-अपने कमरे में सोने चले गए।
सास, “बहू को लगता है कि वही समझदार है, हम लोग तो जैसे बेवकूफ हैं। मुझे नींद से छुटकारा कैसे पाना है, सारे नुस्खे पता हैं।”
उसकी सास ने ढेर सारा नींबू पानी पी लिया और सिर्फ सोने का नाटक करने लगी।
ठंड में छत पर सोने वाली बहू | THAND ME CHHAT PAR SONE WALI BAHU | Saas Bahu Ki Kahani | Saas Bahu Story
करीब आधी रात में उसने देखा कि मधु चुपके से अपने कमरे से निकली, फिर अपनी सास के कमरे की तरफ देखा और छत पर चली गई।
लगभग एक घंटा बीत जाने के बाद उसकी सास चुपके से उठकर धीरे-धीरे कदमों के साथ छत पर आई, तो उसने देखा कि मधु किसी लड़के को गले लगाए हुए थी
और मधु के हाथ में एक बच्चा भी था। यह देखकर मधु की सास के पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई।
सास, “अच्छा… तो इसलिए तू इतनी ठंड में भी छत पर सोती थी। निकल जा इस पाप को लेकर मेरे घर से।”
तभी अचानक सास का पैर फिसला और वो छत से नीचे गिरने वाली थी।
मधु ने तुरंत अपने बाल लंबे किए और अपनी सास को अपने बालों में लपेटकर ऊपर खींच लिया।
सास, “बहू, आज तूने मेरी जान बचाकर मुझ पर एक कर्ज़ लाद दिया है। अब तुम लोग मुझे अपनी सारी कहानी बताओ,
क्योंकि अगर तुम दोनों इतनी ठंड में छत पर पूरी रात बिता सकते हो, तो तुम दोनों के प्यार में कुछ ताकत तो होगी ही।”
मधु, “सासु माँ, मुझे यकीन नहीं हो रहा कि आप इस तरह की बातें कर रही हैं। सबसे पहले तो मैं आपसे माफी माँगना चाहूंगी
कि इतने सीधे-साधे परिवार से मैंने झूठ बोला। लेकिन ये मेरी मजबूरी थी।
मैं राज़ से प्यार करती थी, पर ये अनाथ लड़का है जिस वजह से मेरे घरवाले इससे मेरी शादी नहीं कर रहे थे
और जबरदस्ती मेरी शादी आपके अमीर बेटे के साथ कर दी। ये हमारा बेटा है — प्यार की निशानी।
अब आप ही बताइए, मैं क्या करती? एक माँ अपने बेटे से अलग कैसे रह सकती है?
मुझे पता है आप हमें घर से निकाल देंगी, फिर मेरे मायके वाले भी अपने घर में नहीं रखेंगे।
हमारी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी। आपको जो सजा देनी है दे सकती हो।”
सास, “तुम आजकल की लड़कियाँ भी ना… प्यार तो कर लेती हो, लेकिन डरती बहुत हो। अगर ऐसा कुछ था तो तुम्हें मुझे बताना चाहिए था एक बार।
मैंने भी तुम्हारे ससुर जी से लव मैरिज ही की थी। साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं, लेकिन वो पहले ही निकल लिए। इसलिए मैं प्यार को समझती हूँ।”
सास, “ओए लड़के! तू मुझसे वादा कर कि तू मेरी बेटी को हमेशा खुश रखेगा।”
सास, “मधु बेटा, अब तू मेरी बहू नहीं, बेटी है। मैं बेटी के रूप में तेरी शादी करवाऊंगी। रोहन को मैं समझा दूंगी, वो भी मेरे जैसा ही समझदार है।”
अपनी सास के ख्यालात जानकर मधु की आँखों में आँसू आ गए। उसने अपनी सास को गले लगा लिया।
अगले ही दिन उसकी सास ने मधु की शादी राज़ के साथ कर दी। राज़ अब रोहन की कंपनी में काम करने लगा और अपनी जिंदगी अच्छी तरह से बिताने लगा।
एक साल बाद मधु ने अपनी ही एक बहुत ही खूबसूरत पुरानी सहेली से रोहन की शादी करा दी
और चारों लोग एक ही घर में खुशी-खुशी अपने बच्चे के साथ रहने लगे।
दोस्तो ये Saas Bahu Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!