यमराज की परीक्षा | Yamraj Ki Pariksha | Funny Story | Comedy Story | Funny Cartoon Story in Hindi

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” यमराज की परीक्षा ” यह एक Comedy Story है। अगर आपको Hindi Stories, Funny Story in Hindi या Majedar Kahaniya पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


चित्रगुप्त, “ठीक से लिस्ट देखकर मृत्युलोक से मनुष्यों को लाइएगा, पिछली बार की तरह गड़बड़ मत कर दीजिएगा।”

यमराज, “गड़बड़ हमसे नहीं, आपसे भी हुई थी। बिना वेरीफाई किए हुए आपने कई आदमियों को स्वर्ग के बदले नरक और नरक जाने वाले आदमियों को स्वर्ग का टिकट अलॉट कर दिया था।”

चित्रगुप्त, “वो गलती थी आपके चलते हुई थी। आप ही नीचे मृत्युलोक में बिना सूची वेरीफाई किए एक ही नाम और राशि के कई लोगों को एक साथ ले आए थे। जानते भी हैं आप, कितना कंफ्यूजन हो गया था?”

यमराज, “कंफ्यूजन..? और आपने जो वकील को स्वर्ग भेज दिया था, उसके बाद उसे नरक शिफ्ट कराने में दांतों तले चने चबाने पड़ गए थे।

वो तो भला हो एक नरक वाले मोटे क्लाइंट का जिसके कारण वकील नरक में ट्रांसफर हुआ। वो वकील बोल रहा था कि धंधे के लिए तो वो नरक में भी चला जाएगा।”

यमराज, “ठीक है बाबा, मेरी ही गलती थी। अब जल्दी से पृथ्वी पर जाइए आप, एक पल भी देरी हुई तो अनर्थ हो जाएगा।”

यमराज अपने भैंसे पर सवार होकर प्रथ्वीलोक जाते हैं।

यमराज, “बेटा महेश, ये कवि तो अभी कविता सुना रहा है। लेकिन इसकी अभी अकाल मृत्यु है। आओ, इसे हार्ट अटैक देकर ले चलते हैं यहाँ से।”

कवि (मंच पर), “मंच पर विराजमान अतिथिगण एवं श्रोतागण, वीर रस की एक पंक्ति आप लोगों को समर्पित कर रहा हूँ।”

यमराज, “अबे तिनके! एक हवा का झोंका आएगा तो न जाने किधर गिरेगा? लेकिन कविता पढ़ेंगे तो वीर रस की।

वाह रे प्रभु! तेरी लीला तू ही जाने। चल भाई तेरे पास 3 मिनट हैं, निकाल ले अपनी वीर रस की भड़ास।”

कवि, “सुन ले ओ यमराज, चैलेंज करता है तुझे कविराज। आया है तू मुझे लेने आज, मुझे अपने श्रोताओं पर है नाज़।”

यमराज, “बेटा महेश (भैंसे का नाम), ये इसे कैसे पता चला कि हम इसे लेने आए हैं? हमारे डिपार्टमेंट का कॉन्फिडेंशियल वर्क कोई लीक कर रहा है क्या?

हमें तो लगता है कि पृथ्वीवासियों ने हमसे ज्यादा मॉडर्न टेक्नोलॉजी का विकास कर लिया है।”

कवि, “तुझे हो ना हो अपने भैंसे पर, लेकिन मुझे अपने कलम पर है नाज। अरे! तू क्या आएगा बनकर मेरा काल?

मैं खुद आ रहा हूँ तुमसे मिलने, अब तू अपने आप को संभाल।”

महेश, “मालिक, ये कवि तो आपको ही टारगेट कर रहा है।”

यमराज, “अच्छा, तो ऐसी बात है। ये ले हार्ट अटैक और चल मेरे साथ।”

कवि मंच पर ही हार्ट अटैक के कारण लुढ़क जाता है। यमराज जी उसे लेकर बोरी में डालकर महेश पर लाद देते हैं और दूसरा टारगेट पूरा करने चल देते हैं।

यमराज, “दूसरे टारगेट की ओर चलो, बेटा महेश।”

यमराज की परीक्षा | Yamraj Ki Pariksha | Funny Story | Comedy Story | Funny Cartoon Story in Hindi

महेश, “मालिक, अभी तो कवि का जीवन डेढ़ मिनट बाकी था।”

यमराज, “देखा नहीं, तिनके सा कवि मुझे ही चैलेंज कर रहा था। अब पड़ा है बोरे में।

चित्रगुप्त जी से बोलकर इसे नरक में भिजवाऊंगा, देखना तुम।”

महेश, “जी मालिक, अगला टारगेट लाइफ इन्शुरेन्स एजेंट का है।”

यमराज, “अच्छा, मेरा नाम ले लेकर लोगों को डरा धमकाकर इसने बहुत संपत्ति बनाया है। लेकिन खुद कभी भी मेरी पूजा नहीं किया।”

महेश, “ये तो बड़ा नमक हराम निकला, मालिक।”

बीमा ऐजेंट, “सेठ जी, आप निश्चिंत होकर रहिए। ये प्लान ऐसा है कि आपको यमराज भी कुछ नहीं कर पाएगा।”

यमराज, “बेटा महेश, ये मुझे समझ में नहीं आता कि ये लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए मेरा ही नाम क्यों लेते हैं?”

महेश, “मालिक, इन्हीं लोगों ने आपको बदनाम कर रखा है। शायद इसी कारण आपकी पूजा मृत्युलोक पर नहीं होती।”

यमराज, “अच्छा, अभी इसे मजा चखाता हूँ। जीवन बीमा का प्लान बेचने वाले, अपना बीमा तो करवा लेता।”

यमराज बीमा एजेंट को भी हेमरेज करवाकर अपने साथ ले लेते हैं। अगला नंबर एक डॉक्टर का रहता है।

यमराज, “अब कुछ पढ़े-लिखे लोगों से मिला जाए।”

महेश, “जी मालिक। चलिए, इन्हें भी ले लेते हैं।”

डॉक्टर, “देखो भाई, तुम्हारे पेशेंट की हालत बहुत ही क्रिटिकल है। अगर 24 घंटे के अंदर ऑपरेशन नहीं हुआ, तो यमराज ही इसका मालिक है।”

आदमी, “लेकिन, इसके लिए आपने कल्चर टेस्ट, एचआईवी टेस्ट, एक्स-रे, सिटी स्कैन, इतने सारे टेस्ट क्यों लिखवा दिए हैं?”

डॉक्टर, “इसलिए आप लोगों को कहता हूँ, अपने से डॉक्टर बनने की कोशिश नहीं करें। मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता।

क्रिटिकल केस है पेशेंट का। चलिए, अब काउंटर पर जाकर 2 लाख रुपए जमा करवाइए और 7 लाख रुपए का इंतजाम कर लीजिएगा।”

मरीज, “लेकिन इतना पैसा कहाँ से लाऊंगा? आप एक बार ठीक से चेकअप कर लीजिए, प्लीज। मुझे नहीं लगता कि ऑपरेशन की जरूरत होगी।”

डॉक्टर, “मैंने अच्छे से चेकअप कर लिया है। जाइए पैसे जमा कर और पैसे का इंतजाम कीजिए। अपने पेशेंट का यमराज नहीं बनिए।”

यमराज, “देख रहा है ना बेटा महेश, किस तरह इन लोगों ने मेरा नाम बदनाम कर रखा है? इस डॉक्टर को तो अब एक पल भी जिंदा नहीं छोड़ सकता।”

यमराज उसे भी अपने साथ ले लेते हैं।

महेश, “अब थक गया हूँ, मालिक।”

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यमराज,” लास्ट शमशान से तांत्रिक को लेकर हम यमलोक चल देंगे।”

तांत्रिक, “इस मुर्दे को मैं आज यमराज से छीनकर लाऊंगा। बक्कड़, चक्कर, चामुंडा, ये लाश अभी तू खड़ा हो जा। गिद्ध, चील, कौवा, और बाज खदेड़ा जाएगा यहाँ से यमराज।”

यमराज , “अच्छा बेटा, मुझसे तो अच्छे-अच्छे तांत्रिक भागते हैं और तुम हमें ही खदेड़ रहे हो।”

यमराज उसे तांत्रिक को भी एक बोरे में कैद करके अपने साथ ले लेते हैं।

यमराज, “चल बेटा महेश, तेरा आज का कोटा पूरा हुआ। “

इस तरह यमराज कभी, एजेंट, डॉक्टर, और तांत्रिक को लेकर यमलोक चले जाते हैं। लेकिन सब उल्टा पुल्टा हो जाता है।

वहाँ पहुंचते-पहुंचते उनकी लिस्ट बदल जाती है। पता चलता है कि इन लोगों की जिंदगी अभी बाकी है।

जो ओरिजिनल लिस्ट चित्रगुप्त जी ने दी थी, उससे यमराज की लिस्ट एकदम मैच नहीं कर रही थी।

किसी तरह इसकी जानकारी उन चारों को लगती है, तो चारों स्वर्ग और नरक के गेट के पास आंदोलन करने लगते हैं।

कवि, “कौन है वो मक्कार..?अविलम्ब करो उसको गिरफ्तार। जोति से जोति जला देंगे, मारने वाले को मिट्टी में मिला देंगे।”

डॉक्टर, “ओ कभी भाई! तुम्हें मल्टी विटामिन की जरूरत है, नहीं तो वेटिंग लिस्ट से निकल यहाँ की कन्फर्म लिस्ट में आ जाएगा।”

बीमा ऐजेंट,” देख कवि भाई, कभी तुमसे या जमाने से तेरी हालत छिपी नहीं है। हो सकता है हवा का एक झोका तेरा अंतिम यात्रा का प्रबंध कर दे।

इसलिए मैं तो कहता हूँ कि एक अच्छी पॉलिसी हमसे ले लो।”

तांत्रिक, “तुम तीनों सुन लो, कोई भी जादू टोना, वशीकरण, मंत्र, काल, यमराज, बुरी आत्मा तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ेगा।

मेरी असीम शक्ति उन्हें परास्त कर देगी। अगर तुम मुझसे सेवा लेते हो, सेवाचार्ज मात्र ₹50,000। पता तेलिया मसान ऑपोजिट श्मशान।”

वहीं दूसरी तरफ यमलोक में इसी बात को लेकर बहुत हंगामा चल रहा था कि पिछले कुछ दिनों से ऐसी गड़बड़ी क्यों हो रही है?

चित्रगुप्त जी द्वारा बही खाता पलटने के बाद पता चलता है कि मृत्युलोक के एक अमेरिकी निवासी, जो एक सनकी वैज्ञानिक है, ने अपने सुपर कंप्यूटर की मदद से यमलोक के बही खाते को हैक कर दिया है।

यमराज, “ओह, अब क्या होगा?”

चित्रगुप्त, “देखता हूँ क्या हो सकता है? इन चारों को यमलोक लाए कितनी देर हुई है?”

यमराज, “3 मिनट।”

चित्रगुप्त, “पहले बिना समय गंवाए इन चारों को मृत्युलोक छोड़कर आइए। अगर किसी ने अंतिम संस्कार कर दिया तो अनर्थ हो जाएगा।”

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यमराज ने उन चारों को लेकर महेश पर लादकर मृत्यु लोक पहुंचते हैं और सभी को उनके-उनके शरीर में वापस भेज देते हैं।

उनके परिजन जो उस समय रो रहे थे, विलाप कर रहे थे, उन्हें जिंदा पाकर बहुत खुश होते हैं।

यमराज वापस यमलोक पहुँचकर कहते हैं,

चित्रगुप्त, “इस सनकी वैज्ञानिक ने यमलोक के बही खाते के साथ छेड़छाड़ की है। इसलिए उस सनकी वैज्ञानिक को दंड मिलना चाहिए। “

यमराज, “हम चाहे तो अभी के अभी उस वैज्ञानिक और उसके टेक्नोलॉजी को नष्ट कर दें, लेकिन हमारा हाथ भी सिस्टम से बंधा है।”

चित्रगुप्त, “उस वैज्ञानिक को मज़ा चखाने के लिए आपको पृथ्वीलोक पर जाना होगा।”

यमराज, “यही ठीक रहेगा। मैं अभी ही अपने महेश को लेकर पृथ्वी लोक के लिए निकलता हूँ।”

चित्रगुप्त, “रुकिए, ये नक्शा ले लीजिए ताकि उस वैज्ञानिक को खोजने में आसानी हो। उसका सारा बायो डेटा लिखा हुआ है इसमें।”

यमराज और महेश दोनों अपना गेटअप बदल लेते हैं। यमराज जी अपना नाम यम्मू और महेश अपना नाम भैंसू रख लेते हैं।

दोनों अमेरिका के हवाई द्वीप के एक निर्जन टापू पर वैज्ञानिक को सबक सिखाने के लिए पहुंचते हैं।

सिक्योरिटी से बचते-बचाते दोनों वैज्ञानिक के लैब के पास पहुंचते हैं। तभी गार्डन उन्हें देख लेता है।

गार्ड, “ये कौन है वहां, अंदर कैसे आए?”

यम्मू, “हाय भैया! कैसे हो?”

गार्ड, “अरे भाई ! तुम भी इंडियन हो का?”

यम्मू, “हाँ भाई, हम हैं यम्मू और ये है महेश। वैसे तुम भारत में कहाँ से हो, गार्ड भाई?”

गार्ड, “अरे! हम तो बिहार से हैं। वैसे तुम लोग कहाँ से हो?”

यम्मू और महेश, “अरे! हम सभी बिहार से हैं।”

यम्मू, “अरे ला मरदे, तनी खैनी खिला। बहुत दिन हो गई आपन बिहारी खैनी खाए।

अमेरिका में बिहारी जैसन खैनी कहाँ मिले ला? इहाँ के वर्जिनिया खैनी और सिगार में मजा नहीं आवत?”

गार्ड, “ई बात तो 100% सही बा। ली ई खा के देख, अमर दे खांटी बिहारी खाईनी बा।”

महेश, “ई ले हमारे खैनी खा के देख, ई असली बिहारी खैनी बा।”

महेश की दी हुई खैनी खाकर गार्ड बेहोश हो जाता है।

वैज्ञानिक, “आओ आओ, वेलकम। तुम दोनों की एक्टिविटी मैं अपने सुपर स्मार्ट कंप्यूटर पर मेन गेट से ही देख रहा हूँ।

जिस तरह से तुम दोनों ने मेरे सिक्योरिटी और गार्ड्स को चख्मा दिया है, मैं तुमसे मिलने को और बेचैन हो गया था। कैसा लगा मेरा स्वागत?”

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तभी वैज्ञानिक उन दोनों को बड़े से पिंजरे में कैद कर देता है।

यम्मू, “अबे डाग्रा, हम आए हैं तुझे भेजने पागल खाना। ये ले तेरा पिंजरा।”

वैज्ञानिक, “ओह हो… इंटरेस्टिंग। ये ले, अब बच के दिखा।”

वैज्ञानिक के हाथों में से एक रेज निकलकर उन दोनों की ओर बढ़ती है, लेकिन पहले से तैयार यम्मू और भैंसू दोनों उस रेज को अपने सुरक्षा कवच से बेकार कर देते हैं।

यम्मू, “कैसा रहा यमलोक का अंदाज़?”

इसके बाद यम्मू बढ़कर सनकी वैज्ञानिक डाग्रा को पकड़ लेता है और उसके दिमाग में पीछे से दो नसों को दबा देता है।

यम्मू, “ये ले भटके हुए मनुष्य, तू अब अपने बचपन के मज़े ले।”

वैज्ञानिक, “अले अले अंकल, आपकी मूंछ के थाथ मुझे खेलना है। आले बाबा, मैं तो बफेलो की सवाली करूंगा।”

इसके बाद यम्मू और महसूर पूरे लैब को जला देते हैं।

यमराज, “अब हमें जल्दी से यमलोक की तरफ निकलना चाहिए। ये नादान मनुष्य कहीं हमारे पल्ले ना पड़ जाए।

महेश, “हां प्रभु, जल्दी विराजिए। हम लोग निकलते हैं।”

वहाँ से वे वापस आ जाते हैं। अब यमलोक का सारा सिस्टम पहले की तरह काम करने लगता है।

यमराज, “क्यों चित्रगुप्त जी, मानते हो ना कि यम है हम? सब कुछ नॉर्मल करके सिस्टम सही कर दिया?”

चित्रगुप्त, “जी प्रभु, तभी तो आप यमलोक के करता-धरता हो। आपकी जय हो।”


दोस्तो ये Comedy Story आपको कैसी लगी नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


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