संतान | Horror Story | Darawani Kahani | Sacchi Horror Kahani | Scary Story in Hindi

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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है – ” संतान ” यह एक True Horror Story है। अगर आपको Haunted Stories, Darawani Stories या Sacchi Horror Kahaniyan पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।


25 वर्षीय नीरज अपने माता-पिता से अपनी शादी को लेकर लगातार बहस कर रहा था। पिता किसी भी कीमत में उसकी शादी किसी और मजहब की लड़की से नहीं करने देना चाहते थे।

नीरज, “पापा, आप समझ क्यों नहीं रहे? मैं जेनिफर से बहुत प्यार करता हूँ।

यदि आपने मेरी शादी उससे नहीं कराई, तो मैं कभी शादी नहीं करूँगा। अभी आप सोच लीजिए कि आप क्या चाहते हैं?”

पिता, “वो जेनिफर हमारे समाज की नहीं है। उसे हमारे यहाँ के रीति-रिवाज, हमारे तौर-तरीके कुछ भी समझ नहीं आएगा।

सबसे बड़ी बात, हम लोग ब्राह्मण हैं और वो क्रिस्चन। हमारे घर में तो अंडे और मांस का जिक्र तक नहीं होता।

और वो लड़की सब कुछ खाती है। नहीं, हमारा धर्म भ्रष्ट हो जाएगा।”

नीरज, “आप चाहे कुछ भी कहें, मैं उसी से शादी करूँगा।”

बेटे की जिद के आगे शर्मा जी झुक जाते हैं और जेनिफर और नीरज की शादी करवा दी जाती है।

उनकी शादी को 4 साल हो चुके हैं। उनकी जिंदगी में सब कुछ अच्छा है, मगर दोनों आज तक बेऔलाद हैं।

पिता, “देखा अपनी जिद का नतीजा..? पित्र लोग नाराज़ हो गए।

अब जब ये लड़की यहाँ पर रहेगी, हमारा वंश नहीं बढ़ सकता। इसे हमारे घर से जाना होगा, जाना ही होगा।”

कहते हुए उन्होंने जेनिफर का हाथ पकड़ कर घर से बाहर कर दिया। कहीं न कहीं नीरज को भी अब शर्मा जी की बात पर यकीन हो रहा था कि शायद पितृ लोग नाराज़ हो गए हैं।

इसलिए उसे संतान का सुख नहीं मिला। उसने जेनिफर को रोका तक नहीं। जेनिफर अपने घर आ गई थी।

जेनिफर, “मॉम, मेरी क्या गलती है? डॉक्टर के हिसाब से सब कुछ ठीक है। फिर भी अगर मैं माँ नहीं बन पा रही हूँ, तो क्या कर सकते हैं?

नीरज के डैड ने पूजा पाठ, हवन सब कुछ करा लिया। मगर अभी तक हमें कोई खुशखबरी नहीं मिली।”

जेनिफर की माँ, “बेटा, कुछ चीजें ईश्वर के भी हाथ में नहीं होती। कहते हैं जो चीज़ हमारी किस्मत में नहीं होती, वो हमें आसानी से नहीं मिलती। मगर कोई तो है जो तुम्हारी इच्छा को पूरा कर सकता है।”

जेनिफर, “मॉम, बताओ कौन है वो? हमें हर हाल में औलाद चाहिए। क्योंकि अगर मैं संतान को जन्म नहीं दे पाई, तो हो सकता है नीरज भी मेरे साथ न हो।

मॉम, अब तुम ही मेरी मदद कर सकती हो। बताओ कौन है?”

माँ, “कुछ वक्त का इंतजार कर, सही समय आने पर बता दूंगी।”

अपनी माँ के कहने पर जेनिफर को यकीन होने लगा कि जल्द ही उसे संतान मिल जाएगी और वो दिन-रात अपनी होने वाली संतान के ख्वाब देख रही थी।

एक दिन ऐसे ही अपने होने वाली संतान के लिए स्वेटर बनाते-बनाते जेनिफर की रॉकिंग चेयर पर ही नींद लग गई।

सही मौका देखकर उसकी माँ उसकी तरफ बढ़ने लगी। उसकी माँ का चेहरा धीरे-धीरे भयानक होने लगा।

उन्होंने आकर जेनिफर के सिर पर हाथ रख दिया और जेनिफर अब खुद को अंधेरे में गिरा हुआ महसूस कर रही थी।

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वो चीखना चाह रही थी, मगर उसके गले में आवाज अटक गई।

उसे हर तरफ अंधेरा और वीरान नजर आ रहा था।

जेनिफर, “नीरज, प्लीज़ हेल्प मी। मुझे बहुत डर लग रहा है, बचाओ मुझे।”

घबराहट के मारे जेनिफर का पूरा जिस्म पसीने से तरबतर हो गया। धड़कने बेकाबू होती जा रही थी।

चारों तरफ सुनसान सड़क पर वो बेहताशा भागती हुई एक कब्रिस्तान के अंदर चली गई। दूर-दूर तक सिर्फ कब्र और आसपास उड़ते हुए चमकादड, उसे वहाँ से निकलने का रास्ता भी नजर नहीं आ रहा था।

तभी उसके सामने एक भयानक शक्ल की औरत आ गई। लंबे-लंबे बाल पूरे बिखरे हुए थे। लटकती हुई चमड़ी और शरीर पर लिपटा हुआ कफन उसे और भयानक बना रहा था।

उस औरत ने जेनिफर को एक बच्चा दिया और बोली, “ले जा इसे। तू इसे पालना, मगर सिर्फ 21 सालों तक। उसके बाद ये शैतान का मुलाजिम होगा।

पर दूसरे बच्चे को जन्म देते ही, कब्रिस्तान में जिंदा दफनाना होगा। ले जा इसे। शैतान ने तेरी सुन ली है।”

कहते हुए वो महिला जैसे अचानक आई थी, अचानक ही गायब हो गई।

घबराहट के मारे जेनिफर की आंख खुल गई। वो पूरी तरह से पसीने-पसीना हो रही थी। उसकी माँ भी उसके सिर पर हाथ रखकर खड़ी थी।

माँ, “क्या हुआ बेटा, घबरा क्यों रही हो?”

जेनिफर, “मॉम, वो…।”

मां, “बेटा बात क्या है, क्या हुआ?”

जेनिफर की धड़कनें अभी भी सामान्य नहीं हुई थीं। घबराते हुए वो अपनी माँ को देख रही थी। उसे अभी भी अपनी आँखों के आगे वही साया नजर आ रहा था।

वो घबराते हुए शर्मा जी का सिखाया हुआ गायत्री मंत्र पढ़ने लगी, “ओम भूर भूव: स्व: -2।”

माँ, “बस कर, क्या हुआ तुझे? जाके पलंग पर सो जा। भगवान का नाम नहीं लेना। अरे! उसने तुझे दुःख के सिवा दिया ही क्या है?”

कहते हुए उन्होंने एक झटके से अपना हाथ उसके सिर पर से हटा लिया। जेनिफर अपनी माँ के साथ रहकर थोड़ी नास्तिक होने लगी थी।

एक महीने बाद, उसने टेस्ट किया तो उसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव थी। जेनिफर को यकीन नहीं हुआ कि वो माँ बनने वाली है।

उसने ये बात जब नीरज को बताई, तो वो भी बहुत खुश हो गया। अब दोनों साथ रहते हैं।

मगर नीरज के घर की पूजा-पाठ के माहौल में जेनिफर को रहने में तकलीफ होने लगी थी। इसीलिए वो अपनी माँ के पास ही रहने आ गई।

देखते-ही-देखते नौ महीने बीत चुके थे। किसी भी वक्त उसकी डिलीवरी हो सकती थी। एक दिन जेनिफर ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े होकर तैयार हो रही थी।

तभी अचानक उसकी शक्ल की जगह आईने में एक बहुत ही भयानक शक्ल नजर आने लगी। प्रेगनेंसी के बाद से जेनिफर को इस तरह के एक्सपीरियंस होना एक आम बात थी।

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जेनिफर, “कौन हो तुम? इस वक्त यहाँ?”

जेनिफर का सवाल सुन, वो रोने लगी। उसकी आवाज इतनी तेज थी कि ऐसा लग रहा था कि यदि उसने रोना बंद नहीं किया, तो कान के परदे फट जाएंगे।

कांच के टुकड़े-टुकड़े हो गए और भयंकर आवाज के साथ वो एक जानवर की तरह हाथ-पैरों से चलते हुए आईने से बाहर आ गई।

आँखों में गड्डे थे जिनसे बहता हुआ खून उसे और भयानक बना रहा था।

औरत, “अब वक्त आ चुका है। जल्दी ही तुम्हारी गोद में शैतान का अंश होगा।

मगर तुम भूलना मत, तुम्हारी दूसरी संतान को तुम्हे जिंदा दफनाना है। समझ गई तुम?”

कहते हुए वो फिर से आईने में समा गई। जेनिफर हैरानी से पूरे कमरे को देख रही थी।

उसे कहीं भी उस साये के आने का निशान नजर नहीं आया। तभी उसे भयानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।

जेनिफर, “माँ, कहाँ हो तुम? यहाँ आओ जल्दी, मुझे हॉस्पिटल जाना है।”

उसकी आवाज सुन उसकी माँ तुरंत वहाँ पर आ गई। वो उसे लेकर हॉस्पिटल गई और वहाँ पर जेनिफर ने एक लड़के को जन्म दिया।

शर्मा जी और उनके परिवार वाले बहुत खुश थे। अब जेनिफर नीरज के साथ रहने लगी थी।

मगर वो अभी भी पूजा-पाठ से कोसों दूर थी। शर्मा जी को लगा शायद अभी भी उसे ईश्वर पर यकीन नहीं आया।

वो अपने धर्म को ही मानती है, इसलिए पूजा-पाठ को लेकर उसके साथ कोई ज़ोर जबरदस्ती नहीं की।

मगर उसके बेटे को लेकर यदि पूजा-पाठ की जाती, तो वो तेजी से रोने लगता है। यहाँ तक कि मंदिर भी नहीं जाता था।

हर वक्त उसके आसपास एक खूनी आत्मा घूमती। उसकी नजरों से ऐसा लगता, मानो ना जाने कितने सालों से खून की प्यासी हो?

वो सब की नजरों से बचा हर वक्त उसे अपनी छाती से चिपका कर स्तनपान कराती मानो बचपन से ही उसके भीतर शैतानी शक्तियाँ चाहती हों।

दूसरी तरफ जेनिफर उसके स्तनपान ना करने से परेशान थी।

जेनिफर, “नीरज, मुझे बहुत तकलीफ होती है। बेबी फीड ही नहीं करना चाहता है।”

नीरज, “ये कैसे हो सकता है? शायद तुम्हें फीड कराना नहीं आता, वरना वो तो तुम्हारे ऊपर ही निर्भर है।”

जेनिफर को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि बच्चे को ना भूख लगती है, ना प्यास। वो इस बात से अनजान थी कि एक दुष्ट आत्मा उसके लिए हर वक्त वहाँ मौजूद है।

देखते-ही-देखते जेनिफर का पहला बेटा 5 साल का हो गया। जेनिफर दोबारा माँ बनने वाली थी। अब उसे उस साए की बहुत याद आ रही थी।

जेनिफर, “माँ, मैं अपना बच्चा जिंदा कैसे दफना सकती हूँ? नहीं, मैं अपना बच्चा किसी को नहीं दूंगी।

चली जाऊंगी उसे लेकर यहाँ से दूर, बहुत दूर जहाँ कोई नहीं पहुँच सके।”

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माँ, “तुझे क्या लगता है, वह तुझ नहीं पहुँच पाएगा? तू दुनिया में किसी भी कोने में चली जा, वो हर वक्त तेरे साथ है।”

जेनिफर, “नहीं, मैं अपना बच्चा किसी को नहीं दूंगी।”

देखते-ही-देखते नौ महीने बीत चुके थे। जैसे ही जेनिफर ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया और उसे अपनी छाती से लगाए बैठी थी ताकि कोई उसे ना ले जाए।

मगर जो तय था, वही हुआ। उस साए को नहीं दिया, तो वो साया जेनिफर के दोनों बच्चों को अपने साथ ले गया और साथ ले गया जेनिफर का यौवन, उसकी ताकत।

जिंदा लाश बन चुकी थी जेनिफर, जिसने नीरज को पाने के लिए गलत रास्ते पर जा अपनी संतान को जन्म दिया।

अब वो भी अब उसकी और देखना नहीं चाहता था। शैतान से धोखा करने की सजा उसकी मां को भी मिली।

इस पूरी दुनिया में अब वो अकेली रह गई थी तिल-तिल तड़पने के लिए।


दोस्तो ये Horror Story आपको कैसी लगी, नीचे Comment में हमें जरूर बताइएगा। कहानी को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया!


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